मुख्य सचिव ने अधिकारियों को उत्तराखण्ड को जीरो एक्सीडेंट स्टेट बनाने के विजन के साथ कार्य करने के नसीहत

राज्य में दुर्घटना राहत निधि में देरी के मामलों को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सार्वजनिक सेवायान की दुर्घटना के मामलों में प्रभावितों को राहत राशि तत्काल जारी करने के निर्देश हैं। राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया है कि राहत राशि की हकदारी हेतु अब मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट की आवश्यकता नही है। जिलाधिकारियों को दुर्घटना राहत निधि हेतु 50 लाख रूपये की धनराशि आवंटित है। इसके साथ ही सीएस श्रीमती रतूड़ी ने राज्य में विशेषकर देहरादून व हरिद्वार जिलों में अवैध खनन गतिविधियों से सम्बन्धित सड़क दुर्घटनाओं एवं अपराधों पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए हैं। क्रैश बैरियर लगाने की औपचारिकतों से हटकर उनकी गुणवत्ता को शीर्ष प्राथमिकता पर लेने की कड़ी हिदायत देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को क्रैश बैरियर की गुणवत्ता की थर्ड पार्टी ऑडिट के कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को अन्य देशों में क्रैश बैरियर के स्थान अन्य आधुनिकतम टेक्नॉलॉजी व बेस्ट प्रैक्टिसिज का अध्ययन कर राज्य में लागू करने के भी निर्देश दिए हैं। सीएस ने जिलाधिकारियों को निर्धारित डेडलाइन के भीतर अधिक दुर्घटना वाले स्थानों की मैपिंग करने के साथ ही इन स्थानों पर स्पीड ब्रेकर, क्रैश बैरियर आदि सुधारात्मक कदम के एक्शन प्लान पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में सड़क सुरक्षा एवं अनुश्रवण समिति की अति महत्वपूर्ण बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने परिवहन, लोक निर्माण, वित्त एवं सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को उत्तराखण्ड को जीरो एक्सीडेंट स्टेट बनाने के विजन के साथ कार्य करने के नसीहत दी है।

परिवहन विभाग द्वारा थानों व चौकियों पर वाहनों को बन्द करने के मामलों का संज्ञान लेते हुए सीएस राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया कि सम्बन्धित अधिकारी तत्काल विभिन्न थाना चौकियों में बन्द वाहनों को प्रत्येक जनपद में शहर के नजदीक स्थान चिन्हित करते हुए एक साथ रखने की व्यवस्था करें। उन्होंने जिलाधिकारियों को जनपदों में इस सम्बन्ध में भूमि चिन्हीकरण/हस्तान्तरण हेतु निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने लोक निर्माण विभाग को प्रोफेशनल एजेंसी के माध्यम से नियमित रोड सेफटी ऑडिट करवाने के साथ ही परिवहन विभाग को ऑनलाइन चालान व्यवस्था को मजबूत करने, दोपहिया वाहनों में हेलमेट के उपयोग को प्रोत्साहित करने हेतु अभियान चलाने, शिक्षा विभाग को पाठ्यक्रम में सड़क दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में जागरूकता को शामिल करने, गुड समेरिटन योजना को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अरविन्द सिंह हयांकी, डा0 पंकज कुमार पाण्डेय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

अतिरिक्त मजदूर लगाकर यात्रा से पहले पूरे करें सभी अनिवार्य कार्यः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव उत्तराखण्ड राधा रतूड़ी ने श्री केदारनाथ धाम पहुँचकर पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का जायजा लेते हुए समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न निर्माण एवं पुनर्निर्माण कार्यों की रफ्तार बढ़ाते हुए 10 मई को श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले सभी अनिवार्य कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके लिए अतिरिक्त मजदूर एवं संसाधन इस्तेमाल करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

एक दिवसीय केदारनाथ भ्रमण पर मुख्य सचिव उत्तराखण्ड, पर्यटन विभाग उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) भास्कर खुल्बे, डीजीपी अभिनव कुमार, पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे करीब 07ः45 बजे हेलिकॉप्टर से केदारनाथ हैलीपैड पर पहुचें। उन्होंने जिलाधिकारी एवं लोनिवि के अधिकारियों से वर्तमान में गतिमान पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों की जानकारी ली। जिसके बाद मंदाकिनी- सरस्वती घाट, गेस्ट हाउस, अस्पताल, आस्था पथ, केदारनाथ मंदिर परिसर सहित अन्य निर्माणाधीन कार्यों का जायजा लेते हुए तय डेडलाइन से पहले सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। आस्था पथ एवं वाटर एटीएम सहित अन्य अनिवार्य कार्यों पर अतिरिक्त लेबर लगाने के निर्देश संबंधित विभागों को देते हुए यात्रा शुरू होने से पहले सभी कार्य पूरे करने के निर्देश दिए, ताकि श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो। इसके साथ ही जिलाधिकारी को अधिक संसाधनों का प्रयोग करते हुए निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए गोल चबूतरे से मंदिर परिसर तक कॉरिडोर का कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों एवं संबंधित एजेंसियों को निर्माण कार्यों में इस्तेमाल हो रही सामाग्री में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखने एवं यात्रा सुगम- सुव्यवस्थित बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने को भी कहा। करीब 10ः30 बजे मुख्य सचिव हैलीपैड से बदरीनाथ के लिए रवाना हुई।

इस दौरान मुख्य सचिव, भास्कर खुल्बे, डीजीपी अभिनव कुमार एवं जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने स्थानीय व्यापारियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं भी सुनी। व्यापरियों से वार्ता करते हुए अधिकारियों ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

डीजीपी अभिनव कुमार ने पुलिस विभाग के लिए केदारनाथ में तैयार हो रहे भवन एवं व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हुए संबंधित संस्थाओं को निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए समय से सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।

इस अवसर परअधीक्षण अभियंता आठवां वृत्त लोनिवि टिहरी मुकेश परमार, डीडीएमए विनय झिंक्वाण, सहायक अभियंता लोनिवि राजविंद्र सिंह, मनीष, अजय थपलियाल सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

राज्य के प्राकृतिक स्त्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए जिलाधिकारियों को एक सप्ताह की डेडलाइन

उत्तराखण्ड में जलस्रोतों, धाराओं व नदियों के पुनर्जीवीकरण के सम्बन्ध में जिलों से एक्शन प्लान प्राप्त ना होने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को एक सप्ताह की डेडलाइन दी है। विषय की गम्भीरता को देखते हुए सीएस ने जिलाधिकारियों को इस कार्य हेतु जिलें में तत्काल एक पूर्णकालिक समर्पित जलागम नोडल अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को तत्काल तीन दिन के भीतर जिला स्तरीय Spring and river rejuvenation authority (SARRA) की बैठक लेने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को इस अभियान से प्रमुखता से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने अपर मुख्य सचिव वित्त को निर्देश दिए कि विभिन्न माध्यमों जैसे मनेरगा, नाबार्ड, कैम्पा, पीएमकेएसवाई से जलस्रोतों व नदियों के पुनर्जीवीकरण हेतु फण्डिंग यूटिलाइजेशन के सम्बन्ध में बैठक करने हेतु पत्र जारी किया जाए। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बुधवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में सम्बन्धित अधिकारियों को राज्य के जलस्रोतों, नदियों, सहायक नदियों, धाराओं के पुनर्जीवीकरण हेतु जिलावार योजना के स्थान पर Holistic and Integrated पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य में जल संरक्षण के सम्बन्ध में आज की महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत प्रत्येक ब्लॉक में 10 Critical सूख रहे स्प्रिंग तथा जिलें में 20 Critical सूख रहे जलधाराओं/सहायक नदियों के चिन्हीकरण के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्रत्येक जिले में दीर्घ अवधि के योजना के तहत एक नदी के पुनर्जीवीकरण की योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने मैदानी जिलों में सूख चुके तालाबों के चिन्हीकरण एवं पुनर्जीवीकरण के एक्शन प्लान पर भी कार्य के करने के निर्देश दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत ग्राम स्तर पर जल संरक्षण कार्य हेतु लक्ष्यों के अंतर्गत बताया गया है कि प्रायः पर्वतीय ग्रामों में 2 से 3 जल स्रोत उपलब्ध होते हैं। इन जल स्रोतों के पुनरुद्धार को लक्षित करते हुए इन स्रोतों के जल संभरण क्षेत्रों में कन्टूर ट्रेचेंज एवं रिचार्ज पिट्स निर्मित किये जा सकते हैं। मैदानी ग्रामों में कच्चे तालाब, चैक डैम एवं रिचार्ज पिट्स के माध्यम से भू-जल रिचार्ज किया जा सकता है। ग्रामों के समीप वन क्षेत्रों एवं चारागाह क्षेत्रों में चाल-खाल का निर्माण किया जा सकता है।

इसके साथ ही जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत विकासखंड स्तर पर Critical जल स्रोतों के उपचार का लक्षयों में बताया गया है कि Critical जल स्रोतों के चिन्हीकरण हेतु पेयजल विभाग एवं जल संस्थान द्वारा चिन्हित ऐसी पेयजल योजनाएं जिसमें जल का प्रवाह अत्यधिक कमी दृष्टिगत हो रही है, के उपचार की योजना निर्माण कर क्रियान्वयन की कार्यवाही प्रारंभ की जा सकती है। केंद्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा चिन्हित 4 मैदानी जनपदों में चिन्हित Aquifer के रिचार्ज क्षेत्रों में योजना निर्माण कर क्रियान्वयन की कार्यवाही प्रारंभ की जा सकती है। पेयजल विभाग एवं जल संस्थान विभाग द्वारा 145 Critical जल स्रोत उपचार हेतु चिन्हित किये गये हैं।

जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत जनपद स्तर पर सहायक नदियों और धाराओं के उपचार का लक्षयो के तहत बताया गया है कि पेयजल एवं जल संस्थान विभाग द्वारा निर्मित कई पेयजल योजनाएं जोकि वर्षा आधारित सहायक नदियों/गधेरों पर निर्भर है, इनके जीर्णोद्धार की योजना प्राथमिकता के आधार पर निर्मित कर गतिविधियां प्रारंभ की सकती हैं। सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग द्वारा निर्मित विभिन्न सिंचाई योजनाएं सहायक नदियों / धाराओं पर आधारित संभरण क्षेत्रों को चिन्हित कर योजना बनाकर गतिविधियां प्रारंभ की जा सकती हैं। उपरोक्त योजनाओं का यदि संभरण क्षेत्र आरक्षित वन में हैं, ऐसी स्थिति में वन विभाग से अर्न्त-विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है । पेयजल विभाग/जल संस्थान विभाग द्वारा 412 सहायक नदियां/धाराएं एवं 6 नदियां उपचार हेतु चिन्हित की गई हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंदवर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

सुरक्षा सुविधाओं के तहत उत्तरखंड को यूपी से मिलेंगे नौ हजार होमगार्ड्स

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आज वर्चुअल माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आगामी लोकसभा निर्वाचन के सन्दर्भ में आयोजित 9 राज्यों की Inter State Border Coordination Meeting में प्रतिभाग किया। बैठक में सुरक्षा सुविधाओं के दृष्टिगत उत्तराखण्ड राज्य को उत्तर प्रदेश से 9000 होम गार्ड्स उपलब्ध करवाने पर सहमति बनी। संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस, वन तथा खनन विभाग की सयुंक्त टीमों द्वारा निगरानी हेतु निर्देश जारी किये गए। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश से उत्तराखण्ड की सीमा से लगते सिरमौर तथा शिमला जिलों में एफएसटी तथा एसएसटी को सक्रिय करने का अनुरोध किया गया।

बैठक में वर्चुअल माध्यम से झारखण्ड, बिहार, दिल्ली, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा के मुख्य सचिवों के साथ ही पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, मुख्य निर्वाचन अधिकारी डा0 बी वी आर सी पुरूषोत्तम उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने सेतुओं की सुरक्षा के सम्बन्ध में की बैठक

राज्य में पुलों की सुरक्षा के मुद्दे को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने लोक निर्माण विभाग को खनन, वन एवं सिंचाई विभाग के लिए स्पष्ट एसओपी व गाईडलाइन्स बनाने एवं लागू करवाने के निर्देश दिए हैं। सीएस राधा रतूड़ी ने पुलों के निर्माण एवं मेंटनेस में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करने तथा निर्माण कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों सहित जिलाधिकारियों को सेतुओं के निर्माण एवं देखरेख का निरन्तर पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने प्रतिबन्धित क्षेत्रों में खनन रोकने हेतु सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए हैं। श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रतिबन्धित क्षेत्रों में खनन गतिविधियों की शिकायत जनता द्वारा की जा सके इसके लिए हेल्प लाइन का मेकेनिज्म मजबूत किया जाय। इस सम्बन्ध में जनजागरूकता बढ़ाई जाए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में राज्य में पुलों की सुरक्षा के सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, सिंचाई विभाग एवं खनन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान सिंचाई विभाग को नदी पर स्थित ब्रिज की सुरक्षा हेतु अपस्ट्रीम व डाउनस्ट्रीम में रिवर ट्रेनिग/फल्ड प्रोटेक्शन वर्क के निर्माण हेतु हाइड्रोलोजिकल पैरामीटर्स के आधार पर हाइड्रोलिक एनालेसिस कर डिजाइन के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ने सभी सम्बन्धित विभागों को इन्टिग्रेटेड अप्रोच के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में लोक निर्माण विभाग ने जानकारी दी कि गत वर्ष अत्यधिक वर्षा/बाढ़ के कारण लोक निर्माण विभाग के तहत 97 सेतु असुरक्षित हो गये थे जिनमें से अब 18 सेतु असुरक्षित श्रेणी से बाहर है तथा 49 सेतुओं में मरम्मत कार्य प्रगति पर है एवं अन्य पर विभागीय कार्यवाही गतिमान है।

बैठक में सचिव डा0 पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव विनीत कुमार सहित वन, खनन एवं सिंचाई विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

सरकारी स्कूल में दाखिला देने से मना करने वाले स्कूलों पर होगी कार्यवाही

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सख्त निर्देश दिए हैं कि राज्य में किसी भी बच्चे को किसी भी कारण से सरकारी स्कूल में दाखिले से मना करने वाले प्रधानाचार्य या शिक्षकों के खिलाफ प्रथम दृष्टया कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीएस ने सख्त निर्देश दिए हैं कि राज्य में दस्तावेजों के अभाव में कोई भी सरकारी स्कूल किसी भी जरूरतमंद बच्चे को मना नही कर सकता है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरू को तत्काल प्रभाव से इस सम्बन्ध में सभी सरकारी स्कूलों को आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की राज्य स्तरीय मूल्यांकन अनुश्रवण समिति की पहली समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने देहरादून के आईएसबीटी क्षेत्र में भिक्षावृति को खत्म करने तथा उनके पुर्नवास हेतु एक पायलट प्रोजेक्ट पर तत्काल कार्य आरम्भ करने के निर्देश विभाग को दिए हैं। बैठक के दौरान राज्य में कुछ अनाथ, गरीब, भिक्षावृति में लिप्त, जरूरतमंद एवं प्रवासी मजदूरा के बच्चों को जरूरी दस्तावेज जैसे आधार, राशन कार्ड आदि के न होने के कारण स्कूलों द्वारा दाखिला न दिए जाने के मामले संज्ञान में आए। जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा के मुद्दे को अत्यन्त संवेदशीलता से लेते हुए मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ने अपर सचिव शिक्षा को इसके लिए श्रीमती रंजना राजगुरू को इस सम्बन्ध में नोडल बनाया है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि राज्य में सरकारी स्कूलों द्वारा किसी भी बच्चे को बिना किसी भेदभाव के दाखिला दिया जाएगा।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में बाल भिक्षावृति, बाल विवाह तथा बाल श्रम के मामलें पूरी तरह रोकने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को सटीक आंकडे़ उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में जल्द स्टेट रिर्सोस सेन्टर की स्थापना करने के भी निर्देश दिए हैं।

बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, राधिका झा, एच सी सेमवाल, अपर सचिव रंजना राजगुरु तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

पीपीपी मोड पर संचालित अस्पतालों में समुचित व्यवस्था की जाएः राधा रतूड़ी

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में पीपीपी मोड पर संचालित होने वाले 300 बैड के कैंसर हॉस्पिटल हर्रावाला देहरादून तथा 200 बैड वाले मदर एण्ड चाइल्ड हेल्थ हॉस्पिटल हरिद्वार की ईएफसी (व्यय वित्त समिति) की बैठक में कैंसर हॉस्पिटल हर्रावाला में कैंसर के उपचार में प्रयुक्त होने वाले सभी उपकरणो, उपचार सुविधाएं तथा मैनपॉवर की उपलब्धता को एक साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस सुपरस्पेशिलिटी कैंसर अस्पताल का संचालन अगले एक वर्ष में आरम्भ हो जाएगा। मुख्य सचिव ने कैंसर हॉस्पिटल हर्रावाला के संचालन के पहले दिन से ही अस्पताल में सभी सुविधाओं की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश चिकित्सा विभाग को दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कैंसर हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए 25 प्रतिशत बैड आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में सचिव डा. आर राजेश कुमार सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

लोकसभा निर्वाचन को लेकर मुख्य सचिव ने जानी तैयारियां

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आगामी लोकसभा निर्वाचन के दृष्टिगत शिक्षा एवं सम्बन्धित विभागों को राज्य में सभी 11729 पोलिंग स्टेशनों पर मतदाताओं हेतु पेयजल एवं शौचालय, बिजली, पर्याप्त फर्नीचर, शेड तथा दिव्यांगजनों तथा बुजर्ग मतदाताओं के लिए रैम्प, व्हील चेयर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

निर्वाचन ड्यूटी में लगे कार्मिकों की स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याओं तथा आकस्मिक चिकित्सा उपचार की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव ने एक एयर एम्बुलेंस, केशलेस उपचार की व्यवस्था, मेडिकल किट्स की उपलब्धता आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार हमें केजुअल्टी फ्री इलेक्शन 2024 के विजन के साथ कार्य करना है। मुख्य सचिव ने सभी निर्वाचन कार्मिकों की हेल्थ स्क्रीनिंग करवाने एवं जिला स्तरीय मेडिकल कमेटी के माध्यम से इस सम्बन्ध में मार्गदर्शन लेने के निर्देश दिए।

आबकारी विभाग को विशेषरूप से निर्देश देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अवैध शराब की जमाखोरी तथा तस्करी को पूरी तरह से रोकने के लिए पुलिस तथा आबकारी का जॉइन्ट ऑपरेशन चलाने, शराब की उत्पादन ईकाइयो, गोदामों तथा लाइसेन्स वाली दुकानों की सीसीटीवी से निगरानी करने, अर्न्तराज्यीय सीमाओं पर चेक पोस्ट एवं कण्ट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी चेक पोस्ट की भी सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपने विभाग में राज्य स्तर, जिला स्तर तथा ब्लॉक स्तर पर निर्वाचन नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सभी सरकारी कार्मिकों, निर्वाचन की ड्यूटी में लगे कार्मिकों, पुलिस कर्मियों को पोस्टल बैलेट या ईडीसी के माध्यम से मतदान हेतु प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में कुल 189000 सरकारी कार्मिक, 5700 होम गार्ड्स, 9487 पीआरडी कर्मी तथा लगभग 25000 उपनल कार्मिकों मिलाकर कुल 229187 मतदाता हैं। यदि शत् प्रतिशत कार्मिक अपने मतदान का प्रयोग करते हैं तो मतदान प्रतिशत में 2.78 प्रतिशत की वृद्धि होगी। मुख्य सचिव ने सभी विभागों एवं कार्यालयों को अपने शत् प्रतिशत कार्मिकों को मतदान की शपथ दिलाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने सचिव सैनिक कल्याण को सभी जिलों में सर्विस वोटर्स की लिस्ट अपडेट करने तथा सर्विस वोटर्स के शत् प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने श्रम विभाग को सभी श्रमिकों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में कार्य करने वाले कर्मियों का मतदान सुनिश्चित करने के लिए फैक्ट्री एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के मालिकों का सहयोग लेने के भी निर्देश दिए हैं।

बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एल फैनई, एडीजी एपी अंशुमान, मुख्य निर्वाचन अधिकारी डा. बीवीआरसी पुरूषोतम सहित विभिन्न संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

सौंग बांध परियोजना की कार्यवाही को जल्द से जल्द करें पूर्णः सीएस

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सौंग बांध परियोजना की प्रोसिजर क्लियरेन्स कार्यों में देरी पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए सम्बन्धित कार्यवाही को जल्द से जल्द पूरा करने के कड़े निर्देश सिंचाई विभाग तथा कार्यदायी संस्था यूपीडीसीसी लि0 को सचिवालय में आयोजित सौंग बांध की ईएफसी (व्यय वित्त समिति) के दौरान दिए। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सिंचाई विभाग को परियोजना से सम्बन्धित पर्यावरणीय, वित्तीय सहित सभी क्लियरेन्स जल्द से जल्द प्राप्त करते हुए इसका अन्तिम अनुमोदन प्राप्त करने निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून शहर में जलापूर्ति की कमी के कारण भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पेयजल के उद्देश्य से सौंग बांध अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इससे देहरादून शहर को पेयजल आपूर्ति हेतु 150 एमएलडी रॉ वाटर, नलकूपों के रख रखाव के व्यय की बचत, भूमिगत जल रिचार्ज, बाढ़ नियंत्रण एवं पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। बैठक में सिंचाई विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि वन विभाग द्वारा 127 हेक्टेयर वन भूमि प्रत्यावर्तित किये जाने हेतु सैद्धान्तिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है तथा निजी भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही गतिमान है।

इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जामरानी बांध परियोजना की उच्चाधिकार समिति (एचपीसी) की बैठक के दौरान परियोजना पर सैद्धान्तिक सहमति देते हुए इससे सम्बन्धित प्रस्तुतिकरण अगली कैबिनेट में रखने हेतु तैयारी के निर्देश दिए हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, दिलीप जावलकर सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने किया सचिवालय कर्मियों के लिए इलेक्ट्रिक बस का शुभारंभ

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय के कार्मिकों के लिए सचिवालय कॉलोनी केदारपुरम से सचिवालय के लिए इलेक्ट्रिक बस सेवा का शुभारम्भ किया। इस बस सेवा के माध्यम से नियमित रूप से सुबह कार्यालय समय पर सचिवालय के कार्मिकों को सचिवालय कॉलोनी केदारपुरम से सुभाष रोड सचिवालय तथा शाम को सचिवालय से सचिवालय कॉलोनी केदारपुरम के लिए यात्रा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इस अवसर पर सचिवालय कार्मिकों को बधाई देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि सचिवालय कार्मिकों के लिए इस इलेक्ट्रिक बस सेवा के संचालन से कार्मिक लाभान्वित होंगे तथा साथ ही देहरादून की ट्रैफिक समस्या को कम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक समस्या के समाधान तथा पर्यावरण पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लोगों की सुविधाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

इस अवसर पर सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी तथा सचिवालय के विभिन्न अधिकारी एवं कार्मिक मौजूद रहे।