सीएम राहत कोष से भू धंसाव से विस्थापित परिवारों को सरकार करेगी मदद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जोशीमठ में भू धंसाव के कारण विस्थापित परिवारों को मकान किराये के लिए 4 हजार रूपये प्रति माह की दर से 6 माह तक दिये जाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से राशि स्वीकृत की गई है। जनपद चमोली के तहसील जोशीमठ के नगरपालिका क्षेत्र जोशीमठ के अन्तर्गत विगत दिनों से हो रहे भूधसाव से प्रभावित ऐसे परिवार जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण अधिवासन योग्य नहीं है अथवा ऐसे परिवार जो बेघर हो गये हैं, परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर किराये के मकान में अस्थायी रूप से विस्थापित करने के लिए ₹4000 प्रति परिवार की दर से 6 माह के किराये मद में मुख्यमंत्री राहत कोष से अग्रिम के रूप में व ₹1.00 करोड़ (एक करोड मात्र) स्वीकृत कर जिलाधिकारी चमोली के निवर्तन रखा गया है।

कोरोना से जंग को वन मंत्री हरक सिंह ने दिए 25 करोड़ रूपए


वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोरोना से जंग लड़ने के लिए 25 करोड़ की धनराशि का योगदान मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है। इस धनराशि का चेक उन्होंने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिया। मुख्यमंत्री ने इस सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन आनंद वर्धन, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एसपी सुबुद्धि भी उपस्थित थे।

इसके बाद मीडिया सेन्टर में आयोजित पत्रकार वार्ता में वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने प्रदेश के सभी व्यक्तियों, संस्थाओं व संगठनों से आग्रह किया है कि वैश्विक महामारी की वजह से पैदा हुए इस संकट में अपना यथासंभव आर्थिक योगदान मुख्यमंत्री राहत कोष में दें ताकि सरकार इससे पर्याप्त संसाधन जुटाकर मजबूती के साथ कोरोना से लड़ाई लड़ सके। उन्होंने कहा कि पिछले साल भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 50 करोड़ की राशि कोरोना काल में मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदान की थी।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर साल पर्यावरण शुल्क लेता है। इससे हुई आमदनी से बोर्ड हमेशा सामुदायिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निर्वहन करता है। बोर्ड का कार्मिकों के वेतन आदि समेत का खर्च 20 करोड़ रुपया है। इस व्यय के बाद शेष बची राशि का उपयोग जनहित में भी किया जाता है। इसी मद से आज मुख्यमंत्री राहत कोष में बोर्ड से 25 करोड़ की राशि का सहयोग प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के पास सीमित संसाधन हैं और कोरोना के खिलाफ लड़ाई लम्बी चल सकती है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दूसरी लहर के बाद कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है। ऐसे में सरकार को दूसरी लहर से निपटने के साथ ही तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना है। एकजुट होकर और सामूहिक सहभागिता से ही यह लड़ाई जीती जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को एक साल से अधिक का समय हो गया है। हमें खुद को संभालने के साथ ही इस लड़ाई को जीतने में यथासंभव योगदान देना होगा। पर्याप्त धनराशि होने पर ही सरकार और अधिक संसाधन जुटा सकती है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राज्य सरकार पूरे प्रदेश खासतैर पर पहाड़ी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगा रही है। हर चिकित्सालय में ऑक्सीजन सिलेण्डर और कंसंट्रेटर मुहैया करवा रही है। आवश्यक चिकित्सकीय उपकरणों व दवाओं की खरीद बड़े पैमाने पर की जा रही है।

आशा कार्यकर्ताओं को मिलेगी एक-एक हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सीएम राहत कोष से आशा कार्यकत्रियो को एक-एक हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शादियों में अधिकतम संख्या 25 की जाए। ग्रामीण बाजारों में भी बाजार खुलने के समय को जिलाअधिकारी अपने अनुसार घटा सकते हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ कोविड की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने डोर टू डोर सर्वे के निर्देश दिये, इसके साथ ही 104 के अतिरिक्त सीएम हेल्पलाइन और पुलिस विभाग के कॉल कॉलसेंटर में फोन लाईनों की संख्या बढाई जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कॉलसेंटर और हेल्पलाईन पूरी तरह से सक्रिय रहें और बेड, इंजेक्शन सम्बंधी जानकारी भी अपडेट रहे। आक्सीजन के सिलेंडरों की संख्या बढाने के लिये हर सम्भव कोशिश की जाए। इसमें विभिन्न संगठनों, उद्योगों की सहायता भी ली जा सकती है। कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भोजन, पानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई ढिलाई न हो। इसके साथ ही छोटे-छोटे स्थानों में सेनेटाइजेशन का काम किया जाए जहां संक्रमण की अधिक सम्भावनाएं हैं ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आक्सीजन प्लांटों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति हो। सभी कोविड केयर सेंटर व अस्पतालों में फायर सेफ्टी सुनिश्चित की जाए। कोविड टेस्ट की रिपोर्ट में समय न लगे। टेस्ट होते ही तुरंत सभी को कोविड किट दिया जाए। शासन से जो भी निर्देश दिये जाते हैं, उनका प्रभावी क्रियान्वयन हो। टेस्ट सेंटरों और वैक्सीनैशन सेंटरों में कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाए। ई-संजीवनी पोर्टल को और प्रभावी बनाते हुए प्रचारित किया जाए ताकि जन सामान्य उसका अधिक लाभ उठा सके। होम आइसोलेशन में रहने वालों को मालूम होना चाहिए कि उन्हें किन बातों का ध्यान रखना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आने वालों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसका पालन कङाई से हो। सरकारी व निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों की व्यवस्था को लगातार क्रास चैक करवाया जाए। संबंधित मरीजों और उनके परिजनों से इसका फीड बैक लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड मरीजों हेतु एम्बुलेंस की दरें निर्धारित की जाए ताकी ओवररेटिंग जैसी शिकायत ना हो । दवाओं के कालाबाजारी को रोकने के लिए 147 एसटीएफ टीमें बनाई गई हैं। अभिसूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। सरकारी अस्पतालों के साथ ही प्राईवेट अस्पतालों में भी आक्सीजन बेड की उपलब्धता की व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाए।

बॉर्डर में रेजिस्ट्रेशन क्यूआर कोड रीडर के करिए चैकिंग की जाए। कोविड कर्फ्यू में निर्माण कार्यों को छूट है इसलिए निर्माण से संबंधित सीमेंट, सरिया की दुकानों को बंद न करायें।

बैठक में जानकारी दी गई कि बॉर्डर पर अधिकतर लोगों की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट प्राप्त हो रही है जिनकी रिपोर्ट नहीं है उनकी भी सैंप्लिंग की जा रही है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, डाॅ पंकज कुमार पाण्डेय, सूचना महानिदेशक रणबीर सिंह चैहान आदि उपस्थित थे।

आपदा राहत को बाॅलीवुड गायक जुबिन नौटियाल ने दिया 13 रूपए का चेक

Bollywood singer Zubin Nautiyal given a check of 13 rupees for disaster relief
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से आज बाॅलीवुड गायक जुबिन नौटियाल ने बात की।

अवसर पर जुबिन नौटियाल ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को आपदा राहत के दृष्टिगत मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु 13 लाख 91 हजार 111 रूपये का चेक सौंपा।

सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहा सीआईआईः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सी.आई.आई. द्वारा आयोजित उत्तर भारत वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि कोरोना महामारी से भारत ही नहीं बल्कि विश्व की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। देश में औद्योगिक गतिरोध उत्पन्न हुआ है, इस कान्फ्रेंस से नई आशा एवं विश्वास का संचार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 मार्च से प्रदेश में लॉक डाउन हो गया था। प्रदेशवासियों एवं उद्योग जगत ने संयम से लॉक डाउन का पालन किया है। उत्तराखंड में अभी तक कोरोना के 51 पाजिटिव मामले आए हैं, जिसमें से 33 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। उत्तराखंड के पर्वतीय जिले कोरोना के प्रभाव से मुक्त हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सी.आई.आई. समाज के सक्षम वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है और ऐसे समय में सी.आई.आई अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सरकार के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सी.आई.आई. की राज्य ईकाई निरन्तर राज्य सरकार के सम्पर्क में रही है। मुख्यमंत्री राहत कोष में भी उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने अहम योगदान दिया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि भारत सरकार के आदेश के बाद राज्य में उद्यमियों की सुविधा के लिए उद्योग के संचालन की अनुमति हेतु एकल खिड़की की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के माध्यम से 20 अप्रैल से अभी तक 1171 उद्योगों को संचालन की अनुमति दी गई है। लॉक डाउन की अवधि में कोविड-19 से सुरक्षा हेतु आवश्यक उपायों के दृष्टिगत आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली ईकाइयों को बंदी से मुक्त रखा गया है। राज्य में फार्मा तथा खाद्य पदार्थ उत्पादन की 1884 ईकाइयों के संचालन की अनुमति दी गई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड-19 आपदा से राज्य की आर्थिकी पर पड़ रहे दुष्प्रभावों के निराकरण के लिए प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के विभिन्न उपायों एवं विकल्पों का त्वरित अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सेवानिवृत्त आई.ए.एस अधिकारी इन्दु कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सिडकुल औद्योगिक क्षेत्रों में लीज, रेंट के भुगतान की अन्तिम तिथि 30 अप्रैल 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2020 तक विस्तारित किया गया है। लम्बित जल संयोजन उपयोग प्रभार, सीवर शुल्क आदि भुगतान करने की तिथि 31 मई 2020 तक, जल एवं वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के तहत सहमति के स्वतः नवीनीकरण की तिथि 30 जून 2020 तक बढ़ाई गई है। इसके अलावा भवन एवं अन्य निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों को 2-2 हजार रूपये की वित्तीय सहायता दी गई है। मार्च से मई 2020 तक औद्योगिक और वाणिज्यिक श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं से फिक्स्डध्डिमाण्ड चार्ज के भुगतान में आस्थगन की सुविधा तथा विलम्ब से बिलों के भुगतान में लेट सरचार्ज में छूट एवं लॉक डाउन के दौरान विद्युत बिल भुगतान करने में असमर्थ रहने पर विद्युत संयोजन काटने पर रोक लगाई है।