सीएम तीरथ बोले, आक्सीजन प्लांटों से उनके क्षमता के अनुरूप पूर्ण उत्पादन को सरकार प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में बढती आक्सीजन की माँग को देखते हुए मै. लिण्डे इण्डिया के लिक्विड आक्सीजन प्लांट के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए रिकार्ड समय में अंडरग्राउंड कैबलिंग पूर्ण करने पर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी जज्बे के साथ काम करते हुए हम कोविड के खिलाफ लङाई में अवश्य जीत हासिल करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में कोविड महामारी के कारण देश में ऑक्सीजन की कमी की समस्या के दृष्टिगत ऑक्सीजन प्लांटों से उनके क्षमता के अनुरूप पूर्ण उत्पादन सम्भव हो सके, इसके लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।

गौरतलब है कि देहरादून स्थित सेलाकुई क्षेत्र में मै. लिण्डे इण्डिया द्वारा वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 160 टन लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है जो कि वर्तमान में कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की माँग के दृष्टिगत अत्यन्त महत्वपूर्ण है। दिनांक 23.04.2021 के पश्चात् दिनांक 08.05.2021 के मध्य मै. लिण्डे को पोषित करने वाली 33 के०वी० लाइन में 5 ट्रिपिंग व 1 मौके पर अन्डर वोल्टेज के कारण प्लान्ट में उत्पादन बाधित होने की सूचना प्राप्त हुई। ट्रिपिंग के कारणों की समीक्षा में पाया गया कि 33 के०वी० लाईन का लगभग 3.00 कि०मी० भाग ऐसे क्षेत्र से गुजरता है जहाँ garbage/animal waste फेंके जाने के कारण बड़ी संख्या में पक्षी क्षेत्र में आकर्षित होते हैं एवं मुख्यतः बर्डफाल्ट के कारण 33 के०वी० लाईन पर ट्रिपिंग दर्ज की जा रही थीं।

वर्तमान समय में एक-एक लीटर ऑक्सीजन की महत्ता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उक्त समस्या का समाधान जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। सचिव (ऊर्जा), उत्तराखण्ड शासन, राधिका झा द्वारा दिनांक 08.05.2021 को सेलाकुई में ऑक्सीजन प्लांट एवं 33 के०वी० लाईन का स्थलीय निरीक्षण / समीक्षा की गयी। तथा आच्छादित क्षेत्र में garbage/animal waste तत्काल हटाने के निर्देश दिये गये। जिला प्रशासन को यह भी निर्देशित किया गया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उक्त क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति नया कूडा इत्यादि न डाले। साथ ही यह निर्णय भी लिया गया कि मै. लिण्डे को पोषित करने वाली इस समस्या से आच्छादित 3 कि०मी० की लाईन को भूमिगत किया जाये जिसके लिये लगभग 5 कि०मी० भूमिगत केबिल डाली जानी आवश्यक थी। भूमिगत केबल डाले जाने के कार्य का व्यय लगभग रु. 3.2 करोड़ की स्वीकृति ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वीकृत करायी गई एवं इस कार्य को पूर्ण किये जाने हेतु 7 दिनों का समय निर्धारित किया गया जब तक भूमिगत केबल का कार्य पूर्ण हो लाईन पर ट्रिपिंग रोकने के लिये स्थानीय प्रशासन के सहयोग से लाईन के प्रत्येक विद्युत पोल पर मानवशक्ति कार्योजित करते हुये पक्षियों को लाईन के निकट न आने से रोका गया।

दिनांक 09.05.2021 को भूमिगत केबल डाले जाने का कार्य प्रारम्भ करते हुए लगभग 5 कि०मी० भूमिगत केबिल डाली गई और दिनांक 15.05.2021 को रिकार्ड 7 दिन के समय में यह कार्य पूर्ण कर लाईन ऊर्जीकृत की गई। कोविड के कारण उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों में भी भूमिगत केबिल डाले जाने हेतु केबल अलवर तथा दिल्ली, एच०डी०पी० पाईप गाजियाबाद, ज्वाईटिंग किट लखनऊ तथा मानव शक्ति सहारनपुर से मंगायी गयी। रात-दिन युद्धस्तर पर कार्य सम्पादित कर यह कार्य एक सप्ताह के अल्प समय में पूर्ण कराया गया। इस महत्वपूर्ण कार्य को अल्प समय में पूर्ण किये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री द्वारा सभी कार्यों को कराये जाने हेतु विशेष स्वीकृति प्रदान की जिससे कोविड माहमारी के दृष्टिगत एक भी लीटर ऑक्सीजन की हानि न हो।

ऊर्जा मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आक्सीजन प्लान्ट को होने वाली एक भी ट्रिपिंग की समीक्षा की जा रही है तथा उनके द्वारा टास्क फोर्स का गठन करते हुये केन्द्र से पी०जी०सी०आई०एल० एवं टाटा पावर के अधिकारियों को इस हेतु समीक्षा व सहयोग हेतु देहरादून भेजा गया। इस टास्क फोर्स द्वारा भी उत्तराखण्ड में किये गये निर्णयों व कार्यों सही पाया। उक्त कार्य बिना किसी शटडाउन के पूर्ण कराया गया। मात्र 3.5 घण्टे का शटडाउन केबल को जोड़ने के लिये लिया गया तथा इस 3.5 घण्टे में भी 10 कि०मी० की ओवरहेड लाईन में यथाआवश्यक कार्य पूर्ण किये गये जिससे विद्युत आपूर्ति में निरन्तरता सुनिश्चित की जा सकेगी। साथ ही साथ मै. लिण्डे के प्लान्ट में वोल्टेज डिप के कारण ट्रिपिंग न हो इस हेतु रिले की सैटिंग पिटकुल, पी.जी.सी.आई.एल. व टाटा पावर के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से की गयी।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दिए गए निर्देशों के क्रम में अत्यंत अल्प समय में यह कार्य पूर्ण किये जाने पर सचिव (ऊर्जा), राधिका झा, प्रबन्ध निदेशक यू०पी०सी०एल० डा० नीरज खैरवाल, निदेशक (परियोजना), जगमोहन सिंह स्थाण, निदेशक (परिचालन) अतुल कुमार अग्रवाल तथा अन्य समस्त अधिकारियों की सराहना की। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय द्वारा रिकार्ड समय में भूमिगत केबल का कार्य पूर्ण किये जाने पर ऊर्जा विभाग, उत्तराखण्ड की सराहना की गई।

डीआरडीओ द्वारा बनाए जा रहे कोविड अस्पताल का सीएम तीरथ सिंह रावत ने किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज आईडीपीएल में डीआरडीओ की ओर से तैयार किए जा रहे 500 बेड के कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया। मौके पर डीआरडीओ के अधिकारियों से निर्माण कार्यों की जानकारी हासिल की। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बताया कि 17 मई तक हॉस्पिटल तैयार कर लिया जाएगा। इसमें 120 आईसीयू बेड के अलावा ऑक्सीजन प्लांट भी होगा। योजना के अंतर्गत हल्द्वानी और ऋषिकेश में 500-500 बेड के अस्पताल का निर्माण हो रहा है।

इसके बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऋषिकेश एम्स पहुँचकर यहां निदेशक प्रोफेसर रविकांत एवं उनकी टीम के साथ तैयारियों को लेकर बैठक की। उन्होंने अस्पताल में उपलब्ध ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर आदि के बारे में जानकारी ली। कहा कि अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि वे 24 घंटे पहले अपनी ऑक्सीजन जरूरतों के लिए प्रशासन को अवगत कराएं ताकि अफरा तफरी की स्थिति न बने। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कोविड महामारी से जंग में जुटे सभी डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ का आभार भी जताया। मुख्यमंत्री को एम्स निदेशक ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में कम क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट हैं जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है। एम्स निदेशक ने कहा कि अस्पताल में 40 हजार लीटर के ऑक्सीजन प्लांट की आवश्यकता है जिस पर मुख्यमंत्री ने इस मामले में सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, जिलाधिकारी डा. आशीष श्रीवास्तव, एसडीएम वरुण चैधरी, तहसीलदार अमृता शर्मा, नगर आयुक्त नरेन्द्र सिंह क्वीरियाल, हॉस्पिटल डिजाइनर ले कर्नल रमन त्यागी, सूबेदार मेजर सुभाष, निगम के जेई उपेन्द्र गोयल आदि मौजूद थे।

कोविड कर्फ्यू में बिना वजह घूम रहे 27 वाहन सीज

ऋषिकेश में कोविड कर्फ्यू का पालन करवाते हुए दोपहर दो बजे अनावश्यक घूमने वाले 27 वाहन को पुलिस ने सीज किया है।

कोतवाल रितेश शाह के मुताबिक, दोपहर दो बजे अनावश्यक रूप से घूमने वाली 27 गाड़ी, स्कूटी, मोटरसाइकिल चालकों के वाहनों को सीज किया गया है।

सीएम को सेवा इंटरनेशनल संस्था की ओर से दिए गए पांच आक्सीजन कंसेंट्रेटर्स

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को आज सेवा इंटरनेशनल संस्था की ओर से 5 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स भेंट किए गये। इन ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स का उपयोग महंत इन्द्रेश अस्पताल द्वारा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मुश्किल का समय है। हम सभी को मिलकर काम करना है। सरकार कोविड को लेकर युद्धस्तर पर कार्य कर रही है। महंत इन्द्रेश अस्पताल के डॉ यशवीर दीवान ने बताया कि इन कंसेंट्रेटर्स का उपयोग अस्पताल में मरीजों के इलाज में किया जाएगा। इस अवसर पर सेवा इंटरनेशनल के वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक तनुज पुंडीर, शशांक नेगी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 100 आक्सीजन सिलेंडर देने पर ऑक नार्थ कम्पनी के सीईओ ऋषि खोसला का भी आभार व्यक्त किया है।

हेल्पलाइन से मिली सूचना, घर जाकर पुलिस ने दी आक्सीजन

ऋषिकेश पुलिस ने एक व्हाट्सअप गु्रप में आक्सीजन की मांग करने वाले बुजुर्ग की मदद रात करीब एक बजे घर जाकर की। सही वक्त पर आक्सीजन मिल पाने से बुजुर्ग की हालत अब स्थिर है।
कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि व्हाट्सअप गु्रप में एक व्यक्ति ने पोस्ट डाली। हंसराज बडोनी पुत्र शिवसरण निवासी अमित ग्राम फारेस्ट रोड ऋषिकेश के द्वारा संदेश दिया गया, कि मेरे मामा जी का स्वास्थ्य अत्यधिक खराब हो गया है एवं ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण तत्काल ऑक्सीजन की आवश्यकता है।

उक्त संदेश पढ़ने के पश्चात कोतवाल रितेश शाह ने उक्त व्यक्ति से संपर्क कर समस्या पूछी एवं तत्काल रात्रि अधिकारी को ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर बीमार व्यक्ति के घर पर सिलेंडर पहुंचाया गया।

उनके मामा की पहचान दिनेश प्रसाद पैन्यूली पुत्र स्वर्गीय अनंत राम पैन्यूली निवासी गली नंबर 8 कैनाल रोड गुमानी वाला श्यामपुर ऋषिकेश के रूप में हुई।

’डीआरडीओ की मदद से गढ़वाल और कुमाऊ में जल्द तैयार होंगे 1400 ऑक्सिजन बेड और आईसीयू’

प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने दो दिनों में 7 मिड लेवल अस्पतालों की अतिरिक्त व्यवस्था की हैं जिसके बाद राज्य में 700 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 39 आईसीयू और दो वेंटीलेटर अतिरिक्त बढ़ गए हैं। सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पांडेय ने मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि बीते राज्य सरकार के पास वर्तमान में 12 कोविड अस्पताल, 62 डीसीएससी और 385 कोविड केयर सेंटर काम कर रहे हैं। सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि राज्य में 17 हजार के करीब अस्पतालों में बेड हैं जबकि 5500 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 1302 आईसीयू बेड, 774 वेंटिलेटर कोविड के लिए इस्तमाल किए जा रहे हैं।

बनेंगे दो अस्थाई अस्पताल’

’सचिव पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा भारत सरकार को अनुरोध किया गया था जिसके बाद डीआरडीओ की मदद से दो अस्थाई अस्पताल बनने जा रहे हैं। कुमाऊ क्षेत्र के लिए यह अस्पताल हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज कैम्पस में बनेगा जिसे सुशीला तिवारी अस्पताल हाई संचालित करेगा। इसके अलावा गढ़वाल क्षेत्र के लिए अस्थाई अस्पताल आईडीपीएल ऋषिकेश में बनेगा जिसे एम्स ऋषिकेश संचालित करेगा। इन दोनों अस्थाई अस्पतालों में 500 -500 बैड की क्षमता होगी। हल्द्वानी में बनने वाले अस्थाई अस्पताल में 400 ऑक्सीजन बेड एवं 100 आईसीयू बेड बनाए जाएंगे, जबकि आईडीपीएल ऋषिकेश में 500 बेड ऑक्सीजन सपोर्टेड बनेंगे तथा राज्य सरकार की मदद से एम्स ऋषिकेश में 100 आईसीयू बेड अलग से बनाए जाएंगे। इसके अलावा हिमालय अस्पताल जौलीग्रांट में डीआरडीओ की मदद से ऑक्सीजन सपोर्टेड 400 बेड तैयार किए जाएंगे। सचिव पंकज पांडे ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को पूरी उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों के भीतर डीआरडीओ की मदद से ऑक्सीजन और आईसीयू सपोर्टेड 1400 नए बेड तैयार हो जाएँगे।’

सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पाण्डेय ने यह भी बताया कि प्रदेश में रिमिडीसिवर इंजेक्शन की पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है। राज्य सरकार द्वारा केंद्र को पत्र लिखते हुए अतिरिक्त इंजेक्शन की मांग की गई है।

’दवाओं की कालाबाजारी के लिए बनाया गया कंट्रोल रूम’
सचिव पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि रिमिडीसिवर इंजेक्शन के रेट तय करते हुए अस्पतालों को उसी दामों पर इंजेक्शन देने के लिए निर्देशित किया गया है।उन्होंने बताया कि इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी हेतु कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई है। आम जनता काला बाजारी हेतु इन नम्बरों 0135 2656202, 9412029536 इन नंबरों के जरिए आम आदमी दवाओं की कालाबाजारी शिकायत कर सकते हैं।

’300 रुपए की गई रैपिड एंटीजन टेस्ट की दर’

इसके अलावा सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि सरकार ने कोविड सम्बंधी जरूरी व्यवस्थाओं हेतु अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी देते हुए नोडल अधिकारी तैनात किया गया है, जिनसे रोजाना कार्य प्रगति रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार द्वारा ली जाती है। यह भी बताया कि प्रदेश के नर्सिंग छात्रों को जिलेवार मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से तैनाती दी जा रही है। इसके अलावा राज्य सरकार ने रैपिड एंटीजन टेस्ट की दर को भी कम करते हुए अब मात्र 300 कर दिया गया है।

सीएम ने 108 सेवा के 132 वाहनों को जनता को किया समर्पित

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 108 सेवा के 132 वाहनों को विभिन्न जनपदों के लिए रवाना किया।

प्रदेश सरकार द्वारा यूडीआरपी-एफ के माध्यम से 132 एम्बुलेन्स को स्वास्थ्य महानिदेशालय को फरवरी एवं मार्च माह में उपलब्ध कराया गया था। सरकार द्वारा इन 132 नवीन एम्बुलेंस को 108 के बेड़े में शामिल कर कुंभ मेला 2021 में संचालित किया जा रहा था। मुख्यमंत्री ने कैम्प कार्यालय से इन वाहनों को झंडी दिखाकर 13 जनपदों के लिए रवाना किया। इन 132 एम्बुलेंस में 36 एडवांस लाइफ सपोर्ट एवं 96 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस हैं। इनमें अल्मोड़ा को 10, बागेश्वर को 5, चमोली को 9, चंपावत को 5, देहरादून को 13, हरिद्वार को 20, नैनीताल को 10, पौड़ी को 11, पिथौरागढ़ को 9, रुद्रप्रयाग को 5, टिहरी को 9, उधमसिंहनगर को 17 व उत्तरकाशी को 9 एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को चाहिए कि वे कोविड गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करें। मास्क लगाने के साथ ही दो गज की दूरी का पालन करें और समय-समय पर हाथों को साबुन से धोते रहें। उन्होंने कहा कि बीमारी के लक्षण आते ही सजग रहने की जरूरत है और कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाकर अपना इलाज कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। जिस किसी अस्पताल को ऑक्सीजन की आवश्यक्ता हो रही है वहां तत्काल ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए नोडल अधिकारी भी नामित कर दिए गए हैं। जनता को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को दो दिन पहले 7500 रेमिडीसीवीर इंजेक्शन की आपूर्ति हो चुकी है और इससे पहले भी 3500 रेमिडीसीवीर इंजेक्शन की आपूर्ति हुई थी। सरकार पूरी तरह से हालातों पर नजर बनाए हुए है। मौके पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी मौजूद रहे।

सीएम तीरथ ने जनता के लिए समर्पित की दो लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से प्रदान की गई दो बहु उपयोगी लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस जनता को समर्पित की। कहा कि लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस दुर्घटनाओं के समय लोगों की जान बचाने में उपयोगी होंगी। इसके लिए उन्होंने कारपोरेशन के प्रयासों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मल्टीपरपज एंबुलेंस उत्तराखंड के लिए बहुत उपयोगी है। कोशिश की जाएगी कि चमोली और उत्तरकाशी की तरह अन्य जनपदों में भी इस तरह की अत्याधुनिक सुविधा से एंबुलेंस की व्यवस्था कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। ऑक्सीजन से लेकर बेड की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। रेमडेसीविर इंजेक्शन भी प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति हो गई है और टीकाकरण का कार्य भी तेजी से कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों की बॉर्डर पर चेकिंग कराई जा रही है। इसके अलावा गाइडलाइन के अनुपालन के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।

बताया गया कि एंबुलेंस में लाइफ सपोर्ट एक्सिस ऑक्सीजन से लेकर तमाम सुविधाएं हैं, जिससे किसी भी मरीज की जान को बचाया जा सकता है। इससे मौत के खतरे को चालीस प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

इस मौके पर सचिव आरके सुधांशु, एनएचईडीसीएल के एक्सिक्यूटिव डायरेक्टर कर्नल संदीप सदेरा, सलाहकार विरेंद्र पैनूली, इंजीनियर तरुण नेहरा आदि मौजूद रहे।

ऋषिकेशः कोविड मरीज और सीनियर सिटीजन की मदद को जारी हुआ हेल्प लाइन नंबर

कोतवाली ऋषिकेश पुलिस बुजुर्ग और कोरोना संक्रमण मरीजों के लिए हेल्पिंग हैंड बने है। पुलिस ने एक हेल्प लाइन नंबर 9897244109 जारी किया है। हेल्पलाइन नंबर पर अकेले रहने वाले व्यक्तियों को दवाइयां, राशन और गैस आदि जरूरत की वस्तुएं तत्काल प्रभाव से उपलब्ध करवाई जाएंगी।

कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि कोरोना संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। खासकर बुजुर्गों के लिए यह समय किसी संकट से कम नहीं है। ऐसे में स्थानीय पुलिस ने घरों में अकेले रहने वाले सीनियर सिटीजन और व्यक्तियों की मदद का बीड़ा उठाया है। उन्हें जरूरत का सामान लेने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। एक कॉल पर उनके सामने सामान उपलब्ध हो जाएगा। इसके लिए एक उपनिरीक्षक और चार कांस्टेबल की टीम गठित की गई है। यह हर समय सेवा के लिए तत्पर रहेगी। कोतवाल ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर को सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।

कोविड और उसके बचाव को माने एम्स के सुझाव, क्या करें, क्या न करें…

तेजी से फैल रही कोविड महामारी अब खतरनाक गति से बढ़ने लगी है। कारण है कि आम जनमानस कोविड नियमों का पालन करने में अभी भी लापरवाही बरत रहा है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स, ऋषिकेश की ओर से इस मामले में महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं, साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लापरवाह लोगों को सचेत किया है कि समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने यदि नियमों के पालन में गंभीरता नहीं बरती तो स्थिति भयावह हो सकती है।

एम्स में कोविड के नोडल ऑफिसर डाॅक्टर पीके पण्डा ने कोविड से बचाव पर सुझाव दिया कि बचाव हमेशा इलाज से बेहतर होता है। हम सभी को समझना होगा कि कोरोना महामारी का वायरस हमारे नाक और मुहं द्वारा शरीर में प्रवेश करने में सक्षम है और सबसे पहले हमारे फेफड़ों को संक्रमित करता है। इसलिए इस महामारी से बचाव का पहला मंत्र है कि घर से बाहर निकलने पर प्रत्येक व्यक्ति अनिवार्यरूप से दोहरा मास्क पहने, यह मास्क घर पर बनाया हुआ भी हो सकता है साथ ही नियमिततौर पर बार-बार अपने हाथों को सेनेटाइज करता रहे। यदि प्रत्येक व्यक्ति मास्क का सही ढंग से इस्तेमाल करेगा तो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायरस के संक्रमण का खतरा स्वतः ही कम हो जाएगा।
इसके अलावा प्रत्येक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से आपस में न्यूनतम 2 मीटर की दूरी बनाए रखना भी बेहद जरूरी है। डाॅ. पण्डा ने बताया कि इसके अलावा 45 वर्ष से अ​धिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह जल्द से जल्द कोविड वैक्सीन लगाए और स्वयं को और समाज को सुरक्षित रखने में सहयोग करे। इसके बावजूद यदि कोई व्यक्ति कोविड संक्रमित हो जाता है तो उसे निम्न बातों पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है।

1- अगले 15 दिनों के लिए प्रतिदिन टेबलेट विटामिन-सी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार लेना शुरू करें।

2- बुखार की शिकायत होने पर टेबलेट पैरासिटामोल-650 एमजी का दिन में 4 से 6 बार 2 से 3 दिनों तक सेवन करें।

3- कोल्ड संबंधी दिक्कत होने पर टेबलेट मॉन्टेलुकास्ट-लेवो-सिट्रीजिन का दैनिक उपयोग करें।

4- संक्रमित होने की स्थिति में पूरी तरह बेड रेस्ट आवश्यक है।

5- मानसिक तनाव और भय से पूरी तरह मुक्त रहें।

6- ज्यादा पानी पिएं और आसानी से पचने वाले तरल खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

डाॅक्टर पण्डा ने सलाह दी है कि प्रोन (पेट के बल लेटना) या अर्ध प्रोन उन्मुख स्थिति में पेट के बल प्रतिदिन 4 से 6 बार ( हरबार 30 से 60 मिनट ) सोएं। कोविड संक्रमण के दौरान वायरल फीवर प्रबंधन के शुरुआती चरण में सबसे महत्वपूर्ण है शरीर को आराम देना (यह शारीरिक आराम, मानसिक आराम, मन की शांति और वैराग्य पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के दौरान एकबार प्रारंभिक चरण बीत जाने के बाद अगला इम्युनोलॉजिकल चरण आता है। जहां हमारे शरीर को बुखार, खांसी आदि के समान लक्षणों के साथ सांस की तकलीफ और ऑक्सीजन की आवश्यकता भी पड़ सकती है। इस चरण के दौरान सर्वोत्तम उपलब्ध उपचार प्राइमिंग वेंटिलेशन, ऑक्सीजन, डेक्सामेथासोन व स्टेरॉयड, हेपरिन व एंटीकोआग्यूलेशन, या वेंटिलेशन सहायक उपचार की जरुरत है।

आवश्यक निगरानी-

ए- लक्षण
बी- श्वसन दर
सी- नाड़ी दर
डी- रक्तचाप
ई- तापमान
एफ-ऑक्सीजन सेच्युरेशन
इनमें से कोई भी नॉर्मल से अलग होने पर मरीज को तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता होती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि पहले चरण में उक्त उपचार कर लिए गए तो दूसरे चरण में गंभीर स्थितियों से बचा जा सकता है।