बेडू ग्रुप ने सूचना महानिदेशक को भेंट की स्थानीय उत्पादों की ‘समूण‘’

उत्तराखंड के पौड़ी जिले की यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के बिजनी छोटी में हर्बल उत्पादों का निर्माण कर रहे बेडू ग्रुप ने इस बार इगास पर स्थानीय उत्पादों की ‘समूण भेंट‘ करने की मुहिम शुरू की हुई है। राज्य सरकार ने जहां इगास पर अवकाश घोषित किया हुआ है वहीं बेडू ग्रुप का प्रयास है लोकपर्व इगास को सभी लोग अपने पारंपरिक रीति रिवाजों के साथ मनाने के अलावा एक-दूसरे को स्थानीय उत्पादों की समूण भेंट करें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बेडू ग्रुप की पहल की सराहना करते हुए लोगों से अपील भी कि है कि इगास पर्व की सार्थकता तभी है जब हम इस पर्व को अपनी संस्कृति, प्रकृति और उत्पादकता से जोड़ें।
इसी कड़ी में बेडू ग्रुप के सदस्यों दयाशंकर पांडेय, अमित अमोली और अवधेश नौटियाल ने सूचना महानिदेशक/एमडी जीएमवीएन बंशीधर तिवारी से मुलाकात कर उन्हें बेडू के बने हर्बल उत्पादों के साथ ही स्थानीय उत्पादों की समूण भेंट की। इस समूण में पारंपरिक व्यजन रोट, अरसे, बाल मिठाई, सिंगोरी सहित बेडू ग्रुप के द्वारा तैयार की गई हर्बल उत्पादों की किट है।
बंशीधर तिवारी ने इस पहल की सराहना करते हुए आम जनमानस से इस मुहिम में जुड़ने का आहवान किया ताकि संस्कृति व उत्पादकता के संबर्धन के साथ ही स्थानीय उत्पादों से जुड़े लोगों के चेहरों पर भी इगास में खुशियां देखने को मिले। उन्होंने कहा बेडू ग्रुप के अलावा राज्य की जो सक्षम संस्थाएं अपनी माटी और थाती के लिए समर्पित हैं, उन्हें भी इस तरह का समूण अभियान चलाना चाहिए। इससे स्थानीय लोग अपने घरों में ही अरसा, रोट व अन्य स्थानीय उत्पादों का निर्माण करेंगे तो यह हमारी संस्कृति को बचाने व आर्थिकी को मजबूत करने के लिए सकारात्मक प्रयास होगा।
बेडू द मिशन प्राइवेट लिमिटेड के ट्रेडिंग एंड प्रोडक्शन डायरेक्टर अमित अमोली ने बंशीधर तिवारी जी को अवगत कराया कि हमने लोकपर्व इगास पर समाज के विभिन्न वर्गों के प्रमुख लोगों को बेडू के शुद्ध हर्बल उत्पादों के साथ ही रोट, अरसे और सिंगोरी, बाल मिठाई की कंडी बनाकर समूण के तौर पर देने का अभियान चलाया है। हमारे पास अभी सीमित संसाधन हैं, ऐसे में कम ही लोगों तक पहुंच बन रही है, लेकिन भविष्य में इस अभियान को और विस्तृत किया जायेगा ताकि त्यौहारों पर उत्तराखंडी उत्पादों की भी धूम देखने को मिले।
अमित अमोली ने बेडू ग्रुप द्वारा तैयार किये जा रहे हर्बल प्रोडक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमने यह सब प्रोडक्ट आमजनमानस के स्वास्थ्य औऱ पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाये है, साथ ही जन सामान्य के लिये किफायती दरों में उपलब्ध कराए है। हमारी हर्बल उत्पादों की टीम में स्थानीय 100 से अधिक लोगों की मेहनत जुड़ी हुई है यह सभी पूंजी लगाने के साथ बेडू को ब्रांड बनाने में योगदान दे रहे हैं। बेडू के जो प्रोडक्ट लांच हुए है उनमें सेनेटाइजर, हैंड वाश, बॉडी लोशन, हेयर ऑयल, हैंड मेड गोट मिल्क कोकोनट एंड वनीला साबुन, हैंड मेड चारकोल एंड वनीला साबुन, कंडेशनिंग हेयर क्लीनर, मॉश्चराइजिंग बॉडी वाश, हैड वाश, मॉश्चराइजिंग एंड बॉडी लोशन, फेस वॉश, सनस्क्रीन लोशन, प्यूरिफाइंग उबटन, हिमालयन पिंक साल्ट स्क्रब एंड बॉडी पॉलिशर, वालनट फेस स्क्रब आदि लॉन्च हो गए हैं जो बाजार में उपलब्ध हैं।
बेडु के उत्पादों की अगर बात की जाय तो इसने शैम्पू, साबुन, तेल इत्यादि के उत्पाद में यहां पर्याप्त मात्रा में होने वाले भेमल के पेड़ के पत्ते, रेशे, बीज इत्यादि का भरपूर मात्रा में इस्तेमाल करते हुए इन उत्पादों को निर्मित किया है जो यकीनन बेहतरीन माने जा रहे हैं। बेडू द मिशन निकट भविष्य में भेमल, षण, भांग इत्यादि के रेशों से वस्त्र उत्पाद भी करेगी जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में खूब डिमांड है। उन्होंने कहा हमारा मकसद सिर्फ पलायन रोकना नहीं बल्कि रिवर्स माइग्रेशन करवाना भी है ताकि हमारे लोग अपनी जड़ों की ओर वापस लौटे।

सामुदायिक रेडियो की महत्वपूर्ण भूमिका, सूचना विभाग कर रहा सहयोग-सूचना महानिदेशक

गुरुवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी से सामुदायिक रेडियो हेवलवाणी, चंबा टिहरी गढ़वाल के निदेशक राजेन्द्र सिंह नेगी, रवि नेगी ने से भेंट कर हेवलवाणी गढभूमि सम्मान 2022 प्रदान किया किया। साथ ही उत्तराखंडी टोपी व शॉल भेंट की। उल्लेखनीय है कि सामुदायिक रेडियो हेवलवाणी के 21 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को गढभूमि सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया था। उक्त कार्यक्रम में महानिदेशक सूचना शामिल नही हो पाए थे।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने कहा कि वर्तमान समय में सामुदायिक रेडियो का महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सामुदायिक रेडियो को हर संभव सहयोग प्रदान कर रही है। तिवारी ने कहा कि सामुदायिक रेडियो की पहुँच सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों तक है। राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं एव नीतियों के प्रचार प्रसार में सामुदायिक रेडियो महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि हेवलवाणी रेडियो ने अपने सीमित संसाधनो से इतना लम्बा सफर तय किया है।
इस अवसर पर सामुदायिक रेडियो हेवलवाणी के निदेशक राजेन्द्र नेगी ने कहा कि हमारा प्रयास रहता है कि राज्य एव केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का सुदुर पर्वतीय क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सके। नेगी ने सूचना विभाग से सामुदायिक रेड़ियो को दिए जा रहे सहयोग के लिए महानिदेशक सूचना का आभार व्यक्त किया।

मासूम चेहरों की मुस्कराहट की वजह बने आईएएस बंशीधर तिवारी

हर असरदार शख्स के घर दिवाली पर तोहफों की बारिश हो जाती है। गिफ्ट, मिठाई, ड्राई फ्रूट, चॉकलेट, जूस औन न जाने क्या क्या लोग लेकर आ जाते हैं। असरदार शख्स यदि आईएएस अफसर हो, तो कहने ही क्या। उस पर यदि डीजी सूचना, डीजी शिक्षा, निदेशक पंचायतीराज, एमडी जीएमवीएन जैसे अहम पदों की जिम्मेदारी हो, तो तोहफों की संख्या का अंदाजा आप लगा सकते हैं। इन तोहफों को समेटने की बजाय बंशीधर तिवारी ने उनका सही उपयोग करते हुए असल जरूरतमंद लोगों तक इसे पहुंचाया। शनिवार को दोपहर बाद एक इनोवा भर कर सामान लेकर वे बनियावाला स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय बालिका छात्रावास पहुंचते हैं। यहां 107 छोटी छोटी बच्चियों के चेहरे इन गिफ्ट, मिठाई, चॉकलेट, फुलझड़ी को देखते ही खिल उठते हैं। ये सिलसिला यहीं नहीं थमता, बल्कि शहर के कई अन्य ऐसे ही स्थानों पर वे कई दिनों से ऐसे ही सामान लेकर पहुंच रहे हैं। इन तमाम चीजों का जिक्र यहां इसीलिए किया जा रहा है, क्योंकि यहीं इस राज्य में कई आईएएस, इंजीनियर और कई अहम पदों पर बैठे ऐसे अफसर भी हैं, जो दिवाली पर मिलने वाले इन उपहारों को दोबारा बाजार में बेचने के लिए भी कुख्यात रहे हैं।
कुछ आईएएस और अन्य अफसर तो ऐसे रहे, जो उनके घर आने वाले मिठाई के डिब्बों को अपने ड्राइवर के जरिए फिर उन्हीं दुकानों तक पहुंचा देते थे। इन मिठाई के डिब्बों को बेचने के बाद जो भी मिलता था, उसे लेने में कोई संकोच नहीं करते थे। ऐसे में बंशीधर तिवारी जी की ये पहल हर उस असरदार शख्स के लिए सीख है, जिसके घरों में तोहफों की बारिश होती है। ऐसा नहीं है कि उनकी ओर से ऐसा पहली बार किया गया हो। बल्कि पीसीएस के रूप में एसडीएम पद से अपनी सेवाएं शुरू करने के समय से ही वे हर दिवाली पर अपने यहां आने वाले सामान को अनाथ आश्रम, सरकारी स्कूलों के छात्रावास में बांटते आए हैं। काश उनकी इस मुहिम को देख कर बाजार में तोहफों को बेचने वाले कुछ सीख ले सकें। उनकी ये मुहिम असल मायनों में दिवाली जैसे महापर्व को बेहद खास बना देती है।
साभार- रवि नेगी, वरिष्ठ पत्रकार