धामी कैबिनेट में यह रहे अहम फैसले, आप भी जानिए…

मुख्यमंत्री सहित सभी कैबिनेट मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक से पूर्व, कठुआ (जम्मू) में शहीद हुए उत्तराखण्ड के पांच जवानों एवं दिवंगत विधायक श्रीमती शैला रानी रावत को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

1 राज्य अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास निगम उत्तराखण्ड लि० (सिडकुल) के स्थायी कार्मिकों को राज्य सरकार के कार्मिकों के अनुरूप 7वें वेतनमान की संस्तुतियों के आधार पर पुनरीक्षित मकान किराया भत्ता अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।

2 कृषि सम्बन्धी क्रिया-कलापों के प्रयोजनार्थ कृषकों द्वारा लिए गए रू0 5.00 लाख तक के ऋणों हेतु निष्पादित बन्धक विलेखों पर स्टाम्प शुल्क प्रभार्य न लिए जाने संबंधी निर्णय।
वर्तमान में राज्य के किसानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से मा० मंत्रिमण्डल द्वारा कृषि सम्बन्धी क्रिया-कलापों के प्रयोजनार्थ कृषकों द्वारा लिए गए रू0 5.00 लाख तक के ऋणों हेतु निष्पादित बन्धक विलेखों पर भविष्य में स्टाम्प शुल्क प्रभार्य न लिए जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया है।

3 राज्य सरकार द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2024 से महंगाई भत्ते की दरें 50 प्रतिशत किये जाने के आधार पर केन्द्र सरकार की भॉति दिनांक 01 जनवरी, 2024 से सेवानिवृत्तिक ग्रेच्युटी और मृत ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा रूपये 25.00 लाख किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, पेंशन और पेंशन भोगी कल्याण विभाग, भारत सरकार द्वारा उल्लिखित व्यवस्था के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2024 से महंगाई भत्ते की दरें 50 प्रतिशत किये जाने के आधार पर केन्द्र सरकार की भाँति दिनांक 01 जनवरी, 2024 से सेवानिवृत्त एवं मृत कर्मचारियों हेतु ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हुए रूपये 20.00 लाख (रुपये बीस लाख मात्र) से बढ़ाकर रूपये 25.00 लाख (रूपये पच्चीस लाख मात्र) किये जाने का लिया गया निर्णय।

4 उत्तराखण्ड राज्य में डिजिटल ई-स्टाम्पिंग / पेपरलैस ई-स्टाम्पिंग शुरू किये जाने निमित्त भारतीय स्टाम्प अधिनियम-1899 की अनुसूची-1 ख में वर्णित उत्तराखण्ड राज्य में लागू गैर पंजीकरण योग्य 17 अनुच्छेदों को उत्तराखण्ड स्टाम्प (ई-स्टाम्प प्रमाण पत्रों के माध्यम से शुल्क का संदाय) (संशोधन) नियमावली, 2023 में सम्मिलित किये जाने का लिया गया निर्णय। इसमें आम जन को बैंक ऋण, बैंक गारण्टी, बन्धक इत्यादि के लिये स्टाम्प विक्रेता से स्टाम्प क्रय नहीं करना पड़ेगा, बैंक सम्बन्धी कार्यवाही बैंक के पटल पर ही सम्पादित हो जायेगी, स्टाम्प क्रय की सुविधा बैंक को अपने ही परिसर में उपलब्ध होगी, उक्त प्रणाली के प्रवृत्त होने से बैंक में प्रयुक्त होने वाले अभिलेख यथाविधि स्टाम्पिंग होंगे एवं बैंक ऋण इत्यादि में प्रयुक्त होने वाले स्टाम्प का विवरण विभाग के पास उपलब्ध होने के कारण भूमि के क्रय-विक्रय में धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा, जिससे विभाग की आय में भी वृद्धि होगी एवं स्टाम्प का लेखा उचित तरीके से संकलित होगा।

5 राज्य में बाह्य सहायतित परियोजनाओं की स्वीकृत्ति, संचालन, पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण के लिए पूरे राज्य में एक समान व्यवस्था बनाये जाने के दृष्टिगत मार्गदर्शी सिद्धान्त एवं वित्तीय / प्रशासनिक अधिकारों के प्रतिनिधायन के सम्बन्ध में व्यवस्था का निर्धारण किये जाने का निर्णय।
वाह्य सहायतित्त परियोजनाओं के प्रभावी कियान्वयन / अनुश्रवण हेतु किसी कार्य/परियोजना की निविदा प्रक्रिया के दौरान निविदा में प्राप्त मूल्य के कारण अथवा कार्य के निष्पादन के मध्य किसी मद की मात्रा में परिवर्तन के कारण परियोजना/कार्य की आगणित / स्वीकृत लागत में 10 प्रतिशत से अधिक अथवा रू0 5.00 करोड़ से अधिक की वृद्धि प्रस्तावित हो तो ऐसी किसी भी दशा में वृद्धि के प्रस्ताव का परीक्षण भी सचिव नियोजन की अध्यक्षता में गठित ज्मबीदपबंस ैबतममदपदह ब्वउउपजजमम म्।च् द्वारा किये जाने का निर्णय कैबिनेट द्वारा लिया गया है।

6 चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों / सचिवालय सहायकों को उनके मूल विभाग की नियमित एवं निरन्तर सेवाओं को जोड़ते हुये संशोधित सुनिश्चित कैरिगर प्रोन्नयन (एम०ए०सी०पी०एस०) / ए०सी०पी० का लाम दिये जाने के संबंध में निर्णय
इस संबंध में वित्त विभाग के कार्यालय ज्ञाप सं0-11, दिनांक 17 फरवरी, 2017 से छूट प्रदान करते हुये सचिवालय में संविलियित किये गये चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों / सचिवालय सहायकों को उनके मूल विभाग की नियमित एवं निरन्तर सेवाओं को जोड़ते हुये संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन (एम०ए०सी०पी०एस०) / ए०सी०पी० का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया गया है।

7 वर्तमान में राज्य में उत्तर प्रदेश सॉ-मिल (स्थापना एवं विनियमन) नियमावली-1978 लागू है. जिसके अन्तर्गत प्रकाष्ठ आधारित उद्योगों के नये लाईसेन्स, नवीनीकरण, नाम परिवर्तन, लाइसेंस की एकमुश्त धनराशि व नवीनीकरण के सापेक्ष देय धनराशि आदि का निर्धारण किया जा रहा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उक्त प्रभावी नियमावली के कतिपय नियमों में संशोधन किये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सॉ मिल (स्थापना एवं विनियमन) नियमावली-1978 को अधिक्रमित करते हुए “उत्तराखण्ड काष्ठ आधारित उद्योग (स्थापना एवं विनियम) नियमावली, 2024“ प्रख्यापित किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

8 उत्तराखण्ड वन विकास निगम के वित्तीय वर्ष 2020-21 के वार्षिक लेखों की सम्परीक्षा राज्य विधान सभा को प्रस्तुत किये जाने के सम्बन्ध में निर्णय
उत्तराखण्ड वन विकास निगम के वर्ष 2020-21 के आर्थिक चिट्ठों (वार्षिक लेखों) की सम्परीक्षा कर लेखा परीक्षा प्रतिवेदन को आगामी विधान सभा सत्र में सदन के पटल पर चर्चा हेतु रखने से पूर्व मा० मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया।

9 उत्तराखण्ड पुलिस दूरसंचार राजपत्रित संवर्ग के उपरोक्त पुनर्गठित ढांचे के अनुसार संवर्ग की सेवा नियमावली में आवश्यक संशोधन किये जाने हेतु ’उत्तराखण्ड पुलिस दूरसंचार राजपत्रित अधिकारी सेवा (संशोधन) नियमावली, 2024 के प्रख्यापन सम्बन्धी प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।
10 जनपद में स्थित चिकित्सा संस्था द्वारा किसी अन्य जनपद से लावारिस मानव शव को प्राप्त किये जाने की अपेक्षा की जाती है, तो लावारिस शव को उपलब्ध कराने हेतु प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा प्रथमतः पुलिस मुख्यालय (पुलिस महानिदेशक) से अनुमोदन प्राप्त करने के पश्चात् सम्बन्धित संस्था को उपलब्ध कराया जा सकेगा। उक्त प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल का अनुमोदन प्रदान किया गया।

11 राजकीय मेडिकल कॉलेजों में संचालित विभिन्न परास्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों में वर्तमान प्रख्यापित बॉण्ड की शर्तों में संशोधन किये जाने के संबंध में निर्णय।
वर्तमान में राजकीय मेडिकल कॉलेज, पिथौरागढ़ तथा हरिद्वार हेतु स्वीकृत ढाचों में स्टाफ नर्स के पद को “आउटसोर्स“ के स्थान पर “सीधी भर्ती“ के माध्यम से भरे जाने के संबंध में प्रकरण को समक्ष रखते हुए मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति व्यक्त की गयी है।

12 उत्तराखण्ड राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं जिला उप जिला चिकित्सालयों में यूजर चार्जेज की दरों में संशोधन किये जाने का निर्णय।

13 राज्य में विद्या समीक्षा केन्द्र के संचालन एवं विधिवत उपयोग हेतु च्तवरमबज प्उचसमउमदजंजपवद न्दपज की स्थापना किए जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।

14 एन.सी.सी. की 02 यूके. (स्वतंत्र) कम्पनी को जनपद चम्पावत में पुर्नस्थापित किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।
अतः उक्त के दृष्टिगत ही 2 यू०के० (स्वतंत्र) कम्पनी को जनपद चंपावत में किसी उपयुक्त स्थान पर पुनः स्थापित किया जाने एवं उक्त कंपनी हेतु 10 सिविल स्टाफ पदों का सृजन किया जाने की मंत्रिमण्डल द्वारा मंजूरी प्रदान की गयी है।

15 उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) के संरचनात्मक ढांचे को पुनर्गठित किये जाने का निर्णय।
सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति, शासकीय कार्यों के सुचारू संचालन एवं संचालित योजनाओं / कार्यक्रमों के प्रभावी संचालन हेतु उरेडा अभिकरण हेतु मा० मंत्रिमण्डल द्वारा पूर्व सृजित 119 पदों को पुनर्गठित करते हुए नये 29 पदों पर सहमति व्यक्त करते हुए कुल 148 पदों का पुनर्गठन किये जाने पर सहमति प्रदान की गयी।

16 सतर्कता अधिष्ठान की ट्रैप कार्यवाहियों में परिवादियों के पूर्ण सहयोग दिये जाने के उद्देश्य से परिवादियों द्वारा ट्रैप के समय दी जाने वाली रिश्वत राशि के पुनर्भरण हेतु सृजित रिवॉल्विंग फण्ड के रखरखाव / सुचारू रूप से संचालन हेतु ’उत्तराखण्ड भ्रष्टाचार निरोधक सतर्कता विभाग रिवॉल्विंग फण्ड नियमावली विकसित किये जाने का निर्णय।

17 उत्तराखण्ड सरकारी सेवक ज्येष्ठता नियमावली, 2002 के कतिपय प्राविधान को लागू करने में समय-समय पर उत्पन्न हो रही कठिनाइयों के दृष्टिगत वर्ष को ’वर्ष / चयन वर्ष के रूप में तथा एक चयन’ को ’एक चयन वर्ष’ के रूप में प्रतिस्थापित किये जाने हेतु ’उत्तराखण्ड सरकारी सेवक ज्येष्ठता (संशोधन) नियमावली, 2024’ का प्रख्यापन किये जाने का निर्णय।

18 जनपद पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी एयरपोर्ट को, भारतीय वायु सेना को हस्तान्तरित किये जाने के सम्बन्ध में भारतीय वायुसेना को हस्तगत किये जाने की जो अनुमति प्रदान की गयी है. उस पर मा० मंत्रिमंडल द्वारा पुनर्विचार किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है।

19 जनपद ऊधमसिंह नगर के अंतर्गत स्थित पन्तनगर हवाई पट्टी के विस्तारीकरण हेतु अधिग्रहित 212.4868 है0 (524.78 एकड़) भूमि, जो कि नागरिक उड्डयन विभाग के नाम दर्ज है, को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के नाम निःशुल्क हस्तांतरित किये जाने की अनुमति के प्रस्ताव पर मा० मंत्रिमंडल के द्वारा निर्णय लिया गया है।
20 भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के विभागीय ढांचे के पुनर्गठन के फलस्वरूप समूह क एवं ख के पदधारकों के सेवा नियम गठित किये जाने हेतु उत्तराखंड भूतत्व एवं खनिकर्म समूह क एवं ख सेवा नियमावली, प्रख्यापित किये जाने का निर्णय।

21 उत्तराखण्ड राज्य में अवस्थित चार धाम यथा श्री केदारनाथ धाम, श्री बद्रीनाथ धाम, श्री गंगोत्री धाम, श्री यमुनोत्री धाम व अन्य प्रमुख मन्दिरों के नाम का अथवा इनके संचालन हेतु गठित ट्रस्ट/ समिति के नाम से मिलते-जुलते नाम का प्रयोग कर ट्रस्ट/ समिति आदि बनाई जा रही है। इस प्रकार की गतिविधियों से जन सामान्य में असमंजस की स्थिति उत्पन्न होने के साथ ही स्थानीय परम्पराओं एवं धार्मिक मान्यताओं को भी ठेस पहुँचती है, तथा स्थानीय स्तर पर आक्रोश की भी सम्भावना रहती है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा कड़े विधिक प्राविधान लागू किये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

22 कैबिनेट द्वारा दून विश्वविद्यालय में आगामी अकादमिक सत्र से ब्मदजतम वित भ्पदकन ैजनकपमे प्रारम्भ किए जाने का निर्णय लिया गया है।

23 कैबिनेट द्वारा प्रदेश में 05 लाख रू० तक के टेंडर स्थानीय ठेकेदारों को ही दिए जाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही प्रदेश के सभी ठेकेदारों के कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण करवाए जाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में नियोजन विभाग द्वारा तत्काल आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।

24 कैबिनेट द्वारा हाउस आफ़ हिमालया कम्पनी के वित्तीय एवं प्रशासनिक नियमों एवं कम्पनी संचालन हेतु पदों के स्वीकृति, भर्ती इत्यादि पर मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया।

25 कैबिनेट द्वारा विधानसभा सत्र आहूत किये जाने के संबंध में मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।

यूसीसी ड्राफ्ट को मिली मंजूरी, अब विधानसभा में होगा पेश

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून लागू करने के लिए धामी मंत्रिमंडल ने यूसीसी ड्राफ्ट को हरी झंडी दे दी है। 6 फरवरी को प्रदेश सरकार विधानसभा पटल पर यूसीसी बिल पेश करेगी।
रविवार शाम को सीएम आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल बैठक हुई। जिसमें सुप्रीमकोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई समिति की ओर से तैयार यूसीसी ड्राफ्ट का प्रस्तुतिकरण दिया गया। चार खंडों में 740 पेज के यूसीसी रिपोर्ट पर चर्चा के बाद मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से मुहर लगा दी। साथ ही यूसीसी विधेयक तैयार कर विधानसभा के पटल पर रखने को मंजूरी दे दी।
यूसीसी ड्राफ्ट में बहु विवाह रोकने, लिव इन की घोषणा, बेटियों को उत्तराधिकार में बराबरी का अधिकार देने, विवाह का रजिस्ट्रेशन करने, एक पति-एक पत्नी का नियम समान रूप से लागू करने जैसे तमाम प्रावधान हैं। बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, डॉ.धन सिंह रावत, गणेश जोशी, रेखा आर्या के अलावा मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन भी मौजूद थे।

कई दशक बाद धरातल पर उतरेगा यूसीसी
– 1962 में जनसंघ ने हिंदू मैरिज एक्ट और हिंदू उत्तराधिकार विधेयक वापस लेने की बात कही। इसके बाद जनसंघ ने 1967 के उत्तराधिकार और गोद लेने के लिए एक समान कानून की वकालत की। 1971 में भी वादा दोहराया। हालांकि 1977 और 1980 में इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई।
– 1980 में भाजपा का गठन हुआ। भाजपा के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी बने। पार्टी ने 1984 में पहली बार चुनाव लड़ा, जिसमें केवल दो सीटें मिली।
– 1989 में 9वां लोकसभा चुनाव हुआ, जिसमें भाजपा ने राम मंदिर, यूनिफॉर्म सिविल कोड को अपने चुनावी घोषणा-पत्र में शामिल किया। पार्टी की सीटों की संख्या बढ़कर 85 पहुंची।
– 1991 में देश में 10वां मध्यावधि चुनाव हुआ। इस बार भाजपा को और लाभ हुआ। उसकी सीटों की संख्या बढ़कर 100 के पार हो गई। इन लोकसभा चुनावों में भाजपा ने यूनिफॉर्म सिविल कोड, राम मंदिर, धारा 370 के मुद्दों को जमकर उठाया। ये सभी मुद्दे बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में शामिल थे, मगर संख्या बल के कारण ये पूरे नहीं हो पाए थे।
– इसके बाद 1996 में भाजपा ने 13 दिन के लिए सरकार बनाई। 1998 में पार्टी ने 13 महीने सरकार चलाई। 1999 में बीजेपी ने अपने सहयोगियों के साथ बहुमत से सरकार बनाई। तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने।
– वर्ष 2014 में पहली बार भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई और केंद्र में मोदी सरकार आई। मोदी सरकार ने पूरे जोर-शोर से अपने चुनावी वादों पर काम करना शुरू किया। अब केंद्र की सरकार समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में काम कर रही है। इसी कड़ी में यूसीसी को लागू कर उत्तराखंड, देश का पहला राज्य बनने की ओर अग्रसर है।
-उत्तराखंड में 2022 में भाजपा ने यूसीसी के मुद्दे को सर्वाेपरि रखते हुए वादा किया था कि सरकार बनते ही इस पर काम किया जाएगा। धामी सरकार ने यूसीसी के लिए कमेटी का गठन किया। जिसने डेढ़ साल में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया। अब विधानसभा का विशेष सत्र पांच फरवरी से शुरू होने जा रहा है, जिसमें पास होने के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा।

ये हैं ड्राफ्ट के संभावित प्रावधान
1- लड़कियों की विवाह की आयु बढ़ाई जाएगी, जिससे वे विवाह से पहले ग्रेजुएट हो सकें।
2- विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। ग्राम स्तर पर भी शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी।
3- पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्नी के लिए भी लागू होगा। फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग-अलग ग्राउंड हैं।
4- पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी।
5- उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिलेगा। अभी तक पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़के का शेयर लड़की से अधिक है।
6- नौकरीशुदा बेटे की मृत्यु पर पत्नी को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी होगी। अगर पत्नी पुर्नविवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता-पिता का भी हिस्सा होगा।
7- मेंटेनेंस- अगर पत्नी की मृत्यु हो जाती है और उसके माता पिता का कोई सहारा न हो, तो उनके भरण पोषण का दायित्व पति पर होगा।
8- एडॉप्शन- सभी को मिलेगा गोद लेने का अधिकार। मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा गोद लेने का अधिकार, गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।
9- हलाला और इद्दत पर रोक होगी।
10- लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन आवश्यक होगा। ये एक सेल्फ डिक्लेरेशन की तरह होगा जिसका एक वैधानिक फॉर्मैट लग सकती है।
11- गार्जियनशिप- बच्चे के अनाथ होने की स्थिति में गार्जियनशिप की प्रक्रिया को आसान किया जाएगा।
12- पति-पत्नी के झगड़े की स्थिति में बच्चों की कस्टडी उनके ग्रैंड पैरेंट्स को दी जा सकती है।
13- जनसंख्या नियंत्रण को अभी सम्मिलित नहीं किया गया है।

धामी कैबिनेट में यह रहे फैसले, आप भी जानिए…

1-राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (सीडा) को प्रदेश के समस्त औद्योगिक क्षेत्रों के मानचित्र स्वीकृत किये जाने हेतु अधिकृतत किये जाने का निर्णय

2-खाद्य विभाग के अंतर्गत अंत्योदय एवं बीपीएल कार्ड धारकों को 8 रुपये की दर से प्रतिमाह मिलेगा 1 किलो आयोडाइज नमक।

3-समान नागरिक सहिंता के अंतर्गत अब तक समिति द्वारा लिए गए निर्णयों को कैबिनेट ने किया अनुमोदित।

4-संस्कृति, धर्मस्व एवं तीर्थाटन विभाग के अंतर्गत श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में कार्मिकों एवं धार्मिक कार्यों के लिए दो नियमावली बनाने की मंजूरी।

5-मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना में अब बालक का जन्म होने पर भी मिलेगी किट।

6-आवास विकास विभाग के अंतर्गत ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के आसपास बेहतर टाऊन शिप विकसित हों, इस हेतु 11 कस्बों में निर्माण कार्यों पर आगामी एक वर्ष के लिए 200 मीटर की दूरी तक रहेगी रोक। तय मास्टर प्लान से होगा इन क्षेत्रों का विकास। इसमें योगनगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, ब्यासी, सिराला, चिलगढ-मल्ला, मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, तिलानी, घोलतीर, गौचर शामिल।

7-परिवहन निगम में मृतक आश्रितों के 195 पद जो कि पूर्व में फ्रीज किया गया था, उनसे रोक हटाये जाने का निर्णय।

8-आवास विभाग के अंतर्गत भवन निर्माण एवं विकास उपविधि में संशोधन को मंजूरी। छोटे नाले से 5 मीटर की दूरी पर बना सकेंगे पेट्रोल पंप। शेष के लिये रहेगी 50 मीटर की दूरी यथावत।

9-राज्य कर्मचारी सामूहिक बीमा योजना में प्रीमियम की दरों को किया गया संसोधित। अब बीता योजना की धनराशि को 100 रू0 से बढाकर 350, 200 से 700 तथा 400 को 1400 किया गया। तथा अब इन्श्यारेंस के रूप में प्रदान किये जाने वाली धनराशि को बढाकर 01 लाख को 05 लाख, 02 लाख को 10 लाख तथा 04 लाख को 20 लाख किये जाने का निर्णय।

10-विभिन्न कर्मचारी संगठनों की मांग को ध्यान में रखते हुये पदोन्नति में शिथिलीकरण नियमावली को 30 जून 2024 तक लागू किये जाने का निर्णय।

11-कार्मिक विभाग के अंतर्गत यूपीएससी एवं डिफेंस फोर्सेज की एनडीए व अन्य परीक्षाओं में प्री परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को अब 50 हजार रुपये के बजाय मिलेगी रू0 1 लाख की धनराशि, दिये जाने का निर्णय।

12-गृह विभाग के अंतर्गत राजस्व से रेगुलर पुलिस में लाये गये 6 नए थानों एवं 21 पुलिस चौकियों के लिये कॉन्स्टेबल एवं एस.आई. के लिए 327 नए पदों पर भर्ती किये जाने का निर्णय।

13-पशुपालन विभाग के अंतर्गत देहरादून में पालतू जानवरों के अस्पताल हेतु 9 पदों के सृजन का निर्णय।

14-पशुपालन विभाग के अंतर्गत अब तक 60 विकासखंड में वेटरनरी मोबाइल वैन का केन्द्र सरकार के सहयोग से किया जा रहा है संचालन, राज्य के शेष 35 विकासखण्डों के लिये राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से की जायेगी वैन की व्यवस्था।

15-पशुपालन विभाग के अंतर्गत पशु चिकित्सालयों की व्यवस्था के लिये अब यूजर चार्ज का 75 प्रतिशत चिकित्सालय अपने लिए जबकि शेष 25 प्रतिशत ट्रेजरी में करेंगे जमा।

16-प्रदेश में राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पी.जी. में सीनियर रेजीडेंट की कमी के कारण अब इसकी अवधि को एक साल की बजाय दो साल किये जाने का निर्णय।

17-ग्राम्य विकास विभाग के अन्तर्गत मुख्य विकास अधिकारी उत्तरकाशी एवं चमोली के रूप में चिन्हित पदों को परिवर्तित कर उपायुक्त परियोजना के रूप में किये जाने का निर्णय।

18-सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी के ढांचे में स्वीकृत कतिपय पदो के सृजन के संबंध में निर्णय।

19-सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के भर्ती नियमावली के प्राविधान मृतक कुटुम्ब के सदस्य को सरकारी सेवा के किसी पद पर ऐसे पद को छोड कर जो लोक सेवा आयोग के क्षेत्रांर्तगत उपयुक्त किये जाने के संबंध में नियमावली का प्रख्यापन।

धामी कैबिनेट में यह लिए गए अहम फैसले…, आप भी जानिए

० उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग) (पंचायत राज और स्थानीय निकाय) (नियुक्ति और सेवा की शर्तें) (संशोधन) नियमावली – 2023 के संबंध में केबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति एवं सेवा की शर्तों हेतु उत्तराखण्ड राज्य में लागू उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग (पंचायत राज और स्थानीय निकाय) ( नियुक्ति और सेवा की शर्तें) नियमावली 1994 के अध्याय दो नियुक्ति के नियम 4 पदावधि में निहित प्राविधानों को संशोधित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री जी के अनुमोदनोंपरान्त शासन की अधिसूचना संख्या-1 /118332/2023, दिनांक 28 अप्रैल, 2023 के द्वारा उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग (पंचायत राज और स्थानीय निकाय) (नियुक्ति और सेवा की शर्तें) नियमावली – 2023 प्रख्यापित की गयी है। नियमावली के प्रख्यापन के उपरान्त राज्य निर्वाचन आयोग की पदावधि पांच वर्ष अथवा पैंसठ वर्ष के स्थान पर 6 वर्ष अथवा 68 वर्ष कर दी गयी है।

० प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत मानचित्र स्वीकृति की अनिवार्यता किये जाने के उपरांत कार्मिकों की तैनाती के प्रस्ताव में संशोधन के संबंध में केबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। वर्तमान में वर्ष 2016 से पूर्व के प्राधिकरणों एवं विनियमित क्षेत्रों को छोड़कर नये सम्मिलित क्षेत्रों में मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया को वर्ष 2021 में अग्रिम आदेशों तक स्थगित किया गया था, जिस कारण अनियमित / अनियोजित निर्माण हो रहा था। इसके दृष्टिगत प्राधिकरण क्षेत्रों में मानचित्र स्वीकृति की अनिवार्यता किये जाने तथा कामिकों की तैनाती का प्रस्ताव मंत्रिमण्डल की दिनांकरू 18.04.2023 को आयोजित बैठक में प्रस्तुत किया गया था प्राधिकरणों में सहायक अभियन्ता, अवर अभियन्ता एवं वास्तुविद / सहायक वास्तुविद की तैनाती उपाध्यक्ष के स्तर से किये जाने का प्रस्ताव था। कार्मिकों की तैनाती संबंधित प्राधिकरण के उपाध्यक्ष द्वारा पृथक-पृथक किये जाने हेतु प्रत्येक प्राधिकरण स्तर पर आर०एफ०पी० तैयार किये जाने में कठिनाई तथा प्राधिकरण में पदों की संख्या कम होने के कारण इस हेतु सेवा प्रदाता फर्म के कम आकर्षित होने की संभावनाओं के दृष्टिगत कार्मिकों की तैनाती की कार्यवाही केन्द्रीयित रूप में उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण के स्तर से संपादित किये जाने के आशय का संशोधित प्रस्ताव पर केबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

० उत्तराखण्ड भू-सम्पदा (विनियमन तथा विकास) (सामान्य) नियमावली, 2017 में प्रथम संशोधन करते हुए उत्तराखण्ड भू-सम्पदा (विनियमन तथा विकास) (सामान्य) (संशोधित) नियमावली 2023ष् के प्रख्यापन के संबंध में केबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

० आय-व्ययक पारित होने के उपरान्त जनपदों को जिला योजना बजट प्रेषित किया जाने पर केबिनेट द्वारा लिया गया फैसला। दिनांक 22 दिसम्बर, 2022 को मसूरी में हुए चिन्तन शिविर में प्रमुख सुझाव / बिन्दुओं पर मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रस्तुतीकरण किया गया। मंत्रिमण्डल की बैठक दिनांक 20 दिसम्बर, 2022 द्वारा कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर निर्णय लिया गया। उक्त क्रम में मंत्रिमण्डल के आदेश दिनांक 22 दिसम्बर 2022 के बिन्दु सं०- (23)2 ष्वित्त विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष, जिला योजना का परिव्यय / बजट निर्धारण की सूचना जनपदों को 31 दिसम्बर तक संसूचित किया जायेगाष् को संशोधित करते हुए उसके स्थान पर ष्आय-व्ययक पारित होने के उपरान्त जनपदों को जिला योजना का बजट प्रेषित किया जायष् अनुमोदित किया जाना है।

० ष्नवीन चकराता टाउनशिप को पुरोड़ी-नागथात- लखवाड़ से यमुना नदी तक विकसित किये जाने हेतु विकास क्षेत्र घोषित किये जाने का निर्णय केबिनेट द्वारा लिया गया। मुख्यमंत्री श्री धामी द्वारा दिनांकरू 26 नवम्बर, 2021 को जनपद देहरादून में नवीन चकराता टाउनशिप को पुरोड़ी नागथात- लखवाड़ से यमुना नदी तक विकसित किया जायेगा तथा रू 2.00 करोड़ की धनराशि टाउन प्लानिंग विभाग को अवमुक्त की जायेगी की घोषणा की गयी। उक्त क्षेत्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास, खेल एवं साहसिक गतिविधियों में वृद्धि, पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम, 1973 की धारा-4 के अन्तर्गत उक्त क्षेत्र को मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण, देहरादून का विकास क्षेत्र घोषित किया जाना है। नवीन चकराता टाउनशिप हेतु क्षेत्र के कुल 40 गाँवों को चिन्हित किया गया है, जिसमें ठाणा, टुंगरा, चोर कुनावा, विरमोऊ, छटोऊ, क्यावा, कैनोटा, गांगरौ, मुन्धान, लखवाड़ इत्यादि प्रमुख गाँव हैं। तहसील चकराता के उपजिलाधिकारी उक्त विकास क्षेत्र के पदेन संयुक्त सचिव होंगे।

० उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद हेतु संगठनात्मक ढांचे के पुर्नगठन एवं अतिरिक्त पदों के सृजन के सम्बन्ध में केबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। उत्तराखण्ड राज्य एक पर्यटन प्रदेश है, जिसमें पर्यटन को एक उद्योग का दर्जा प्राप्त है। वर्तमान में राज्य के अन्तर्गत पर्यटन गतिविधियों में बहुत अधिक वृद्धि हुई है तथा पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि की अपार सम्भावनायें मौजूद हैं। क्योंकि पर्यटन गतिविधियों का परिक्षेत्र बहुत अधिक बढ़ गया है। अतः उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के मुख्यालय एवं जनपदीय ढांचे को भी सुदृढ़ किये जाने के दृष्टिगत वर्तमान में सृजित कुल 269 पदों में 37 पदों (12 पद मुख्यालय 25 पद जनपद कार्यालय) की वृद्धि तथा चतुर्थ श्रेणी के 5-5 व्यक्तियों को आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से रखे जाने की अनुमति केबिनेट द्वारा प्रदान की गयी।

० श्री केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान के अन्तर्गत निर्मित होने वाले शिव उद्यान / चिन्तन स्थलों के नक्शा / मानचित्र की स्वीकृति शुल्क माफ किये जाने का निर्णय केबिनेट द्वारा लिया गया। श्री केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान के अन्तर्गत संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शिव उद्यान / चिंतन स्थलों का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। श्री केदारनाथ धाम में निर्मित होने वाले शिव उद्यान / चिन्तन स्थलों से सम्बन्धित नक्शा / मानचित्रों की स्वीकृति हेतु केदारनाथ विकास प्राधिकरण द्वारा लिये जाने वाला शासकीय शुल्क माफ करने का फैसला केबिनेट द्वारा लिया गया है।

० विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 105 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग की वित्तीय वर्ष 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखे जाने का फैसला केबिनेट द्वारा लिया गया। उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग की वार्षिक रिपोर्ट को केन्द्रीय विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 105 के अन्तर्गत विधानसभा के पटल पर रखे जाने के प्रावधान के कम में उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग की वर्ष 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट को आगामी विधानसभा सत्र में रखे जाने का निर्णय केबिनेट द्वारा लिया गया।

० विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 104 (4) के अन्तर्गत उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग के वित्तीय वर्ष 2021-22 की वार्षिक लेखा विवरण को विधानसभा के पटल पर रखे जाने का फैसला केबिनेट द्वारा लिया गया। उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग के वार्षिक लेखा विवरण को केन्द्रीय विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 104 ( 4 ) के अन्तर्गत विधानसभा के पटल पर रखे जाने के प्राविधान के दृष्टिगत आयोग के वर्ष 2021-22 के वार्षिक लेखा विवरण को आगामी विधानसभा सत्र में रखे जाने का निर्णय केबिनेट द्वारा लिया गया।

० उत्तराखण्ड संग्रह राजस्व निरीक्षक एवं संग्रह नायब तहसीलदार सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2023 के प्रख्यापन के सम्बन्ध में केबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। राजस्व विभाग के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राजस्व कार्यपालक (नायब तहसीलदार) सेवा नियमावली, 2009 के प्रख्यापन से पूर्व प्रदेशान्तर्गत उ०प्र० अधीनस्थ राजस्व कार्यकारी (नायब तहसीलदार) सेवा नियमावली, 1944 एवं संशोधित नियमावली, 1989 में संग्रह अमीन से नायब तहसीलदार पद पर 6 प्रतिशत प्रोन्नति कोटे की विद्यमान रही व्यवस्था को वर्ष 2009 में समाप्त किये जाने तथा वर्ष 2019 में उक्त पदोन्नति व्यवस्था पुनः बहाल किये जाने से उक्त अवधि वर्ष 2009 से 2019 के मध्य कार्यरत संग्रह कार्मिक संवर्ग में पदोन्नतियां न होने से उत्पन्न हुई विसंगतियों का निराकरण किये जाने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड राजस्व संग्रह निरीक्षक एवं संग्रह नायब तहसीलदार सेवा नियमावली, 2019 में संशोधन किए जाने का निर्णय केबिनेट द्वारा लिया गया।

० मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना को लागू करने पर कैबिनेट द्वारा दी गई सहमति।

० राज्य में उपखनिज के विदोहन की प्रक्रिया को सरलीकृत. व्यवहारिक एवं सुगम बनाये जाने तथा राजस्व वृद्धि हेतु उत्तराखण्ड उप खनिज (परिहार) नियमावली-2023 प्रख्यापित किये जाने का निर्णय केबिनेट द्वारा लिया गया। राज्य में उपखनिज के विदोहन की प्रक्रिया को सरलीकृत व्यवहारिक एवं सुगम बनाये जाने तथा राजस्व वृद्धि किये जाने के उददेश्य से उपखनिज खनन पट्टे हेतु आवेदन शुल्क एवं पुनरीक्षण शुल्क में बढोत्तरी, पट्टा हस्तान्तरण शुल्क का प्राविधान ई-नीलामी प्रक्रिया के सरलीकरण एवं उपयोगी बनाने, पट्टे की अवधि आशयपत्र की तिथि के स्थान पर पट्टाविलेख पंजीकृत होने की तिथि से आगणित किये जाने व अवैध खनन हेतु जुर्माना धनराशि का निर्धारण उत्तराखण्ड खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियमावली 2021 के सुसंगत नियमों के अनुसार किये जाने एवं अन्य आवश्यक प्राविधानों को सम्मिलित कर वर्तमान में प्रचलित उत्तराखण्ड उपखनिज परिहार नियमावली, 2001 तथा इस विषय पर विद्यमान समस्त नियमों एवं आदेशों को अतिकमित करते हुये उत्तराखण्ड उपखनिज परिहार नियमावली, 2023 को प्रख्यापित की जा रही है।

० माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट किए जाने के संदर्भ में गोलापर हल्द्वानी क्रिकेट स्टेडियम से लगी हुई 26.08 हेक्टेयर वन भूमि को ट्रांसफर करने पर कैबिनेट द्वारा दी गई सहमति।

धामी कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये

अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखण्ड राज्य में सिलिका सैण्ड की रायल्टी अधिक होने एवं इस कारण राज्य में सिलिका सैण्ड के व्यवसाय पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव के दृष्टिगत राज्य में सिलिका सैण्ड के व्यवसाय को सुदृढ एवं कारगर किये जाने के निमित्त अन्य राज्यों के अनुरूप रायल्टी दर व अपरिहार्य भाटक की वर्तमान प्रचलित दर को संशोधित किए जाने का निर्णय।
राज्य की सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल बाजपुर (पेराई क्षमता 4000 टी.सी.डी.) की आसवनी में शून्य उत्प्रवाह संयंत्र (जेड.एल.डी.) न होने के कारण केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली तथा उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देहरादून के आदेशों के क्रम में बाजपुर चीनी मिल की आसवनी में दिनांक 23 जनवरी 2017 से एल्कोहॉल उत्पादन कार्य पूर्ण रूप से बन्द होने के फलस्वरूप बाजपुर चीनी मिल एवं आसवनी की वित्तीय स्थिति प्रतिकूलतः प्रभावित हो रही है। अतः राज्य की सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल बाजपुर की आसवनी को पुनः 25 के०एल०पी०डी० क्षमता पर संचालन के लिये आसवनी के आधुनिकीकरण करते हुए शून्य उत्प्रवाह संयंत्र (जेड.एल.डी.) लगाने, आसवनी में पूर्व स्थापित संयत्रों एवं कुछ अन्य संयत्रों के अनुरक्षण के लिये धनराशि बैंक से ऋण लिये जाने हेतु रू० 29.00 करोड़ की शासकीय प्रत्याभूति उपलब्ध कराये जाने का केबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है।
राज्य में वित्त, लेखा सम्बन्धी एवं अन्य विषयों पर समस्त विभागों तथा सचिवालय स्तर के कार्मिकों को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से वित्त विभाग के अधीन पं० दीनदयाल उपाध्याय वित्तीय प्रशासन, प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान, उत्तराखण्ड देहरादून की स्थापना की गयी। साथ ही राज्य के अधिक से अधिक कार्मिकों के कौशल, प्रशासकीय प्रबन्धन एवं योग्यता क्षमता में वृद्धि करना, राज्य में विभिन्न वित्तीय नियमों, मैनुअलों एवं नियमावलियों में स्थापित नियमों की प्रास्थिति का परीक्षण, शोध एवं परिवर्तन की आवश्यकता पर राज्य सरकार को शोधात्मक परामर्श प्रदान करना, उक्त संस्थान का उद्देश्य है। संस्थान के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु विशेषज्ञ के रूप में मानव संसाधन का होना अपरिहार्य होने के दृष्टिगत संस्थान में सृजित पदों के अतिरिक्त पूर्णकालिक व्याख्याता/शोधकर्ता, Learning & Development Expert (Financial Management), Training Coordinator पदों का सृजन किए जाने का निर्णय लिया।
कोषागार विभाग के अन्तर्गत लेखा लिपिक का पद मृत संवर्ग घोषित होने के दृष्टिगत ऐसे नियमति एवं स्थायी अनुसेवक, जिन्होंने इण्टरमीडिएट (कॉमर्स) अथवा समकक्ष परीक्षा अथवा बी०कॉम परीक्षा उत्तीर्ण की हो, अनुसेवक के पद पर 10 वर्ष की निरन्तर सेवा पूर्ण कर ली हो तथा निर्धारित पाठ्क्रम के अनुसार अर्हता परीक्षा उत्तीर्ण कर ली हो, की पदोन्नति हेतु वर्तमान में सृजित कुल सहायक लेखाकार के 326 पदों के सापेक्ष जनपदवार कुल 17 पद आरक्षित किए जाने का निर्णय।
उत्तराखण्ड राज्य के चारधामों एवं श्री हेमकुण्ड साहिब की यात्रा हेतु प्रतिवर्ष लाखों की संख्या मे देशी एवं विदेशी तीर्थयात्री/पर्यटक आते है तथा प्रतिवर्ष यात्रियों की संख्या में निरन्तर हो रही वृद्धि के दृष्टिगत चार धाम यात्रा व्यवस्था को सुचारू रूप से संपन्न करने के उददेश्य से पूर्व से गठित यात्रा प्रशासन संगठन, ऋषिकेश का संगठनात्मक ढांचा अपर्याप्त होने के कारण उक्त संगठन का नाम परिवर्तित करते हुए चारधाम यात्रा प्रबन्धन एवं नियन्त्रण संगठन” (Chardham Yatra Management and Control Organisation) किया गया है। उक्त संगठन के स्थाई कार्यालय हेतु 11 पदों के सृजन की स्वीकृति तथा डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, पूछताछ केन्द्र सहायक / सहायक स्वागती, अनुसेवक कार्य हेतु 9 व्यक्तियों की सेवायें आउटसोर्स के माध्यम से लिये जाने का प्रावधान किया गया है। जिसे कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई।
पशुपालन विभाग के नियमित पशुचिकित्साविदों को फरवरी, 2014 से उन्हें अनुमन्य मूल वेतन (निर्धारित वेतन+ ग्रेड वेतन) के योग के 25 प्रतिशत की दर से प्रैक्टिस बन्दी भत्ता (NPA) दिया जा रहा था। केन्द्रीय सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के क्रम में प्रदेश के विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों के लिए गठित वेतन समिति उत्तराखण्ड (2016) द्वारा दिये गये प्रतिवेदन / संस्तुतियों में पशुपालन विभाग के चिकित्सकों को प्रैक्टिस बन्दी भत्ता के सम्बन्ध में कोई उल्लेख न होने के कारण पशुपालन विभाग के पशुचिकित्साधिकारियों को प्रैक्टिस बन्दी भत्ता (NPA) दिया जाना रोक दिया गया था। पुनः प्रकरण वित्तीय नियम समिति को सन्दर्भित किया गया। वित्तीय नियम समिति द्वारा एलोपैथिक चिकित्सकों की भाँति राज्य पशुपालन विभाग के पशुचिकित्साविदों को 20 प्रतिशत प्रैक्टिस बन्दी भत्ता (NPA) अनुमन्य किये जाने की संस्तुति की गयी है। जिसके क्रम में मा0 मंत्रिमण्डल द्वारा पशुपालन विभाग के चिकित्साविदों को 20 प्रतिशत प्रैक्टिस बन्दी भत्ता (NPA) अनुमन्य किये जाने का निर्णय लिया गया है। इससे लगभग 400 पशुचिकित्साविद् लाभान्वित होंगे।
उत्तराखण्ड राज्य में वनाग्नि की घटनाओं हेतु चीड़ के वनों में पिरूल भी एक मुख्य कारण है । वनाग्नि सत्र 2023 में चीड़-पिरूल स्थानीय स्तर पर एकत्रीकरण करके व्यापक स्तर पर ब्रिकेट / पैलेट्स बनाये जाने की व्यवस्था विभाग स्तर से की जानी प्रस्तावित है। चीड़-पिरूल से घटित होने वाली वनाग्नि के रोकथाम हेतु एवं पिरूल एकत्रित करने के लिये क्षेत्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किसी व्यक्ति विशेष द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था यथा-वन पंचायत, स्वयं सहायता समूह एवं युवक मंगल दल आदि के माध्यम से वन क्षेत्रों में पिरूल को एकत्रित कर स्थाई रूप से निष्कासित करने पर विभाग द्वारा उस व्यक्ति को संस्था के माध्यम से राज्य सैक्टर की संगत योजनाओं अथवा कैम्पा के अन्तर्गत उपलब्ध धनराशि से रू0 2.00 प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान किये जाने की स्वीकृति शासनादेश संख्या-2198 / X-2-2019-21 (9) 2015 दिनांक 05 नवम्बर, 2020 के द्वारा प्रदान की गयी थी। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राज्य में चीड़-पिरूल एकत्रीकरण दर को आजीविका में वृद्धि के दृष्टिगत रू 2.00 प्रति किलोग्राम के स्थान पर रू0 3.00 प्रति किलोग्राम पुनरीक्षित किए जाने का निर्णय लिया गया।
उत्तराखण्ड राज्य में पशुधन हेतु वर्षभर हरे एवं सूखे चारे की उपलब्धता व पशुधन उत्पाद में वृद्धि के साथ महिलाओं के कार्यबोझ को कम करने के लिए उत्तराखण्ड चारा नीति प्रस्तावित की जा रही है। वर्तमान में आवश्यकता के सापेक्ष हरे चारे में 31 प्रतिशत तथा सूखे घारे में 17 प्रतिशत की कमी है। चारे की कमी की पूर्ति मुख्यत पंजाब एवं हरियाणा से आने वाले गेहूं के भूसे से की जाती है। भौगोलिक संरचना के कारण प्रदेश आपदा संभावित क्षेत्र है, जिसके कारण भी चारे की उपलब्धता बाधित होती रहती है। चारा नीति के क्रियान्वयन हेतु पशुपालन विभाग, सहकारिता विभाग, दुग्ध विकास विभाग तथा अन्य स्रोतों यथा REAP इत्यादि के समन्वय से कार्य सम्पादित किये जायेंगे तथा योजना में धनराशि की व्यवस्था राज्य अंश के अतिरिक्त भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं तथा अन्य योजनाओं के माध्यम से की जायेगी। राज्य में हरे चारे की पर्याप्त उपलब्धता हेतु पशुपालकों को 13300 उन्नत किस्म के चारा बीज वितरण कर हरा चारा उत्पादन वृद्धि, वर्तमान साइलेज निर्माण क्षमता से 25 हजार मी० टन वृद्धि, पशुपालकों को चैफ कटर वितरण तथा सिल्वीपाश्चर को बढ़ावा दिया जाना प्रस्तावित है। प्रथम वर्ष में 53400 मी० टन सूखा चारा तथा 1125300 मी० टन हरा चारा मध्यावधि (01 से 03 वर्ष) में 20 हजार मी० टन सूखा चारा तथा 19 हजार मी० टन हरा चारा तथा दीर्घावधि (03 से 05 वर्ष) 01 लाख टन हरा चारा उत्पादन की वृद्धि होगी । उत्तराखण्ड चारा नीति, 2023-28 लागू होने पर चारे की कुल 31 प्रतिशत कमी में से 2352 प्रतिशत की कमी दूर हो जायेगी। वर्तमान मे राज्य सूखे चारे की उपलब्धता में वृद्धि के लिये एफ०पी०ओ० की स्थापना कर दुग्ध उत्पादक समिति के सदस्यों से अतिरिक्त 5 हजार मी०टन फसल अवशेष कय भूसे का सुगम परिवहन के लिये समीपवती भूसा आधिक्य राज्य हरियाणा अथवा पंजाब में सार्वजनिक, सहकारी तथा निजी क्षेत्र की सहायता से एक 20000 मी० टन की सघनीकृत भूसा इकाई की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है। राज्य में भूसा भंडारण क्षमता में वृद्धि हेतु विभिन्न माध्यमों से 10 भूसा भंडारण गृह का निर्माण तथा राज्य में स्थापित चारा बैंकों में कॉम्पेक्ट फीड ब्लाक के अतिरिक्त साइलेज के भण्डारण क्षमता में वृद्धि किया जाना प्रस्तावित है। कुल प्रस्तावित व्यय रू0 13655.00 लाख में से JICA-NPDD से रू 2367.00 लाख REAP से रू० 225500 लाख नाबार्ड मे रू 2000.00 लाख: तथा राज्य सैक्टर से रू 6683.60 लाख का व्यय उक्त योजनाओं के माध्यम से किया जायेगा। राज्य सैक्टर में रू0 3110.00 लाख की योजनायें पूर्व से ही मतिमान है। इस प्रकार उत्तराखण्ड बारा नीति, 2023 – 28 में राज्य सेक्टर रू0 3573.00 लाख की अतिरिक्त आवश्यकता होगी। चारा नीति में प्राकृतिक आपदा एवं आकस्मिकता की स्थिति में प्रदेश में चारे की निर्वाध आपूर्ति हेतु कॉर्पस फण्ड / परिक्रानी निधि की स्थापना हेतु उत्तराखंड चारा नीति 2023- 28 को मंजूरी।
मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड सरकार के कुशल नेतृत्व एवं पशुपालन मंत्री, उत्तराखण्ड के योग्य निर्देशन में उत्तराखण्ड सरकार के द्वारा स्थानीय युवाओं, विशेषकर महिलाओं हेतु उद्यमिता विकास द्वारा प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन के लिये एवं सभी पशुपालको के समग्र विकास हेतु केबिनेट द्वारा मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड राज्य पशुवन मिशन (CMUSLM) को प्रारम्भ करने का निर्णय लिया है। इसके द्वारा न केवल युवाओं के लिये रोजगार सृजन होगा, अपितु ये योजनायें भूमिहीन एवं सीमांत गरीब किसानों के लिये जीविकोपार्जन के साधन उपलब्ध कराकर प्रतिलोमीप्रवास (रिवर्स माइग्रेशन) में सहायक सिद्ध होगी।
वर्तमान में उत्तराखण्ड युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग के अंतर्गत प्रांतीय रक्षक दल के स्वयंसेवकों के कार्यों के विनियमन हेतु राज्य में संयुक्त प्रान्तीय रक्षक दल अधिनियम, 1948 प्रचलित है। उत्तराखण्ड राज्य के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप प्रांतीय रक्षक दल के कार्यों में शान्ति सुरक्षा के साथ-साथ सरकारी व अर्द्धसरकारी अधिष्ठानों के अन्तर्गत विभिन्न प्रयोजनों के लिये आवश्यकतानुसार स्वयंसेवक के रूप में सहयोग प्राप्त किये जाने हेतु कतिपय अंशों को परिवर्तित एवं निष्प्रयोज्य धाराओं को हटाये जाने हेतु तथा पी०आर०डी० स्वयंसेवकों की मांग एवं कार्य के सापेक्ष उनके लिये अवकाश आदि की व्यवस्था किये जाने हेतु संयुक्त प्रान्तीय रक्षक दल अधिनियम, 1948 में संशोधन करते हुये उत्तराखण्ड रक्षक दल (संशोधन) अध्यादेश, 2023 प्रख्याजित किए जाने का निर्णय।
केबिनेट द्वारा स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इम्पावरिंग एण्ड ट्रांसफॉरमिंग (सेतु) का संगठनात्मक ढांचा गठन के संबंध में लिया गया निर्णय। इसके अंतर्गत नीति आयोग की भांति राज्य में नीति नियोजन से संबंधित संस्थान स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इम्पावरिंग एण्ड ट्रांसफॉरमिंग (सेतु) आयोग का गठन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत नागरिकों के विकास एवं कल्याण हेतु सामाजिक और व्यक्तिगत आकांक्षाओं की पूर्ति हेतु विषय निर्धारित करना तथा उस पर सक्रिय रहते नागरिकों की आवश्यकतानुसार कार्य करना । राज्य के चहुमुखी विकास हेतु नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना । राज्य के युवाओं के लिए अवसरों की समानता सुनिश्चित कराना। पर्यावरण को बचाते हुए सतत् विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति करना। सरकार को प्रत्यक्ष और उत्तरदायी बनाने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग कर पारदर्शिता सुनिश्चित करना शामिल है। इसमें राज्य के संसाधनों के कुशल और प्रभावी उपयोग के लिये अभिसरण, समन्वय, सामुदायिक भागीदारी और नेटवर्किंग का उपयोग तथा राज्य के संसाधनों के कुशल और प्रभावी उपयोग के लिये अभिसरण, समन्वय, सामुदायिक भागीदारी और नेटवर्किंग का बेहतर तरीके से उपयोग हो सकेगा।
केबिनेट द्वारा मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना को दी गई मंजूरी। जिसके अन्तर्गत विदेश रोजगार हेतु युवाओं को Domain क्षेत्र में कौशल उन्नयन प्रशिक्षण के साथ-साथ सम्बन्धित देश के Language, Culture, Work Ethics, आदि के बारे में प्रशिक्षण भारत सरकार द्वारा Empanelled संस्थाओं के माध्यम से दिये जाने हेतु दिशा-निर्देश को मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदित किया गया है। उक्त योजना में राज्य सरकार द्वारा समस्त प्रशिक्षण पर होने वाले व्यय का 20 प्रतिशत वहन किया जायेगा। अभ्यर्थी द्वारा शेष प्रशिक्षण धनराशि हेतु बैंक से लोन लिये जाने पर उक्त ऋण पर देय ब्याज का अधिकतम 75 प्रतिशत भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। संस्था द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम की फीस को इस प्रकार निर्धारित किया जायेगा कि अभ्यर्थी के सेवायोजित होने से पूर्व 30 प्रतिशत की धनराशि देय होगी। प्रथम चरण में विभाग द्वारा Nursing एवं Hospitality के क्षेत्र में विदेश में उपलब्ध रोजगार के अवसरों से राज्य के युवाओं को जोड़े जाने हेतु प्रयास किये जाएगें।
उत्तराखण्ड में मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण प्रकोष्ठ की स्थापना एवं उत्तराखण्ड में मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण निधि की स्थापना को केबिनेट ने दी मंजूरी। राज्य में मानव एवं वन्यजीवों के मध्य होने वाली घटनाओं का वैज्ञानिक विश्लेषण किये जाने हेतु मानव वन्यजीव प्रकोष्ठ की स्थापना की जानी प्रस्तावित है, जिसमें प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) / मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के कार्यालय सहयोग हेतु 01 वन क्षेत्राधिकारी अथवा समकक्ष उप वन क्षेत्राधिकारी (विभागीय तैनाती के माध्यम से), 01 पद जी०आई०एस० विशेषज्ञ एवं 02 पद विशेषज्ञ – जे०आर०एफ / एस०आर०एफ० बाह्य स्रोत अनुबंध के आधार रखे जाने का प्रस्ताव है। मानव वन्यजीव संघर्ष के प्रकरण में मृत किसी व्यक्ति के परिजनों अथवा घायल किसी व्यक्ति एवं उनके परिजनों को मौके की परिस्थिति के अनुसार कोई आकस्मिक एवं तात्कालिक सहयोग किये जाने एवं वन्यजीवों के डी०एन०ए० जांच एवं अन्य चिकित्सीय जांच आदि तथा मानव वन्यजीव संघर्ष के अन्तर्गत पकड़े गये वन्यजीवों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने इत्यादि हेतु मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण निधि की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है। उक्त निधि हेतु प्रत्येक वर्ष राज्य सरकार द्वारा 02.00 करोड़ रूपये तक की धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। इस धनराशि में राज्य सरकार द्वारा अपने विवेकानुसार कमी एवं वृद्धि की जा सकेगी। यह धनराशि नॉन लेप्सेबल धनराशि उपयोग हेतु बनी रहेगी। उक्तानुसार इस कोष का स्वरूप सतत् होगा।
केबिनेट बैठक से पूर्व उत्तराखंड की जनता की ओर से राज्य मंत्रिमण्डल द्वारा स्वर्गीय चन्दन राम दास के शोक संतप्त परिवार प्रति अपनी शोक संवेदनाए प्रकट की और दिवंगत आत्मा की शांति तथा उनके परिवार एवं शुभ चिन्तकों को इस गहन दुःख एवं अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की तथा दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना को राज्य कैबिनेट ने दी मंजूरी

आप विदेश में रोजगार के अवसर तलाश रहे हैं और कोई रास्ता बनता नहीं दिख रहा तो चिंता की कोई बात नहीं। राज्य की धामी सरकार ने युवाओं के इस सपने को पूरा करने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना’’ शुरू करने का निर्णय लिया है। आज राज्य मंत्रिमंडल ने इस पर अपनी मुहर भी लगा दी है। योजना की खास बात यह है कि विदेश में रोजगार के इच्छुक युवाओं को उस लिहाज से तराशने का काम भी राज्य सरकार करेगी। इसके अतिरिक्त चयनित होने वाले अभ्यर्थियों के टिकट, वीजा आदि से संबंधित प्रक्रियाओं में भी सरकार मदद करेगी।
मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना को आज मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया जिसे कैबिनेट ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। बताया गया कि विदेश में रोजगार के इच्छुक युवाओं से सम्बन्धित डाटाबेस तैयार करने के लिए ‘अपुणी सरकार पोर्टल’ पर एप्लीकेशन विकसित की जा चुकी है। इसके अलावा विदेश रोजगार के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के माध्यम से प्रस्ताव आमंत्रित किये जा रहें हैं तथा अब तक इसी कड़ी में कई संस्थाओं के प्रस्ताव सरकार को प्राप्त हो चकें हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को विदेश में उपलब्ध रोजगार से राज्य के युवाओं को जोड़े जाने के लिए प्रदेश में कार्य करने के इच्छुक हैं। इन संस्थाओं से विचार-विमर्श के बाद प्रथम चरण में नर्सिंग और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्रों में राज्य के युवाओं हेतु उपलब्ध विदेश में रोजगार के अवसरों से जोड़े जाने हेतु कार्य किये जाने पर सहमति बनी है।
इसके लिए विदेश रोजगार हेतु युवाओं को डोमेन क्षेत्र में कौशल उन्नयन प्रशिक्षण के साथ-साथ सम्बन्धित देश की भाषा, संस्कृति एवं कार्य नियमों आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया जाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त चयनित अभ्यर्थियों के टिकट वीजा आदि से सम्बन्धित प्रक्रियाओं में भी सहयोग प्रस्तावित है।

नर्सिंग कॉलेज के प्रधानाचार्य संग हो चुकी है बैठक
नर्सिंग के क्षेत्र में विदेश में उपलब्ध रोजगार के अवसर की जानकारी देने के लिए समस्त नर्सिंग कॉलेजों के प्रधानाचार्यों के साथ वर्कशॉप की जा चुकी है तथा उनके द्वारा इस समबन्ध में पूर्ण सहयोग प्रदान किये जाने का आश्वासन भी दिया गया है। इसके अलावा नर्सिंग एवं हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्रों प्रशिक्षण प्रदान कर रहीं विभिन्न संस्थाओं से इस सम्बन्ध में विचार-विमर्श एवं युवाओं के साथ वर्कशॉप की जा चुकी है।

9 मई को होगी वर्कशॉप
आगामी 9 मई को विभिन्न नर्सिंग कॉलेजों से एएनएम एवं जीएनएम उत्तीर्ण युवाओं हेतु जापान में एल्डरली केअर में उपलब्ध रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान किये जाने के लिए वर्कशॉप भी रखी गयी है तथा उक्त वर्कशॉप में ही इच्छुक युवाओं का स्क्रीनिंग टेस्ट लिया जायेगा तथा चयनित युवाओं का प्रशिक्षण आरम्भ किया जायेगा। यह प्रशिक्षण स्किल हब सहसपुर में होना प्रस्तावित है।

धामी कैबिनेट ने पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई नीति को दी मंजूरी

उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई पर्यटन नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत सरकार निजी क्षेत्र को निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी। राज्य में जो निवेशक हेली टूरिज्म, कैरावेन टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, कैब ऑपरेटर के इलेक्ट्रिक वाहनों में पूंजी निवेश करेगा, उसे सरकार शत-प्रतिशत सब्सिडी देगी। बता दें कि 2018 की पर्यटन नीति में पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने पर मात्र 10 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान था।
भराड़ीसैंण में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में सात प्रस्तावों पर मुहर लगी। जबकि एक प्रस्ताव स्थगित हुआ। मंजूर की गई नई पर्यटन नीति के तहत कौशल प्रशिक्षण, विपणन, और अपशिष्ट उपचार के क्षेत्र में निवेश करने पर 25 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी।
यह नीति अगले सात साल यानी 2030 तक प्रभावी रहेगी। पर्यटन क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। इज ऑफ डूइंग बिजनेस की वेबसाइट पर निवेशकों के लिए कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म पात्रता प्रमाणपत्र के रूप में मान्य होगा।

पुराने निवेशकों को भी मिलेगा लाभ
पूंजीगत सब्सिडी का लाभ उन पुराने निवेशकों को भी दिया जाएगा जो आतिथ्य इकाइयों का विस्तार करना चाहते हैं। प्रत्येक निवेश परियोजना की अर्हता के लिए निवेश की सीमा पांच करोड़ रुपये से कम नहीं होगी। इसके अलावा 2018 की पर्यटन ऑपरेशनल गाइड लाइन को भी मंजूरी दी गई है। वहीं, ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के ड्रोन शो में जो खर्च हुआ, उसका भुगतान सरकार करेगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

बिना अनुमति पेड़ काटने पर अब जेल नहीं, जुर्माना बढ़ाया
प्रदेश में बिना अनुमति निजी भूमि से पेड़ काटने पर अब कारावास की सजा नहीं होगी। मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अधिनियम में पेड़ काटने पर पांच रुपये जुर्माना और छह महीने की सजा का प्रावधान है। इसमें सजा को हटाकर जुर्माने को पांच हजार रुपये प्रति पेड़ कर दिया गया है।

लोनिवि के 38 संविदा जेई ग्राम्य विकास में शामिल
लोक निर्माण विभाग में संविदा पर तैनात 38 कनिष्ठ अभियंताओं को ग्राम्य विकास विभाग में शामिल कर दिया गया है। ये सभी अभियंता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में कार्यरत थे। इनकी संविदा समाप्त हो रही थी।

विधवा पुत्र वधू भी अब मृतक आश्रित में शामिल
कैबिनेट ने उत्तराखंड कर्मचारी मृतक सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी। इसके तहत कर्मचारी की पुत्र वधू को भी मृतक आश्रित के लिए पात्र माना गया है। पुत्र की मृत्यु होने पर पुत्र वधू को मृतक आश्रित के तहत नौकरी मिल सकेगी।

और ये भी फैसले हुए
2018 की पर्यटन ऑपरेशनल गाइडलाइन में संशोधन।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में ड्रोन से शो के खर्च को मंजूरी।

कैबिनेट फैसलों में लिए गए अहम निर्णय…

सीएम आवास में कैबिनेट में बैठक संपन्न हुई। इस दौरान 52 प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी है। मुख्य सचिव एसएस संधू ने ब्रीफिंग कर बैठक की विस्तार में जानकारी दी।

मुख्य सचिव ने बताया कि रेरा के ढांचे में 31 पद मंजूर हुए। आवास विभाग में दिव्यांग बच्चों के लिए 3000 वर्ग मीटर ग्राम ब्सली पुरस्कार दिया गया। मसूरी में 15 मीटर तक मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाई जाए पर बनी सहमति।

ऋषिकेश एम्स की ब्रांच के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा, तब तक कोई भी निर्माण कार्य 3 महीने तक नहीं किया जाएगा।

सहसपुर में स्किल हब बनाने का निर्णय लिया गया। ग्रह विभाग में कारगर में बंदी रक्षक के तैनाती अधिकारी बदले गए अब रेंज को अधिकारी मिला। स्टार्टअप के क्षेत्र में भारत टॉप 5 में शामिल है, ऐसे में योजनाओं के दौरान बेहतर बिंदू को लेकर के उत्तराखंड काम करेगा।

स्टार्टअप के लिए नहीं नीति हुई मंजूर
नई औद्योगिक नीति में 2 एकड़ जमीन 30 एकड़ मैदानी इलाके में यदि किसी के पास है तो इन्वेस्टमेंट के आधार पर 2ः खर्च रोड, बिजली, पानी पर सरकार करेगी एसटीपी के लिए भी मदद मिलेगी
निवेशक अब पहाड़ में 2 एकड़ और मैदानी इलाकों में 30 एकड़ तक जमीन खरीद सकते हैं
सिविल कोर्ट परिसर खटीमा में चैंबर के लिए 90 साल तक जमीन सरकार देगी
आयुर्वैदिक महाविद्यालय के प्रधानाचार्य की रिटायरमेंट की आयु सीमा बढ़ाकर 60 से 65 साल किया गया
स्कूल एजुकेशन में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए नई शिक्षा नीति के तहत घर में पढ़ाने वाले बच्चों के लिए 285 शिक्षकों को भर्ती किया जाएगा।
ग्रह कारागार के लिपिक के नियमावली मे किया गया संशोधन
देहरादून में मेट्रो नियो के लाइन बिछाने का स्टेशन के लिए विभाग जमीन देंगे, क्योंकि कई विभागों की जमीन इसके बीच में आ रही है।
परिवहन विभाग निगम 100 बसे खरीदने जा रहा है उस पर जो ऋण लगेगा, उसका ब्याज सरकार द्वारा किया जाएगा।
डैड में ऑनलाइन ही आवेदन होगा
कृषि कल्याण विभाग के तहत मंडुवा को 35 रूपये प्रति किलो के भाव से सरकार खरीदेगी।
मिलट मिशन को राज्य सरकार ने दी मंजूरी
4 जनपद में अंत्योदय योजना के तहत 1 किलो मंडुआ भी मिलेगा। श्रम विभाग में पंजीकरण के दौरान आ रही परेशानी को लेकर निर्णय लिया गया है की 20 दिन में पंजीकरण नहीं करता तो उसको स्वस्थ पंजीकरण ही माना जायेगा।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फॉरेस्ट में इको टूरिज्म समिति का गठन किया गया
ग्राम विकास विभाग के तहत काम
सभी प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए राज्य स्तरीय समिति बनेगी
हरिद्वार में पाड सिस्टम को मंसूरी अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा, 20 किलोमीटर और 4 सेक्टर होंगे हरिद्वार में
डैडम् में कस्टमाइज पैकेज के लिए नीति बनाई गई है, जिसके इंवेस्टर 200 करोड़ से अधिक निवेश के लिए एक कमेटी का गठन होगा
गन्ना विभाग की सितारगंज चीनी मिल को निजी हाथ में सौंपा जाएगा सरकार का ₹40करोड़ खर्च आता है ऐसे में 5 करोड रूप्ये़ सरकार को भी मिलेगा।
उद्योग विभाग का खनन विभाग में फैसला लेने का अधिकार जिलाधिकारी को भी दिया गया
स्कूल में सप्ताह में अब 2 दिन सुगंधित दूध दिया जाएगा
सिंगल यूज प्लास्टिक घर आने वाली फैक्ट्री अगर कोई अल्टरनेटिव बनाकर देती है तो विकल्प लाने वाली फैक्ट्री को राहत दे देगी सरकार
वित्त विभाग के तहत जमीनों के सर्कल रेट के प्रस्ताव को मिली मंजूरी
विधानसभा का बजट सत्र आगामी 13 से 18 मार्च तक गैरसैंण में आहूत किया जाएगा
नैनीताल की माल रोड के सौंदीयकरण के बाद अब अल्मोड़ा के पटल पर कभी किया जाएगा सौंदीयाकरण
देहरादून के बीचो बीच गोडाउन जिस तरह से चयनित किए गए थे, अब अन्य शहरों में भी चयनित किए जाएंगे।
3 लाख से नीचे कार्य कोई भी जिला योजना में नहीं ले जाएंगे
एक्सीडेंट्स को रोकने के लिए क्रैश बैरियर का निर्माण किया जाएगा
मत्स्य पालन में तालाब पालन के लिए 100 वर्ग मीटर से कम करके 50 वर्ग मीटर किया गया है।

कैबिनेट में हुआ फैसला, शहरी क्षेत्रों में बनेंगे साइकिल ट्रैक

मसूरी में बीते माह हुए दो दिवसीय चिंतन शिविर में उत्तराखंड को सशक्त बनाने के लिए मिले 25 सुझावों को मूर्त रूप देने को कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। संबंधित विभागों को इन सुझावों पर कार्ययोजना प्रस्तुत करने के लिए एक से तीन माह का समय दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इन कार्ययोजना को मंजूरी देने के लिए अधिकृत किया गया है। अब इन्हें दोबारा कैबिनेट के समक्ष रखने की आवश्यकता नहीं होगी। प्रदेश सरकार का मुख्य फोकस राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने यानी वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश के अग्रणीय राज्यों में शामिल करने पर है।

इसके लिए बीते माह 22 से 24 नवंबर के बीच मसूरी में चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था। तीन दिन तक चले मंथन के बाद इसमें विभिन्न विभागों से संबंधित 25 बिंदु ऐसे चिह्नित किए गए जो राज्य के सर्वांगीण विकास में सहायक हो सकते हैं। मंगलवार को इन बिंदुओं का कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुतिकरण हुआ। इन्हें प्रदेश में लागू करने पर कैबिनेट ने सैद्धांतिक सहमति जता दी।
भूखंडों के आवंटन को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनेगी समिति
कैबिनेट ने तय किया कि प्रदेश में भूमि की स्थिति के अनुसार उसका सदुपयोग किया जाएगा। शहरों के भीतर बने गोदाम, पशु चिकित्सालयों, मंडियों आदि को बाहर स्थानांतरित किया जा सकता है। शहर के भीतर व बाहर की भूमि के आवंटन को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अनुशंसा समिति बनाई जाएगी।

इसमें सचिव नियोजन व सचिव वित्त के अलावा भूमि की मांग करने वाले विभाग के सचिव, भूमि के स्वामित्व वाले विभाग के सचिव व राजस्व विभाग के सचिव को शामिल किया जाएगा। इसकी अंतिम स्वीकृति मुख्यमंत्री के स्तर से होगी।
सभी जिलों को मार्च तक कराना होगा जिला योजनाओं का अनुमोदन
वित्त विभाग हर वर्ष जिला योजना के बजट का निर्धारण कर सभी जिलों को 31 दिसंबर तक इसकी सूचना देगा। सभी जिलों के लिए जनवरी से मार्च तक जिला योजना का अनुमोदन लेना अनिवार्य किया गया है। मई तक योजना का अनुमोदन न होने पर 10 प्रतिशत राशि की कटौती की जाएगी। इसके पश्चात मुख्यमंत्री जिला योजना का अनुमोदन करेंगे

दो वर्ष में चिह्नित स्थानों पर लगाए जाएंगे शत प्रतिशत क्रैश बैरियर
प्रदेश में सड़क सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए तीन माह के भीतर सभी दुर्घटना संभावित स्थानों की पहचान की जाएगी। अगले दो वर्ष में यहां क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे। इसके लिए लोनिवि को आवश्यकतानुसार बजट दिया जाएगा।
परिवार रजिस्ट्री तंत्र होगा विकसित
राज्य की डेटा प्रणाली में बेहतर सामंजस्य के लिए परिवार रजिस्ट्री विकसित की जाएगी। इससे सभी लाभार्थीपरक योजनाओं एवं प्रमाण पत्र मामले में त्वरित कार्यवाही हो सकेगी।

उत्कृष्ट शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उत्कृष्ट शिक्षकों की पहचान की जाएगी। इन शिक्षकों को आइआइएम समेत देश व विदेश के प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों व विश्वविद्यालयों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। फिर ये मास्टर ट्रेनर प्रदेश में अन्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करेंगे।
हरित तकनीक से बनेंगी 25 प्रतिशत सड़कें
राज्य में वर्ष 2025 तक कम से कम 25 प्रतिशत सड़कों का निर्माण हरित तकनीक के साथ किया जाएगा। इनके निर्माण में फिर से इस्तेमाल होने योग्य सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा।

शहरी क्षेत्रों में बनाए जाएंगे साइकिल ट्रेक
शहरी क्षेत्रों में साइक्लिंग को बढ़ावा देने के लिए साइकिल ट्रेक की पहचान की जाएगी। जहां भी संभव होगा, वहां इनका निर्माण किया जाएगा। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए वर्ष 2025 तक हर 100 किमी पर एक चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा।
ये भी हैं अहम बिंदु
– नीति आयोग की तर्ज पर राज्य में बनेगा थिंक टैंक। इसके लिए उत्तराखंड सेतू के गठन को सैद्धांतिक स्वीकृति

– परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण व पीपीपी में परियोजनाओं के लिए उत्तराखंड निवेश एवं अवस्थापना विकास बोर्ड का होगा गठन

– प्रदेश में मलिन बस्तियों की समस्या के समाधान को बनेगा आवास माडल। सभी शहरों में बनेंगी 5000 यूनिट

– सभी नदियों की बाढ़ शमन योजना की जाएगी तैयार
निकायों में कार्यों को गति देने के लिए अधिकारियों को दिए जाएंगे अतिरिक्त प्रभार

– सीडीओ को ग्रामीण के साथ ही शहरी क्षेत्रों के पर्यवेक्षक अधिकारी के रूप में किया जाएगा नामित

– विद्यालयों में बनाए जाएंगे सर्वेात्तम तकनीक से सुसज्जित पुस्तकालय

– स्कूली ढांचे में किया जाएगा सुधार, लैब व स्मार्ट कक्षाएं होंगी विकसित

– सहकारिता एवं मंडी परिषद के माध्यम से होगी मोटे अनाज की खरीद
फल, फूल व सब्जियों के संवर्द्धन को मुख्य शहरों में बनेंगे उत्कृष्टता केंद्र

– सभी ट्रेकिंग अनुमति के लिए सिंगल विंडो पोर्टल होगा विकसित

– होम स्टे के प्रचार और प्रमाणन के लिए निजी एग्रीगेटर होगा नियुक्त

– शहरी की सीमा से बाहर स्थित रिसोर्ट पर भी लगाया जाएगा कर

– यूजर चार्ज को वर्तमान मुद्रास्फीति दर से जोड़ने को होगा परीक्षण

– यूजर चार्ज की वसूली बिजली के बिलों के साथ करने पर होगा विचार

– इलेक्ट्रिक कचरे के लिए बनेगी ई-अपशिष्ट नीति

– उत्तराखंड में ड्रोन प्रशिक्षण स्कूलों का निर्माण

– उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी निवेश को मिलेगी सैद्धांतिक स्वीकृति

जानिए धामी कैबिनेट में इन महत्वपूर्ण विषयों पर हुई चर्चा, क्या लिए गए फैसले…

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। जिसमें अनुपूरक बजट लाने जैसे कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में 18 प्रस्ताव आए और सभी पर कैबिनेट की मुहर लग गई।

कैबिनेट ने कैदियों को राहत देते हुए बड़ा फैसला लिया है। मंत्रिमंडल ने अब आजीवन कारावास की अवधि 14 साल कर दी है। पहले महिला को 14 से 16 और पुरुष की 16 से 18 के बीच आजीवन कारावास की अवधि होती थी। इसके बाद इन्हें छोड़ा जा सकता था। अब 14 साल की कैद के बाद इन्हें छोड़ा जा सकता है। इसके अलावा एक राहत की बात ये है कि पहले केवल 15 अगस्त या 26 जनवरी को कैदियों को छोड़ा जाता था, लेकिन अब कैदियों को कभी भी रिहा किया जा सकेगा।

कैबिनेट बैठक में आगामी विधानसभा सत्र के दौरान पेश होने वाले अनुपूरक बजट का भी प्रस्ताव लाया गया। जिस पर तय हुआ कि सत्र में इस साल 4867 का अनुपूरक बजट लाया जाएगा।

अन्य फैसले
– लीसा उठान पर स्टाम्प ड्यूटी 5 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत की।
– रोडवेज वर्कशॉप पर बनेगी स्मार्ट सिटी ग्रीन बिल्डिंग।
– सभी बस अड्डों की जमीन रोडवेज को दी जाएगी।।
– आरटीई के तहत प्रतिपूर्ति 1300 से बढ़ाकर 1800 करीब किया गया।
– जल निगम के ढांचे का पुनर्गठन होगा। एसई के 6 पद बढ़ाए गए।
– राज्य कॉपरेटिव बैंक, राज्य सहकारी संघ में अब प्रोफ़ेसनल एमडी की हो सकती है नियुक्ति, इससे पहले अधिकारी ही होते थे नियुक्त।