खुशखबरीः को-ऑपरेटिव बैंकों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को धामी कैबिनेट की मंजूरी


सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनके अनुसार, सहकारी संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने से उनके संचालन में और पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं में एकल परिवारों के वर्चस्व की समस्या खत्म कर दी गई है। डॉ. रावत ने कहा कि सत्ता के इस असंतुलन को दूर करने और अधिक समावेशी और न्यायसंगत शासन संरचना का मार्ग प्रशस्त करने का लक्ष्य बनाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं। महिलाएं, जिन्हें ऐतिहासिक रूप से नेतृत्व के पदों पर कम प्रतिनिधित्व मिला है, सहकारी संस्थाओं के प्रभावी कामकाज की दिशा में एक अनूठा दृष्टिकोण और योगदान दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि , सहकारी समितियों के उच्च स्तरों पर निदेशक मंडल और अध्यक्षों में महिलाओं की महत्वपूर्ण उपस्थिति होनी जरूरी है। इससे महिलाओं के निर्णय लेने की प्रक्रिया में विचारों और अनुभवों की विविधता भी आएगी। महिलाओं की भागीदारी से सहकारिता के प्रति विश्वसनीयता बढ़ेगी और संतुलित निर्णय लिए जा सकेंगे , जो सहकारी समिति के सभी सदस्यों के हितों और जरूरतों को दर्शाएंगे। उन्होंने कहा देश का उत्तराखण्ड पहला राज्य है, जहाँ महिलाओं के लिए सहकारी संस्थाओं में 33ः आरक्षण की मंजूरी दी गई है।

सहकारी संस्थाओं में लैंगिक समानता की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम
उत्तराखंड में महिलाओं के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि धामी कैबिनेट ने सहकारी बैंकों और संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33ः आरक्षण के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सहकारी क्षेत्र में नेतृत्व के पदों पर लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए डॉ. रावत की अटूट लगन और दृढ़ संकल्प ने पिछले दो वर्षों में आयोजित एक दर्जन से अधिक समीक्षा बैठकों के बाद आखिरकार फल दिया है।

उत्तराखंड, कई अन्य राज्यों की तरह, लैंगिक असमानता और निर्णय लेने वाली भूमिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की कमी के मुद्दों से लंबे समय से जूझ रहा है। राज्य में 10 जिला सहकारी बैंक, शीर्ष सहकारी संस्था, 670 एमपैक्स ( बहुद्देश्यीय सहकारी समिति) संचालित होने के साथ, नेतृत्व के पदों पर महिलाओं की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई देती थी।

डॉ. रावत के प्रयासों ने न केवल सहकारी क्षेत्र में अधिक लैंगिक विविधता और समावेशिता का मार्ग प्रशस्त किया है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय मिसाल कायम की है। महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए आवाज उठाकर उन्होंने सार्थक बदलाव लाने में राजनीतिक इच्छाशक्ति और वकालत की शक्ति का प्रदर्शन किया है। यह देखकर खुशी होती है कि उत्तराखंड में महिलाओं की आवाज सुनी जा रही है और उनके योगदान को मान्यता दी जा रही है। सहकारी संस्थाओं में लैंगिक समानता की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम राज्य सरकार की प्रगतिशील मानसिकता और इस प्रयास में शामिल सभी लोगों के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है।

’उत्तराखंड सहकारी समिति अधिनियम 2003 नियमावली 2004 के अंतर्गत निबंधित सभी प्रकार की सहकारी समितियों एवं संस्थाओं में, यह संशोधन लागू होंगे’

सहकारिता विभाग की शीर्ष सहकारी संस्था

’उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड’
’उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ
’उत्तराखंड आवास एवं निर्माण सहकारी संघ’
’प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन
’उपभोक्ता सहकारी संघ’
’उत्तराखंड रेशम फेडरेशन’
’उत्तराखंड को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन’
’उत्तराखंड भेड़ -बकरी एवं शशक फेडरेशन’
’उत्तराखंड मत्स्य सहकारी संघ’
’श्रम निर्माण संविदा सहकारी संघ’
’उत्तराखंड सेब उत्पादक एवं विपणन सहकारी संघ’
’उत्तराखंड साइलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ’
’उत्तराखंड मत्स्य सहकारी संघ’

’10 जिला सहकारी बैंक’
’670 एम पैक्स (बहुद्देश्यीय सहकारी समिति)’
संपादक, यूकेसीडीपी, देहरादून।

खेती का मॉडल दे रहा कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में योगदानः धन सिंह

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि, माधो सिंह भण्डारी संयुक्त सहकारी खेती में किसानों की रूचि दिखाई दे रही है। पिछले साल 70 बहुउद्देशीय सहकारी समितियों में 1236 एकड़ कृषि भूमि में 2400 किसानों का चयन किया गया है। इस वर्ष और किसानों को इस खेती से जोड़े जाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

सहकारिता मंत्री डॉ. रावत ने एक भेंट में बताया कि, सहकारी खेती के माध्यम से विभिन्न सब्जियों की खेती किसानों के लि नकद आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत साबित हो रही है। उत्तराखंड में संयुक्त सहकारी खेती की सफलता कृषि क्षेत्र में सहयोगात्मक प्रयासों की क्षमता का प्रमाण है। संसाधनों और विशेषज्ञता को एकत्रित करके, किसानों ने अपनी आय बढ़ाई है। खेती का यह मॉडल व्यक्तिगत किसानों को लाभ पहुंचाने के साथ- साथ क्षेत्र में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान दे रहा है।

उन्होंने कहा माधोसिंह भण्डारी संयुक्त सहकारी खेती राज्य में किसानों की आजीविका में सुधार का एक टिकाऊ और प्रभावी साधन साबित करने के लिए राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना द्वारा प्रदान किया गया समर्थन और मार्गदर्शन इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने में सहायक रहा है। मंत्री डॉ रावत ने सहकारिता अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह संयुक्त सहकारी खेती का न्याय पंचायत स्तर पर प्रचार प्रसार करें और विभिन्न सहकारी योजनाओं से अवगत कराते हुए इस खेती को बढ़ावा दे।

गौरतलब है कि, उत्तराखंड में संयुक्त सहकारी खेती में किसानों की रुचि एक सकारात्मक विकास है जो क्षेत्र में किसानों की आर्थिक संभावनाओं में उल्लेखनीय सुधार लाने की क्षमता रखता है। किसानों के बीच सहयोग और आपसी सहयोग को बढ़ावा देकर, सहकारिता विभाग ने खेती के इस रूप को बढ़ावा देने और इसकी सफलता को सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जैसे-जैसे अधिक से अधिक लोग सहकारी खेती को अपनाएंगे, इसका उत्तराखंड के कृषि परिदृश्य पर स्थायी प्रभाव पड़ने की संभावना है। निरंतर समर्थन और निवेश के साथ, संयुक्त सहकारी खेती में क्षेत्र में कृषक समुदाय के लिए गेम-चेंजर बनने की क्षमता है।

दो सहकारी संघो के बीच एमओयू होने से पर्वतीय किसानों की आर्थिकी बढ़ेगीः धन सिंह रावत

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि कृषि विपणन और प्रसंस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया और उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के बीच का एमओयू से उत्तराखंड के किसानों की उन्नति होगी। इससे राज्य और राष्ट्र के कृषि, उद्यानिकी और जैविक उत्पादों के विपणन और प्रसंस्करण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए स्थायित्व के साथ-साथ राज्य की खरीद और आपूर्ति को बढ़ाने में करने में मदद करेगा। यह सहकारी क्षेत्र को मजबूत, प्रभावी और सुगम बनाने की संकल्पना को प्रकट करता है, जो अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं की विकास नीतियों को बढ़ावा देगा।

मंत्री डॉ रावत ने आज शासकीय आवास यमुना कॉलोनी देहरादून में कृषि विपणन और प्रसंस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया और उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद बोल रहे थे। एमओयू में कृषि विपणन और प्रसंस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया एमडी श्री जसकरण सिंह , उत्तराखंड सहकारी संघ की एमडी रमिन्द्री मंद्रवाल के बीच हस्ताक्षर हुए। इस मौके पर चेयरमैन गुरुप्रताप सिंह चेयरमैन यूसीएफ मातबर सिंह रावत मौजूद थे।’

उत्तराखंड की कोऑपरेटिव मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इस मौके पर कहा कि यहां के किसानों जो जैविक उत्पादन कर रहे हैं उनके लिए आज का दिन बहुत अच्छा है उत्तराखंड सहकारी संघ पहले से ही मिलेट्स किसानों से डायरेक्ट खरीद रहा है अब हर प्रकार की जैविक चीज उत्तराखंड सहकारी संघ, कृषि विपणन और पर संस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया के साथ मिलकर खरीदेगा। केंद्रीय सहकारी संघ मार्केटिंग भी करेगा और जैविक खेती को बढ़ाने के लिए किसानों, कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी देगा।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि, इस एमओयू के माध्यम से, कृषि विपणन और प्रसंस्करण सहकारी संघ ऑफ इंडिया और उत्तराखंड राष्ट्रीय सहकारी संघ एक संयुक्त संगठन बनाने की मिशन स्थापित करेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य यह होगा कि दोनों संघ एक-दूसरे के काम को कोअर्डिनेट करें और प्रतिस्पर्धा को समाप्त करें, ताकि दोनों संघों के ग्राहकों को विभिन्न सेवाओं की अच्छी गुणवत्ता और प्राथमिकता से उत्पाद मिल सके। इससे सहकारी क्षेत्र को विकसित करने में मदद मिलेगी। यह संयुक्त मेहनत के माध्यम से दोनों संघों के संबंधों को सुदृढ़ करेगा और कृषि विपणन क्षेत्र में सुधार करने में मदद करेगा। इससे कृषि, उद्यानिकी, और जैविक उत्पादों की प्रभावी खरीद और आपूर्ति प्रणामी की सुविधा मिलेगी, जो केंद्रीय नीतियों का पालन करेगी और सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देगी।

केंद्रीय भंडारण का उत्तराखंड सचिवालय में खुला आउटलेट, बाजार दर से 35 प्रतिशत सस्ते में मिलेगा ब्रांडेड सामान

उत्तराखंड राज्य कर्मचारी कल्याण निगम व केंद्रीय भंडार (भारत सरकार) का संयुक्त उपक्रम, का सचिवालय में आउटलेट का शुभारंभ सहकारिता मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज मंगलवार शाम को किया।

डॉ रावत ने इस अवसर पर कहा कि सचिवालय के कर्मचारियों और अधिकारियों को ब्रांडेड सामान 25 प्रतिशत से लेकर 35 प्रतिशत तक सस्ता मिलेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय भंडार भारत सरकार, रेलवे, एम्स, ओएनजीसी तथा अन्य उच्च संस्थानों में ब्रांडेड सामान की आपूर्ति करता है। देहरादून के सचिवालय में इसकी आवश्यकता को पूरा करने के लिए सचिव सहकारिता को निर्देश दिए गए थे। उन्होंने केंद्रीय भंडार भारत सरकार से वार्ता कर तथा सचिवालय के अधिकारियों से जगह उपलब्ध करानी सुनिश्चित की, जिससे अब सचिवालय कर्मचारियों और अधिकारियों को सचिवालय में ही उन्हें ब्रांडेड सामान सस्ते दाम में मिल जाएगा।

सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने कहा कि सहकारिता एक मजबूत और आधुनिक व्यवस्था है जो समृद्धि और संगठित विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इस विचार को ध्यान में रखते हुए, उत्तराखंड राज्य कर्मचारी कल्याण निगम ने एक नया प्रयास किया है – उत्तराखंड सचिवालय में आउटलेट्स को शुरू करना।

उन्होंने कहा, आउटलेट्स में ब्रांडेड सामान के साथ-साथ सहकारिता विभाग द्वारा सहित महिला समूहों द्वारा जो चीजें बनाई जाती हैं, वह सामग्री भी मिलेंगी। जिनसे महिला और ग्रामीण क्षेत्रों के सदस्यों को आर्थिक लाभ भी पहुंचेगा।

डॉ रावत ने कहा कि यह आउटलेट्स समय की बचत भी करेगा। कर्मचारियों को यहां पर्याप्त समय मिलेगा ताकि वे अपने परिवार और स्वास्थ्य के लिए प्राथमिकता दे सकें। उन्होंने कहा यहाँ मिलेट्स भी मिलेगा। राज्य में मिलेट्स की डिमांड बढ़ रही है।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस अवसर पर कहा कि सहकारिता आउटलेट खुलने से सचिवालय में एक नई पहल हुई है, इससे महिलाओं को अधिक सुविधा होगी , वह सरकारी काम निबटा कर एक जगह सभी सामान सस्ते दरों में उपलब्ध कर सकेंगी। उन्होंने सहकारिता विभाग के सचिव डॉक्टर बीवीआरसी पुरुषोत्तम व निबंधक सहकारिता आलोक कुमार पांडेय से कहा कि वह इस तरह के आउटलेटस राज्य के प्रत्येक जनपद में खुलवाने का प्रयास करें।

सचिव सहकारिता डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने आउटलेट के लिए सचिवालय के अंदर जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। इस तरह के आउटलेट जनपद में खोले जाएंगे।
उन्होंने कहा सहकारिता आउटलेट्स न केवल सहकारिता समूहों की मजबूती को बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि ये सामाजिक और आर्थिक विकास की मुख्य दिशा होंगे। इन आउटलेट्स से सामग्री सस्ते मूल्यों पर उपलब्ध होगी, जिससे न्याय पंचायत पर महिला समूह और स्वयं सहायता समूह और ग्रामीण समुदायों की आर्थिक हालत आदर्श होगी।

निबंधक सहकारिता आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि रेशम फेडरेशन नवरात्रों में सचिवालय में सिल्क एग्जीबिशन लगाई जाएगी और उसमें सचिवालय के कर्मचारी और अधिकारियों को डिस्काउंट दिया जाएगा उन्होंने कहा कि रेशम फेडरेशन ने गत वर्ष 10 ल
लाख रुपए का मुनाफा कमाया है। उत्तराखंड का रेशम अन्य प्रदेशों में भी चमक रहा है।

राज्य कर्मचारी कल्याण निगम की अधिशासी निदेशक ईरा उप्रेती ने सभी अतिथियों का धन्यवाद देते हुए कहा कि आउटलेट में क्वॉलिटी मेंटेन की जाएगी। मिलेट्स उत्पाद को प्राथमिकता दी जाएगी।

इस मौके पर सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा महासचिव राकेश जोशी व एससीएसटी फेडरेशन के अध्यक्ष करमराम ने आउटलेट की तरह मंत्री डॉ रावत से सचिवालय परिसर में ब्लड कलेक्शन सेंटर व फिजियोथैरेपी मशीन लगाने की मांग की। इस अवसर पर केंद्रीय भंडार के एमडी मुकेश कुमार, डिविजनल मैनेजर प्रवीण कुमार राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के एजीएम शोभित श्रीवास्तव सहित सचिवालय के करीब 150 अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे। सचिव सहकारिता डॉक्टर बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने आउटलेट से 652 रुपए का सामान खरीद कर इसकी शुरूआत की। इससे पूर्व मंत्री डॉ रावत व अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने रिबन काटकर इस आउटलेट का शुभारंभ किया।

सहसपुर में वृहद अन्न भंडारण गृह का सहकारिता मंत्री ने किया भूमि पूजन

बहुद्देशीय किसान सेवा सहकारी समिति लि० सहसपुर के वृहत अन्न भंडारण गृह का भूमि पूजन वैदिक मंत्रोचार के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने किया। सहकारिता मंत्री के साथ आयोजन स्थल में सहसपुर के विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, सचिव सहकारिता डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम, निबंधक सहकारिता आलोक कुमार पांडेय, नाबार्ड के सीजीएम वीके बिष्ट, अपर निबन्धक ईरा उप्रेती, अपर निबंधक आनंद शुक्ल, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल, उपनिबंधक रामिन्द्री मंद्रवाल, जिला सहायक निबंधक सुमन कुमार, समिति के प्रशासक एडीओ पंकज सैनी सहित अनेक अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों ने भी भूमि पूजन में भाग लिया।

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इस अवसर पर कहा कि केंद्र में पृथक सहकारिता मंत्रालय बनने से सहकारिता के क्षेत्र में प्रदेश प्रगति कर रहा है, राज्य में जन सेवा केंद्र जन औषधि केंद्र का संचालन किया जा रहा है। क्षेत्र में साइलेज का अच्छा काम हो रहा है अभी भी मांग के अनुरूप उत्पादन नहीं हो पा रहा है। साइलेज उत्पादन बढ़ाने के लिए सहसपुर में विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, साथ ही उत्पादन बढ़ाने के लिए हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर में किसानों को जोड़ा जा रहा है। सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने कहा कि राज्य में सहकारी ग्राम स्थापित किए जा रहे हैं इसके साथ ही समितियों में उन्होंने सदस्यता वृद्धि किए जाने पर जोर दिया तथा क्षेत्र के कृषकों को अच्छे कार्य संपादन करने वाले किसानों को सम्मानित किए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।’

विधायक सहसपुर सहदेव सिंह पुंडीर ने इस मौके पर कहा कि सहकारिता द्वारा संचालित योजना में दीनदयाल उपाध्याय योजना से किसानों को लाभ मिल रहा है यह योजना बहुत अच्छी है गौरतलब है कि सहकारिता विभाग की समितियां और कोऑपरेटिव बैंक 0ः ब्याज दर पर किसानों को ऋण वितरण कर रहा है जिससे सहसपुर के किसानों ने अपनी आमदनी दोगुनी की है।

निबंधक सहकारिता आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि सहकारिता देश में अन्न भंडारण क्षमता में वृद्धि किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका एवं चीन में अन्न उत्पादन से अधिक भंडारण क्षमता है, भारत में उत्पादन से बहुत कम अन्य भंडारण क्षमता है।

मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड उत्तराखंड वीके बिष्ट ने कहा कि देश में अन्य भंडारण की क्षमता वृद्धि के लिए ( एआईएफ) योजना अंतर्गत सहकारी समितियों को न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी योजना के तहत सहसपुर में अन्न भंडारण गृह बनाया जा रहा है।