केदारनाथ आपदा की क्षतिपूर्ति को विशेष आर्थिक पैकेज मांग को तत्काल आंकलन के निर्देश

हाल ही में केदारनाथ में आपदा से हुई क्षति के पुनर्निर्माण तथा भविष्य में आपदा से बचाव हेतु भारत सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज मांग हेतु मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रभावित विभागों को तत्काल आंकलन प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने नागरिक उड्डयन विभाग से भीमबली, केदारनाथ, सोनप्रयाग, चिम्बासा व लिंचौली क्षतिग्रस्त हैलीपेड्स का आंकलन, आपदा प्रबन्धन विभाग से भूस्खलन की निगरानी व पूर्व चेतावनी, लाइट डिटेक्शन एण्ड रेंजिंग सर्वेक्षण, असंतुलित ढलानों का भूतकनीकी अन्वेक्षण, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के लिए शमन उपाय, रिमोट सेंसिंग द्वारा बाढ़ निगरानी एवं भूस्खलन पूर्व चेतावनी हेतु आर्थिक पैकेज का आंकलन तत्काल तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यूएलएमएमसी, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, पुलिस, यूपीसीएल, आरडब्ल्यूडी, उरेडा, परिवहन व पशुपालन विभाग को आपदा न्यनीकरण हेतु प्रस्तावित कार्यों का आगणन भी प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने रिकॉर्ड समय में सफलतापूर्वक राहत एवं बचाव अभियान संचालित करने के लिए सभी सम्बन्धित अधिकारियों व कार्मिकों की प्रंशसा की है।

बैठक में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, सचिव पंकज पाण्डेय, सचिन कुर्वे, विनोद कुमार सुमन, डा. आर राजेश कुमार सहित सभी विभागों के अधिकारी व वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग मौजूद रहे।

उत्तराखण्ड में पूर्व सैनिकों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को अन्तिम संस्कार हेतु दस हजार रूपये का अनुदान

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारणी समिति की अध्यक्षता करते हुए जेसीओ रैंक तक के पूर्व सैनिक व सैनिक विधवाओं के आश्रितों के लिए छात्रवृति अनुदान की धनराशि में वृद्धि पर सहमति दी है। मुख्य सचिव रतूड़ी ने 11वीं व 12वीं कक्षा हेतु बालकों के लिए प्रतिवर्ष 6000 रूपये तथा बालिकाओं के लिए 8000 रूपये, सभी स्नातक कक्षाओं हेतु बालकों के लिए 8000 रूपये तथा बालिकाओं के लिए 10000 रूपये, सभी स्नातकोत्तर कक्षाओं हेतु बालकों के लिए प्रतिवर्ष 10000 रू0 तथा बालिकाओं के लिए 12000 रू0, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कानून की शिक्षा हेतु 50000 रू0 छात्रवृत्ति अनुदान राशि वृद्धि पर सहमति दी है। उन्होंने मेधावी छात्र अनुदान के तहत कक्षा 10वीं में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर बालकों को प्रतिवर्ष 30000रू0 व बालिकाओं को 50000 रू0, कक्षा 12वीं में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर बालकों को प्रतिवर्ष 40000 रू0 तथा बालिकाओं को 60000 रू0, स्नातक में 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर बालकों को 50000 रू0 प्रतिवर्ष व बालिकाओं को 70000 रू0 प्रदान करने के प्रस्ताव पर सहमति दी है। पूर्व सैनिकों के अनाथ बच्चों तथा सैनिक विधवाओं के बच्चों हेतु छात्रवृत्ति कक्षा 1 से कक्षा 8 तक बालकों के लिए प्रतिवर्ष 12000 रू0 व बालिकाओं के लिए 15000 रू0 करने तथा कक्षा 8 से स्नातकोत्तर तक बालकों को प्रतिवर्ष 20000 रू0 तथा बालिकाओं को 25000 रू0 प्रदान करने पर सहमति प्रदान की गई है। मुख्य सचिव ने नॉन पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों/उनकी विधवाओं को आकस्मिकता अनुदान 25000 रू0 प्रतिवर्ष करने, पैराप्लेजिक रिहैबिलिटेशन केन्द्रों में उत्तराखण्ड के पूर्ण रूप से दिव्यांग पूर्व सैनिकों को 200000 रू0 प्रति वर्ष की आर्थिक सहायता देने पर भी सहमति दी है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था द्वारा संचालित भर्ती पूर्व प्रशिक्षण से प्रशिक्षण प्राप्त करने क अनिवार्यता को समाप्त करते हुए प्रदेश के पूर्व सैनिक आश्रितों के सेना, अर्द्धसैनिक बल तथा राज्य पुलिस में चयन होने पर एकमुश्त अनुदान 40000 रू0 करने पर सहमति दी है। उन्होंने संस्था द्वारा राज्य के शहीद सैनिकों के आश्रितों को 10 लाख रू0 का अनुदान प्रदान करने के प्रस्ताव पर सहमति दी है। इसके साथ ही सीएस ने उत्तराखण्ड में पूर्व सैनिकों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को अन्तिम संस्कार हेतु 10000 रू0 का अनुदान दिए जाने के प्रस्ताव पर भी सहमति दी है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को 15 वर्ष में एक बार उनके मकान के रख-रखाव हेतु 100000 रू0 की अनुदान धनराशि प्रदान किए जाने के प्रस्ताव बनाने के भी निर्देश दिए हैं।

बैठक में सचिव दीपेन्द्र चौधरी, उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारणी समिति के सदस्य मे0 ज0 जी एस रावत (अ. प्रा.) व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

जिलाधिकारी की होगी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए तहसील स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने की जिम्मेदारी

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को जनपद के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए है। मुख्य सचिव ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए तहसील स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने तथा उनके नाम व मोबाइल नंबर अविलंब शासन को उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभिन्न अवसरों पर सरकारी कार्यक्रमों में स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में स्वतंत्रता सेनानियों तथा उनके उत्तराधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने बैठक में उपस्थित सभी स्वतंत्रता सेनानियों की समस्याओं की जानकारी ली तथा त्वरित समाधान हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने इस दिशा में जिलाधिकारी चमोली द्वारा बेहतरीन कार्य करने के लिए सराहना की।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति में सड़कों, चौराहों व द्वारों के नामकरण तथा शिलापट स्थापित किए जाने संबंधित प्रकरणों को शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारी के विभिन्न प्रकरणों के संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

बैठक में सभी संबंधित विभागों के सचिव, वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी व स्वतंत्रता सेनानी तथा उनके उत्तराधिकारी उपस्थित रहे।

सामान्य प्रशासन विभाग को लंबित फाइलों की स्थिति की निगरानी के लिए एक दैनिक समीक्षा तंत्र स्थापित करने हेतु कार्ययोजना जल्द बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड सचिवालय के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि ई-ऑफिस पोर्टल पर फाइलों की समीक्षा, प्रसंस्करण एवं संचरण को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए फाइलों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जाय।
सीएस रतूड़ी ने कहा है कि पत्रावलियां के लंबित रहने की प्रथा किसी भी विभाग/संस्था के कुशल संचालन को प्रभावित करती है एवं जनहित से संबंधित कार्यां में विलम्ब होता है। मुख्य सचिव ने प्रोटोकॉल के अनुसार निर्धारित समय-सीमा पर फाइलों के निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय सामान्य प्रशासन विभाग को लंबित फाइलों की स्थिती की निगरानी के लिए एक दैनिक समीक्षा तंत्र स्थापित करने हेतु कार्ययोजना जल्द बनाने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि फाइलों के निस्तारण में अनावश्यक रूप से देरी न हों। फाइलों के निस्तारण में अनुचित देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूद्ध उचित कार्यवाही की जायेगी जिसमें अनुशासनात्मक उपाय भी शामिल हो सकते हैं।

उत्तराखण्ड सचिवालय प्रशासन द्वारा फाइलों के निस्तारण की स्थिति पर मुख्य सचिव के समक्ष साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने फाइलों के शीघ्र निस्तारण को सुविधाजनक बनाने के लिए पूर्व की भांति सभी संबधित अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ई-ऑफिस पोर्टल के कुशल उपयोग के प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने फाइलों के शीघ्र निस्तारण एवं ई-ऑफिस को यूजर फ्रेण्डली बनाने हेतु तकनीकी रूप से ई-ऑफिस पोर्टल में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सुझावों पर यथोचित सुधार करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस सम्बन्ध में सभी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

नजरियाः देहरादून में न्यायिक कार्मिकों के लिए बनने वाले 32 आवासीय भवनों के निर्माण का अनुमोदन

उत्तराखण्ड के बौर, हरिपुरा, तुमारिया, नानकसागर जैसे जलाशयों में अत्यधिक सिल्ट जमाव की समस्या के समाधान तथा इन जलाशयों में पर्यटन गतिविधियों एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दिशा में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जलाशयों के डिसिल्टिंग (सिल्ट या मिट्टी उठान) को रॉयल्टी फ्री करने हेतु नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में सिंचाई विभाग को सभी सम्बन्धित विभागों से अनापत्ति लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि यदि विभाग द्वारा बौर व हरिपुरा जलाशयों के सिल्ट का कर्मिशयल उपयोग नही किया जा रहा है तो इन जलाशयों के सिल्ट उठान को रॉयल्टी फ्री करने की नीति तैयार करने की दिशा में तत्काल कार्य आरम्भ किया जाए। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने सिंचाई विभाग को 15 दिन का समय देते हुए वन विभाग के साथ सयुंक्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जलाशयों को पचास साल से भी अधिक का समय हो गया है ऐसी स्तिथि में जलाशयों की क्षमता निरंतर घटती जा रही है। जलाशयों में अत्यधिक सिल्ट आने से भविष्य में किसानों को सिंचाई के लिए पानी के अभाव और बाढ़ जैसे चुनौतियों के समाधान, जलाशयों में पर्यटन गतिविधियों एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए डिसीलटिंग जरूरी है।

सचिवालय में व्यय वित्त समिति की बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उधमसिंह नगर के गदरपुर में बाबा डल मन्दिर से बौर जलाशय से गूलरभोज-कूल्हा तिलपुरी वन बैरियर तक सिंचाई विभाग के माध्यम से कंक्रीट सड़क निर्माण कार्या का वित्तीय अनुमोदन दिया। बौर एवं हरिपुरा जलाशय जनपद ऊधमसिंहनगर के विकास खण्ड गदरपुर/बाजपुर में स्थित है। इन बांधों की लम्बाई क्रमशः 9.500 कि०मी० एवं 7.900 कि०मी० तथा जल ग्रहण क्षमता 3650 एवं 1000 मि० घन फुट है। जलाशयों में वर्षा काल की बाढ़ से जल संचय किया जाता है, इन जलाशयों में वर्षभर सिंचाई हेतु कृषकों को पानी दिया जाता है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा पर्यटन हब के रूप में भी इस क्षेत्र को विकसित किया जाना है। उत्तराखण्ड शासन की महत्वकांक्षी योजना 13 जनपद 13 पर्यटन स्थल में भी बौर-हरिपुरा जलाशय को सम्मिलित किया गया है। इन जलाशयों में पर्यटन की गतिविधियों को बढावा देने हेतु पर्यटन विभाग द्वारा विगत वर्षों से पर्यटकों हेतु नौकायान एवं अन्य जल क्रीडाओं का आयोजन किया जा रहा है जिसमें भारी संख्या में पर्यटकों का आवागमन बना रहता है। उक्त जलाशयों के पहुँच मार्ग कच्चे होने के कारण पर्यटकों के सुगम आवागमन में अत्यधिक कठिनाइयां उत्पन्न हो रही है जिसके लिए यह योजना बनाई गई है। योजना का वित्त पोषण Missing Link Funding के तहत किया जा रहा है।

आज की व्यय वित्त समिति में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मोहकमपुर देहरादून में न्यायिक कार्मिकों के लिए बनने वाले 32 आवासीय भवनों के निर्माण का भी अनुमोदन दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि उक्त आवासीय भवनों में अनिवार्य रूप से सोलर पैनल की व्यवस्था की जाए तथा ग्रीन बिल्डिंग की अवधारणा पर कार्य किया जाए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने देहरादून में पशु प्रजनन फार्म कालसी के सुदृढ़ीकरण के कार्यों हेतु कम्प्ररहेन्सिव स्टडी के निर्देश दिए हैं। पशु प्रजनन प्रक्षेत्र, कालसी जनपद देहरादून में स्थापित है तथा वर्तमान में भारत सरकार द्वारा देश में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस ऑन इण्डीजिनस ब्रीड्स नामित किया गया है। इस प्रक्षेत्र पर भ्रूण प्रत्यारोपण की तकनीक से नस्ल सुधार कार्यक्रम सम्पादित किया जा रहा है। केन्द्र पोषित राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजनान्तर्गत प्रक्षेत्र का सुदृढ़ीकरण प्रस्तावित है। फार्म पर बायोसिक्योरिटी के सुदृढ़ीकरण से संस्था पर व्यवस्थित पशुधन को संक्रामक रोगों से बचाव करना है। प्रक्षेत्र में स्थापित प्रशिक्षण केन्द्र पर प्रदर्शन इकाइयों की स्थापना से पशुपालकों को हैंड्स ऑन प्रशिक्षण दिये जाने हेतु कार्य किया जाना है तथा प्रशिक्षण हेतु आये पशुपालकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान हो सकेगी। योजना का वित्त पोषण भारत सरकार के राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजनान्तर्गत 100 प्रतिशत वित्त पोषित है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पशुलोक ऋषिकेश में हीफर रियरिंग फार्म के सुदृढ़ीकरण के कार्य की भी सैद्धान्तिक स्वीकृति दी है। पशुलोक ऋषिकेश में वर्ष 2019 में हीफर रियरिंग फार्म की स्थापना का कार्य आर०आई०डी०एफ० योजनान्तर्गत किया गया था तथा फार्म से राज्य के पशुपालकों को उचित मूल्य पर संकर नस्ल की गाय उपलब्ध कराना है। वर्तमान में प्रक्षेत्र पर उपलब्ध 37.9 एकड भूमि पर पशुओं हेतु चारें का उत्पादन किया जाता है तथा योजनान्तर्गत 38.7 एकड भूमि पर अतिरिक्त चारा एवं साईलेज का उत्पादन किया जाना है जिससे प्रक्षेत्र पर व्यवस्थित पशुधन को पर्याप्त मात्रा में चारा मिल सकें। प्रक्षेत्र से राज्य के पशुपालकों को उच्च आनुवंशिक गुणवत्ता के पशुओं को उपलब्ध कराया जायेगा। योजना का वित्त पोषण भारत सरकार के राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजनान्तर्गत 100 प्रतिशत वित्त पोषित है।

बैठक में सचिव पशुपालन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिंचाई एव सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

राज्य में आने वाले सभी वाहनों में डस्टबिन को अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देशः मुख्य सचिव

उत्तराखण्ड राज्य की प्राकृतिक स्वच्छता व सुन्दरता को बनाए रखने में सामूहिक जिम्मेदारी विशेषरूप से पर्यटकों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रैवल एजेन्सी व वाहन चालकों का उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के दृष्टिगत मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड आने वाले सभी वाहनों में Dustbin /Garbage Bag को अनिवार्यतः लगाने के नियम का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में नियमित रूप से चैकिंग एव चालान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। पूर्व में इस सम्बन्ध में परिवहन विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चण्डीगढ़, राजस्थान व मध्य प्रदेश के परिवहन आयुक्तों को भी पत्र लिखा गया। परिवहन विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार चारधाम यात्रा के दौरान स्वच्छता अभियान के तहत वाहन में बैठे यात्री सड़कों पर कचरा नही फेंक सकते तथा सभी वाहनों में Dustbin /Garbage Bag लगाना अनिवार्य है।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों को ट्रिप कार्ड जारी करते समय यह अवश्य सुनिश्चित कर लिया जाए कि प्रत्येक वाहन में Dustbin /Garbage Bag हो। आमजन को व्यापक स्तर पर इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने इस सम्बन्ध में टूर ऑपरेटर्स, ट्रैवल एजेंसी व वाहन चालकों से भी संवाद व समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि पर्यटन प्रदेश होने के कारण राज्य की प्राकृतिक स्वच्छता बनाए रखना और पर्यावरण का संरक्षण उत्तराखण्ड के निवासियों के साथ ही हर वर्ष लाखों की संख्या में आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं का भी सामूहिक उत्तरदायित्व है। यह कार्य सामूहिक भागीदारी का है।

सीएस ने जिलाधिकारियों से नगर निगमों के तहत कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों की आवासीय व्यवस्था की रिपोर्ट की तलब

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को मलिन बस्तियों का चिन्हीकरण कर 15 दिन में रिपोर्ट शासन को प्रेषित करने की डेडलाइन दी है। इसके साथ सीएस ने जिलाधिकारियों से नगर निगमों के तहत कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों की आवासीय व्यवस्था की रिपोर्ट भी तलब की है। मुख्य सचिव ने निर्माण स्थलों पर कार्य करने वाले प्रवासी श्रमिकों की आवासीय व्यवस्था की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में शहरी विकास की राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को ‘‘स्लम फ्री उत्तराखण्ड’’ विजन के साथ कार्य करने की नसीहत दी है। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आगामी 15 दिनों से पहले जनपदों में अवस्थित मलिन बस्तियों के श्रेणीवार चिन्हांकन कर उनकी सूची शासन को प्राथमिकता के आधार पर भेज दी जाए। इसके बाद राज्य में अवस्थित मलिन बस्तियों में निवासरत परिवारों के जीवन स्तर में सुधार, मलिन बस्तियों के विनियमितीकरण, पुनरूद्धार पुनर्वास की कार्ययोजना पर कार्य किया जाएगा। मुख्य सचिव ने मलिन बस्तियों के सुधार हेतु विभिन्न राज्यों के मॉडल पर किए गए अध्ययन की अद्यतन प्रगति रिपोर्ट भी तलब की।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विशेषरूप से जनपद टिहरी, रूद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी उधमसिंहनगर और चम्पावत के जिलाधिकारियों से और समय न लेते हुए यथाशीघ्र मलिन बस्तियों की वांछित सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं, जिससे एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करते हुए प्रभावितों को प्रधानमंत्री आवास योजना या राज्य में प्रचलित अन्य उपयोगी एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करते हुए मलिन बस्तियों के निवासियों का पुनर्वासन एवं पुनर्व्यस्थापन किया जा सके।

बैठक में प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, नितेश कुमार झा सहित अन्य अधिकारी एवं वर्चुअल माध्यम से आयुक्त गढ़वाल और कुमाऊ व सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

सीएस बोलीं, वॉकल फॉर लोकल तथा लोकल फॉर ग्लोबल की थीम पर हाउस ऑफ हिमालयाज

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हाउस ऑफ हिमालयाज के तहत स्थानीय उत्पादों की बेहतरीन मार्केटिंग, क्वालिटी व ब्राण्डिंग पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने हाउस ऑफ हिमालयाज को उत्तराखण्ड के अम्ब्रेला ब्राण्ड के रूप में स्थापित करते हुए स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए मिशन मोड पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि हाउस ऑफ हिमालयाज के तहत अधिकाधिक महिला स्वयं सहायता समूहों व स्थानीय महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उत्तराखण्ड के सभी उत्पादों को एक ही नाम व ब्राण्ड मिलने से राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर स्थानीय उत्पादों को बेहतर बाजार मिलेगा।

सीएस ने निर्देश दिए हैं कि हाउस ऑफ हिमालयाज के माध्यम से राज्य के सभी स्थानीय ब्राण्ड्स की पहुंच बढ़ाने के लिए कार्य किया जाना चाहिए। हाउस ऑफ हिमालयाज को वॉकल फॉर लोकल तथा लोकल फॉर ग्लोबल की थीम के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने इसके लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को व्यापक स्तर तक पहुचाने के लिए कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज राज्य का अम्ब्रेला ब्राण्ड होने के साथ ही प्रदेशभर की स्थानीय महिलाओं की आजीविका का सशक्त माध्यम बनने जा रहा है। उन्होंने विभिन्न स्वयं सहायता समूहों और उनके उत्पादों को इससे जोड़ने के निर्देश दिए हैं। हाउस ऑफ हिमालयाज के तहत प्रथम चरण में 21 उत्पादों को रखा गया है। भविष्य में अधिकाधिक स्थानीय उत्पादों को इससे जोड़ा जाएगा। इसके उत्पादों की गुणवत्ता की जांच तीन स्तरों पर की जा रही है।

सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हाउस ऑफ हिमालयाज की बोर्ड ऑफ गर्वनेस की बैठक में सचिव राधिका झा, अपर सचिव मनुज गोयल सहित सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में टाटा ट्रस्ट के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक

सचिवालय में टाटा ट्रस्ट के साथ बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जानकारी दी है कि उत्तराखण्ड सरकार के साथ मिलकर टाटा ट्रस्ट राज्य में हेल्थ केयर सेक्टर, टेलीमेडिसिन, महिलाओं व बच्चों के कुपोषण से बचाव, युवाओं के कौशल विकास, बालिकाओं की शिक्षा, कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, आंगनबाड़ी वर्कर्स के क्षमता विकास व प्रशिक्षण, स्मार्ट कलासेज, ग्रामीण आजीविका, पलायन, वाइब्रेंट विलेज, मानसिक स्वास्थ्य व नशा मुक्ति जैसे क्षेत्रों में कार्य करेगा।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने टाटा ट्रस्ट के समक्ष उत्तराखण्ड सरकार की प्राथमिकताएं एवं थ्रस्ट एरिया को फोकस करते हुए राज्य में मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर तथा उत्तराखण्ड के युवाओं हेतु राज्य की आवश्यकताओं एवं परिस्थिति के अनुसार मुम्बई सहित देश के विभिन्न स्थानों में टाटा ग्रुप के स्किल डेवलपमेंट इन्सटिटयूट में कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण की व्यवस्था करने का आग्रह किया। सीएस रतूड़ी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार की विभिन्न क्षेत्रों हेतु योजनाओं की समीक्षा कर गैप एनालाइसिस किया जाए ताकि टाटा ट्रस्ट द्वारा इस गैप फीलिंग के लिए कार्य किया जा सके। उन्होंने टाटा ट्रस्ट द्वारा टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में कार्य किए जाने हेतु सहमति पर निर्देश दिए कि इसके लिए सबसे पहले पर्वतीय जनपदों व ब्लॉक को चिहिन्त किया जाए। इसके साथ ही उत्तराखण्ड के प्रत्येक जनपद के हेल्थ एनालिसिस की बात कही गई जिसके तहत प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं, बुनियादी चिकित्सा ढांचे, स्टाफ, प्रशिक्षण आदि की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। मैंकेंजी के माध्यम से राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र की के भी निर्देश दिए गए। टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य में हेल्थ रिकॉर्ड की डिजिटाइजेशन में सहयोग पर सहमति दी गई।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने टाटा ट्रस्ट से राज्य के दूरस्थ स्थानों में रह रही आबादी को आधुनिकतम स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाकर प्राइमरी व सेकेण्डरी हेल्थ केयर सेवाओं की मजबूती के लिए कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने महिलाओं व बच्चों को कुपोषण व एनीमिया से बचाने के लिए, प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा को मजबूत कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, उच्च शिक्षा के बाद महिलाओं की कार्यबल में हिस्सेदारी बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों विशेषकर सीमान्त गांवों से पलायन रोकने हेतु ग्रामीण आजीविका की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि टाटा ट्रस्ट से कौन-कौन से क्षेत्रों में सहायता ली जा सकती हैं, इसकी रिपोर्ट अगली बैठक तक तैयार रखी जाय।

बैठक के दौरान टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य के 13 जिलों की कमजोर सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि वाली 13 टॉपर बालिकाओं को आर्थिक अनुदान की कार्ययोजना की बात कही गई।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, एसडीजी इंडेक्स 2023-24 में उत्तराखंड देश में पहले स्थान पर है। इस स्थिति को बनाए रखने के लिए, राज्य सरकार का लक्ष्य सभी हितधारकों के साथ सहयोग करना है, जिससे समावेशी विकास सुनिश्चित हो सके।

बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, टाटा ट्रस्ट के सीईओ सिद्धार्थ शर्मा सहित सभी विभागों के अधिकारी एवं टाटा ट्रस्ट की टीम मौजूद रही।

सीएस ने पेयजल की गुणवता की मॉनिटरिंग में आमजन की भागीदारी बढ़ाने के लिए नागरिकों को प्रशिक्षण देने के दिए निर्देश

सीएस राधा रतूड़ी ने भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत राज्य में 697 ग्राम पंचायत में से अवशेष 227 ग्राम पंचायत भवनों में समयबद्धता से विद्युतीकरण के निर्देश दिए हैं ताकि इनमें जल्द से जल्द ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी दी जा सके। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि राज्य की कठिन भौगोलिक स्थिति, सामरिक महत्व और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए भारतनेट प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाना चाहिए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में पीएम प्रगति पोर्टल के तहत भारतनेट, दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस-वे, देवबंद रुड़की रेलवे लाइन प्रोजेक्ट तथा AMRUT 2.0 (Atal Mission For Rejuvenation & Urban Transformation 2.0) vkSj (PM –ABHIM) PM- Ayushman Bharat Health Infrastructure Mission कार्यक्रमों की समीक्षा की।

बैठक में राज्य में भारतनेट प्रोजेक्ट की प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी दी गई कि 697 ग्राम पंचायतों में से 339 को स्थायी कनेक्शन के साथ विद्युतीकृत कर दिया गया है। 173 ग्राम पंचायतों ने विद्युतीकरण के लिए यूपीसीएल को आवश्यक शुल्क का भुगतान कर दिया है। 43 ग्राम पंचायतों को शहरी क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां 33 के विद्युतीकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई है और शेष 10 साइटों को विद्यालयी शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग को हस्तांतरित किया जा रहा है। 98 ग्राम पंचायतों को बिना ग्राम पंचायत भवन की श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है, जो अनिश्चित स्थिति में है। जीपीओएन उपकरण को स्थानांतरित करने के लिए वैकल्पिक साइटों की पहचान की जा रही है। शेष 44 ग्राम पंचायतें बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करने और भुगतान करने की प्रक्रिया में हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे तथा देवबंद रुड़की रेलवे लाइन प्रोजेक्ट्स के त्वरित क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन से प्रभावी समन्वय के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव शहरी विकास के माध्यम से AMRUT 2.0 कार्यक्रम के तहत संचालित प्रोजेक्ट्स की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने पेयजल की गुणवता की मॉनिटरिंग में आमजन की भागीदारी बढ़ाने के लिए नागरिकों को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने विशेष रूप से महिला स्वयं सहायता समूहों को वॉटर टेस्टिंग की ट्रेनिंग तथा वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन के संबंध में जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने PM- ABHIM (PM Ayushman Bharat Health Infrastructure Mission) के तहत विभिन्न गतिविधियों के लिए टाइमबाउंड एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने PMS पोर्टल पर उक्त सभी प्रोजेक्ट्स की मैपिंग, प्रगति, फोटो तथा व्यय की जानकारी नियमित रूप से अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।