सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास कर रही

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सरकार के कार्यकाल के तीन वर्ष पूर्ण होने पर सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका ‘‘विकास के तीन सालः बातें कम, काम ज्यादा’’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने सरकार को सहयोग देने के लिए प्रदेशवासियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास कर रही है। तीन वर्ष के दौरान अनेक बड़े निर्णय लिए गए। 4 मार्च को गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा की गई। यह हमारे दृष्टि पत्र में भी था। हमने जनता से किया गया वायदा पूरा किया। प्रदेश की जनता ने भी इसके पक्ष में अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। हमारा दूसरा बड़ा निर्णय चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन था। अब चारधाम यात्रा इसके तहत की जाएंगी।
हमने जनता से सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त शासन का वायदा किया था। हमने इसके लिए कड़े कदम उठाए, भ्रष्टाचार पर तीखा प्रहार किया। साबित किया कि सरकार ईमानदारी से भी चल सकती है। पारदर्शी शासन के लिए ई-आफिस, सीएम हेल्पलाईन, सीएम डैशबोर्ड की व्यवस्था की है। तीन साल में एक बड़ा निर्णय अटल आयुष्मान योजना शुरू करना रहा है। इसमें प्रदेश के सभी लोगों को शामिल किया। रैफर के प्रावधान को हटाया गया है। प्रदेश में पहली बार इन्वेस्टर्स समिट की गई। 1 लाख 24 हजार करोड़ के एमओयू किए गए। इनमें से 21 हजार करोड़ से अधिक का निवेश ग्राउन्ड हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बहुत से निर्णय लिए, जहां सुधार की गुंजाईश होती है, वहां सुधार भी किए जाते हैं।
ऑल वेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट, एनएच, भारतमाला, टिहरी बांध, शहरी विकास, एयर कनेक्टीवीटी, जमरानी, सौंग, मसूरी पेयजल योजना आदि के रूप में डबल इंजन का प्रभाव देखा जा सकता है। केंद्र से 94 हजार करोड़ रूपए से अधिक के प्रोजेक्टों की स्वीकृति ली गई। पलायन को रोकने के लिए नहीं बल्कि रिवर्स पलायन के लिए ग्राम्य विकास और पलायन आयोग का गठन किया गया। उसने विस्तृत अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट दी। 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टीनेशन, होम स्टे से स्थानीय लोगों की आजीविका के लिए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। ग्रोथ सेंटर, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। हम ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रहे हैं। सोलर और पिरूल एनर्जी नीति पर्वतीय क्षेत्र में काफी फायदेमंद होंगी। प्रदेश में एयर कनेक्टीवीटी का भी विस्तार हुआ है। देहरादून, देश के प्रमुख शहरों से जुड़ चुका है। चिन्यालीसौड़, गौचर भी हवाई सेवा से जुड़ चुके हैं। उड़ान के अंतर्गत हेली सेवा शुरू करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है। आर्गेनिक खेती में भी बड़ी पहल की गई है। साहसिक पर्यटन के लिए अलग से विभाग बनाया जा रहा है। साहसिक पर्यटन हमारे युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण क्षेत्र होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे भी हम अपने विकास के एजेंडे पर आगे बढ़ते रहेंगे। सभी डिग्री कॉलेजों, आंगनबाड़ी केंद्रों को भवन और स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध करवाया जाएगा। कनेक्टीवीटी के लिए जहां भी पुलों की आवश्यकता होगी, बनाए जाएंगे। बालिका अनुपात में काफी सुधार आया है, इस पर और ध्यान दिया जाएगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चैहान, देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, मुन्ना सिंह चैहान, खजान दास, महानिदेशक सूचना डा.मेहरबान सिंह बिष्ट उपस्थित रहे।

जनपदों की कम उपलब्धि पर ठोस कार्य योजना बनाने के दिये निर्देश

सचिवालय सभागार में पंचायती राज मंत्री अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति को देखते हुए जिन जनपदों की उपलब्धि कम है वह ठोस रणनीति के तहत तेज गति से कार्य कर लक्ष्य को पूरा करें। उन्होंने कहा कि कार्यों के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि लक्ष्य पूरा करने में कोई समस्या हो तो उच्चाधिकारियों अथवा उनके संज्ञान में लाये ताकि उसका निराकरण किया जा सके। उन्होंने सभी अधिकारियों से 15 मार्च तक लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए तथा 15 मार्च को पुनः समीक्षा बैठक बुलाने के निर्देश सचिव पंचायती राज हरबंस सिंह चुघ को दिए तथा अधिकारियों से पूर्ण प्रगति के साथ आगामी बैठक में स्वयं प्रतिभाग करने के निर्देश दिए।
उन्हांने पंचायती विभाग की जनपदों में अवस्थित संपत्तियों का ब्यौरा भी एक सप्ताह में निदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए तथा सम्पत्ति से होने वाली आय का भी ब्यौरा भेजने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि पंचायती विभाग की लाखों की संपत्ति जनपदों में है किन्तु उसकी विभाग द्वारा पर्याप्त देखरेख के अभाव में अपेक्षाकृत कम आय हो रही है।
उन्होंने ग्राम्य पंचायती के सुदृढ़ीकरण हेतु ग्राम पंचायत अधिकारियों के पद आवश्यकतानुसार बढ़ाने के लिए नियमावली तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने निदेशक एच.सी.सेमवाल को निर्देशित किया कि नियमावली में पहाड़ों में भौगोलिक परिस्थिति के अनुरूप पदों को आवश्यकतानुसार बढ़ाने तथा मैदानी क्षेत्रों में जनसंख्या के आधार पर गा्रम पंचायत राज अधिकारी के पदों को बढ़ाने के प्रस्ताव को नियमावली में लाया जाए। उन्होंने प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए तथा गांव पंचायतों में चल रहे विभिन्न विभागों के निर्माण कार्यों में दोहरापन (डुप्लीकेसी) रोकने के लिए पंचायती राज विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की संभावनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने जिला पंचायत अधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान तथा लोकल गवरमेंट निर्देशिनी समयबद्व कार्यक्रम में तैयार करने के निर्देश दिए। पंचायती राज मंत्री ने ग्राम पंचायत में संचालित कार्यक्रमों में शत् प्रतिशत भुगतान डी.बी.टी. प्रणाली से करने के निर्देश दिए। कैबिनेट मंत्री द्वारा पंचायत भवन के निर्माण, मरम्मत, कॉमन सर्विस सेंटर की वित्तीय एवं भौतिक समीक्षा की गई। उन्होंने 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत वर्ष 2017-18 से अबतक वर्षवार वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा जनपदों के जिला पंचायत अधिकारियों से जनपदवार की। उन्होंने जनपदों में अबतक प्रिआ सॉफ्ट प्रणाली से की जा रही ग्राम पंचायतवार कार्यवाही की समीक्षा भी की। मंत्री ने सी.एम. डैशबोर्ड एवं सी.एम. हैल्पलाईन की अद्यतन प्रगति की भी जनपदवार समीक्षा की।

कॉरपोरेट और सरकार के मध्य गैप को कम करेगा ‘सहयोग’ पोर्टल

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व पोर्टल ‘‘सहयोग‘‘ का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘सहयोग‘‘ पोर्टल के माध्यम से राज्य सरकार एवं उद्योग जगत से जुड़े लोगों के मध्य आपसी सामंजस्य बढ़ेगा, साथ ही सरकार एवं उद्योग जगत के मध्य गैप को कम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पोर्टल के माध्यम से सरकार की प्राथमिकताओं की जानकारी पूर्ण पारदर्शिता के साथ उद्योग जगत के समक्ष उपलब्ध होगी, साथ ही साथ, सी.एसआर के अंतर्गत पोर्टल के माध्यम से उद्योगों को राज्य के विकास में अपनी इच्छा के अनुरूप कार्यक्षेत्र चुनने का भी अवसर होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में सीएसआर फंड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस सी.एस.आर. फंड के सही उपयोग करने के लिये इंडस्ट्रीज को सरकार की प्राथमिकताओं की जानकारी होना आवश्यक है। इसके लिए विभागों द्वारा प्रयास किये जाने चाहिए ताकि पोर्टल पर समस्त प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो सके। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को विभागों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर कराये जाए वाले कार्यों की जानकारी पोर्टल पर शीघ्र अपलोड करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने उद्योग जगत से सरकार की प्राथमिकताओं एवं विजन-2020 के अनुरूप विकास कार्यों में अपना सहयोग देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। साथ ही अच्छे प्रोजेक्ट्स को सम्मानित भी किया जाएगा।

सचिव राधिका झा बताया कि कॉरपोरेट एवं सरकार के मध्य गैप को कम करने हेतु तैयार इस पोर्टल के माध्यम से विभागाध्यक्ष अपने ऐसे प्रोजेक्ट्स, जिन्हें वे अपने संसाधनों से नहीं कर पा रहे हैं, को प्राथमिकता के आधार पर अपलोड करेंगे। इससे कॉरपोरेट जगत को ऐसे प्रोजेक्ट्स या क्षेत्रों की जानकारी मिल जाएगी जिन क्षेत्रों में उनका सहयोग अपेक्षित है। सचिव ने बताया कि पोर्टल में कॉरपोरेट को सेक्टर और जनपद चयन करने का भी विकल्प होगा। इन प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग भी सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से लगातार की जाएगी।

जरुरत मंद को उचित समय में न्याय दिलाना प्राथमिकताः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में सीएम डेशबोर्ड पर केपीआई के आधार पर सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सेवा के अधिकार में अधिसूचित सेवाएं ऑनलाईन भी उपलब्ध होनी चाहिए। ई-डिस्ट्रिक्ट में वर्तमान की सेवाओं के साथ ही अन्य सेवाओं को भी शामिल किया जाए। जो जिला इसमें बेहतर प्रदर्शन करेगा, उसे पुरस्कृत किया जाएगा। विभागों को डिजी-लॉकर से जोड़ने के लिए सचिव समिति द्वारा विचार किया जाए। एक ही एप्प के अंतर्गत सभी सुविधाएं उपलब्ध हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा के अधिकार में सेवाएं निर्धारित समय में दी जा रही है या नहीं, इसके लिए सतत मॉनिटरिंग की जाए। सीएम हेल्पलाईन पर वर्तमान में प्रातः 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक संचालित की जा रही है। रात्रि 10 बजे से सुबह 8 बजे तक जो भी कॉल आती हैं, उनकी रिकार्डिंग की व्यवस्था की जाए और उन्हें संबंधित अधिकारियों को अग्रसारित किया जाए। सीएम हेल्पलाईन में सभी स्तरों के अधिकारियों की परफोरमेंस वेल्युशन किया जाए। लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए। प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक डिजीटल विलेज के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। ताकि अधिक से अधिक छात्र इसका लाभ उठा सकें।
बैठक में बताया गया कि स्टेट डाटा सेंटर के अंतर्गत वर्तमान में 12 विभाग जुड़े हैं। स्वान से 1474 कार्यालय जुड़ चुके हैं, मार्च 2020 तक 164 कार्यालय और जोड़ दिए जाएंगे। इन्वेस्टर्स समिट के बाद आईटी में 2286 करोड़ रूपए की ग्राउंडिंग हो चुकी है। सीएम डेशबोर्ड से 33 विभाग जुड़े हैं। पीएमजी-दिशा में युवाओं को डिजीटल साक्षरता की ट्रेनिंग दी जा रही है। बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार नरेंद्र सिंह, सचिव आरके सुधांशु, राधिका झा, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, अपर सचिव चंद्रेश यादव, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।