स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, एक बेहतर चिकित्सक बनने के लिये सकारात्मक सोच भी जरूरी

चिकित्सा पेशा का मूल उद्देश्य जन सेवा होना चाहिये इसके अलावा एक बेहतर चिकित्सक बनने के लिये सकारात्मक सोच भी जरूरी है ताकि अपने पेशे में आने के बाद चिकित्सक मरीजों की संवेदनाओं को समझ कर बेहतर उपचार दे सके। इसके लिये एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों को इन सभी बातों पर अमल करते हुये अपने आचरण में उतारना होगा ताकि भविष्य में एक सफल चिकित्सक बन सके।

यह बात प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित ‘चरक शपथ ग्रहण’ समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। डॉ. रावत ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को सम्बोधित करते हुये कहा कि एक सफल चिकित्सक बनने के लिये सकारात्मक सोच के साथ प्रशिक्षण लेना जरूरी है ताकि मरीजों की संवेदनाओं को समझते हुये उन्हें बेहतर उपचार दे सके। उन्होंने कहा कि चिकित्सा पेशे का मुख्य उद्देश्य मानव सेवा होना चाहिये तभी चरक शपथ का उद्देश्य पूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में समाज के साथ ही चिकित्सकों को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद चिकित्सकों को समाज में विशेष दर्जा प्राप्त है। जिसको ध्यान में रखते हुये चिकित्सकों को भी मरीजों एवं उनके तीमारदारों से मधुर व्यवहार रखना जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार सभी मेडिकल कॉलेजों में ढांचागत व्यवस्था के साथ ही आधुनिक चिकित्सकीय उपकरणों की व्यवस्था कर रही है। इसके अलावा कॉलेजों में पर्याप्त फैकल्टी, पैरामेडिकल स्टॉफ व तकनीकी स्टॉफ की भी तैनाती निरंतर की जा रही है ताकि यहां अध्ययनरत एमबीबीएस छात्रों को हर प्रकार की सुविधाएं मिल सके। सरकार का यह भी प्रयास है कि आने वाले दो वर्षों में राज्य के प्रत्येक मेडिकल कॉलेजों में पीजी की 100-100 सीटें स्वीकृत कराई जाय इसके लिये समय-समय एनएमसी को प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं। डा. रावत ने कहा कि शीघ्र ही चिकित्सा शिक्षा विभाग को 53 प्रोफेसर, 103 एसोसिएट प्रोफेसर व 440 असिस्टेंट प्रोफेसरों के रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति की जायेगी। साथ ही संविदा पर कार्यरत शिक्षकों के वेतनमान में भी बढ़ोत्तरी की जायेगी ताकि मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की किसी भी प्रकार की कमी न रहे। इस दौरान उन्होंने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को चरक शपथ दिलाते हुये कहा कि व्हाइट कोट हमें एक चिकित्सक के रूप में पहचान दिलाता है साथ ही हमें इस जिम्मेदारी को निभाने के लिये प्रतिबद्ध करता है। जो याद दिलाता है कि हमारे हाथों में किसी का जीवन है और हमें इसकी रक्षा करनी है। उन्होंने छात्रों को यह भी शपथ दिलाई कि हम अपने ज्ञान, क्षमता और संवेदनाओं के साथ मानवता की सेवा करेंगे।

इस अवसर पर कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रो. एम.एल.ब्रह्म भट्ट, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ. गीता जैन, अपर निदेशक डॉ. आर.एस. बिष्ट, संयुक्त निदेशक डॉ. एम.सी. पंत सहित अन्य विभागीय अधिकारी व एमबीबीएस छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

राज्य के विद्यालयों में दूर होगी विज्ञान वर्ग के शिक्षकों की कमी

विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रवक्ता संवर्ग में 157 और अतिथि शिक्षकों की शीघ्र तैनाती की जायेगी। इन शिक्षकों को प्रदेश के पर्वतीय व दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालयों में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित तथा अंग्रेजी विषय के रिक्त पदों के सापेक्ष नियुक्त किया जायेगा। इस संबंध में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को अतिथि शिक्षकों को जनपदवार शीघ्र नियुक्ति देने के निर्देश दे दिये हैं।

राज्य सरकार ने प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में विज्ञान वर्ग के विभिन्न विषयों एवं अंग्रेजी विषय के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती करने का निर्णय लिया था। जिसके तहत विद्यालयी शिक्षा विभाग ने समय-समय पर प्रदेशभर के विभिन्न राजकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की तैनाती की। इसी क्रम में एक बार फिर प्रवक्ता संवर्ग में जनपदवार 157 और अतिथि शिक्षकों की नियुक्त की जायेगी। इन सभी अतिथि शिक्षकों को गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान एवं अंग्रजी विषय के रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती दी जायेगी। जिसमें चमोली जनपद में 14 अतिथि प्रवक्ताओं को तैनात किया जायेगा, जिसमें गणित विषय में 3, भौतिक विज्ञान 5, रसायन विज्ञान 2 तथा जीव विज्ञान में 4 शामिल है। इस प्रकार पिथौरागढ़ में 9 अतिथि प्रवक्ता को तैनाती दी जायेगी है जिसमें गणित में 4 तथा अंग्रेजी विषय में 5 शामिल हैं। पौड़ी में 41 अतिथि शिक्षक दिये गये है जिसमें गणित में 2, भौतिकी 9, रसायन 13, जीव विज्ञान 7 तथा अंग्रेजी में 10 शिक्षक शामिल है। अल्मोड़ा में 55 अतिथि शिक्षकों को तैनाती दी जायेगी। जिसमें गणित में 4, भौतिकी 24, रसायन 7, जीव विज्ञान 2 तथा अंग्रेजी में 18 शिक्षक शामिल है। उत्तरकाशी में जीव विज्ञान एवं अंग्रेजी विषय में 1-1 अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति दी जायेगी। जबकि टिहरी में 8 अतिथि प्रवक्ता को नियुक्त किया जायेगा। जिसमें गणित में 3, रसायन 4 व अंग्रेजी में 1 शिक्षक शामिल है। इसी प्रकार नैनीताल में भौतिक, रसायन व जीव विज्ञान विषय में 1-1 अतिथि शिक्षक शामिल है। चम्पावत में 16 अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति दी जायेगी, जिसमें गणित में 3, भैतिकी 2, जीव विज्ञान में 1 तथा अंग्रेजी में 10 शिक्षक शामिल है। जबकि रूद्रप्रयाग जनपद में 9 अतिथि शिक्षकों को तैनाती दी है जिसमें जीव विज्ञान में 6 तथा अंग्रेजी विषय में 3 अतिथि शिक्षक शामिल हैं। इन सभी अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति प्रदेश के पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालयों में की गई है। विज्ञान वर्ग एवं अंग्रेजी विषय में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से स्थानीय स्तर पर छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी साथ ही उन्हें विज्ञान वर्ग की पढ़ाई के लिये किसी अन्य विद्यालय में नहीं जाना पडेगा।

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प्रदेश सरकार शिक्षा के स्तर को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रवक्ता संवर्ग में 157 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति सरकार के उस प्रयास का हिस्सा है, जो विज्ञान वर्ग एवं अंग्रेजी विषय की शिक्षा को सुलभ बनाने के लिये किया जा रहा है। इस कदम से स्थानीय स्तर पर छात्रों को विज्ञान वर्ग में भी बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी।
– ’डॉ. धन सिंह रावत, विद्यालयी शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कुलपतियों को दिए छात्रसंघ संविधान में संशोधन के निर्देश

देहरादूनः प्रदेश के राजकीय व अशासकीय महाविदयालय के साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में होने वाले छात्रसंघ चुनाव में छात्राओं को पचास फीसद प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इसके साथ ही छात्रसंघ में मेधावी छात्र छात्राओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। जिसके निर्देश विभागीय मंत्री डा धन सिंह रावत ने प्रदेश के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को दे दिए हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने बताया कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के अंतर्गत छात्रसंघ एवं छात्र परिषदों में छात्राओं को 50 फीसदी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इसके लिये सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रसंघ सिर्फ राजनीति के लिए नहीं अपितु रचनात्मक गतिविधियों एवं शैक्षिणिक माहौल तैयार करने का काम करेंगे। इसके लिए सभी विश्वविद्यालय परिसरों एवं महाविद्यालयों के छात्रसंघों एवं छात्र परिषदों में मेधावी छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।

विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रदेश में उच्च शिक्षण संस्थानों में कुल 152387 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं जिसमें छात्राओं की संख्या 100272 जबकि छात्रों की संख्या 52115 है। यानी 65.8 फीसद छात्राएं हैं और 34.2 छात्र हैं। जिसमें से राजकीय महाविद्यालय परिसरों में कुल 97997 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं जिसमें 30130 छात्र व 67867 छात्राएं शामिल हैं। वहीं अशासकीय में 34590 में 14730 छात्र व 19860 छात्राएं हैं। विश्वविद्यालयी परिसरों में कुल 19800 विद्यार्थी हैं जिसमें 7255 छात्र व 12545 छात्राएं शामिल हैं।

डॉ रावत ने बताया कि सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप चुनाव कराए जाएंगे। विश्वविद्यालयों के छात्रसंघ संविधान में जो भी बदलाव अपेक्षित हैं उन्हें करने के लिए संबंधित संस्थानों के कुलपतियों को निर्देश दिए गए हैं।

स्नातक पाठ्यक्रमों के लिये 31 मई तक होंगे ऑॅनलाइन पंजीकरणः धन सिंह

उत्तराखंड के समस्त शासकीय, अशासकीय, निजी महाविद्यालयों एवं राज्य विश्वविद्यालयों में स्नातक प्रथम सेमेस्टर की प्रवेश प्रक्रिया समर्थ पोर्टल के माध्यम से आयोजित की जा रही है। नव प्रवेशित छात्र-छात्राएं आगामी 31 मई तक स्नातक कक्षाओं के लिये ऑनलाइन पंजीकरण कर सकेंगे। इसके उपरांत विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में 01 जून से 20 जून तक प्रवेश प्रक्रिया संचालित की जायेंगी। जिसमें मेरिट, काउंसलिंग, प्रवेश शुल्क का भुगतान इत्यादि कार्य संपन्न किए जाएंगे। छात्र-छात्राओं को प्रवेश पाने में किसी भी प्रकार की समस्या न हो इसके लिये सभी शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट फैसिलिटी सेंटर स्थापित किये गये हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि नई शिक्षा नीति-2020 के दृष्टिगत विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल, दून विश्वविद्यालय देहरादून, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोडा एवं श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, टिहरी से संबद्ध समस्त शासकीय, अशासकीय एवं निजी महाविद्यालय व विश्वविद्यालय परिसरों में स्नातक प्रथम सेमेस्टर की प्रवेश प्रक्रिया भारत सरकार द्वारा तैयार समर्थ पोर्टल के माध्यम से आयोजित की जा रही है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिये स्नातक कक्षाओं में प्रवेश हेतु छात्र-छात्राएं आगामी 31 मई 2024 तक ऑनलाइन पंजीकरण कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के उपंरात 01 जून से 20 जून 2024 तक विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में मेरिट के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया संचालित की जायेंगी, जबकि 13 जुलाई से शैक्षिक सत्र विधिवत शुरू किया जायेगा। डा. रावत ने बताया कि नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं को प्रवेश को लेकर किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिये विभागीय उच्चाधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिये गये हैं साथ ही उन्हें सभी शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट फैसलिटी सेंटर स्थापित करने व समर्थ पोर्टल के व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि राजकीय विश्वविद्यालयों में एकरूपता लाने के उद्देश्य से “एक प्रदेश, एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम, व एक दीक्षांत“ के तहत समर्थ गवर्नेंस पोर्टल लागू किया गया है। जिसके विगत वर्ष सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद प्रदेश के सभी युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करना है लिहाजा विभागीय अधिकारियों को स्नातक कक्षाओं में प्रवेश से कोई भी युवा वंचित न रह पाये यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। विभागीय मंत्री के निर्देशों के क्रम में सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली ने समस्त राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों एवं निदेशक उच्च शिक्षा को पत्र जारी कर समर्थ पोर्टल का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा है। इसके अलावा उन्होंने पोर्टल का लिंक व क्यूआर कोड को विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों की वेबसाइट पर प्रदर्शित करने, उच्च शिक्षण संस्थानों के निकटस्थ इंटरमीडिएट विद्यालयों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों, पूर्व छात्र समूहों, व्यापार मण्डल आदि के माध्यम से भी समर्थ पोर्टल का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने को कहा है। स्नातक स्तरीय कक्षाओं में प्रवेश हेतु नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिये सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के परिसरों में स्टूडेंट फैसिलिटी सेंटर अनिवार्य रूप से स्थापित करने को कहा है ताकि छात्र-छात्राओं को पंजीकरण एवं एडमिशन को लेकर कोई दिक्कत न हो।

उप जिला चिकित्सालयों के लिए अधिकारियों को कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के दिये निर्देश

राज्य सरकार ने सूबे में हेल्थ नेटवर्क मजबूत करने और आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रदेश के डेढ़ दर्जन छोटे अस्पतालों को उप जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत करने को कहा गया है। विशेषकर कैलाश मानसरोवर यात्रा व चार धाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर करने की योजना है।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की। जिसमें सूबे के चार धाम यात्रा मार्गों एवं कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग व दूरस्थ क्षेत्रों के डेढ़ दर्जन चिकित्सा इकाईयों को उच्चीकृत कर उप जिला चिकित्सालय बनाने का निर्णय लिया है। जिनमें चमोली जनपद में जोशीमठ, थराली, गैरसैंण शामिल है। जबकि रूद्रप्रयाग जनपद में गुप्तकाशी, पौड़ी में थलीसैण, उत्तरकाशी में भटवाड़ी, पुरोला, बड़कोट तथा टिहरी में नैनबाग, हरिद्वार में खानपुर, पिथौरागढ़ में डीडीहाट, बागेश्वर में बैजनाथ, अल्मोड़ा में सोमेश्वर, नैनीताल में ओखलकांडा तथा ऊधमसिंह नगर में सितारगंज व गदरपुर शामिल है। जबकि रूद्रप्रयाग जनपद के अंतर्गत त्रिजुगीनारायण में श्रद्धालुओं की बढ़ती तादाद को देखते हुये वहां पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया है। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उपरोक्त सभी चिकित्सा इकाईयों के उच्चीकरण संबंधी प्रस्ताव मानकों के अनुसार तैयार कर शासन को उपलब्ध कराया जाय ताकि सभी प्रस्तावों पर कैबिनेट में विचार किया जा सके।

विभागीय मंत्री डा. रावत ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के स्वीकृत विभागीय बजट के आय-व्यय की समीक्षा करते हुये अधिकारियों को निर्देश दिये कि मार्च से पहले सभी मदों में स्वीकृत शतप्रतिशत बजट को खर्च कर लिया जाय जो जनपद समय पर आवंटित बजट खर्च नहीं कर पायेंगे उनके जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा। विभागीय अधिकारियों की पदोन्नति में हो रही देर पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुये सभी कार्मिकों की पदोन्नति समय पर करने के निर्देश दिये। स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा में रिक्त पदों का विवरण तलब करते हुये डा. रावत ने विभगाय अधिकारियों को विभिन्न श्रेणी के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर एएनएम के 391 पदों को भरने हेतु अधियाचन चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को भेजने के भी निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने विभाग में चिकित्साधिकारियों के रिक्त पदो ंके बैकलॉक पदों को भरने संबंधी प्रक्रिया भी शुरू करने को कहा। उन्होंने कहा कि विभाग के अंतर्गत जनपद स्तर पर चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिये महानिदेशालय स्तर पर प्रत्येक सप्ताह मॉनिटिरिंग की जाय ताकि समय पर बजट खर्च किया जा सके।
बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, एमडी एनएचएम स्वाती एस भदौरिया, अपर सचिव स्वास्थ्य आनंद श्रीवास्तव, नमामि बंसल, अमनदीप कौर, अपर सचिव वित्त अमीता जोशी महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक स्वास्थ्य सुनीता टम्टा, अपर निदेशक भागीरथ जंगपांगी, मीतू शाह, ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी, संयुक्त निदेशक खाद्य डॉ. आर.के. सिंह, उपायुक्त एफडीए जी.सी. कंडवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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उत्तराखंडः 18 हजार लोगों ने दी टीबी को मात

टीबी मुक्त उत्तराखंड के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास धरातल पर नजर आने लगे हैं। टीबी रोगियों की सेवा के लिये प्रदेश में हजारों ने लोगों ने आगे आ कर सामुदायिक भागीदारी निभाई है। इन निःक्षय मित्रों की मदद से सूबे में 18 हजार से अधिक लोग टीबी को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राज्य में अबतक 9630 लोगों ने निःक्षय मित्र के तौर पर अपना पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। जिसमें नि-क्षय मित्र चिन्हित टीबी रोगियों को गोद लेकर टीबी मुक्त अभियान में अहम भूमिक निभा रहे हैं। जिसमें हरिद्वार जनपद में सर्वाधिक 2148 नि-क्षय मित्र पंजीकृत हैं जबकि ऊधमसिंह नगर में 2173, नैनीताल 1288, देहरादून 1470, अल्मोड़ा 497, पौड़ी गढ़वाल 467, टिहरी 387, पिथौरागढ़ 245, रूद्रप्रयाग 221, चमोली 205, उत्तरकाशी 197, चम्पावत 179 तथा बागेश्वर में 153 नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है।

डॉ. रावत ने बताया कि सूबे में अबतक 15070 टीबी मरीजों का चिन्हिकरण किया जा चुका है, जिसमें से 10521 मरीजों ने नि-क्षय मित्रों से सामुदायिक सहयोग के लिये हामी भरी है जबकि प्रदेश में 9814 रोगी नि-क्षय मित्रों के सहयोग से लाभान्वित हो रहे हैं। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 313, बागेश्वर 99, चमोली 146, चम्पावत 148, देहरादून 1508, पौडी गढ़वाल 223, हरिद्वार 3375, नैनीताल 984, पिथौरागढ़ 245, रूद्रप्रयाग 161, टिहरी गढ़वाल 264, ऊधम सिंह नगर 2109 तथा उत्तरकाशी में 239 शामिल हैं। डॉ. रावत ने बताया कि टीबी उन्मूलन की ओर सकारात्मक अग्रसर होने के दृष्टिगत भारत सरकार ने राज्य के सात जनपदों का चयन सर्टिफिकेशन प्रक्रिया के लिये किया। जिनमें से देहरादून जनपद को गोल्ड जबकि चम्पावत, पौड़ी व टिहरी गढ़वाल को ब्रॉंन्ज मेंडल प्रदान किये गये, जोकि प्रदेश के लिये टीबी उन्मूलन की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।

’सूबे में 18 हजार टीबी रोगी हुये स्वस्थ’
स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित क्षय रोग उन्मूलन अभियान के तहत प्रदेशभर में टीबी रोगियों का लगातार चिन्हिकरण किया जा रहा है। विभाग द्वारा रोगियों को दिये जा रहे बेहतर उपचार व सामुदायिक सहयोग का नतीजा है कि राज्य में 18 हजार 785 लोगों ने टीबी को मात दे दी है, जोकि विभाग के लिये बड़ी उपलब्धि है। टीबी रोग से अब तक अल्मोड़ा जनपद में 723, बागेश्वर में 246, चमोली 875, चम्पावत 489, देहरादून 2424, पौड़ी गढ़वाल 417, हरिद्वार 5613, नैनीताल 2543, पिथौरागढ़ 609, रूद्रप्रयाग 507, टिहरी 729, ऊधमसिंहनगर 3133 तथा उत्तरकाशी में 477 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयुष्मान ग्राम को लेकर निर्धारित किये गये हैं 6 इंडिकेटर्स

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संचालित आयुष्मान भव अभियान के अंतर्गत प्रदेश में आयुष्मान ग्राम व आयुष्मान शहरी वार्ड घोषित करने के लिये केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित सभी मानकों को पूर्ण करना होगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को संबंधित ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डों का समय-समय पर विभिन्न स्तरों से मूल्यांकन कराना होगा। मार्च 2024 तक के मूल्यांकन व प्रमाणीकरण की रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देशभर में आयुष्मान ग्रामों व आयुष्मान शहरी वार्डों की घोषणा की जायेगी।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि आयुष्मान भव अभियान पूरे प्रदेश में निरंतर गतिमान है। जिसके तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों एवं आयुष्मान सभाओं के माध्यम से जनमानस को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी प्रदान की जा रही है। प्रत्येक ग्राम पंचायत व शहरी वार्डों में आयुष्मान कार्ड व आभा आईडी बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही गैर संचारी रोगों की जांच, टीबी रोग की जांच व उपचार, सिकल सेल एनिमिया की जांच एवं कार्ड वितरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जो ग्राम पंचायत एवं शहरी वार्ड स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्धारित 06 मानकों को शत प्रतिशत पूर्ण कर लेंगे उन्हें भारत सरकार द्वारा आयुष्मान ग्राम पंचायत एवं आयुष्मान शहरी वार्ड का दर्जा दिया जायेगा। इसके लिये समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन, ग्राम्य एवं शहरी विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा मानकों का मूल्यांकन किया जायेगा। इसके उपरांत ही ग्राम पंचायत व शहरी वार्डों की संबंधित विवरण 31 मार्च, 2024 से पूर्व भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। सभी मानकों का परीक्षण करने के उपरांत भारत सरकार देशभर के आयुष्मान ग्राम पंचायत एवं शहरी वार्डों की सूची जारी करेगी। इस अभियान के तहत चयनित सभी पंचायतों व शहरी वार्डों को भारत सरकार द्वारा आयुष्मान ग्राम पंचायत व शहरी वार्ड का प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा।

दो सहकारी संघो के बीच एमओयू होने से पर्वतीय किसानों की आर्थिकी बढ़ेगीः धन सिंह रावत

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि कृषि विपणन और प्रसंस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया और उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के बीच का एमओयू से उत्तराखंड के किसानों की उन्नति होगी। इससे राज्य और राष्ट्र के कृषि, उद्यानिकी और जैविक उत्पादों के विपणन और प्रसंस्करण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए स्थायित्व के साथ-साथ राज्य की खरीद और आपूर्ति को बढ़ाने में करने में मदद करेगा। यह सहकारी क्षेत्र को मजबूत, प्रभावी और सुगम बनाने की संकल्पना को प्रकट करता है, जो अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं की विकास नीतियों को बढ़ावा देगा।

मंत्री डॉ रावत ने आज शासकीय आवास यमुना कॉलोनी देहरादून में कृषि विपणन और प्रसंस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया और उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद बोल रहे थे। एमओयू में कृषि विपणन और प्रसंस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया एमडी श्री जसकरण सिंह , उत्तराखंड सहकारी संघ की एमडी रमिन्द्री मंद्रवाल के बीच हस्ताक्षर हुए। इस मौके पर चेयरमैन गुरुप्रताप सिंह चेयरमैन यूसीएफ मातबर सिंह रावत मौजूद थे।’

उत्तराखंड की कोऑपरेटिव मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इस मौके पर कहा कि यहां के किसानों जो जैविक उत्पादन कर रहे हैं उनके लिए आज का दिन बहुत अच्छा है उत्तराखंड सहकारी संघ पहले से ही मिलेट्स किसानों से डायरेक्ट खरीद रहा है अब हर प्रकार की जैविक चीज उत्तराखंड सहकारी संघ, कृषि विपणन और पर संस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया के साथ मिलकर खरीदेगा। केंद्रीय सहकारी संघ मार्केटिंग भी करेगा और जैविक खेती को बढ़ाने के लिए किसानों, कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी देगा।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि, इस एमओयू के माध्यम से, कृषि विपणन और प्रसंस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया और उत्तराखंड राष्ट्रीय सहकारी संघ एक संयुक्त संगठन बनाने की मिशन स्थापित करेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य यह होगा कि दोनों संघ एक-दूसरे के काम को कोअर्डिनेट करें और प्रतिस्पर्धा को समाप्त करें, ताकि दोनों संघों के ग्राहकों को विभिन्न सेवाओं की अच्छी गुणवत्ता और प्राथमिकता से उत्पाद मिल सके। इससे सहकारी क्षेत्र को विकसित करने में मदद मिलेगी। यह संयुक्त मेहनत के माध्यम से दोनों संघों के संबंधों को सुदृढ़ करेगा और कृषि विपणन क्षेत्र में सुधार करने में मदद करेगा। इससे कृषि, उद्यानिकी, और जैविक उत्पादों की प्रभावी खरीद और आपूर्ति प्रणामी की सुविधा मिलेगी, जो केंद्रीय नीतियों का पालन करेगी और सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देगी।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को दिये आयुष्मान भव के विशेष अभियान चलाने के निर्देश

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तत्वाधान में प्रदेशभर में चलाया जा रहा आयुष्मान भव अभियान अब सभी शिक्षण संस्थानों में भी विशेष रूप से चलाया जायेगा। इसके लिये सभी सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। जनपद स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर तैनात अधिकारी अभियान नोडल अधिकारी रहेंगे। यह अभियान आगामी 23 सितम्बर से 30 सितम्बर तक सप्ताहभर चलाया जायेगा। जिनका शुभारम्भ देहरादून से प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा किया जायेगा।

शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉॅ. धन सिंह रावत ने आज राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण देहरादून के सभागार में प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी बनाने के साथ ही स्वैच्छिक रक्तदान व नशामुक्ति को लेकर जनजागरूता कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। डॉ. रावत ने बताया कि आयुष्मान भव अभियान के तहत प्रदेश के समस्त शिक्षण संस्थानों उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, जनजातीय आवसीय विद्यालयों व मदरसों में 23 सितम्बर से 30 सितम्बर तक विशेष अभियान चलाये जायेंगे। जिसमें शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं के आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिन शिक्षण संस्थानों में शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड एवं आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउण्ट (आभा आईडी) बनाई जायेगी उनको आयुष्मान विद्यालय का दर्जा दिया जायेगा। इसके लिये संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों का सहयोग लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त समस्त शिक्षण संस्थानों में एक सप्ताह तक प्रतिदिन प्रार्थना सभा के दौरान छात्र-छात्राओं को नशा मुक्त अभियान, स्वैच्छिक रक्तदान, नेत्रदान एवं अंगदान तथा टीबी मुक्त अभियान के प्रति जागरूक किया जायेगा।

बैठक में राज्य स्वास्थ्य प्रधिकरण के सीईओ आनंद श्रीवास्तव, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, निदेशक यूसर्क प्रो. अनीता रावत, निदेशक विद्यालयी शिक्षा सीमा जौनसारी, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. ए.एस. उनियाल, यूसैक के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. उपाध्याय, सहित तकनीकी शिक्षा, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक विभाग, जनजाति कल्याण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

यूकॉस्ट, यूसर्क एवं यूसेक शिक्षण संस्थानों को देंगे सहयोग
प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में विज्ञान प्रयोगशाल व वर्चुअल लैब की स्थापना के साथ ही विज्ञान शिक्षकों के विशेष प्रशिक्षण एवं छात्र-छात्राओं को विज्ञान प्रदर्शनी हेतु विज्ञान एवं तकनीकी से जुडे तीनों संस्थान उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट), उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) एवं उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) सहयोग करेंगे। यही नहीं विज्ञान विषयों से जुड़े विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राएं अपने शैक्षणिक भ्रमण के दौरान यूकॉस्ट के अंतर्गत झाझरा देहरादून में स्थित विज्ञान धाम जाकर विज्ञान एवं तकनीकी की बारीकियां समझेंगे। इस संबंध में संबंधित संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों व शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों के बीच आपसी सहमती बनी है।

जनजातीय क्षेत्र के बच्चों में होगी सिकल सेल की जांच
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण देहरादून के सभागार में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य विभाग एवं जनजाति कल्याण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से प्रदेशभर के जनजाति क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों में सिकल सेल उन्मूलन अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। इस अभियान के अंतर्गत जनजाति क्षेत्र के बच्चों को सिकल सेल के प्रति जागरूक करने के साथ ही स्कूल एवं महाविद्यालय स्तर पर मेडिकल कैम्प लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जायेगा। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अल्पसंख्यक एवं जनजाति कल्याण विभाग शामिल रहेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री ने जनपदों में जिलाधिकारियों को सौंपी अभियान के नोडल की जिम्मेदारी

स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में आयोजित होने जा रहे आयुष्मान भवः अभियान की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में शासन-प्रशासन के साथ ही सभी रेखीय विभागों की समीक्षा बैठक ली। जिसमें 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक प्रदेशभर में आयोजित होने वाले सेवा पखवाडे को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। अभियान को सफल बनाने के लिये जनपद स्तर पर जिलाधिकारियों को नोडल की जिम्मेदारी सौंपते हुये विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि आगामी 13 सितम्बर को स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘आयुष्मान भवः’ अभियान का विधिवत शुभारम्भ देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के द्वारा किया जायेगा। जिसका क्रियान्वयन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन 17 सितम्बर से लेकर गांधी जयंती 02 अक्टूबत तक देशभर में किया जायेगा। इसी क्रम में उत्तराखंड में इस अभियान को सफल बनाने के लिये शासन-प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर प्रदेश एवं जनपद स्तर पर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं। इस महत्वकांक्षी अभियान में आयुष्मान आपके द्वार कार्यक्रम के तहत सभी लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड एवं आभा आईडी बनाई जायेगी। जबकि आयुष्मान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तथा सीएचसी लेवल पर साप्ताहिक आयुष्मान मेले आयोजित किये जायेंगे साथ ही ग्राम पंचायत एवं शहरी वार्डों में आयुष्मान सभा का आयोजन कर गैर संचारी रोगों की जांच के साथ ही लोगों को स्वास्थ्य की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जायेगी। आयुष्मान सभा में सांसद, क्षेत्रीय विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, मेयर, नगर पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे। जबकि अभियान को सफल बनाने में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही रेखीय विभागों पंचायतीराज, समाज कल्याण, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, आवास एवं शहरी विकास तथा शिक्षा विभाग के अधिकारी सहयोग करेंगे। विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अभियान के सफल आयोजन को लेकर सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को नोडल की जिम्मेदारी सौंपी गई और उन्हें इसके लिये विस्तृत कार्य योजना बनाने को कहा गया है जबकि मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी सहित तहसील एवं विकासखंड स्तर के अधिकारी भी अपने-अपने क्षेत्रों में अभियान को सफल बनाने के लिये जिम्मेदारी निभायेंगे।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास एच. सी. सेमवाल, अपर सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम स्वाती भदौरिया, अपर सचिव एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य स्वास्थ्य प्राधिकारण डॉ. आनंद श्रीवास्तव, अपर सचिव प्रशांत आर्य, अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ आशुतोष सायना, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा, अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. भागीरथी जंगपांगी, मीतू शाह, सीएमओ देहरादून डॉ. संजय जैन, संयुक्त निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एम.के. पंत सहित रेखीय विभाग समाज कल्याण, ग्राम विकास एवं महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।