कोरोना से जंग को वन मंत्री हरक सिंह ने दिए 25 करोड़ रूपए


वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोरोना से जंग लड़ने के लिए 25 करोड़ की धनराशि का योगदान मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है। इस धनराशि का चेक उन्होंने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिया। मुख्यमंत्री ने इस सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन आनंद वर्धन, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एसपी सुबुद्धि भी उपस्थित थे।

इसके बाद मीडिया सेन्टर में आयोजित पत्रकार वार्ता में वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने प्रदेश के सभी व्यक्तियों, संस्थाओं व संगठनों से आग्रह किया है कि वैश्विक महामारी की वजह से पैदा हुए इस संकट में अपना यथासंभव आर्थिक योगदान मुख्यमंत्री राहत कोष में दें ताकि सरकार इससे पर्याप्त संसाधन जुटाकर मजबूती के साथ कोरोना से लड़ाई लड़ सके। उन्होंने कहा कि पिछले साल भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 50 करोड़ की राशि कोरोना काल में मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदान की थी।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर साल पर्यावरण शुल्क लेता है। इससे हुई आमदनी से बोर्ड हमेशा सामुदायिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निर्वहन करता है। बोर्ड का कार्मिकों के वेतन आदि समेत का खर्च 20 करोड़ रुपया है। इस व्यय के बाद शेष बची राशि का उपयोग जनहित में भी किया जाता है। इसी मद से आज मुख्यमंत्री राहत कोष में बोर्ड से 25 करोड़ की राशि का सहयोग प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के पास सीमित संसाधन हैं और कोरोना के खिलाफ लड़ाई लम्बी चल सकती है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दूसरी लहर के बाद कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है। ऐसे में सरकार को दूसरी लहर से निपटने के साथ ही तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना है। एकजुट होकर और सामूहिक सहभागिता से ही यह लड़ाई जीती जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को एक साल से अधिक का समय हो गया है। हमें खुद को संभालने के साथ ही इस लड़ाई को जीतने में यथासंभव योगदान देना होगा। पर्याप्त धनराशि होने पर ही सरकार और अधिक संसाधन जुटा सकती है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राज्य सरकार पूरे प्रदेश खासतैर पर पहाड़ी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगा रही है। हर चिकित्सालय में ऑक्सीजन सिलेण्डर और कंसंट्रेटर मुहैया करवा रही है। आवश्यक चिकित्सकीय उपकरणों व दवाओं की खरीद बड़े पैमाने पर की जा रही है।

कोरोना से जंग लड़ रहे हर शख्स की सर्मपण के साथ करेंगे सेवाः आप

आम आदमी पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी डॉ राजे सिंह नेगी ने बताया कोराना कहर के बीच ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग इस वैश्विक महामारी की चपेट में आए हैं। कुछ परिवारों के सभी सदस्य कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में उनके सामने खाने-पीने आदि का भी संकट खड़ा हो गया है। जिसको देखते हुए पार्टी ने इस दिशा में समर्पण के साथ जरूरतमंद संक्रमित रोगियों की सेवा करने के संकल्प के साथ हैल्पलाइन शुरू की है। इसके तहत पार्टी के वॉलिंटियर्स ऐसे सभी गरीब जरूरतमंद परिवारों को आवश्यक खाद्य सामग्री की किट उनके घर दरवाजे पर पहुंचाएगें। उन्होंने आम जनमानस से भी अपील की है कि अगर उनकी जानकारी में ऐसे किसी भी व्यक्ति या परिवार के बारे में पता चलता है जो कोरोना संक्रमित है और उसे मदद की जरूरत है ,उसकी हम हर संभव मदद करेंगे।

पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी डॉ नेगी के अनुसार कोरोना महामारी में सबसे बड़ी समस्या होम आइसोलेशन में रहने वालों के लिए है।वह न तो कहीं घर से बाहर निकल पाते हैं, और न ही कोई डर की वजह से उनतक सामान पहुंचाता है।ऐसे हालातों को देखते हुए कोरोना संक्रमितो एवं होम आइसोलेशन के मरीजों की सेवा के लिए पार्टी ने यह नेक पहल शुरू की है। इस सेवा मुहिम में संगठन मंत्री दिनेश असवाल, अमित विश्नोई, दिनेश कुलियाल, राधे शाहनी, सुनील सेमवाल, गणेश बिजल्वाण, रवि कुकरेती, प्रवीन असवाल, अमन नौेटियाल, मयंक भट्ट, सरदार गुरुप्रीत सिंह सहयोग करेंगे।

उत्तराखंडः यूपीइएस ने 50 और सेवा इंटरनेशनल ने 25 आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स किए भेंट


यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज देहरादून ने 50 और सेवा इंटरनेशनल ने 25 आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स राज्य सरकार को भेंट किये हैं। इनका उपयोग उत्तराखण्ड के उन अस्पतालों में किया जाएगा जहां इसकी कमी है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यूपीइएस और सेवा इंटरनेशनल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इनमें से कुछ आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स गढ़वाल और कुमायूं के पहाङी जनपदों के अस्पतालों में भी भेजे जाएंगे। कोविड-19 से लङाई में हम अपने सभी संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं। इसमें धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। हमें विभिन्न संगठनों, संस्थाओं, उद्योगों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। कोविड से एक प्रकार का युद्घ है जिसे सभी के सहयोग और समन्वित प्रयासों से ही जीता जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे फोन पर उत्तराखंड में कोविड की स्थिति के बारे में जानकारी ली है। उन्होंने प्रदेश को हर सम्भव सहायता के लिए आश्वस्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और भारत सरकार का हमें कोविड के खिलाफ लङाई में पूरा सहयोग मिला है। कोविड से संबंधित हर जरूरत को भारत सरकार द्वारा पूरा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम कोविड से लङाई में अवश्य जीतेंगे।

इस अवसर पर डीजी हेल्थ डॉ तृप्ति बहुगुणा, यूपीइएस के वीसी डॉ सुनील राय, कुलसचिव डॉ वीणा दत्ता, लोकेन्द्र दत्त शर्मा, मनीष दुबे, मनीष याज्ञनिक, सेवा इंटरनेशनल के अशोक शर्मा, शशांक नेगी आदि उपस्थित थे।

मिशन हौसला के जरिए पुलिस के जज्बे को सलाम, लोगों की मदद में अद्भुत योगदान

कोरोना महामारी की इस दूसरी लहर में तमाम लोगों के समक्ष कई परेशानियां देखने को मिल रही है, किसी परिवार में सभी संक्रमित है, तो दवाई कौन लाकर दें, तो कहीं आक्सीजन की कमी से जूझता परिवार, इसके अलावा राशन की समस्या। ऐसे में ऋषिकेश पुलिस मिशन हौसला अभियान के जरिए इन जरूरतमंदों को आवश्यक सामग्री पहुंचा रही है। ऋषिकेश पुलिस के लिए एक सलाम तो बनता है।
बीते रोज के कुछ मामले-

1. रेलवे रोड निवासी अशोक माथुर ने पुलिस को कॉल कर बताया कि आदर्शनगर निवासी 78 वर्षीय विनोद कुमार की तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। उनके साथ फिलहाल उनकी बहू रहती है। जो ऑक्सीजन सिलेंडर लाने और ले जाने में असमर्थ है। पुलिस ने तत्काल ऑक्सीजन सिलेंडर का प्रबंध कर बुजुर्ग के घर तक पहुंचाया।

2. गोविंदनगर निवासी देवेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि उनकी 80 वर्षीय पत्नी को तेज बुखार आ रहा है। वे दोनों घर पर अकेले रहते हैं। अधिक उम्र होने के कारण दवाई लाने में असमर्थ है। पुलिस ने उनके घर पहुंचकर दवाई उपलब्ध कराई।
3. शांतिनगर निवासी सोनू ठाकुर ने पुलिस को बताया कि उनके 65 वर्षीय पिता कोरोना संक्रमित हैं। वे घर पर ही आइसोलेट हो गए है। रात को उनका ऑक्सीजन लेवल 70 तक गिर गया। इससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। एक प्राइवेट नर्सिंग होम में उन्हें ले जाया गया। लेकिन यहां अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया है। पुलिस ने तत्काल एंबुलेंस के जरिए बुजुर्ग को एम्स में पहुंचाया।
4. नजीबाबाद अदब सिटी हरिद्वार रोड जिला बिजनौर यूपी से काॅलर महबूब अहमद ने काॅल कर बताया कि उनकी पत्नी का इलाज एम्स से चल रहा है। मगर, प्रतिबंध के बीच वह दवाई लाने में असमर्थ है, ऐसे में पुलिस आरक्षी कमल जोशी ने हरिद्वार बस स्टाॅप पहुंचकर रोडवेज बस के जरिए दवाई पहुंचाई।
5. भट्टोवाला श्यामपुर निवासी राजेंद्र रावत ने काॅल कर ऋषिकेश कोतवाली में सूचना दी। बताया कि वह पांच दिन से पाॅजीटिव है, सांस लेने में तकलीफ है और आक्सीजन की आवश्यकता है, पुलिस ने तत्काल उन्हें आक्सीजन मुहैया करवाई।

स्वास्थ्य समाचारः वायरल फीवर के लक्षण समझ हल्के में न लें लोग, अधिक पढ़ें…

यदि आपको बुखार और गले में खराश की शिकायत है तो, सतर्क रहें। इस तरह के लक्षणों को वायरल फीवर समझकर इसे हल्के में लेना आपके लिए घातक हो सकता है। वजह यह है कि यह कोरोना संक्रमण के प्रमुख लक्षणों में शामिल है। ऐसे में आपको तत्काल बिना विलंब किए कोविड जांच कराने की आवश्यकता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश ने 20 से 50 वर्ष आयुवर्ग के लोगों को खासतौर से यह सुझाव दिया है कि इन हालातों में वह ’वर्क फ्राॅम होम’ नीति को अपनाएं और सुरक्षित रहें।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कुछ लक्षण विशेषरूप से उभर कर आ रहे हैं। एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि मरीज को स्वाद और गन्ध का पता नहीं चलने के अलावा बुखार, गले में खराश व दर्द होना भी कोविड के प्रमुख लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि इस बार युवा वर्ग पर कोरोना का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। लिहाजा इससे बचने के लिए 20 से 50 वर्ष की उम्र के लोगों को खासतौर से सतर्क रहने की आवश्यकता है। सामुदायिक स्तर पर संक्रमण की दर कम करने के लिए जरूरी है कि लोग अपने घरों में ही रहें और बिना किसी ठोस वजह के घर से बाहर हरगिज नहीं निकलें।
एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि संक्रमण से बचाव के लिए कोविड वैक्सीन विशेष लाभकारी है। ​ऐसे में 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोग जल्द से जल्द व अनिवार्यरूप से कोविड वैक्सीन लगवाएं। उनका सुझाव है कि समय रहते वैक्सीन लग जाने से शरीर में वायरस का असर कम होगा और लोग सुरक्षित रहेंगे।

एम्स में कोविड स्क्रीनिंग ओपीडी के प्रभारी और सीएफएम विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. योगेश बहुरूपी का कहना है कि कोविड परीक्षण हेतु एम्स, ऋषिकेश पहुंचने वाले लोगों में बुखार और गले में खराश की शिकायत के मामले प्रमुखता से आ रहे हैं। इसके अलावा लोग यह भी शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें स्वाद और गन्ध का पता नहीं चल रहा है। उन्होंने बताया कि मौसम बदलने के कारण कुछ लोग बुखार-खांसी को सामान्यरूप से ले रहे हैं। लेकिन कोविडकाल में ऐसा करना बिल्कुल सही नहीं है। लिहाजा ऐसे में इस तरह के मामलों को सामान्य रोग के लक्षण मानकर कोविड जांच न कराना घातक हो सकता है।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार के कोई भी लक्षण होने पर मरीज को तत्काल कोविड जांच करानी चाहिए। उनके अनुसार अप्रैल महीने में एम्स की कोविड स्क्रीनिंग ओपीडी में 5,287 लोगों ने जांच हेतु कोविड सैंपल दिए थे। जिनमें अधिकांश लोग 20 से 50 आयुवर्ग के ही थे।

उन्होंने बताया कि कोविड के लक्षणों में इनके अलावा सांस लेने में तकलीफ, बुखार और खांसी के लक्षण वाले रोगी भी बड़ी संख्या में एम्स पहुंच रहे हैं। डा. योगेश बहुरूपी ने बताया कि 20 से 50 वर्ष की उम्र के ज्यादातर लोग नौकरी पेशा वाले हैं। जिन्हें आजीविका और रोजगार के लिए दैनिकरूप से घर से बाहर निकलना पड़ता है। उन्होंने सलाह दी है कि ऐसी स्थिति में बहुत जरूरी नहीं हो तो घर से बाहर नहीं निकला जाए।

20 से 50 आयुवर्ग के लोगों को नौकरी पेशे के लिए हररोज घर से बाहर निकलना पड़ता है। लिहाजा इस उम्र के लोगों में संक्रमण की ज्यादा शिकायत मिल रही है। इस मामले में एम्स ने सुझाव दिया है कि संक्रमण से बचाव के लिए इस उम्र के लोगों को ’वर्क फ्राॅम होम’ की नीति पर काम करने की आवश्यकता है। सीएफएम विभाग के डाॅ. योगेश बहुरूपी ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर का यह समय बेहद जोखिम वाला समय है। युवा वर्ग को उनकी सलाह दी कि बिना किसी ठोस वजह से घर से बाहर नहीं निकलें। जीवन को सुरक्षित रखने के लिए बहुत जरूरी है कि सब लोग घर में रहें और सुरक्षित रहें।

अब कोरोना जांच रिपोर्ट के इंतजार बिना शुरू होगा इलाजा, तीरथ सरकार ने उठाया बड़ा कदम


देहरादून। प्रदेश भर में कोविड मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नई रणनीति बनाई है। जिन मरीजों में वायरस के लक्षण होंगे उनके लिए रिपोर्ट का इंतजार नहीं किया जाएगा बल्कि दवाई शुरू कर दी जाएंगी।

कोरोना के लक्षण वाले मरीज विभिन्न अस्पतालों में जांच कराने पहुंच रहे हैं। जांच का दबाव बढने से उन्हें जांच रिपोर्ट भी कई दिन में मिल रही है। जांच रिपोर्ट मिलने में हो रही देरी की वजह से इलाज में भी विलम्ब हो रहा है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अब नई पहल की है। इसके तहत जिन मरीजों में लक्षण है उनकी जांच रिपोर्ट का इंतजार नहीं किया जाएगा। ऐसे मरीजों की दवाएं शुरू कर दी जाएंगी।

स्वास्थ्य महानिदेशक डा तृप्ति बहुगुणा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। सभी जिलों के अधिकारियों को इस बावत आदेश दिये हैं।जिसके तहत लक्षण वाले मरीजों के लिए संबंधित जांच केंद्र पर एक पैकेट मौजूद रहेगा। इस पैकेट में दवाओं के साथ उसे प्रयोग करने की विधि से संबंधित पर्चा होगा। मास्क का अनिवार्य रूप से प्रयोग करने, सैनिटाइजेशन व शारीरिक दूरी का पालन करने की भी जानकारी दी जाएगी।

पैकेट में होंगी ये सात दवाएं
– आइवरमेक्टिन
– एजिथ्रोमायसिन
-डोक्सी
-क्रोसिन
-लिम्सी
-जिंकोनिया
– कैलसिरोल सचेट

दवाओं के साथ ये भी सलाह
– दिन में 3-4 लीटर पानी पीएं।
– दिन में कम से कम 3 बार भाप लें।
– 8 घंटे की नींद लें।
– 45 मिनट तक व्यायाम करें।
– समय-समय पर ऑक्सीजन का स्तर चेक करते रहें।

सीएम ने पंचायतीराज निदेशालय में किया स्मार्ट एवं ईको फ्रेंडली ई-आफिस का लोकार्पण


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सहस्त्रधारा रोड स्थित पंचायतीराज निदेशालय में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत स्मार्ट और इको फ्रेंडली ई-आफिस के रूप में नवीनीकृत निदेशालय पंचायतीराज के भवन और राज्य पंचायत संसाधन केंद्र के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया।

सीएम ने वचुअर्ल रूप से 662 कॉमन सर्विस सेन्टर व जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय व जिला पंचायत कार्यालय व खण्ड विकास कार्यालय व पंचायती राज, महिला सशक्तिकरण व ग्राम्य विकास के फील्ड स्टाफ तथा त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित किया।

कहा कि पंचायतों को बदलते जमाने के अनुरूप बनाने के लिए उन्हें सूचना व संचार तकनीक से जोड़ा जाना अत्यन्त आवश्यक है। इसी के क्रम में आज राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत निदेशालय पंचायतीराज के भवन को स्मार्ट और इको फ्रेंडली ई-आफिस के रूप में नवीनीकृत किया गया है। साथ ही राज्य पंचायत संसाधन केंद्र के नवनिर्मित भवन का भी लोकार्पण किया गया है।

उन्होंने कहा कि पंचायत के दायित्वों एवं कर्तव्यों के क्रियान्वयन में होने वाली समस्याओं के निदान हेतु डैस्क प्रणाली तैयार की गई है। इसके लिए टोल फ्री न0 18004190444 जारी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत गांवों में बसता है। देश तभी समृद्ध होगा जब हमारे गांव समृद्ध होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने गांधी के ग्राम स्वराज की दिशा में उल्लेखनीय काम किए हैं और निरन्तर करते जा रहे हैं। 24 अप्रैल 2018 को राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की शुरूआत की गई। इसका उद्देश्य पंचायतों और ग्राम सभाओं की क्षमतावृद्धि कर उन्हें मजबूत करना और उनमें जनसहभागिता सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले लगभग तीन वर्षों में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत पंचायतों को मजबूत करने के लिए काफी काम किया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण द्वारा उनकी क्षमताओं में वृद्धि की गई है। ग्राम पंचायतों में बुनियादी ढांचे का विकास किया गया है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का एक और बड़ा काम है जिसका परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेगा। देश के लाखों गांवों में स्वामित्व योजना शुरू की गई है। इसे युगांतरकारी योजना कहा जा सकता है। इसमें ड्रोन का उपयोग कर लोगों की भूमि सम्पत्ति का वैरीफिकेशन किया जाता है। इससे गांवों में सही भूमि अभिलेख तैयार करने में मदद मिलेगी। विवादों में कमी आएगी। वैध रिकार्ड उपलब्ध होने से ग्रामीण अपनी सम्पत्ति पर ऋण भी ले सकेंगे। मोदी सरकार के कार्यकाल में ही पंचायतों को ऑप्टिअकल फाईबर नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। इससे हमारी पंचायतें तकनीकी रूप से दक्ष बन रही हैं और ई-पंचायत की परिकल्पना साकार हो रही हैं। इससे डिजीटल भारत में पंचायतों की भूमिका भी सुनिश्चित हो रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का आह्वान किया है। भारत आत्मनिर्भर तभी होगा जबकि हमारे गांव आत्मनिर्भर बनें। इसके लिए हम काम भी कर रहे हैं। स्थानीय उत्पादों के माध्यम से गांव समृद्धि के केंद्र बन सकते हैं। इसके लिए वोकल फॉर लोकल बहुत जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा विश्व कोरोना से जूझ रहा है, पिछले वर्ष हमने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सफलतापूर्वक कोरोना से लड़ाई लड़ी। इसमें हमारे पंचायत प्रतिनिधियों, आशा कार्यकत्रियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और ग्राम स्तर पर काम कर रहे हमारे लोगों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही। अब जब कोरोना दुबारा से फैल रहा है तो हमें फिर से उसी जज्बे से काम करना है और इसमें हमारी पंचायत राज संस्थाओं को सक्रिय भूमिका निभानी है।

इस अवसर पर विधायक रायपुर उमेश शर्मा ‘‘काऊ‘‘, सचिव पंचायती राज एचसी सेमवाल आदि उपस्थित थे।