मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ जल जीवन मिशन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूरा करना सुनिश्चित करें। हर जिलाधिकारी के पास शाम को यह सूचना होनी चाहिए कि उनके जिले में उस दिन कितने घरों को पानी का कनेक्शन दिया गया। इस सूचना से जिलाधिकारी, शासन को भी नियमित रूप से अवगत कराएं। रोजाना के टार्गेट तय कर मिशन मोड में काम किया जाए।
जल जीवन मिशन के लिए पूरे कमिटमेंट से काम हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री का प्रमुख कार्यक्रम है। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों में पानी का कनेक्शन के साथ ही समुचित पेयजल की उपलब्धता और इसकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित करनी है। इसमें सभी को मिलकर अधिक मेहनत और कमिटमेंट के साथ काम करना होगा। जल्द से जल्द विलेज एक्शन प्लान तैयार कर उसके अनुरूप काम किया जाए। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 1 रूपए में पानी का कनेक्शन दिए जाने की प्रशंसा कर हम सभी का उत्साह बढ़ाया है। अब हमें दोगुने उत्साह से काम करना है।
100 दिनों में सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का कनेक्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुसार 2 अक्टूबर से 100 दिनों के अंदर सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का कनेक्शन सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दिसम्बर 2021 तक हर ग्रामीण घर में पानी का कनेक्शन
सचिव पेयजल नीतेश झा ने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत चार माईलस्टोन निर्धारित किए गए हैं। पहले माईल स्टोन के तहत लक्ष्य को और भी कम समय में हासिल करने की योजना है। अब प्रत्येक ग्रामीण घर में पानी का कनेक्शन दिसम्बर 2021 तक पहुंचाना है। इस वित्तीय वर्ष में कोरोना जैसी विषम परिस्थितियां होने पर भी 30 सितम्बर तक 61 हजार से अधिक पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। प्रदेश में कुल गांव 15218 हैं। इनमें से 623 गांव ऐसे हैं जहां पानी की लाइन नहीं गई है। जबकि कुल 14 लाख 61 हजार 910 घरों में से 2 लाख 78 हजार 124 घरों में पानी का कनेक्शन है। देहरादून और बागेश्वर के जिन गांवों में पानी की लाइन पहुंची हुई है, वहां इस वर्ष 25 दिसम्बर सुशासन दिवस तक सभी ग्रामीण घरों को पानी का कनेक्शन सुनिश्चित किया जाना है। अल्मोड़ा, चम्पावत, चमोली, नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़, रूद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी में पानी की लाइन वाले गांवों में 26 जनवरी 2021 तक सभी घरों को पानी का कनेक्शन उपलब्ध करवा देना है। हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिले को यह लक्ष्य 31 मार्च 2021 तक पूरा कर लेना है। सभी एससी व एसटी गांवों को मार्च 2021 तक कवर करना है। जिन गांवों में पानी की लाइन नहीं है, वहां 30 सितम्बर 2021 तक लक्ष्य हासिल करना है।
प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी
दूसरे माईल स्टोन के तहत पर्याप्त मात्रा में पेयजल की उपलब्धता के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पानी सुनिश्चित किया जाएगा।
पेयजल की क्वालिटी बीआईएस रू 10500 मानक के अनुरूप
तीसरे माईल स्टोन के तहत पेयजल की क्वालिटी सुनिश्चित की जाएगी। इसमें भारत सरकार के पानी की गुणवत्ता के बीआईएस रू 10500 मानक को पूरा किया जाएगा। इसके लिए वाटर क्वालिटी लैब स्थापित कर उनकी मान्यता एनएबीएल से ली जाएगी। सभी वाटर लैब आम जन के लिए खुली रहेंगी। इनमें कोई भी व्यक्ति आकर अपने पानी के सैम्पल की गुणवत्ता की जांच करा सकेगा। ग्रामीण स्तर पर फील्ड टेस्ट किट उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए कुछ ग्रामीणों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
चैथे माईल स्टोन के तहत प्रधानमंत्री के दिए गए लक्ष्य के अनुरूप 2 अक्टूबर से 100 दिनों के भीतर सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही ग्रे वाटर मैनेजमेंट और स्प्रिंग शैड मैनेजमेंट भी किया जाएगा।