आपदा की स्थिति एवं राहत कार्यों की जानकारी लेकर सीएम ने अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश में आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्यों का निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सचिव गृह शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार एवं आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय को बुलाकर सचिवालय में उनसे प्रदेश में आपदा की स्थिति तथा राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन जानकारी प्राप्त की।

मुख्यमंत्री ने केदारनाथ में फंसे यात्रियों की सकुशल वापसी की व्यवस्था के साथ केदारनाथ पैदल मार्ग से आवाजाही भी सुनिश्चित कराने को कहा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि अतिवृष्टि के कारण सड़के बाधित होने की स्थिति में उनको सुचारू करने में कम से कम समय लिया जाए। उन्होंने पुल टूटने पर बैली ब्रिज बनाकर जल्द से जल्द आवागमन को सुचारू किए जाने के भी निर्देश दिए, कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को पेयजल और विद्युत की सूचारू आपूर्ति हो।

मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं रखने के भी निर्देश दिये हैं। यात्रा मार्ग में अतिवृष्टि के कारण यदि कहीं पर मार्ग बाधित होते हैं या आगे कोई खतरा प्रतीत होता है तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों सहित सभी संबंधित अधिकारियों को आपदा के दृष्टिगत हर समय अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिये हैं।

हर बार आपदा में पुष्कर धामी ने खुद संभाला बचाव व राहत का मोर्चा, पीड़ितों की मद्द में झोंका पूरा सरकारी तंत्र

देहरादून। उत्तराखण्ड में धामी सरकार बनने के बाद एक बडी तब्दीली आई है कि राज्य में कहीं भी आपदा आई हो, शासन-प्रशासन प्रभावित नागरिकों के त्वरित राहत और बचाव अभियान में कोई कसर बाकी नहीं रखता। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बीच भीषण आपदा में भी सरकार ने अपने नागरिकों को कभी बेसहारा नहीं छोड़ा। खासतौर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पीड़ितों तक पहुंचने में हमेशा अग्रसक्रिय (प्रोएक्टिव) रहे। आपदा के वक्त हर बार घटनास्थल पर जाकर उन्होंने खुद मोर्चा संभाला और राहत व बचाव अभियान में सरकार का पूरा तंत्र झोंक दिया।

आपदा के वक्त धामी सरकार की संवेदनशीलता और सक्रियता का ताजा उदाहरण बुधवार की देर रात टिहरी और रुद्रप्रयाग जिलों में प्राकूतिक आपदा से उपजी स्थिति के बाद देखने को मिला। बीते बुधवार की दोपहर मौसम विभाग ने उत्तराखण्ड के अधिकतर जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी जारी की थी। विभाग की ओर से बाकायदा रेड एलर्ट घोषित किया गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को एलर्ट मोड पर रखा जाए। चेतावनी के अनुरूप दिन से ही भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। रात को टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले के कुछ स्थानों पर बादल फटने और जान माल के नुकसान की सूचनाएं मिलने लगीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन से फोन पर वार्ता कर अतिवृष्टि से प्रावित क्षेत्रों में हुए नुकसान और राहत व बचाव कार्य की जानकारी हासिल की। देर रात उन्हें जानकारी दी गई कि टिहरी जिले के जखन्याली के पास बादल फटने की घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु हुई है। जबकि रुद्रप्रयाग जनपद में केदारनाथ यात्रा मार्ग में कई स्थानों पर भूस्खलन सैकड़ों तीर्थ यात्री जगह जगह फंसे हुए हैं। धामी के निर्देश पर रेस्क्यू टीमों द्वारा रातभर अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

मुख्यमंत्री ने सम्बंधित जिलाधाकारियों से रात में कई बार दूरभाष पर बात की और आपदा प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने में कोई कोताही न बरतने तथा राहत कैंपों में सभी आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिये। गुरुवार की सुबह धामी देहरादून स्थित राज्य आपदा प्रबंधन केन्द्र पहुंचे जहां उन्होंने प्रदेशभर में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की पूरी रिपोर्ट ली। इसके बाद उन्होंने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह, विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय के साथ सीधे जनपद टिहरी के घनसाली ब्लॉक की ओर रुख किया और वह जखन्याली पहुंचे जहां बादल फटने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री मृतकों के शोकाकुल परिजनों से मिले और उन्हें ढाढस बंधाया। भरोसा दियालाया कि आपदा की इस घड़ी में सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है। उन्होंने आम लोगों से भी अपील करी कि सभी लोग इस समय एक दूसरे का सहयोगी बनकर कार्य करें।

टिहरी के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी को साथ लेकर केदारघाटी में अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों के बीच पहुंचे। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। वह स्थानीय लोगों के साथ ही यात्रियों से मिले और उनकी कुशलक्षेम पूछी। यात्रियों को आश्वास्त किया कि उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है सरकार उन्हें उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाएगी।

यह पहला मौका नहीं है कि जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन, राहत व बचाव का मोर्चा खुद सांला हो। 17 अक्टूबर 2021 में कुमाऊं मण्डल के चार जिलों में आई आपदा, 2 जनवरी 2023 को जोशीमठ में आई आपदा और 12 नवम्बर 2023 को सिलक्यारा टनल हादसे समेत तमाम छोटी बड़ी आपदाओं में धामी ने खुद ग्राउण्ड जीरो में रहकर रेस्क्यू की मॉनीटरिंग की। उनकी संवेदनशीलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2021 में कुमाऊं मण्डल में आई आपदा के दौरान जब खराब मौसम की वजह से उनका हेलीकॉप्टर टेक ऑफ नहीं कर पाया तो ट्रैक्टर में बैठक उन्होंने आपदा प्रभावित इलाके का दौरा किया था।

राहत एवं बचाव कार्यों के लिए धनराशि की पर्याप्त व्यवस्था-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि की जानकारी ली। सचिव आपदा प्रबंधन को उन्होंने निर्देश दिये कि जिलाधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाये रखें। अतिवृष्टि के कारण राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जिलाधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता मांगे जाने पर यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने बालगंगा एवं बूढ़ाकेदार क्षेत्र के प्रभावित गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया को भी शीघ्र से शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सभी जनपदों को इस वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 315 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। आवश्यकता पड़ने पर जनपदों को और भी धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिलाधिकारी हरिद्वार, टिहरी, देहरादून, चमोली, नैनीताल, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी से बारिश की स्थिति, जानमाल के नुकसान, जलभराव की स्थिति, सड़कों, पुलों, पेयजल और विद्युत की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अगले 24 घण्टे सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रखें। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया जाए और उनके रहने खाने की पर्याप्त व्यवस्थाएं रखी जाए। सुरक्षित स्थानों पर लाये जा रहे बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती माताओं को रहने के साथ दवाइयों एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की समुचित व्यवस्था रखी जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अतिवृष्टि के कारण सड़के बाधित होने की स्थिति में उनको सुचारू करने में कम से कम समय लिया जाए। उन्होंने पुल टूटने पर बैली ब्रिज बनाकर जल्द से जल्द आवागमन को सुचारू किए जाने के भी निर्देश दिए, कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को पेयजल और विद्युत की सूचारू आपूर्ति हो। चारधाम यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं रखने के उन्होंने निर्देश दिये हैं। यात्रा मार्ग में अतिवृष्टि के कारण यदि कहीं पर मार्ग बाधित होते हैं या आगे कोई खतरा प्रतीत होता है तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए। अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य सहायता राशि शीघ्र उपलब्ध कराये जाने के साथ ही फसलों और मवेशियों को हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को दिए हैं।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन विनय कुमार रूहेला, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन राजकुमार एवं आपदा प्रबंधन से जुड़े अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम ने राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र से प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की ली जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली से वापस आते ही सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र पहुंचकर प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि एवं नुकसान की अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने जिलाधिकारी टिहरी एवं पौड़ी से फोन पर वार्ता कर इन जनपदों में हुए नुकसान की जानकारी ली। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों में राज्य के अधिकांश जनपदों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान को दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखें एवं सभी सहयोगी संस्थाओं से निरन्तर समन्वय बनाये रखें। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जनपदों में खाद्यान्न से संबंधित सभी वस्तुओं के साथ ही दवाओं की भी पर्याप्त उपलब्धता रखी जाएं। शासन के उच्चाधिकारियों एवं सचिव आपदा प्रबंधन को भी जिलाधिकारियों से निरन्तर समन्वय बनाये रखने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रदेश में बहुत लोग प्रभावित हुए हैं। कुछ लोगों ने अपने परिवार के लोगों को खोया है। काफी लोग बेघर हुए हैं। ऐसे लोगों के लिए जल्द ही एक योजना लाई जा रही है। बेघर हुए लोगों को पुनर्वास की व्यवस्था, उनके रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। जिन बच्चों ने इस आपदा में अपने माता-पिता को खो दिया है, उन बच्चों के लिए शिक्षा का इस योजना के तहत प्रबंध किया जायेगा। अतिवृष्टि के कारण प्रदेश में आपदा की स्थिति है। सड़कों, पुलों, मकानों, फसलों, बिजली एवं पानी की लाईनों का भी काफी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में अतिवृष्टि से एक हजार करोड़ से भी अधिक की परिसम्पति का प्रदेश को नुकसान हुआ है। भारत सरकार की टीम ने राज्य में हो रहे नुकसान का प्रारंभिक रूप में सर्वे भी किया है। आपदा से हो रहे नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य सरकार से भी भारत सरकार को पत्र भेजा रहा है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव सविन बंसल एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम धामी ने प्रभावितों के लिए सभी जरुरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के दिये निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति और आपदा राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये सुनिश्चित कर लिया जाय कि प्रभावितों को रहने खाने एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूर्ण उपलब्धता हो। फूड पैकेट की पर्याप्त उपलब्धता रखी जाए। पेयजल के साथ ही बच्चों को दूध की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। आवश्यकता पड़ने पर हेलीकॉप्टर से भी खाद्य सामग्री भेजी जाए। जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी की निकासी जल्द की जाए। जल जनित रोगों से बचाव के लिए भी सभी आवश्यक व्यस्थाएं की जाय। सभी संबंधित विभाग प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आकलन कर लें। बारिश से पेयजल, विद्युत, सड़क एवं अन्य व्यवस्थाएं जो प्रभावित हुए हैं, उन्हें शीघ्र सुचारू किया जाय।
सभी विभागीय सचिव अपने अपने विभागों से संबंधित व्यवस्थाएं देखें और अपने जिला स्तरीय अधिकारियों के निरंतर संपर्क में रहें। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के साथ ही उनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग से भी लगातार संपर्क में रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कार्यों के लिए पर्याप्त बजट है। संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस. एस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, विनय शंकर पांडेय, विभिन्न विभागों के सचिव, अपर सचिव एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

जोशीमठ के लोगों की सुरक्षा को हर संभव कदम उठा रही सरकार-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की दिशा में हम चरणबद्ध ढ़ंग से आगे बढ़ रहे हैं। प्रभावित लोगों को त्वरित राहत एवं बचाव पहुंचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। जोशीमठ के लोगों की जानमाल की सुरक्षा ही इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। प्रभावित परिवारों को तात्कालिकता के साथ सुरक्षित स्थानों में भेजा जा रहा है। प्रभावित भवनों के चिन्हीकरण का कार्य निरन्तर जारी है। भूवैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों की टीमें भूधसांव के कारणों की जांच के कार्य में लगी है। प्रशासन प्रभावितों के निरन्तर सम्पर्क में है। राहत शिविरों में उनकी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भू धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र के लोगों के हित में राज्य कैबिनेट द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों को प्रभावितों के व्यापक हित में बताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं इसमें कहीं किसी को भी किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए। प्रभावितों के हित में उनकी जो भी अपेक्षाएं हैं उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं, प्रधानमंत्री जी भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है। प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जायेगी यह पूरे देश के लिए नजीर बने।

प्रभावित लोगों को हितों का पूरा ध्यान रखते हुए बेहतर मुआवजा दिया जाएगाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज जोशीमठ में अपने दिन की शुरुआत नरसिंह मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना से की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में भूधंसाव से प्रभावित परिवारों को अंतरिम पैकेज के पारदर्शी वितरण एवं पुनर्वास पैकेज की दर निर्धारित किए जाने हेतु गठित समिति के साथ बैठक की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर गठित समिति के सदस्यों के सुझावों पर बाजार दर तय की जाएगी। प्रभावित हितधारकों के हितों का पूरा ध्यान रखते हुए बेहतर से बेहतर मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को मानसिक रूप से भी सबल बनाना है। सरकार की ओर से अधिकतम जो हो सकता है, वह किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी में औली में गेम्स होने है। कुछ महीने बाद चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। हमें यह भी देखना होगा की जोशीमठ से बाहर कोई गलत संदेश न जाए, ताकि स्थानीय लोगों की आजीविका प्रभावित न हो। इसका हम सबको ध्यान में रखते हुए काम करना है।

सीएम ने सेना के जवानों, वैज्ञानिकों के साथ की जिला स्तरीय बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुनील आइटीबीपी कैंप में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, और भूधंसाव की जांच में लगे विभिन्न प्रतिष्ठानों के वैज्ञानिकों, जिला प्रशासन, पुलिस एवं आवश्यक सेवाओं से जुड़े जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। सीएम ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा हमारी सबसे बडी जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत सभी इंतेजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने भूधंसाव की जांच में लगे विभिन्न प्रतिष्ठानों के वैज्ञानिकों से भी वार्ता की और जोशीमठ में भूधंसाव कारणों में चल रहे अध्ययन और शोध के बारे में जानकारी ली। जिसमें वैज्ञानिकों ने अब तक की जांच के बारे में अवगत कराया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी को आपदा की घड़ी में शासन प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर काम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो लोग प्रभावित हैं, उनकी जान माल की सुरक्षा करते हुए उनके लिए आगे का रास्ता बनाना हमारी प्राथमिकता है।
सीएम ने कहा की जिन लोगों के मकान, दुकान, व्यवसाय प्रभावित हुए है उन सभी को अंतरिम सहायता के रूप में 1.50 लाख तत्कालीक रूप से दिए जा रहे हैं। प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार हर संभव मदद करेगी। कतिपय लोग जोशीमठ को लेकर गलत माहौल बना रहे है। इससे हमारे लोगों का नुकसान हो रहा है उनकी आर्थिकी प्रभावित हो रही है।

भू-धंसाव से प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज दोपहर बाद जोशीमठ के लिये रवाना हुए। जोशीमठ पहुंचते ही उन्होंने सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम से राहत एवं भू-धसाव से उत्पन्न स्थिति की अद्यतन जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री हेलीपेड से सीधे भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के लिये निकले तथा भू-धसाव से प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव सहयोग का आवश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को विश्वास दिलाया कि इस संकट के समय केंद्र व राज्य सरकार संजीदगी के साथ उनके साथ खड़ी है। इस स्थिति का सामना करने के लिये उनकी अपेक्षाओं का पूरा सम्मान किया जायेगा। भू-धसाव से प्रभावित लोगों से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें कंबल भी वितरित किये।

जोशीमठ में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ में चिन्हित भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्रों के सभी भवनों नहीं अभी सिर्फ दो होटल्स तोड़े जाएंगे वह भी सभी की सहमति से इसके साथ ही राहत एवं पुनर्वास के लिए यहां पर कमेटी बना दी है सारे नाम उसमें सम्मिलित कर दिए हैं सभी प्रमुख वर्गों के लोगों को उसमें सम्मिलित करके आगे की कार्रवाई की जाएगी राहत एवं पुनर्वास ठीक तरीके से हो यह हमारी प्राथमिकता है अंतरिम राहत की हम ने घोषणा की है जल्दी-जल्दी हम चाहेंगे कि सभी तक अंतरिम राहत पहुंचे जिससे लोगों को फौरी रूप से राहत मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके आज सुबह से ही अन्य जगह भी कार्यक्रम लगे थे लेकिन उन्हें लगा कि इस संकट की घड़ी में उन्हें जोशीमठ में अपने भू-धसाव से प्रभावित भाई बहनों के साथ रहना चाहिए और वे यहां आ गये हैं, इस संकट की घड़ी में वे उनके साथ खड़े हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस संकट के समय हमारे साथ खड़े हैं और मॉनिटरिंग कर रहे हैं तथा सहायता भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि यहां पर भू-धसाव के कारण जितना नुकसान हुआ है वह हो चुका है और आगे सब ठीक हो जाएगा आने वाले समय में यहां पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन होना है और कुछ समय बाद चार धाम यात्रा भी शुरू होनी है, इसलिए इस प्रकार का वातावरण न बनाया जाये कि पूरा उत्तराखंड खतरे में आ गया है, क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है हमारी कोशिश रहेगी कि इकोलॉजी और इकोनॉमी दोनों का संतुलन बनाकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाय।

उन्होंने कहा कि जोशीमठ के साथ-साथ उत्तराखंड के अन्य शहरों की धारण क्षमता का भी हम आंकलन करवाएंगे अगर उनमें क्षमता से ज्यादा निर्माण हो चुका हो तो उसको धीमा कराने का कार्य किया जायेगा। मारवाड़ी स्थित जेपी कॉलोनी के समीप जहां पानी का रिसाव हो रहा है उसका स्थलीय निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि आज पानी आधे से भी कम हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं इसमें कहीं किसी को भी किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए कि सरकार उनके साथ नहीं खड़ी है पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है माननीय प्रधानमंत्री जी का भी संपूर्ण आश्वासन है हमारी जो भी अपेक्षाएं हैं उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं, प्रधानमंत्री जी भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है और लगातार अपडेट ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम जोशीमठ में करेंगे तथा प्रभावितों की हर संभव मदद के लिये जोशीमठ में कैम्प कर रहे उच्चाधिकारियों, आयुक्त एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।

मुख्य सचिव ने जारी किये आदेश, अलर्ट रहने की दी हिदायत

मानसूनी आपदा को देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक्शन प्लान बनाया है। उतराखंड सरकार ने 30 सितम्बर 2022 तक राज्य में सरकारी कर्मचारियों की छ़ुट्टियों पर रोक लगा दी है। मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू की ओर से इस संदर्भ में आदेश किए गए हैं। पर्वतीय जिलों में अधिकारियों को अलर्ट रहने की हिदायत दी गई है।
मुख्य सचिव ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों को दिए निर्देश में कहा है कि मानसून के समय राज्य में बड़े स्तर पर आपदा की घटनाएं होती है। इन घटनाओं से प्रभावित लोगों के राहत बचाव के साथ ही पेयजल, बिजली, सड़क आदि व्यवस्थाओं को ठीक करने में भी कर्मचारियों की जरूरत होती है। ऐसे में सभी कर्मचारियों के अवकाश पर 30 सितम्बर तक रोक लगाई जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य में यह देखने को मिल रहा है कि कई कर्मचारी उच्च अधिकारियों से लम्बी अवधि का अवकाश मंजूर करा लेते हैं जिससे राहत बचाव के काम प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि अब अपरिहार्य परिस्थितियों के अलावा कर्मचारियों के अवकाश मंजूर नहीं किए जा सकेंगे।
यदि किसी कर्मचारी को अपरिहार्य परिस्थिति में अवकाश मंजूर किया जाता है तो उसके आदेश में ही प्रतिस्थानी की व्यवस्था भी करनी होगी। उन्होंने इन आदेशों को कड़ाई से लागू करने के निर्देश भी दिए हैं। विदित है कि पूर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अफसरों के अवकाश पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। उसके बाद लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज ने लोनिवि और सिंचाई विभाग में अवकाश पर रोक लगाई थी। इसके बाद अब मुख्य सचिव ने सभी कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी है।