आयुष्मान योजना के बेहतर संचालन के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से उत्तराखंड को आयुष्मान उत्कृष्टता पुरस्कार-2022 से नवाजा गया। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) की चौथी वर्षगांठ पर दिल्ली में आयोजित आरोग्य मंथन-4 कार्यक्रम के अवसर पर केंद्रीय मंत्रालय की ओर से यह पुरस्कार दिया गया।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा उत्तराखंड में संचालित आयुष्मान योजना ने गत 4 वर्षों में कई उपलब्धियों को हासिल किया है। प्रदेश में अभी तक 48.50 लाख से अधिक कार्ड बनाए जा चुके हैं। सभी पात्र परिवार के शत- प्रतिशत कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा 5.70 लाख से अधिक बार मरीजों ने निशुल्क उपचार सुविधा का लाभ उठाया है। अस्पतालों के समय से पेमेंट भुगतान को लेकर भी उत्तराखंड देश में अव्वल रहा है। अब तक प्रदेश सरकार के आयुष्मान योजना की निशुल्क उपचार सुविधा पर ₹989 करोड़ से अधिक खर्च हुए हैं। इसके अलावा योजना का दुरुपयोग ना हो उसके लिए भी राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से ठोस कदम उठाए गए हैं।
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अब उत्तराखंड के मरीज कहीं भी करा सकेंगे इलाज, सरकार ने दी बड़ी राहत
राज्य अटल आयुष्मान योजना के तहत 39 लाख गोल्डन कार्ड नेशनल पोर्टेबिलिटी से जुड़ गए हैं। अब गोल्डन कार्ड पर गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज देश के किसी भी पंजीकृत बड़े अस्पताल में इलाज कर सकेंगे। लेकिन सरकारी अस्पताल से रेफर की व्यवस्था रहेगी।
प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना में दो तरह के गोल्डन कार्ड धारक है। एक तो केंद्र की आयुष्मान योजना में प्रदेश के 5.37 लाख परिवार शामिल हैं। जबकि त्रिवेंद्र सरकार ने अपने संसाधनों से 25 दिसंबर 2018 से प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों को अटल आयुष्मान योजना का लाभ दिया। जिसमें पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा है।
राज्य आयुष्मान योजना में बने गोल्डन कार्ड पर प्रदेश के अंदर पंजीकृत 174 सरकारी व निजी अस्पतालों में इलाज कराने की सुविधा दी थी। अब नेशनल पोर्टेबिलिटी से इन्हें भी जोड़ दिया गया है। इसके बाद सभी गोल्डन धारकों को देश के किसी भी पंजीकृत बड़े अस्पतालों में गंभीर बीमारियों का इलाज कराने की सुविधा मिलेगी।
अस्पतालों को मिलेगा ज्यादा प्रोत्साहन
नेशनल इंस्टीट्यूट आफ बॉयो साइंस एंड ह्यूमन (एनआईबीएच) से प्रमाणित सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत इलाज कराने पर 10 से 15 प्रतिशत ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों को पहले से ही 10 प्रतिशत अतिरिक्त इनसेंटिव दिया जाता है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि प्रदेश के सभी गोल्डन कार्ड धारक नेशनल पोर्टेबिलिटी से जुड़ गए हैं। अब कार्ड धारक मरीज प्रदेश के बाहर किसी भी पंजीकृत अस्पताल में गंभीर बीमारियों का इलाज करा सकते हैं। इसके लिए रेफर की व्यवस्था रहेगी।
जिला गोल्डन कार्ड धारक
अल्मोड़ा 207807
बागेश्वर 89620
चमोली 155751
चंपावत 82730
देहरादून 821696
हरिद्वार 631623
नैनीताल 346406
पौड़ी 262848
पिथौरागढ़ 159276
रुद्रप्रयाग 92702
टिहरी 259852
ऊधमसिंह नगर 609345
उत्तरकाशी 147043