मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले मंगलवार को देर सायं देहरादून शहर के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण के साथ आईएसबीटी के समीप स्थित मलिन बस्ती में रह रहे लोगो का हालचाल जाना तथा वहां की व्यवस्थाओं को परखा तथा लोगों को कंबल आदि वितरित किये। मुख्यमंत्री ने आईएसबीटी की व्यवस्थाओं का भी़ जायजा लिया तथा वहां भी बेसहारा लोगों को कंबल वितरित किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों एवं नगर आयुक्तों को प्रदेश में बेसहारा एवं बेघर लोगों को सर्दी से बचाव की कारगर व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये थे। मुख्यमंत्री ने तहसील एवं विकासखण्ड स्तर पर यह व्यवस्था बनाये जाने को भी कहा था। इसके लिए उपजिलाधिकारियों को जिम्मेदारी दिये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को दिये। उन्होंने जिलाधिकारियों को इस कार्य को मानवता की सेवा के भाव से सुनिश्चित किये जाने को कहा। उन्होंने जन सेवा के इस कार्य में आम जन का भी सहयोग लेने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये थे कि सर्दी के मौसम में विभिन्न स्थलों पर अलाव की व्यवस्था के साथ बेसहारा लोगो को आवश्यकतानुसार गर्म कंबल व कपड़ों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को रैन बसेरों की स्थिति में और सुधार किये जाने के साथ ही शहर में जगह-जगह अलाव जलाने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए थे।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को 1.35 करोड़ की धनराशि जारी की गई है। डॉ. सिन्हा द्वारा इस सम्बन्ध में निर्गत शासनादेश में जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि राज्य में शीतलहर के प्रकोप से बचाव हेतु सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने तथा निःशुल्क कम्बल वितरण, रैनबसेरों में व्यवस्थायें सुनिश्चित किये जाने हेतु इस धनराशि का उपयोग किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस संबंध में जिलाधिकारी हरिद्वार द्वारा शीतलहर के प्रकोप से बचाव हेतु सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने तथा निशुल्क कम्बल वितरण, रेनबसेरों में व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने हेतु रू. 15.00 लाख की धनराशि आवंटित किये जाने का अनुरोध किया गया था।
इसी क्रम में राज्य में शीतलहर के प्रकोप से बचाव हेतु सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने तथा निःशुल्क कम्बल वितरण, रैनबसेरों में व्यवस्थायें सुनिश्चित किये जाने के सम्बन्ध में राज्य आपदा मोचन निधि मद के रिस्पॉन्स और रिलीफ मद से रू. 01 करोड़ 35 लाख की धनराशि सभी जिलाधिकारियों को स्वीकृत की गई है। जिसमें जनपद पौड़ी को 15 लाख तथा अन्य जनपदों को 10-10 लाख की धनराशि शामिल है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि शीतलहर के दौरान निराश्रित एवं असहाय/गृहविहीन व्यक्तियों को ठण्ड के प्रकोप से बचाने हेतु निःशुल्क वितरण सार्वजनिक स्थानों जैसे-धर्मशाला, रैनबसेरा, मुसाफिर खाना, पड़ाव, सराय, चौराहा, रेल एवं बस स्टेशनों आदि पर अलाव जलाने की व्यवस्था के सम्बन्ध में भारत सरकार, गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के पूर्व में निर्गत दिशा निर्देशों का भी अक्षरसः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।
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नड़डा ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर किए राजनीतिक हमले
शीतलहर के बावजूद भाजपा की विजय संकल्प यात्रा में उमड़ी भीड़ सियासी तपिश महसूस कराने में कामयाब नजर आई। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के गृह विधानसभा क्षेत्र में आयोजित यात्रा भी पिछले कार्यक्रमों की तरह खासी सफल रही। यात्रा को सफल बनाने के लिए मदन कौशिक की रणनीति सफल दिखी। चार दिन तक यात्रा जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी। संबंधित क्षेत्रों के विधायकों को भी इसी तरह यात्रा में भीड़ जुटाने के लिए अपनी परफॉरमेंस को दिखाना होगा।
वहीं, भीड़ को देख गदगद हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक कथित युवा नेता कहते हैं कि देश ऐसे मजबूत नहीं होता। मैंने कहा कि देश तो बहुत मजबूत हुआ है, लेकिन आप बहुत कमजोर हो गए हो। अपनी कमजोरी को देश पर मत थोपो। तीन दिन पहले देहरादून में कांग्रेस की रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि तोप जहाज से नहीं देश लोगों से मजबूत होता है। नड्डा ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में उत्तराखंड में विकास की नई इबारत गढ़ी जा रही है। हालांकि विपक्षी नेताओं को राज्य का विकास नहीं दिखता क्योंकि उनके पास विजन ही नहीं है।
नड्डा ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर जो राजनीतिक दल जनता को गुमराह कर डराने का काम रहे थे उन्हें अब देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के कारण ही विश्व स्तर पर भारत में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन का काम किया गया। देश में 135 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है। हरिद्वार में शनिवार को विजय संकल्प यात्रा के दौरान आयोजित रोड शो के बाद नड्डा ने कहा कि कोरोनाकाल में नौ माह के अंदर प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करके एक के बजाय दो टीके तैयार कराए। जिनसे आज देशवासी सुरक्षित हैं।
ला नीना के कारण इस वर्ष कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान
इस वर्ष सर्दी अपना असल रूप दिखाने वाली है। मौसम वैज्ञानिक की मानें तो कड़ाके की ठंड और शीत लहर चलने का अनुमान है, जो कोरोना संक्रमण को देखते हुए सही नहीं होगा।
पंतनगर विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. आरके सिंह ने कहा कि सर्दी का मौसम लंबा खिंचने वाला है। ला नीना के चलते इस वर्ष कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान है।
क्या है ला नीना
ला नीना एक प्रक्रिया है, जिसके तहत समुद्र में पानी ठंडा होना शुरू हो जाता है। समुद्री पानी पहले से ही ठंडा होता है, लेकिन इसके कारण उसमें ठंडक बढ़ती है, जिसका असर हवाओं पर पड़ता है। एल नीनो में इसके विपरीत होता है। दोनों ही क्रियाओं का असर सीधे तौर पर भारत के मानसून और सर्दी के मौसम पर पड़ता है।