मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्य सेवक सदन में एचडीएफसी बैंक के राजपुर गांव की 111वीं शाखा, युकाडा के विभिन्न सॉफ्टवेयर एवं चार-धामों में यात्रियों की सुविधा के लिए स्थापित एटीएम का वर्चुअल शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का जो मंत्र दिया है, वह मंत्र तभी सार्थक हो सकता है जब हम समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक सामान्य जन सुविधाओं को पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि आज राज्य में वित्तीय समावेशन को एक आत्मनिर्भर राज्य के निर्माण की दिशा में प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने वित्तीय संस्थानों की सराहना करते हुये कहा कि राज्य में वित्तीय संस्थानों, विशेषकर बैंकों द्वारा ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों पर ध्यान देने के प्रयास भी उत्साहजनक रहे हैं, लेकिन हमें इस क्षेत्र में बुनियादी स्तर पर कार्य करने की और अधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि के तहत सुदूर गांवों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में एचडीएफसी बैंक की वर्तमान में कई शाखाएं संचालित हैं, जिसके माध्यम से प्रदेश के निवासियों को बेहतर बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिसमें एचडीएफसी बैंक लगातार सफल हो रहा है। यही नहीं एचडीएफसी बैंक पेपर लैस वर्क कल्चर को अधिक तरजीह देता है, जो डिजिटल तकनीक का विशिष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का निरन्तर प्रयास और संकल्प है कि प्रदेश के हर कोने और अन्तिम व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधाओं का लाभ पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश जनधन खातों का महत्व देख व समझ रहा है तथा बैंक खातों की वजह से ही सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया का आधा डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में हो रहा है, जिसमें हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने एचडीएफसी बैंक द्वारा सरकार को दिये जा रहे सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि बैंक द्वारा जहां केदारनाथ धाम के सौंदर्यीकरण के लिए धनराशि प्रदान की गई थी, वहीं जोशीमठ के सहायतार्थ भी आर्थिक मदद की गई। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए लोक केंद्रित पहल शुरू करने में सबसे आगे रही है तथा जब एचडीएफसी जैसे बैंक इन पहलों में सरकार का सहयोग करने के लिए आगे आते हैं, तो यह साझेदारी समाज के लिए अत्यंत लाभकारी होती है। उन्होंने कहा कि एचडीएफसी बैंक अथवा अन्य बैंक जहां आदर्श स्थिति में खड़े हो सकते हैं, वह आदर्श स्थान, देवभूमि उत्तराखण्ड ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने हमेशा आजीविका के अवसरों को बढ़ाने, आय के विविध और स्थायी स्रोतों को प्रदान करने, रोजगार और उद्यमिता को सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है ताकि उत्तराखंड को एक आदर्श राज्य बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि हम बैंकों, कॉरपोरेट्स और अन्य व्यवसायों को उत्तराखंड में स्थापित और विस्तारित करने के लिए कृत संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बैंकों सहित विभिन्न व्यवसायों को आवश्यक बुनियादी ढांचा और सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर रही है, जिससे राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर और स्वास्थ्य मानकों में सुधार किया जा सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एचडीएफसी बैंक पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष में एचडीएफसी ने जहां दो लाख पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित कर उस लक्ष्य को प्राप्त किया, वहीं इस वर्ष भी 5 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित कर पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये एचडीएफसी बैंक के स्टेट हेड बकुल सिक्का, ब्रांच हेड अखिलेश कुमार राय ने बैंक के क्रियाकलापों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर अपर सचिव वित्त, नागरिक उड्डयन सी0रवि शंकर सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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मुख्यमंत्री धामी ने 122 अभ्यर्थियों को दिये नियुक्ति पत्र
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में परिवहन निगम के अन्तर्गत चालक एवं परिचालक पद के लिए 106 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। इन अभ्यर्थियों को मृतक आश्रित के रूप में परिवहन विभाग में नियुक्ति दी गई है। परिवहन विभाग के अन्तर्गत चयनित 16 सहायक लेखाकारों को भी मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्रदान किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा माह के अन्तर्गत राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा जन-जागरूकता रैली का फ्लैग ऑफ किया। इस अभियान के तहत सभी जनपदों में सड़क सुरक्षा के प्रति जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सड़क सुरक्षा कैलेण्डर और सड़क सुरक्षा पर आधारित डाटा बुक का विमोचन भी किया। 16 महिलाओं को परिवहन विभाग द्वारा निःशुल्क ड्राइविंग प्रशिक्षण देने के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस भी प्रदान किये।
मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने पर परिवहन निगम और परिवहन विभाग के सभी अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अपनी नौकरी की शुरूआत से ही अपने कर्तव्यों का ईमानदारी, सच्ची लगन और कड़ी मेहनत से निर्वहन करें। परिवहन सेवा को सुचारू रखने के लिए चालक और परिचालक का महत्वपूर्ण दायित्व होता है। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा में आत्म अनुशासन का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि नौकरी की शुरुआती चरण से ही अपनी नियमित दिनचर्या के साथ कार्य करना शुरू करेंगे, तो यही दिनचर्या आदत में शामिल हो जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इनकी सुख-सुविधाओं को और बेहतर बनाने की भी परिवहन विभाग और परिवहन निगम पर बड़ी जिम्मेदारी है। इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए हम सबको अपने-अपने क्षेत्रों में अहम योगदान देना है, सबके सहयोग से उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से अनेक भर्ती प्रक्रियाएं गतिमान हैं। पिछले दो सालों में तेजी से भर्ती प्रक्रियाएं पूर्ण की गई हैं। सभी भर्तियां पूर्ण पारदर्शिता के साथ हों, इसके लिए राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद तेजी और पूर्ण पारदर्शिता से सभी परीक्षाएं सम्पन्न हुई हैं। मुख्यमंत्री ने महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए निःशुल्क ड्राईविंग प्रशिक्षण दिलाने के लिए परिवहन विभाग के प्रयासों की सराहना भी की।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी, प्रबंध निदेशक परिवहन निगम डॉ. आनन्द श्रीवास्तव एवं परिवहन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से पहली बार प्रदेश को मिले 1376 नर्सिंग अधिकारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित, मुख्य सेवक सदन में उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा चयनित नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। कार्यक्रम के दौरान चयनित 1376 अभ्यर्थियों में से 200 अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र प्रदान किये। शेष सभी अभ्यर्थियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले नर्सिंग अधिकारियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि चयनित सभी नर्सिंग अधिकारी लगन व कड़ी मेहनत के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे और राज्य के विकास व जनसेवा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि नर्सिंग अधिकारी का दायित्व बहुत महत्वपूर्ण है। ग्राउंड लेवल पर समाज में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के मुद्दों पर जनता को शिक्षित करने का दायित्व भी नर्सिंग अधिकारियों पर है। आपातकालीन स्थितियों में आपकी तत्परता और उत्कृष्टता लोगों के लिए जीवन रक्षा का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक कार्य किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ’आयुष्मान भारत योजना’ प्रदेशवासियों के लिए वरदान साबित हुई है। राज्य में सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले,इसके लिए राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड अटल आयुष्मान योजना से लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवाएं सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुई हैं। सरकार जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चला रही है। गर्भवती महिलाओं के लिए ’’जननी सुरक्षा योजना’’ संचालित की जा रही है, जिसके अंतर्गत संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देते हुए मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा भारत को क्षय मुक्त बनाने के लिए 2025 का लक्ष्य के सापेक्ष राज्य सरकार द्वारा 2024 तक उत्तराखण्ड को क्षय मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें भी नर्सिंग अधिकारियों को अहम भूमिका होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने दो-दो वैक्सीनों द्वारा देश की जनता की ही नहीं बल्कि अन्य देशों की भी मदद की। हमें अभी भी कोरोना के प्रति सावधानी रखनी है और लोगों को इसके प्रति जागरूक बनाए रखने हेतु कार्य करना है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को 13 वर्ष के उपरांत 1376 नर्सिंग अधिकारी मिले हैं। उन्होंने कहा कि सभी चयनित नर्सिंग अधिकारियों के पहले पांच साल राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में सेवाएं देनी होगी, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को जेआरडी टाटा मेमोरियल अवार्ड से नवाजा गया है। यह अवार्ड 42 स्वास्थ्य सूचकांकों में बेहतर प्रदर्शन पर राज्य को मिला। उन्होंने कहा कि टाटा रिसर्च सेंटर के सर्वे के अनुसार उत्तराखण्ड में क्रिटिकल मरीजों के लिए हवाई सेवा उपलब्ध कराने, अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना, 276 प्रकार की निःशुल्क जांच और 90 प्रतिशत से अधिक संस्थागत प्रसव कराने का सराहनीय प्रयास किया गया है।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, खजानदास, सविता कपूर, राजकुमार पोरी, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, कुलपति उत्तराखण्ड चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रो. हेमचन्द्र, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
सिलक्यारा ऑपरेशन सफल होने पर सीएम का जताया आभार
मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित ‘आदर अभिनन्दन, आभार मिशन सिलक्यारा’’ कार्यक्रम में श्रमिक संगठनों द्वारा मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग से 41 श्रमिकों को सकुशल निकालने के लिए सिलक्यारा रेस्क्यू में लगी केन्द्र एवं राज्य सरकार की सभी एजेंसियों द्वारा सराहनीय कार्य किया गया। इस मुश्किल घड़ी में श्रमिकों ने जो धैर्य रखा वो हम सभी को हमेशा प्रेरित करने का काम करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और श्रमिकों की हिम्मत से ही यह रेस्क्यू अभियान सफल हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस रेस्क्यू ऑपरेशन की उनसे प्रत्येक दिन अपडेट लेते थे और श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए विशेषज्ञों और आवश्यक उपकरणों की जो भी आवश्यकता पड़ी, प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में शीघ्रता से प्राप्त होते रहे। इस रेस्क्यू अभियान के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय की टीम भी नियमित तौर पर मौके पर रही। केन्द्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके.सिंह भी इस रेस्क्यू अभियान के दौरान लगातार सिलक्यारा में मौजूद रहे। केन्द्रीय एवं राज्य की एजेंसियों द्वारा समन्वय के साथ कार्य कर इस ऑपरेशन को सफल बनाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी श्रमिकों के परिजनों ने उस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम है। उन्होंने इस बचाव अभियान में लगे सभी लोगों का भी राज्य की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टनल में फंसे श्रमिकों के धैर्य ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी का मनोबल बढ़ाया। अनेक प्रयासों के बाद भी जब समय अधिक लग रहा था तो, श्रमिकों ने कहा कि अधिक समय लगने की उनको चिंता नहीं है, प्रयास हो कि वे सुरक्षित बाहर निकल जाएं। श्रमिकों के इन शब्दों ने रेस्क्यू अभियान में लगे सभी लोगों का हौंसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि हमारे श्रमिक एक बेहतर और समृद्ध भारत की नींव तैयार कर रहे हैं। “श्रमेव जयते“ के मंत्र को ध्यान में रखकर केन्द्र व राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में श्रमिकों के कल्याण के लिए निरंतर कटिबद्ध है। केंद्र सरकार ने श्रम कानूनों में अनेक बदलाव किए हैं। श्रम सुविधा पोर्टल शुरू किया गया है, जिसके अंतर्गत आठ अहम श्रम कानूनों को एक कर उनके सरलीकरण का काम किया गया है। आज हर श्रमिक को एक विशेष लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर दिया जा रहा है ताकि उसकी पहचान की जा सके जिससे उन्हें योजनाओं का लाभ मिल सके। श्रमिक और नियोजक के बीच बेहतर तालमेल हो सके इसके लिए नेशनल सर्विस पोर्टल भी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती पर 13 हजार करोड़ की “पीएम विश्वकर्मा योजना“ की शुरुआत की, इससे देशभर के लगभग 30 लाख श्रमिक परिवारों को लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों सहित अन्य श्रमिक भाइयो को बिना गारंटी के न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। आजादी के बाद इतने बड़े स्तर पर इस योजना के लागू होने से स्पष्ट है कि अंत्योदय के सिद्धान्त पर कार्य हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
सचिव श्रम आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि मिशन सिलक्यारा एक चुनौतीपूर्ण टास्क था। पूरे देश और दुनिया की नजरें इस पर थी। उन्होंने कहा कि इस मिशन को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू में लगे लोगों का लगातार मनोबल बढ़ाया। कल्याणकारी राज्य हर वर्ग के प्रति संवेदनशील होता है, इसका परिचय मुख्यमंत्री ने दिया। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग द्वारा शीघ्र ही श्रम विभाग की चौपाल आयोजित की जायेगी।
इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के सुमित सिंघल ने कहा कि सिलक्यारा मिशन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिस तरह मौके पर डटे रहे और हर पल की अपडेट लेते रहे, उन्होंने अपने जीवनकाल में किसी रेस्क्यू अभियान में इस दृढ़ता से कार्य करने वाले किसी मुख्यमंत्री को नहीं देखा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने किस तरह श्रमिकों की चिंता की और उनका जीवन बचाया, यह सबने देखा। उन्होंने कहा कि इस मिशन की सफलता के बाद श्रमिकों का मनोबल बहुत बढ़ा है।
ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन के अध्यक्ष नवीन कुरील ने कहा कि सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौके पर रहकर जिस तरह सबका मनोबल बढ़ाया वह सराहनीय था। उन्होंने कहा कि इस मिशन की सफलता के बाद सबके दिलों में उनके लिए अलग जगह बनी है।
इस अवसर पर श्रमायुक्त दीप्ति सिंह, विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि और श्रमिकों के परिजन उपस्थित रहे।
डिजिटल दौर में अर्थव्यवस्था के साथ जीवन शैली में भी सुधार हुआ-धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्य सेवक सदन, मुख्यमंत्री आवास, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ’डिजिटल नवाचार से सुशासन की ओर’ के अन्तर्गत सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी द्वारा निर्मित विभिन्न एप एवं पोर्टल का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न ग्राम प्रधानों को डिजिटल साक्षर बनाने की दिशा में कराये गये प्रशिक्षण के सर्टिफिकेट वितरित किए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी द्वारा निर्मित आई.एफ.एम.एस मोबाइल एप्लीकेशन, ई-पेंशन पोर्टल, सिंगल साइन ऑन, स्टेट पोर्टल (नवीनीकरण), स्टेट जी.ओ पोर्टल, डी.बी.टी पोर्टल, यू.के विजिटर पास एप, पसारा पोर्टल, मुख्यमंत्री जन समर्पण (तहसील दिवस) पोर्टल, मुख्यमंत्री संदर्भ पोर्टल, पी.एम गतिशक्ति उत्तराखंड पोर्टल एवं अपुणी सरकार पोर्टल में अतिरिक्त सेवाओं का शुभारंभ किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन वर्जन 2, सीएम जन समर्पण (तहसील दिवस) पोर्टल, अपुणी सरकार पोर्टल, सीएम संदर्भ पोर्टल, यूके विजिटर एप, पी.एम गतिशक्ति उत्तराखंड पोर्टल, आई.टी.डी.ए ट्रेनिंग, डीबीटी पोर्टल, सिंगल साइन ऑन, आई.एफ.एम.एस मोबाइल एप्लीकेशन एवं ई-पेंशन पर आधारित लघु फिल्मों का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह कार्यक्रम डिजिटल क्षेत्र में नवाचार का दिन है। आज आमजन को सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से विभिन्न सेवाओं का सरलीकरण कर उन्हें ऑनलाइन किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन सेवा के क्षेत्र में नित नए कार्य किया जा रहे है। हमारा राज्य डिजिटल के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में आगे बढ़े इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। डिजिटल क्रांति के क्षेत्र में आज हमारा राज्य निरंतर आगे बड़ रहा है। डिजिटल दौर में अर्थव्यवस्था के साथ जीवन शैली में भी सुधार हुआ है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ई-गवर्नेंस की मदद से गुड गवर्नेंस और पेपरलेस गवर्नेंस की ओर बढ़ रही है। राज्य में टेक्निकल एजुकेशन एवं ऑनलाइन ट्रेनिंग से भी युवाओं को जोड़ने का कार्य जारी है। राज्य सरकार समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को डिजिटाइजेशन से जोड़कर विकास को आगे बढ़ा रही है। उत्तराखंड राज्य को डिजिटल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में भी नेटवर्क कनेक्टिविटी पर तेजी से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने ई गवर्नेंस को प्रमोट करते हुए भ्रष्टाचार पर रोक लगाने का काम किया है। सरकारी कार्यालय में ऑनलाइन प्रणाली लागू होने से भ्रष्टाचार पर बड़ी चोट हुई है। राज्य के प्रत्येक नागरिक में सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि का भाव जगा है। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि आम जन को घर बैठे सरकारी सुविधाओं का लाभ मिले। उन्हें बेवजह सरकारी कार्यालय के चक्कर न काटने पड़े।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया के अंतर्गत ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। आज भारत के प्रत्येक क्षेत्र में डिजिटल ट्रांजेक्शन पेमेंट की सुविधा मौजूद है। प्रधानमंत्री ने ई गवर्नेंस के माध्यम से गुड गवर्नेंस की राह, संपूर्ण देश को दिखाई है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश और उत्तराखंड राज्य निरंतर विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
सचिव शैलेश बगौली ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर राज्य के अंतर्गत डिजिटाइजेशन को तीव्र गति के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। आम जन को किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए अधिक से अधिक सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है। उन्होंने कहा 4जी सैचुरेशन स्कीम के अंतर्गत उत्तराखंड में 500 से अधिक मोबाइल टावर लगाने का कार्य गतिमान है। 950 सरकारी सेवाओं को सेवा का अधिकार के अंतर्गत लिया गया है। जिसमें से 600 से अधिक सेवाएं ऑनलाइन माध्यम पर मौजूद हैं।
सचिव शैलेश बगौली ने कहा कि राज्य के अंदर डिजिटल रिकॉर्ड कीपिंग पर कार्य जारी है। स्टेट डाटा सेंटर को अपडेट किया गया है। सीएम हेल्पलाइन 1905 को नए और अत्यधिक टेक्नोलॉजी से जोड़ा गया है। तहसील स्तर पर होने वाली शिकायतों के सरलीकरण हेतु ई सिस्टम बनाया गया है।
इस दौरान कार्यक्रम में विधायक दुर्गेश्वर लाल, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव वित्त डॉ. वी. षणमुगम, विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, महानिदेशक यू कास्ट प्रो. दुर्गेश पंत, निदेशक आईटीडीए श्रीमती नितिका खण्डेलवाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
सीएम ने पीएम के जन्मदिन पर लाभार्थियों को चेक वितरित किये
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर ‘प्रधानमंत्री की सौगात-आपके लिए’ कार्यक्रम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों एवं प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत 11 लाभार्थियों को आवास स्वीकृति पत्र, चाबी एवं घर के लिए बर्तन और सामान क्रय के लिए 5-5 हजार रुपये के चेक प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाभार्थियों को अब घर के बर्तन और सामान के लिए 6-6 हजार रुपये दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान एन.आर.एल.एम योजना के 25 लाभार्थियों को चेक प्रदान किये। 10 समूहों को 75-75 हजार के सामुदायिक निवेश फण्ड (सीआईएफ) के चेक प्रदान किये गये। 5 समूहों को 10-10 हजार रुपये के रिवाल्विंग फण्ड के चेक और 10 समूहों को 1.50 लाख से 6 लाख रुपये तक के चेक प्रदान किये गये। राज्य में एन.आर.एल. एम योजना के तहत 5.01 लाख महिलाओं को संगठित कर 64 हजार 686 समूहों, 6 हजार 551 ग्राम संगठनों एवं 392 क्लस्टर स्तरीय संगठनों का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए भगवान केदारनाथ और भगवान बद्रीविशाल से उनके सुदीर्घ जीवन की कामना की। अपने जन्मदिन के सुअवसर पर देवभूमि की बहनों को पक्के मकान के रूप में विशेष उपहार देने पर उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे बीच अनेकों ऐसे परिवार हैं जिनके लिए अपना खुद का घर मिलना किसी सपने के पूर्ण होने से कम नहीं है। गरीबों को अपना पक्का घर देना योजना मात्र नहीं है, यह प्रदेश के एक-एक वंचित को इस बात का विश्वास देने की प्रतिबद्धता है कि सरकार उनके सशक्तिकरण के लिए दृढ़ संकल्पित है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार हर गरीब तक पहुंचने का काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में पिछले 9 वर्षों में करीब 4 करोड़ से अधिक पक्के घर गरीब परिवारों को मिल चुके हैं। इनमें से करीब 70 प्रतिशत घर महिलाओं के नाम पर हैं। जब कोई सरकार अंत्योदय को अपना ध्येय मानकर कार्य करती है तो उसके परिणाम अलग होते हैं। राज्य में इस योजना के अंतर्गत प्रारम्भ से अब तक कुल 36229 आवासों का निर्माण पूर्ण करते हुए 609.24 करोड़ की धनराशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में हस्तान्तरित की जा चुकी है। देश में जिस स्तर पर शोषितों और वंचितों का आज सशक्तिकरण हो रहा है वैसा आज से पहले कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में भी विकास के एक नए युग का सूत्रपात हो चुका है। प्रदेश के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अनेकों कार्य किये जा रहे हैं।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी योजनायें गरीबों, वंचितों एवं मातृ शक्ति को ध्यान में रखते हुए चलाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत राज्य में अभी तक 62 हजार 932 लाभार्थियों को आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं तथा 609 करोड़ की धनराशि लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजी जा चुकी है। अब तक 36229 आवास पूर्ण किए जा चुके हैं। अवशेष 12079 लाभार्थियों की आवास स्वीकृति की प्रक्रिया गतिमान है। समूहों को सशक्त बनाने हेतु वित्तीय समावेशन कर 44255 समूहों को रिवाल्विंग फण्ड के रूप में 53.67 करोड़ रुपये, 27079 समूहों को 174.27 करोड़ रू0 का सामुदायिक निवेश निधि एवं 55257 समूहों हेतु 443.27 करोड़ बैंक लिंकेज कर विभिन्न आजीविका संवर्धन गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। 2025 तक राज्य में 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी के रूप में तैयार किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान समय तक 40272 महिलाओं को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया है।
इस अवसर पर सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा, आयुक्त ग्राम्य विकास आनन्द स्वरूप, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, अपर सचिव ग्राम्य विकास नितिका खण्डेलवाल, सीडीओ देहरादून झरना कमठान सहित अन्य उपस्थित रहे।
अमृत काल में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जायेंगे हमारे युवा-धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार की सांय मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उत्तराखण्ड परिषदीय परीक्षा 2023 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र छात्राओं को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति उसके शिक्षित एवं सभ्य मानव संसाधन पर निर्भर करती हैं। आज के बच्चे भविष्य के नागरिक है इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आज बच्चे किस प्रकार की शिक्षा एवं संस्कार से जुड़े हैं। छात्रों को भविष्य में इस प्रदेश एवं देश का उत्तरदायित्व लेना है। आने वाले समय में प्रदेश एवं देश की दिशा एवं दशा हमारे मेधावियों द्वारा निर्धारित की जानी है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में युवा पीढ़ी का बौद्धिक स्तर बहुत ऊंचा है तथा शैक्षिक एवं खेल कूद दोनों क्षेत्रों में नवीन प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं। हमारे प्रदेश की युवा पीढ़ी न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारे छात्र-छात्राओं की यह उपलब्धि सामान्य नहीं है तथा इसे बनाये रखना आसान भी नहीं है। छात्रों द्वारा स्वयं के लिए ऐसा बेंचमार्क बनाया गया है जो कठिन अवश्य है लेकिन असम्भव नहीं है। इस उपलब्धि के लिए छात्रों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने लिए बड़ा लक्ष्य निर्धारित करो तथा उसको प्राप्त करने के लिए छोटे-छोटे पड़ाव बनाओ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति उसके शिक्षित एवं सभ्य मानव संसाधन पर निर्भर करती है। आज के बच्चे भविष्य के नागरिक है इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आज बच्चे किस प्रकार की शिक्षा एवं संस्कार से जुड़े है। अमृत काल के समय में प्रदेश एवं देश की दिशा एवं दशा आप जैसे होनहारों, मेधावियों द्वारा ही निर्धारित की जानी है। हमारे प्रदेश को युवा पीढ़ी न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। आज हमारे प्रदेश के बच्चे प्रत्येक वर्ष सीबीएसई, आईसीएसई एवं अन्य बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों की सूची में तो सम्मिलित रहते ही हैं, साथ ही अखिल भारतीय स्तर की आईएएस एवं पीसीएस आदि परीक्षाओं की चयन सूची में भी शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले युवाओं में सम्मिलित रहते हैं। हमारे छात्र सुशांत ने हाईस्कूल परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक तथा हमारी छात्रा तन्नू ने इण्टरमीडिएट में 97.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किये है। यह हमें बताता है कि आज हमारे बच्चों का बौद्धिक स्तर कितना ऊंचा हो गया है। हाईस्कूल में यदि द्वितीय स्थान की बात करें तो 12 बच्चों के 98 प्रतिशत अंक है तथा इसी प्रकार इण्टरमीडिएट स्तर पर 21 बच्चे ऐसे हैं जिनके 95 प्रतिशत या इससे अधिक अंक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सामान्य परिवार के बच्चों की प्रतिभा स्वयं के साथ समाज के लिए भी प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि हमारे महान लोगों ने साधारण परिवेश में रहकर साधारण से असाधारण की यात्रा तथा धरती से आसमान छूने का कार्य किया है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का छात्रों से परीक्षा पर चर्चा उन्हें प्रेरणा देने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि परीक्षा में अंक प्राप्त करने के साथ ज्ञान प्राप्त करना भी महत्वपूर्ण होता हैं। उन्होंने छात्रों से जीवन में सफलता के लिए विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ने को कहा। उन्होंने कहा कि छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए प्रदेश में देश का सक्षम नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इसके तहत अब तक 80 लोगों को जेल में पहुंचाया गया है। हाल ही में हुई 4-5 परीक्षाओं में 5-50 लाख युवाओं ने प्रतिभाग किया तथा साधारण परिवार के युवाओं ने उसमें सफलता पाई है। अब प्रतिभाओं का सम्मान हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान की परम्परा हमारी विरासत है। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश ज्ञान विज्ञान के साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। विविधता वाले हमारे देश को कोरोना काल में सबको सुरक्षित रखने का प्रधानमंत्री के प्रयासों को आज दुनिया के देश अध्ययन कर रहे है। देश की अर्थव्यवस्था 5वें नंबर की हो गई है।
शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में पहली बार मेधावियों को सम्मान देने का कार्य मुख्यमंत्री द्वारा किया गया है। राज्य सरकार छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए समर्पित सरकार है। 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले कक्षा 6 से स्नातक तक के छात्रों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति की व्यवस्था की गई है। राज्य के 146 छात्रों ने एनडीए, सीडीएस की परीक्षा पास की है। उन्हें एक लाख का पारिश्रमिक दिया जा रहा हैं उन्होंने मेधावी छात्रों से अपने सुझाव लिखने को कहा जिसे पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों की प्रवक्ता व एलटी शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्रधानाचार्यों को नामित किया गया है। प्रदेश में अंक सुधार परीक्षा आयोजित की जा रही है। इस वर्ष 78 बच्चे टॉपर आए है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के विकास में धन की कमी नही होने दी जाएगी।
महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कहा कि परीक्षा कोई भी हो उसके परिणाम हमें बेहतर मुकाम तक ले जाते है। छात्रों की सफलता का सम्मान उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। उन्होंने मेधावी छात्रों को उत्तराखण्ड का भावी कर्णधार बताते हुए कहा कि देश के सुनहरे भविष्य की महती जिम्मेदारी भी उन्हें निभानी हैं सकारात्मक ऊर्जा एवं प्रेरणा भी दूसरे छात्रों को उनके प्रयासों से मिलती हैं तथा समाज एवं राष्ट्र सेवा के लिए भी प्रेरित करने का कार्य करती है।
इस अवसर पर 100 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया तथा अनेक छात्रों ने अपने सुझाव भी रखे। विद्यालयी शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने आभार व्यक्त किया।
प्रदेशभर से आये स्कूली छात्रों ने सीएम से पूछे सवाल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में ‘हिल की बात-युवा संवाद’ कार्यक्रम में स्कूली छात्र-छात्राओं से संवाद किया। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं द्वारा उत्तराखण्ड की लोक परंपरा एवं संस्कृति पर आधारित प्रस्तुतियां दी गई। स्कूली बच्चों द्वारा भाषण एवं कविता का प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। इस अवसर पर बच्चों ने मुख्यमंत्री से संवाद भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिल की बात-युवा संवाद कार्यक्रम में आये सभी विद्यार्थियों एवं युवाओं का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का देवभूमि उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। उनका देवभूमि उत्तराखण्ड से कर्म एवं मर्म का रिश्ता है। प्रधानमंत्री के 9 साल के कार्यकाल में उन्होंने उत्तराखण्ड के लिए लाखों करोड़ रूपये के कार्यों की स्वीकृतियां प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में कार्य करने का मौका मिला है। आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में पूर्ण पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। जो भी भर्ती परीक्षाओं में धांधली करते हुए पाये गये उन पर सख्त कार्रवाई की गई। 90 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया। मुख्यमंत्री ने सभी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने जीवन में जिस भी क्षेत्र को चुने, उसमें पूर्ण मनोयोग से कार्य करें। यदि हम किसी कार्य को पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा से करते हैं, तो उसमें सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि जो भी अपना कार्यक्षेत्र चुनें, उसमें लीडर की भूमिका में रहें।
मुख्यमंत्री से स्कूल के छात्र-छात्राओं ने भी इस अवसर पर संवाद किया। विकासनगर की वंशिका ने पूछा कि अभिभावकों को कैसे समझाएं कि जो हम करियर में करना चाहते हैं, वे उसमें अपनी सहमति दे दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी कार्य करें, कुछ बनने के लिए नहीं बल्कि जीवन में कोई सराहनीय कार्य करने के लिए करें। आप अपने अभिभावकों को इस तरह से समझा सकती हैं, कि मैं जिस भी क्षेत्र को अपने करियर के लिए चुनूंगी, इसमें अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ कार्य करने का प्रयास करूंगी। बागेश्वर के दिव्यम कंडवाल ने पूछा कि क्या आपके जीवन में कभी ऐसे क्षण आते हैं, जब आप अपने परिवार को समय नहीं दे पाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक व्यक्ति के जीवन में ऐसे क्षण बार-बार आते हैं। राजनीति में कार्य प्रोफेशन नहीं मिशन है, इसके लिए कार्य के प्रति समर्पण बहुत जरूरी होता है। भूमिका रावत ने पूछा कि देहरादून भारत की स्कूल राजधानी है। देहरादून में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। राज्य सरकार का प्रयास है कि उत्तराखण्ड के युवाओं को राज्य में रोजगार एवं स्वरोजगार के पर्याप्त अवसर मिले। इस दिशा में सरकार लगातार कार्य कर रही है। ऋषिका भट्ट ने पूछा कि पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधयों के लिए समय कैसे निकालें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल तो बच्चों का टाइम टेबल अभिभावक बना देते हैं। बच्चों को इस बात का ध्यान देना होगा कि जिस समय जो कार्य कर रहे हैं, उस समय पूरा ध्यान उस कार्य पर होना चाहिए। रिया ने पूछा कि युवाओं के लिए आपका क्या विजन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि युवा सिर्फ रोजगार पाने वाले न बने, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य में स्वरोजगार के अलावा हार्टिकल्चर, पर्यटन, स्टार्टअप को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस अवसर पर यूकॉस्ट के महानिदेशक दुर्गेश पंत और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए युवा उपस्थित थे।
धामी सरकार की सौगात, स्वास्थ्य सुविधाओं में 182 करोड़ की चार परियोजनाएं जनता समर्पित
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य से संबंधित लगभग 182 करोड़ रूपये की चार परियोजनाओं का शिलान्यास किया। जिसमें 124.10 करोड़ की लागत से दून मेडिकल कॉलेज में 500 शैय्या के नवीन ब्लॉक का निर्माण, रूद्रप्रयाग में 20.38 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में 18.80 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण एवं हल्द्वानी (नैनीताल) में 19.48 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण कार्य शामिल है। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया जोशीमठ से वर्चुअल माध्यम से जुड़े।
प्रदेश को स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार देगी पूरा सहयोग- केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि आज राज्य में 180 करोड़ से अधिक कार्यों का शिलान्यास हुआ है। उत्तराखण्ड विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यदि राज्य सरकार केन्द्र द्वारा दिये गये लक्ष्य को प्राप्त करती है, तो राज्य को धन की कोई कमी न हो, इसका हमारा प्रयास रहता है। उन्होंने कहा कि मैं कल से उत्तराखण्ड में हूं, नीति एवं मलारी गांव में भ्रमण के दौरान इन गांवों में जनता के साथ संवाद स्थापित करने का अवसर मिला। मलारी गांव के हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की कम्यूनिटी हेथ ऑफिसर ने कहा कि यहां बड़े अस्पताल नहीं है, फिर भी यहां बड़े डॉक्टर की सुविधा मिलती है।
हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों से ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच रही है स्वास्थ्य सेवा
राज्य सरकार ने प्रदेश में 02 हजार हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर स्थापित किये हैं। इन सेंटर में दक्ष कम्यूनिटी हेथ ऑफिसर होते हैं। गांवों से मरीज जब यहां आते हैं, तो भारत सरकार के ई संजीवनी प्लेटफार्म के द्वारा हम टेलीकन्सल्टेंट से डिस्ट्रिक के हॉस्पिटल से जुड़ जाते हैं। जब मरीज के चेकअप की आवश्यकता लगती है तो उसे कहीं और भेजने के बजाय ई संजीवनी के माध्यम से सीनियर डॉक्टर्स या एक्सपर्ट से टेलीकन्सल्टेंट करते हैं। स्पेशलिस्ट डॉक्टर मरीज से भी बात करते हैं। मरीज के ईलाज के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर से जो भी निर्देशन मिलता है, इसके हिसाब से हम इलाज करते हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में राज्य सरकार के प्रयासों को सराहा
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गांव में काम करने वाले किसान एवं गरीब लोग जब ईलाज के लिए हेल्थ और वेलनेस सेंटर में जाते हैं, स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सलाह उनको मिल जाती है, तो उन्हें जिला अस्पताल या अन्य अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यह व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उन्होंने राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया।
स्वस्थ समाज से ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण संभव
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश का हेल्थ सेक्टर बदल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अमृत काल में देश को विकसित राष्ट्र बनायेंगे। इसके लिए हमारी प्राथमिकता है कि देश के नागरिक स्वस्थ रहें। स्वस्थ समाज ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। देश के हेल्थ सेक्टर को पहली बार विकास के साथ मोदी जी ने जोड़ा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर सेक्टर में होलिस्टिक एप्रोच के साथ कार्य किये जा रहे हैं। 2014 से अब तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश में तेजी से सुधार हुआ है। उत्तराखण्ड में होलिस्टिक हेल्थ कवरेज के लिए राज्य को एम्स के साथ ही एम्स का सेटेलाइट सेंटर भी दिया गया है। देश में 1 लाख 56 हजार हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों में आज मुफ्त इलाज हो रहा है। देश में टर्सरी हेल्थ केयर, सेकेण्डरी हेल्थ केयर एवं प्रायमरी हेल्थ केयर को सुनिश्चित करने के लिए हेल्थ इन्फ्रास्टक्चर खड़ा करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए देश में आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्टक्चर मिशन चलाया जाता है। देश में क्रिटिकल हेल्थ केयर के लिए 64 हजार करोड़ रूपये 05 साल में खर्च किये जायेंगे। 01 जनपद में औसतन 100 करोड़ रूपये हेल्थ इन्फ्रास्टक्चर के लिए खर्च किया जा रहा है। भारत में ब्रेन पॉवर एवं मेन पॉवर की कभी कमी नहीं थी। भारत सामर्थ्यवान देश है, सवाल था देश के नागरिक को अवसर देने का, जब अब देश के नागरिक को अवसर मिल रहा है, तो नतीजा हमेशा बेहतर होता है।
टी.बी मुक्त उत्तराखण्ड के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की भी की सराहना
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चार दिन पूर्व वाराणसी में विश्व के 40 देशों के प्रतिनिधि टी.बी समिट के लिए आये थे। यूनाइटेड नेशन ने स्टॉप टी.बी अभियान चलाया है। विभिन्न देशों से आये प्रतिनिधियों को हम हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में ले गये। जिसमें कई देशों के स्वास्थ्य मंत्री भी थे। इन सेंटरों में हमारी आशा बहने, ए.एन.एम., डॉक्टर्स, टी.बी. के मरीज और निक्षय मित्र उनसे संवाद कर रहे थे, तो उन्होने विदेशी प्रतिनिधियों को हेल्थ सिस्टम से संबंधित अनेक जानकारियां दी। केन्द्र सरकार ने सभी जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं एवं अधिकारियों को क्षय रोगियों को गोद लेने का आह्वान किया है। इसमें सबका पूरा सहयोग मिला। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तराखण्ड में जितने भी टी.बी. के मरीज हैं, उनको किसी न किसी ने गोद लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखण्ड सरकार पर भरोसा है कि उत्तराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य बने जो सबसे पहले टी.बी मुक्त हो। प्रधानमंत्री की उपस्थिति में हमें घोषणा करने का अवसर मिले कि उत्तराखण्ड पहला राज्य बना है, जो टी.बी. मुक्त हो गया। उन्होंने कहा कि जो कार्य राज्य सरकार ने आज हाथ में लिया है, इस पर कार्य तेज गति से हां। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा पूरी मदद दी जायेगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश की जनता की आस्था से जुड़े चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार अच्छा कार्य कर रही है। आगामी चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो अपेक्षा रखी गई है, हेल्थ सेक्टर में चारधाम के लिए राज्य को उनकी अपेक्षा से भी अधिक सहयोग मिलेगा।
वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये जा रहे हैं कार्य
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश के सामर्थ्य से हमने कोविड क्राइसिस से लड़ाई की। हम वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा को मानने वाले लोग हैं। हम केवल अपने बारे में नहीं सोचते, सम्पूर्ण विश्व के बारे में सोचते हैं। स्वास्थ्य हमारे लिए बिजनेस नहीं है, सेवा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि हमारा दायित्व है कि हम दुनिया की मदद करें। उस वक्त भारत ने दुनिया के 150 देशों को दवाई उपलब्ध कराई। 78 देशों को कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराई है। हम संस्कार के वाहक हैं। हमारे देश के साथ दुनिया का भी भला हो हम ये भी सोचते हैं। भारत में दुनिया से सबसे अच्छे कोविड मैनेजमेंट का उदाहरण प्रस्तुत किया।
उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का जताया आभार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के लिए 182 करोड़ रुपए से अधिक की चार परियोजनाओं का शिलान्यास कर स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतनी बड़ी सौगात देने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर जीवन का मुख्य ध्येय होना चाहिए यह हमारी संस्कृति मानती है। सबसे पहले शरीर का ध्यान रखें तभी कोई कार्य ठीक से होगा। इसी मूलमंत्र को ध्यान में रखकर सरकार ने राज्य में जन-स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और दिशा निर्देशन में अन्य क्षेत्रों की भांति स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी देश निरंतर आगे बढ़ रहा है। आज विकास का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसको प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई योजनाओं से लाभ न मिल पाया हो। कोरोना काल में जहां एक ओर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों के दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया वहीं आयुष्मान भारत योजना ने देश के नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि बीमार होने पर उन्हें निःशुल्क उपचार अवश्य मिलेगा।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास एवं सभी को प्रभावी ईलाज हमारी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में चार मोर्चों पर काम करने के लिए सरकार रणनीति बना रही है। पहला मोर्चा है, बीमारियों को रोकने के लिए जन-जागरुकता का। दूसरा मोर्चा है, गरीबों को सस्ता और प्रभावी इलाज देने का है। तीसरा मोर्चा है, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की क्वान्टिटी और क्वालिटी में बढ़ोतरी करना। चौथा मोर्चा है, समस्याओं से पार पाने के लिए मिशन मोड पर काम करना। केंद्र सरकार द्वारा बच्चों के संपूर्ण वेक्सिनेशन के लिए प्रारंभ की गई मिशन इंद्रधनुष योजना, आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जैसी योजनाओं का विस्तार प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों तक करने का प्रयास किया गया है। आज पूरे विश्व में भारत के हेल्थ सेक्टर की प्रतिष्ठा और भारत के हेल्थ सेक्टर के प्रति भरोसा, एक नए स्तर पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली सरकार स्वास्थ्य समस्याओं को टुकड़ों के बजाय समग्र रूप से देखती है, इसलिए हमने भी प्रदेश में सिर्फ इलाज ही नहीं बल्कि वेलनेस पर भी फोकस करना शुरु किया है। इसका ही परिणाम रहा कि कोरोना काल में आयुष से जुड़े हमारे नेटवर्क ने बेहतरीन काम किया। ह्यूमन रिसर्च से लेकर इम्यूनिटी और साइंटिफिक रिसर्च तक हमारे आयुष नेटवर्क का इंफ्रास्ट्रक्चर देश के बहुत काम आया।
प्रदेश में योग, आयुर्वेद एवंज ड़ी-बूटी कृषिकरण को दिया जा रहा है बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की दवाओं और वैक्सीन के साथ-साथ हमारे मसालों और हमारे काढ़े का भी वेलनेस के क्षेत्र में कितना बड़ा योगदान है, ये दुनिया ने कोरोना काल में अनुभव किया। योग,प्राणायाम,आयुर्वेद सहित भारत के जड़ी बूटी ज्ञान ने विश्व को चमत्कृत किया। इसलिए राज्य सरकार ने प्रदेश में योग व आयुर्वेद को बढ़ावा देने के साथ – साथ “मेडिसनल प्लांट“ की खेती पर भी ध्यान दिया है। हमारे देश में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ चलाई जा रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ के क्षेत्र में “निःशुल्क जांच योजना“ जैसी एक प्रमुख योजना भी प्रारम्भ की है, जिसके तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा मिल रही है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में “किफायती स्वास्थ्य सेवा“ पर ध्यान केंद्रित करने से वंचित तथा मध्यम वर्ग को काफी लाभ होता है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 5 सालों में जितने काम हो सकते थे उनको धरातल पर उतारने का काम किया गया है। आगे भी हम उत्तराखंड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में और अच्छा क्या हो सकता है, इसके लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से राज्य को 01 लाख 24 हजार लोगों से ब्लड डोनेशन कराने का लक्ष्य दिया गया था। राज्य में एक लाख 01 लाख 67 हजार लोगों ने ब्लड डोनेशन किया है। उत्तराखंड भारत का पहला राज्य है जिसने सबसे ज्यादा ब्लड डोनेशन किया है और ई रक्तकोश में 80 हजार लोग अभी तक रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। देश में आयुष्मान भारत योजना लॉन्च हुई तो हमारे राज्य में अटल आयुष्मान योजना लॉन्च की गई। राज्य में अभी तक 50 लाख 24 हजार अटल आयुषमन कार्ड बनाये जा चुके हैं। 07 लाख से ज्यादा लोगों का इस योजना के तहत ईलाज हो चुका है, जिसमें 13 सौ करोड़ से अधिक खर्चा हो चुका है। अब राज्य में किडनी ट्रांसप्लांट भी आयुष्मान कार्ड में कवर कर दिया है। प्रदेश में 91 प्रतिशत संस्थागत डिलीवरी हो रही है। प्रदेश में सरकार ने ईजा बोई योजना शुरू की है। जिसमें गर्भवती महिलाओं को 2000 रूपये पौष्टिक आहार के लिए दिया जाएगा। राज्य में 32 लाख लोगों की आभा आईडी बनकर तैयार हो चुकी है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, विनोद चमोली, प्रदीप बत्रा, सरिता आर्य, रेनू बिष्ट, मेयर सुनील उनियाल गामा, संयुक्त सचिव स्वास्थ्य, भारत सरकार विशाल चौहान, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने बच्चों को दी नई ऊर्जा के साथ जीवन में आगे बढ़ने की सीख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय बाल दिवस के अवसर पर सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय परामर्श बैठक एवं चिल्ड्रन चैंपियन अवार्ड कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने बाल संरक्षण एवं बाल विकास के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाली संस्थाओं एवं व्यक्तियों को पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि निराश्रितों एवं बेसहारा बच्चों को सहायता एवं सहयोग हेतु अपनी व्यस्तता के बावजूद समय निकालना वास्तव में मानवता की बड़ी सेवा है। अपने सिवा दूसरों की चिंता करने वालों पर ईश्वर की भी कृपा रहती है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग समाज को प्रेरणा के साथ दिशा देने का भी कार्य करते हैं। मुख्यमंत्री ने समाज हित में कार्यों में संलग्न अनाम लोगों को भी समाज पहचान दिलाये जाने की जरूरत बतायी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वात्सल्य योजना का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अपने माता पिता व अभिभावकों को खोने वाले बच्चों के लिये राज्य सरकार द्वारा वात्सल्य योजना की घोषणा इसी स्थान से की थी। तब हमने प्रार्थना की थी कि यह योजना लम्बी न चले, प्रदेश में कोई बच्चा अनाथ न हो। वह समय बहुत ही दुःखदायी रहा है। मुख्यमंत्री ने वात्सल्य योजना से आच्छादित बच्चों से भी भेंट की। बच्चों ने मुख्यमंत्री को मामा कह कर सम्बोधित किया।मुख्यमंत्री ने बच्चों का आह्वान किया कि वे जीवन में हर समय उत्साह व उमंग में रहें। शिक्षा व संस्कार देने वाले शिक्षक का सम्मान करें, जो काम करें पूरे मनोयोग से करें। हर क्षेत्र में सदैव आगे रहने का प्रयास करें। नई ऊर्जा के साथ जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश के अंदर लोकहित के कार्यों को सर्वाधिक महत्व दिया जा रहा है। कोरोना की दो दो वैक्सीन एक साल के अंदर तैयार कर देशवासियों को ही नहीं विश्व के कई देशों को उपलब्ध करायी। इस वैक्सीन ने हमें जीवनदान दिया है। पोलियो का टीका बनाने में देश में 15 साल लगे। पिछले आठ वर्षों के कालखण्ड में समर्थ, समरस एवं शक्तिशाली भारत का निर्माण प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश तेजी से विकास की राह पर चल रहा है। हमारी इकोनामी 5 वें नम्बर पर है। 2047 तक भारत नम्बर वन इकोनॉमी वाला देश बनने की राह पर अग्रसर है। आज दुनिया के देश भारत की ओर देख रहे हैं। यूक्रेन युद्ध इसका उदाहरण है। इस युद्ध के दौरान भारतीय छात्रों के साथ कई अन्य देशों के छात्र भी भारतीय तिरंगे के साथ वहां से सुरक्षित निकले हैं। आजादी व अमृत काल में भारत दुनिया का नेतृत्व करने वालों के रूप में जाना जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश व प्रदेश के विकास में हम सबको सहयोगी बनना होगा। हम जिस क्षेत्र में कार्य करते हैं हमें अधिक मेहनत व इमानदारी से कार्य करना होगा। क्षमता से अधिक कार्य करने में हमें अपना रिकार्ड खुद तोड़ने होंगे। अथक परिश्रम के बल पर ही हम अपने प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने में सफल होंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से गोरखपुर से आये बच्चों के दल ने भी भेंट की।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा गीता खन्ना, विधायक फकीर राम टम्टा, महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कंडवाल, अल्पसंख्यक कल्याण आयोग के अध्यक्ष डॉ. आर. के जैन, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, आयोग के सदस्य विजय कपरवाण, डी.आई.जी. पी रेणुका देवी, से.नि. जस्टिस वी.के माहेश्वरी सहित आयोग के पूर्व व वर्तमान सचिव व सदस्यगण, शिक्षक एवं छात्र उपस्थित रहे।