दूसरे दिन सीएम ने खटीमा में बूथ कार्यक्रम में भाग लिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने दो दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान आज प्रातः से ही अपने निजी आवास नगला तराई खटीमा में आम जनता की जन समस्याएं सुनी। इसके उपरान्त मुख्यमंत्री ने फाईबर कम्पनी के परिसर में पहुंचकर दीप प्रज्ज्वलित करते हुए बूथ कार्यक्रम प्रारम्भ किया। अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए कार्य हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि सरकार प्रत्येक जनमानस के साथ हर दुख-सुख में खड़ी है। उन्होने कहा कि सरकार प्रत्येक व्यक्ति के हित के बारे में लगातार विकास कार्याे कर रही है। उन्होने कहा कि खटीमा नागरिक चिकित्सालय में एक हजार एलपीएम का ऑक्सीजन प्लांट लगा दिया गया है व पुराना अस्पताल में अस्थाई सैनिक कैन्टीन बनाया जा रहा है, जिसे आगामी माह नवम्बर तक संचालित कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि खटीमा में बस अड्डा निर्माण, खटीमा बाईपास निर्माण, एकलव्य विद्यालय निर्माण, राजकीय आश्रम पद्धति जनजाति स्कूल, शहीद स्मारक एवं मण्डी में धान क्रय केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर सम्बन्धित अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया गया है कि कार्याे में तेजी लाते हुये शीघ्र कार्य पूर्ण करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। आयुष्मान योजना के तहत निःशुल्क ईलाज व 207 प्रकार की जांचे निःशुल्क की जा रही हैं। कोविड-19 संक्रमण के दौरान अनाथ हुये बच्चों के लिये वात्सल्य योजना के तहत तीन हजार रूपया प्रत्येक बच्चे को दिया जा रहा है व बच्चे को बड़े होने पर पांच प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। बहनों एवं नवजात कन्याओं को महालक्ष्मी किट प्रदान की जा रही है।नौजवानो को विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिये निःशुल्क आवेदन करने की प्रक्रिया, ग्राम प्रधानों का मानदेय रू0 1500 से बढाकर 3500, आशा कार्यकत्रियों को रू0 3500 से बढ़ाकर 6500, उपनल कर्मियों की मांग मानते हुये दस साल की सेवा पूर्ण करने वाले कर्मचारियों को मानदेय में रूपया-2000 व दस वर्ष से अधिक सेवा पूर्ण करने वाले कर्मचारियों को रूपया 3000 देने का काम सरकार द्वारा किया गया है। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा लगातार सभी के लिये कुछ ना कुछ रास्ता निकाला जा रहा है जिसके लिये सब लोगों का साथ बहुत जरूरी है। उन्होने कहा कि प्रत्येक न्यायपंचायत स्तर युवाओं के लिये ओपन जिम खोला जायेगा जिससे की हमारे युवा स्वस्थ व निरोग्य रहे।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने मगरमछ के हमले से मृत्यु होने के कारण मृतक के परिजन लक्ष्मी देवी को तीन लाख रूपये का चौक अर्थिक सहायता के रूप में प्रदान किया।
इस अवसर पर विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा, कैलाश चन्द्र गहतोड़ी, उपाध्यक्ष किसान आयोग राजपाल सिंह, अध्यक्ष किच्छा मण्डी समिति कमलेन्द्र सेमवाल, अध्यक्ष मण्डी समिति खटीमा नन्दन सिंह खड़ायत, जिलाधिकारी रंजना राजगुरू, एसएसपी दलीप सिंह कुवंर, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, उप जिलाधिकारी निर्मला बिष्ट, तुषार सैनी, जनप्रतिनिधि मोहनी देवी, उर्मिला, माया जोशी, सतीश गोयल, अजय मौर्या, नवीन चन्द्र, गोविन्द, किशन, खुब सिंह विकल, तेज सिंह मेहरा, पूजा बत्रा, प्रियंका आदि उपस्थित थे।

दो दिन से लगातार अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों की बीच मौजूद हैं मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में पूरे समर्पित भाव से जनता के बीच मौजूद हैं। लगातार दूसरे दिन पीड़ितों के बीच पहुंचकर उन्होंने राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया। तूफानी दौरा कर वह हर उस स्थान पर पहुंच रहे हैं जहां के लोगों पर प्रकृति ने कहर बरपाया है। जब हल्द्वानी से मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर टेक ऑफ नहीं कर पाया तो समय जाया किए बगैर वह सड़क मार्ग से ही प्रभावित इलाकों के लिए निकल पड़े। कई बार उन्होंने ट्रैक्टर में बैठकर भी निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री से प्रेरित होकर समूची सरकारी मशीनरी चौबीस घण्टे एक्टिव मोड में है। इधर, मुसीबत की इस घड़ी में मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर पीड़ित जनता राहत महसूस कर रही है।
सैनिक पुत्र धामी में दैवीय आपदा से जूझने में सेना के जवान वाला जज्बा देखने को मिल रहा है। रात-दिन तूफानी दौरे, त्वरित फैसले और कड़क मॉनिटरिंग से युवा मुख्यमंत्री ने अपने कौशल का परिचय दिया है। बीते 17 और 18 अक्टूबर को आई मूसलाधार बारिश ने उत्तराखण्ड के कई जिलों में तबाही मचा दी। प्रभावित इलाकों में युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्य चलाया जा रहा है। सेना के तीन हेलीकॉप्टर भी इस मिशन में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं ग्राउंड जीरो पर उतर कर बचाव और राहत कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
बीते मंगलवार को उन्होंने गढ़वाल मण्डल के प्रभावित स्थानों में जाकर अपना दौरा शुरू किया जो अब कुमाऊं मण्डल में जारी रहा। पीड़ित जनता से मिलकर मुख्यमंत्री लगातार उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। रेस्क्यू अभियान की खुद अगुवाई करके उन्होंने पूरे ’सरकारी सिस्टम’ को राहत के काम में झोंक रखा है।
मंगलवार की देर रात तक प्रभावित लोगों दुख-दर्द बांटने के बाद बुधवार की सुबह हल्द्वानी में उन्होंने ’जनता दरबार’ लगाया और स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं। अधिकांश समस्याओं का ’एट दि स्पॉट’ समाधान किया गया। अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि आपदा प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जाए। उनकी समस्या का समाधान किया जाए और आवश्यक जरूरतें पूरी की जाएं। जनता दरबार के बाद मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्रों के लिए निकले पर हल्द्वानी में उनका हेलीकॉप्टर टेक ऑफ नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से ही चले गए। रुद्रपुर, काशीपुर, हल्द्वानी व आसपास के तमाम क्षेत्रों का उन्होंने सघन भ्रमण किया।
मुख्यमंत्री ने खटीमा के बाढग्रस्त प्रतापपुर व नौसर में ट्रेक्टर द्वारा पहुंचकर बाढ़ पीड़ित लोगों का हाल चाल जाना व किसानों से वार्ता की। उन्होने किसानो से कहा कि सरकार द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जायेगा। इसके बाद मुख्यमंत्री बण्डियां सत्रहमील होते हुये खटीमा में मेलाघाट रोड स्थित रेलवे कांसिग के पास दुकानदारों से मिलकर उनका हाल चाल जाना। तद्पश्चात उन्होंने मेलाघाट रोड स्थित पकड़िया में स्थानीय लोगों से मुलाकात की। अपना घरबार व फसल गंवा चुके लोगों से मिलकर उन्हें ढाढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आपदा से हुए नुकसान का अतिशीघ्र आंकलन पर प्रभावितों को उचित मुआवजा दिया जाए। जो लोग बेघर हो गए हैं उनके आवास और भोजन की व्यवस्था की जाए। जिलाधिकारियों को बचाव व राहत अभियान की कमान अपने हाथ में लेने और हर घण्टे इसकी प्रगति से अपडेट रहने को कहा गया है।
खटीमा के पश्चात् मुख्यमंत्री ने चंपावत एवं तल्ला रामगढ़ के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई व स्थलीय निरीक्षण तथा भिकियासैंण का हवाई निरीक्षण करने के पश्चात् अतिवृष्टि से क्षेत्र में हुई हानि का ब्यौरा लिया।
मुख्यमंत्री के साथ राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और शासन-प्रशासन के उच्च अधिकारी मौजूद रहे।