सीएस ने एसडीआरएफ के तहत जिलाधिकारी को एक करोड़ तथा मंडलायुक्त को पांच करोड़ की वित्तीय स्वीकृति के दिए अधिकार

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) एवं राज्य आपदा न्यूनीकरण के विभिन्न प्रस्तावों पर अनुमोदन दिया।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नैनीताल के हल्द्वानी के गौलापार में स्थित इंदिरा गाँधी अर्न्तराष्ट्रीय स्पोर्टस कॉम्पलेक्स की सुरक्षा हेतु बाढ़ सुरक्षा कार्यों के निर्णय के सम्बन्ध में तत्काल एक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के तहत जिलाधिकारी को 1 करोड़ रूपये तक के कार्य तथा सम्बन्धित मण्डलायुक्त को 5 करोड़ रूपये तक योजना की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति के अधिकार के प्रस्ताव पर अनुमोदन दिया है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) एवं राज्य आपदा न्यूनीकरण के विभिन्न प्रस्तावों पर अनुमोदन दिया है। मुख्य सचिव ने विभिन्न जनपदों व रेखीय विभागों को उनकी मांग के अनुसार स्वीकृत की गई 287.48 करोड़ धनराशि पर कार्याेत्तर अनुमोदन दिया है। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने पेयजल निगम, पीएमजीएसवाई, लोक निर्माण विभाग व यूपीसीएल को एसडीआरएफ से वित्तीय वर्ष 2024-25 में आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के पुनर्निर्माण हेतु 95 करोड़ की धनराशि आवंटित किये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदन दिया है।

मुख्य सचिव ने जनपद देहरादून के सहस्त्रधारा मोटर मार्ग के 4 किमी0 चौनेज 3.300 में 48.00 मी0 स्पान स्टील गर्डर सेतु के अपस्ट्रीम में बाढ़-भूस्खलन से बचाव हेतु सुरक्षात्मक कार्य, जनपद उत्तरकाशी के नौगांव-सुनारा-कोटियालगांव मोटर मार्ग के 5 किमी० में क्षतिग्रस्त प्रतिधारक दीवार का सुरक्षात्मक कार्य, उत्तरकाशी के विकासखण्ड नौगांव अन्तर्गत पत्थरगाड- नन्दगांव मोटर मार्ग के 1 कि०मी० में सुरक्षात्मक कार्य, एस०डी०एम०एफ० वर्ष 2023-24 के अन्तर्गत पौन्टी-मोल्डा मोटर मार्ग के 2 कि०मी० में सुरक्षात्मक कार्य, जनपद नैनीताल के भीमताल में अमृतपुर स्थित डहरा पुल के एबेटमेंट की भूकटाव हेतु प्लम ब्लॉक का सुरक्षात्मक कार्य, नैनीताल बाईपास मोटर मार्ग मुख्य जिला मार्ग में ड्रेनेज सुधारीकरण एवं सुरक्षात्मक कार्य, जनपद चमोली के नंदप्रयाग- घाट- सुतोल केनाल मोटर मार्ग के चौनेज 14. 000 एवं 14.025 का सुरक्षात्मक कार्य, श्री केदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग, छोटी लिंचोली, कुबेर ग्लेशियर, छानी कैंप में हुए भूस्खलन एवं बादल फटने से प्रभावित पैदल मार्ग का सुरक्षात्मक कार्य, जनपद उत्तरकाशी की मोरी विकासखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नीचे बाढ़ सुरक्षा कार्य, सितारगंज में राज्य स्तरीय इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क की सूखी/ बेगुल नदी से सुरक्षा हेतु बाढ़ सुरक्षा योजना जैसे विभिन्न प्रस्तावो पर अनुमोदन दिया है।

बैठक में सचिव आपदा प्रबन्धन विनोद कुमार सुमन सहित आपदा प्रबन्धन, लोक निर्माण, जल संस्थान, सिचाई व अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी तथा जिलों के जिलाधिकारी मौजूद रहे।

डिस्बर्समेंट को गम्भीरता से लेते हुए ऋण वितरण व अदायगियों के लक्ष्य को तत्परता से पूरा करेंः राधा रतूड़ी

नाबार्ड के तहत स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष विभागों द्वारा लक्ष्य से कम ऋण वितरण पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने डिस्बर्समेंट को गम्भीरता से लेते हुए ऋण वितरण व अदायगियों के लक्ष्य को तत्परता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

सीएस राधा रतूड़ी ने पेयजल विभाग को पेयजल सुविधाओं के विकास से सम्बन्धित प्रस्तावों को तत्काल भेजने तथा नाबार्ड को पेयजल प्रस्तावों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी विभागों के सचिवों एवं विभागाध्यक्षों को ऋण वितरण एवं अदायगियों में तेजी लाने के लिए साप्ताहिक समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। विभागों द्वारा ऋण वितरण एवं अदायगियों के साथ ही नाबार्ड को प्रस्ताव भेजने के दौरान प्रक्रियाओं में हो रहे विलम्ब का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रक्रियाओं के सरलीकरण व तीव्रता के निर्देश दिए हैं। विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा आज की बैठक में मौजूद नही रहने पर मुख्य सचिव ने विभाग से स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने वित्त विभाग को एक सप्ताह में धीमी गति से चल रहे सभी प्रोजेक्ट्स की समीक्षा के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने नाबार्ड को निर्देश दिए हैं कि राज्य में सिंचाई सुविधाओं के विकास के सापेक्ष किसानों की कृषि आय में बढ़ोतरी पर तुलनात्मक अध्ययन किया जाए। उन्होंने नाबार्ड को प्रस्तावों की स्वीकृति में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में नाबार्ड की आरआईडीएफ (ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि) पर द्वितीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक की अध्यक्षता की। मुख्य सचिव ने कहा कि स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष विभागों द्वारा डिस्बर्समेंट की प्रगति संतोषजनक नहीं है। सभी विभागों को इसमें तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा वितरण और अदायगियों में आ रही समस्याओं का निवारण कर शीघ्र कार्यों को पूर्ण किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि अच्छे प्रस्ताव लगातार तैयार कर प्रस्ताव वित्त को भेजे जाने के साथ ही डीपीआर नाबार्ड को भी भेज दी जाए, ताकि समय पर नाबार्ड की भी संस्तुति मिल सके। उन्होंने प्रत्येक सप्ताह और पाक्षिक रूप से प्रस्तावों की लगातार मॉनिटरिंग किए जाने के निर्देश दिए।

बैठक में अपर सचिव वित्त ने बताया कि उच्चाधिकार समिति द्वारा वर्श 2024-25 के लिए आरआईडीएफ के तहत 1162 करोड़ के सापेक्ष 1098 करोड़ ऋण डिस्बर्समेंट का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि 1098 करोड़ के डिस्बर्समेंट के लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक विभागों द्वारा मात्र 232.28 करोड़ का डिस्बर्समेंट किया गया है।

राज्य में नाबार्ड के तहत ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) से 2.05 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिचाई सुविधाओं का सृजन एवं पुनर्द्धार किया गया है। लगभग 14,766 किमी ग्रामीण सड़कों के नेटवर्क का निर्माण एवं सुधार किया गया है। 27307 मीटर ब्रिज का निर्माण हो चुका है। 23.77 लाख ग्रामीण आबादी को पेयजल सुविधा मिल चुकी है। 241 स्कूल एवं आईटीआई का निर्माण एवं पुनर्द्धार हो चुका है।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, अपर सचिव सी. रविशंकर एवं नाबार्ड अधिकारी पंकज यादव, निर्मल कुमार सहित विभागों के विभागाध्यक्ष एवं उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने राज्य में नमामि गंगे कार्यक्रम की प्रगति की जानकारी दी

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नमामि गंगे कार्यक्रम की इपावर्ड टास्क फोर्स की 12वीं बैठक तैयारियो के दौरान जानकारी दी कि नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत 244.48 एमएलडी क्षमता सृजित करने के लिए 62 (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) एसटीपी की स्थापना हेतु सीवरेज अवसंरचना की कुल 43 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 165.06 एमएलडी क्षमता वाले 42 एसटीपी स्थापित करके 36 परियोजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं तथा 79.42 एमएलडी क्षमता वाले 20 एसटीपी की स्थापना हेतु शेष 07 परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। एनएमसीजी एवं सीपीसीबी द्वारा किए गए मूल्यांकन के अनुसार 170 नालों की पहचान की गई है, जिनमें से 137 नालों को रोका जा चुका है, 33 नालों को रोकने के लिए विभिन्न परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। इसके अलावा उधम सिंह नगर में कल्याणी नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए 40 एमएलडी एसटीपी के लिए डीपीआर और हल्द्वानी काठगोदाम क्षेत्र में गौला नदी में गिरने वाले प्रमुख नालों को रोकने और मोड़ने के लिए परियोजनाएं तैयार की गई हैं और मंजूरी के लिए एनएमसीजी को भेजी गई हैं। केएफडब्ल्यू द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं के तहत हरिद्वार और ऋषिकेश शहरों में 541 किलोमीटर लंबे सीवर नेटवर्क में गंगा नदी में गिरने वाले सीवेज के 100 प्रतिशत उपचार का प्रस्ताव है। 79 स्थानों पर सतही जल की मासिक आधार पर नियमित निगरानी की जा रही है।
यूकेपीसीबी ने त्रिवाणी घाट ऋषिकेश, कौड़ियाला बद्रीनाथ मार्ग टिहरी गढ़वाल और देवप्रयाग टिहरी गढ़वाल में डिस्प्ले बोर्ड लगाए हैं। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन निगरानी प्रणाली से लैस 22 एसटीपी चालू हैं और गंगा तरंग वेब पोर्टल से जुड़े हैं। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूकेपीसीबी) और उत्तराखंड पेयजल निगम/उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा इनलेट और आउटलेट अपशिष्ट जल की गुणवत्ता की मासिक निगरानी की जाती है, ताकि जल गुणवत्ता मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके, जिसमें फेकल कोलीफॉर्म परीक्षण भी शामिल है। नियमित निगरानी के परिणामस्वरूप गंगोत्री से ऋषिकेश तक पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जहाँ यह वर्ग-ए मानकों (पीने के लिए उपयुक्त) को पूरा करता है। ऋषिकेश से हरिद्वार तक पानी की गुणवत्ता वर्ग-बी (बाहर नहाने के लिए उपयुक्त) के अंतर्गत आती है और इसे बेहतर बनाने का काम प्रगति पर है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि गौरी कुंड एसटीपी के लिए भूमि का स्वामित्व माननीय जिला न्यायालय द्वारा दूसरे पक्ष अर्थात बाबा काली कमली ट्रस्ट के पक्ष में तय किया गया था। अब बहुमंजिला संरचनाओं का निर्माण करके पास के 6 केएलडी एसटीपी की उपलब्ध भूमि पर 200 केएलडी एसटीपी को समायोजित करने का प्रस्ताव है। राज्य में 105 शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) हैं, 98 ने सेप्टेज प्रबंधन प्रकोष्ठ (एसएमसी) स्थापित किए हैं, 73 यूएलबी द्वारा उप-नियमों की राजपत्र अधिसूचना प्रकाशित की गई है और 30 यूएलबी अनुमोदन के लिए राजपत्र अधिसूचना के विभिन्न चरणों में हैं। घरेलू सर्वेक्षण के आधार पर, हरिद्वार, ऋषिकेश, देवप्रयाग और श्रीनगर में मौजूदा एसटीपी में सेप्टेज के सह-उपचार के लिए डीपीआर को एनएमसीजी द्वारा मंजूरी दे दी गई है और यह निविदा चरण में है। ऋषिकेश में, वर्तमान में एकत्रित सेप्टेज को लकड़घाट में एसटीपी में डाला जा रहा है। रुद्रपुर में 125 किलोलीटर क्षमता वाली एफएसटीपी है, जिसमें गूलरभोज, गदरपुर, दिनेशपुर, केलाखेड़ा और लालपुर जैसे क्लस्टर शहर शामिल हैं। सिंचाई विभाग ने उत्तराखंड बाढ़ मैदान क्षेत्र अधिनियम, 2012 के तहत 614.60 किलोमीटर नदी खंड (अलकनंदा, भागीरथी, मंदाकिनी, भीलंगाना और गंगा) को अधिसूचित किया है। नदी खंड (गोला, कोसी, सुसवा, सोंग और बलदिया) में 361.25 किलोमीटर बाढ़ मैदान जोनिंग का सर्वेक्षण और हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन कार्य पूरा हो चुका है और अधिसूचना जारी होने की संभावना है, जो दिसंबर, 2025 तक पूरी होने की संभावना है। जलग्रहण क्षेत्रों में वन आवरण बढ़ाने के लिए नदी बेसिन की सुरक्षा, मिट्टी और नमी संरक्षण, खरपतवार नियंत्रण,पारिस्थितिकी बहाली जैसी कुछ अन्य सहायक गतिविधियों के साथ-साथ वृक्षारोपण। (8 वर्षों में 10816.70 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधे रोपे गए हैं।)
किसानों को आर्थिक मूल्य के फलदार पौधों का वितरण, अब तक इस गतिविधि के अंतर्गत 1432.98 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधे रोपे गए हैं। गंगा वाटिकाओं का विकास, रिवर फ्रंट विकास और संस्थागत एवं औद्योगिक एस्टेट वृक्षारोपण, अब तक इस गतिविधि के अंतर्गत कुल 93.10 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधे रोपे गए हैं। मृदा एवं जल संरक्षण, तथा आर्द्रभूमि प्रबंधन, इस गतिविधि के अंतर्गत कुल 1128.00 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधे रोपे गए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित अर्थ गंगा के 06 वर्टिकल के तहत जैविक खेती के अंतर्गत उत्तराखंड के सभी जिलों में परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) और नमामि गंगे योजना के माध्यम से 2.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र जैविक खेती के अंतर्गत आता है। जो राज्य के कुल खेती योग्य क्षेत्र का 39 प्रतिशत है। स्वच्छता कार्य योजना के तहत नमामि गंगे स्वच्छ अभियान के तहत पीकेवीवाई दिशानिर्देशों के अनुसार गंगा बेसिन में स्थित 50840 हेक्टेयर गांवों में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाता है। परियोजना के तहत उत्पादित जैविक उत्पादों को ‘‘नमामि गंगे-ऑर्गेनिक उत्तराखंड’’ ब्रांड नाम से बेचा जा रहा है। राज्य के पर्यटक मार्गों पर 304 जैविक आउटलेट स्थानीय बिक्री के लिए सक्रिय हैं और पास के जैविक क्लस्टर के लिए संग्रह केंद्र के रूप में भी काम कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती के तहत राज्य प्रायोजित योजना नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कॉरिडोर योजना के माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह योजना टिहरी, पौड़ी, चमोली और उत्तरकाशी जिलों के 39 क्लस्टरों (1950 हेक्टेयर) में गंगा नदी के 5 किलोमीटर कॉरिडोर में क्रियान्वित की गई है। इसमें 82 गांव और 2916 किसान शामिल हैं। भारत सरकार से प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन के तहत परियोजना प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। जिसे राज्य के 11 जिलों के 150 गांवों के 6400 हेक्टेयर क्षेत्र में क्रियान्वित करने का प्रस्ताव है। राज्य में 6327 किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीकों के बारे में प्रशिक्षित करने के लिए राज्य, जिला और गांव स्तर पर 29 प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं। जीबीपीयूएंडटी, पंतनगर ने स्नातक पाठ्यक्रम में प्राकृतिक खेती पर एक पाठ्यक्रम शामिल किया है। जगजीतपुर में 113 एमएलडी (45$68 एमएलडी) उपचारित जल का पुनः उपयोग सिंचाई में किया जा रहा है। सिंचाई विभाग ने एसटीपी परिसर जगजीतपुर से लगभग 11 किलोमीटर लंबी मुख्य नहर का निर्माण किया है और फसलों की जल मांग के अनुसार कृषि क्षेत्रों की सिंचाई के लिए मुख्य नहर से वितरिकाओं का भी निर्माण किया है। उपचारित जल के पुनः उपयोग के लिए राष्ट्रीय ढांचे के अनुसार, राज्य विभिन्न सरकारी एजेंसियों को शामिल करके नीति तैयार कर रहा है।

मुख्य सचिव ने कहा कि मलबा प्रबंधन के तहत हरिद्वार में जगजीतपुर और सराय एसटीपी से 70742 घन मीटर कीचड़ स्थानीय किसानों को कृषि गतिविधियों के लिए निःशुल्क वितरित किया गया है। आजीविका सृजन के तहत 37 स्थानों पर जलज आजीविका मॉडल कार्यान्वयन प्रगति पर है, जिसे 75 स्थानों पर दोहराया जाएगा। हेस्को के साथ ‘प्रौद्योगिकी के आधार पर समुदाय और स्थानीय संसाधनों का लाभ उठाने के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ पर परियोजना, गांव स्तर पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हर-की-पौड़ी, हरिद्वार में गंगा आरती के लिए ऑडियो वीडियो सुविधा विकसित की जा रही है।पंडित दीन दयाल होमस्टे विकास योजना का लाभ कई ग्रामीणों द्वारा उठाया जा रहा है, ताकि स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होमस्टे विकसित किए जा सकें। ‘गंगा अवलोकन’ हरिद्वार में चंडीघाट पर गंगा पर एक संग्रहालय स्थापित किया गया है और नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश में ‘गंगा संग्रहालय’ विकसित किया गया है। गंगा की सफाई और संरक्षण के लिए बेसिन में लोगों को शामिल करने के लिए, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत SMCG में सूचीबद्ध 34 विश्वविद्यालयों/कॉलेजों के साथ-साथ 13 जिला गंगा समितियों के माध्यम से निम्नलिखित सूचना शिक्षा और संचार ( IEC ) गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। 2017 से 2024 (जुलाई) तक 560 IEC गतिविधियाँ आयोजित की गई हैं जैसे पखवाड़ा, स्वच्छता ही सेवा, गंगा उत्सव, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, हर घर हर घाट तिरंगा, सफाई अभियान, हरेला पखवाड़ा, जागरूकता अभियान और प्रदर्शनी आदि। 2017 से 2024 तक राज्य गंगा समितियों की 16 बैठकें आयोजित की गई हैं। गंगा पर जिला गंगा समितियों के पुनरुद्धार हस्तक्षेपों का नियमित संचालन किया जाता है
नमामि गंगे कार्यक्रम पर समन्वय के लिए NMCG द्वारा 11 जिलों में जिला परियोजना अधिकारी ( DPO ) नियुक्त किए गए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिला गंगा समितियां सभी जिलों में नियमित मासिक, अनिवार्य, निगरानी, मिनट (4एम) बैठकें आयोजित कर रही हैं। साथ ही, बैठक के मिनट (एमओएम) नियमित रूप से एनएमसीजी द्वारा डिजाइन किए गए समर्पित जीडीपीएमएस पोर्टल पर अपलोड किए जा रहे हैं, जिसमें कुछ जिलों में कुछ बदलाव किए गए हैं।अप्रैल 2023 से जुलाई, 2024 के दौरान जिला गंगा समितियों की कुल 208 बैठकों में से कुल 194 मिनट (एमओएम) जीडीपीएमएस पोर्टल पर अपलोड किए गए। उधम सिंह नगर की जिला गंगा योजना और राम गंगा नदी बेसिन प्रबंधन योजना का विकास। एनएमसीजी प्राधिकरण के आदेश के अनुसार, जीआईजेड-एसएमसीजी के सहयोग से उधम सिंह नगर की व्यापक जिला गंगा योजना (डीजीपी) तैयार की गई है, जिसे महानिदेशक, एनएमसीजी ने 08 जनवरी, 2024 को मंजूरी दे दी है। रामगंगा आरबीएम योजना भी तैयार की गई है और आरबीएम समिति ने इसे मंजूरी दे दी है। शहरी नदी प्रबंधन योजनाएँः – राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी), जल शक्ति मंत्रालय राष्ट्रीय शहरी मामलों के संस्थान (एनआईयूए), आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के समन्वय में गंगा बेसिन में नदी शहरों के लिए शहरी नदी प्रबंधन योजनाएँ (यूआरएमपी) विकसित कर रहा है। उत्तराखंड राज्य में यूआरएमपी तैयार करने के लिए 5 शहरों की पहचान हरिद्वार, हल्द्वानी, नैनीताल, काशीपुर और उत्तरकाशी की गई है।

मुख्य सचिव ने आगामी मुख्य सचिव कॉन्फ्रेंस की तैयारियों की समीक्षा की

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आगामी मुख्य सचिव कॉन्फ्रेंस के लिए नोडल अधिकारियों को मैन्यूफैक्चरिंग, सेवाओं, ग्रामीण गैर कृषि, शहरी विकास, रेन्यूएबल एनर्जी तथा सर्कुलर ईकॉनोमी पर अपने फीडबैक नोट्स 20 सितम्बर तक नियोजन विभाग को प्रेषित करने की डेडलाइन दी है। इसके साथ ही सीएस ने राज्य विशेष के सम्बन्ध में नोट्स शासन को भेजने के लिए 25 सितम्बर तक का समय दिया है।

मुख्य सचिव ने सभी आईएएस, पीसीएस अधिकारियों के साथ ही विभागाध्यक्षों तथा विभागीय अधिकारियों को अपने फील्ड अधिकारियों से फीडबैक लेते हुए फीडबैक नोट्स बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलों में जिलाधिकारियों को फीडबैक नोट्स तैयार करते समय अपने अधीनस्थ व फील्ड अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। सीएस रतूड़ी ने निर्देश दिए कि विशेषरूप से नीति आयोग के आंकाक्षी जिला कार्यक्रमों के तहत आने वाले जनपदों (हरिद्वार व उधमसिंह नगर) में निम्न सूचकांकों पर विशेष ध्यान दिया जाए।

बैठक में जानकारी दी गई कि आगामी नवंबर में माह में आयोजित होने वाली चौथी मुख्य सचिव कॉन्फ्रेंस की तैयारियों की दृष्टि से राज्य ने नोडल अधिकारी नामित कर दिए है। नीति आयोग द्वारा चौथी मुख्य सचिव कॉन्फ्रेंस के लिए निर्धारित की गई 6 थीम के अनुसार भी प्रत्येक थीम के लिए नोडल अधिकारी नामित कर दिए गए हैं। राज्य के नोडल अधिकारियों द्वारा केन्द्रीय नोडल मंत्रालयों द्वारा आयोजित विभिन्न बैठकों में प्रतिभाग किया गया है। अभी तक कुल 182 फीडबैक नोट्स प्राप्त हो चुके हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नवंबर में आयोजित होने वाले चौथी मुख्य सचिव कॉन्फ्रेस की तैयारियों के सम्बन्ध में शासन एवं सभी जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा की। बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, राधिका झा सहित सभी सचिव व वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी मौजूद रहे।

सीएस की अध्यक्षता में हुई देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की हाई पावर्ड स्टीयरिंग कमेटी की बैठक

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में आयोजित देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की हाई पावर्ड स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता के दौरान डीआईसीसीसी प्रोजेक्ट तथा इसके कॉम्पनेन्टस को आईटीडीए को सौंपते हुए इसमें पुलिस विभाग की मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित करने के प्रस्ताव पर अनुमोदन दिया। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने ब्रिज एण्ड रूफ लिमिटेड तथा डीएससीएल के मध्य विवाद पर निर्णयन हेतु लोक निर्माण विभाग, सिचाई विभाग तथा नियोजन विभाग के अधिकारियों की कमेटी गठित कर 15 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही आज की बैठक में डीआईसीसीसी के तहत राजस्व भागीदारी तथा सस्टेनिबिलिटी पॉलिसी तथा उत्तराखण्ड परिवहन निगम को इलेक्ट्रिक बसो को सौंपने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई।

बैठक में सचिव नितेश झा, विनय शंकर पाण्डेय, बृजेश संत सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

विदेश संपर्क स्टेट आउटरीच कांफ्रेस में मुख्य सचिव ने किया प्रतिभाग

विदेश मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देहरादून में विदेश सम्पर्क-स्टेट आउटरीच कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि इस पहल से राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों व हितधारकों को केन्द्र सरकार द्वारा प्रवासियों के हित में किये जा रहे प्रयासों की जानकारी मिलेगी। इस प्रयास से विभिन्न देशों में रहने वाले उत्तराखण्ड के प्रवासियों की विभिन्न समस्याओं के समाधान में भी सहायता मिलेगी।

सीएस रतूड़ी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड के प्रवासियों की सुविधा के लिए उत्तराखण्ड प्रवासी प्रकोष्ठ बनाया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर विदेशों में रह रहे उत्तराखण्ड के मूल निवासियों की शिकायतों के समाधान और उनके हितों की रक्षा के लिए एक प्रवासी बोर्ड गठित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के सन्दर्भ में विदेशों में शिक्षा के लिए जाने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रक्रियाओं, प्लेसमेंट एजेंसियों के सेंसटाइजेशन, सुरक्षित व कानूनी माइग्रेशन, वैवाहिक विवाद, मृतकों के पार्थिव अवशेषों की वापसी की प्रक्रियाओं की जानकारी, प्रवासियों के सम्बन्ध में डेटा शेयरिंग का विशेष महत्व है। हमारे लिए अन्य राज्यों द्वारा अपने प्रवासियों की सुविधा और कल्याण के लिए अपनाये जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेज की जानकारी भी जरूरी है। विद्यार्थियों तथा काम करने वालों के पंजीकरण की प्रक्रियाओं की जानकारी होनी भी आवश्यक है। हमारे समक्ष साइबर क्राइम भी एक बड़ी चुनौती है।

कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय से सचिव (सीपीवी एण्ड ओआईए) अरुण कुमार चटर्जी ने कहा कि विदेश सम्पर्क प्रोग्राम विदेश मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को गहरा करना तथा उनसे संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए राज्य सरकारों के साथ साझेदारी करना है। वर्ष 2017 से अब तक पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक की राज्य सरकारों के साथ आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।

संयुक्त सचिव (डीई) विदेश मंत्रालय अंकन बनर्जी ने प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ जुड़ाव, विदेश में भारतीय महिलाओं से संबन्धित मुद्दे, भारतीय छात्रों से संबन्धित मुद्दे, एनआरआई/पीआईओ के अधिकार व कानूनी मुद्दे, राज्यों में एनआरआई संस्थान, प्रवासी भारतीयों के लिए विदेश मंत्रालय की योजनाओं तथा डेटा का संग्रह जैसे विषयों पर चर्चा की।

सयुंक्त सचिव (सीपीवी) विदेश मंत्रालय, बिनॉय जॉर्ज ने विदेश में मरने वाले भारतीय नागरिकों के पार्थिव अवशेषों के परिवहन, काउंसलर शिकायत निवारण पोर्टल, उत्तराखण्ड में राज्य स्तर पर काउंसलर एक्सेस की प्रक्रिया, राष्ट्रीयता सत्यापन, विदेशियों तक काउंसलर एक्सेस व सजायाफता व्यक्तियों का स्थानांतरण जैसे विषयों पर चर्चा की।

अनु सचिव (ईडी) विदेश मंत्रालय रशेल गर्ग ने व्यापार व निवेश के अवसरों व चुनौतियों के सम्बन्ध में चर्चा की।

शुक्रवार को देहरादून में आयोजित विदेश सम्पर्क-स्टेट आउटरीच कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विदेश मंत्रालय ने उत्तराखण्ड सरकार के हितधारकों और अधिकारियों को वाणिज्य दूतावास और पासपोर्ट सेवाओं के लिए मंत्रालय द्वारा प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को बढ़ावा देने तथा उनके कल्याण और संरक्षण के लिए उठाए गए कार्यक्रमों, योजनाओं और पहलों से अवगत कराया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड सरकार और विदेश मंत्रालय ने प्रवासियों से सम्बन्धित मुद्दों और समस्याओं के समाधान के लिए आपसी सहयोग को मजबूत करने पर मंथन किया।

बैठक में उत्तराखण्ड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, सभी विभागीय सचिव, सभी जनपदों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व विदेश मंत्रालय के अधिकारी मौजूद रहे।

सार्वजनिक व वाणिज्यिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर संचालित किया जाएगा स्वच्छता अभियान

स्वच्छता ही सेवा अभियान के प्रभावी व सफल संचालन के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को प्रदेशभर में जनभागीदारी, जागरूकता, एडवोकेसी के साथ सार्वजनिक व वाणिज्यिक स्थलों, कार्यालयों, संस्थानों, सड़कों, राजमार्गाे, बाजारों, ट्रैकिंग व कैंपिंग स्थलों व अन्य पर्यटन व धार्मिक स्थलों में बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाने के साथ ही सफाई मित्रों के लिए स्वास्थ्य जांच व सामाजिक सुरक्षा कवरेज हेतु सिंगल विण्डों कैम्प लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अभियान में स्वयं सहायता समूहों व एनजीओ की भागीदारी भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

चारधाम मार्गों में मलबे की समस्या के समाधान के लिए सीएस राधा रतूड़ी ने चारधाम रूट पर डंपिंग जोन हेतु उचित स्थानों के चिन्हीकरण के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सचिव पेयजल व जिलाधिकारियों को सभी एसटीपी के निरीक्षण व जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी एसटीपी को ड्रेनेज सिस्टम से जोड़ने की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश सभी डीएम को दिए।

सफाई मित्रों की सामाजिक सुरक्षा व बीमा के मुद्दे पर संवेदनशीलता से कार्य करने की हिदायत देते हुए सीएस राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वच्छता ही सेवा अभियान के दौरान सफाई मित्रों के लिए व्यापक स्तर पर सिंगल विण्डो कैम्प लगाकर उनकी सामाजिक सुरक्षा तक पहुंच में बढ़ाकर कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सफाई मित्रों के लिए हेल्थ कैम्प लगाकर स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाएं, जांच व उपचार के साथ ही अन्य सभी सम्बन्धित विभागों की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

स्वच्छता व पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से राज्य में सभी होटल व होम स्टे की ग्रीन लीफ रेटिंग को अत्यन्त महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग को इस सम्बन्ध में त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने क्लाउड किचन के मामलें में स्वच्छता के मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं।

राज्य में सभी वाहनों में गारबेज बैग अनिवार्यतः लगाने की व्यवस्था को प्रभावी बनाने की दिशा में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने परिवहन व पुलिस विभाग के साथ ही उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सक्रियता के साथ चौकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

विदित है कि स्वच्छता ही सेवा अभियान 2024, जो भारत सरकार की एक राष्ट्रव्यापी स्वच्छता पहल है, 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक संचालित किया जाएगा।

इस वर्ष स्वच्छता ही सेवा अभियान की थीम ‘‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’’ के तहत स्वच्छता को व्यवहार के हिस्से के रूप में बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है।

अभियान में तीन प्रमुख घटक शामिल हैंः जन भागीदारी, स्वच्छता प्राप्त करना, और सफाई मित्रों, सफाई कर्मचारियों और अन्य हितधारकों की मान्यता जो पिछले एक दशक से कार्यक्रम का अभिन्न अंग रहे हैं।

पखवाड़े भर चलने वाले इस अभियान में जिला प्रशासन और राज्य सरकार की व्यापक भागीदारी होगी, जिससे राज्यभर में स्वच्छता के प्रति सहयोगात्मक और समन्वित दृष्टिकोण विकसित होगा।

बैठक में सचिव शैलेश बगौली, अपर सचिव नितिन भदौरिया सहित शहरी विकास, पेयजल, पर्यटन विभाग के अधिकारी व वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव ने बैंकों से सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में अधिकाधिक प्रतिभागिता करने की अपेक्षा की

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि बैंकों द्वारा भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रहे सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में अधिकाधिक प्रतिभागिता की जानी चाहिए ताकि राज्य के अधिक से अधिक जन मानस को इन योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके। मुख्य सचिव राधा रतूडी द्वारा सचिवालय में उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के वार्षिक प्रतिवेदन वित्तीय वर्ष 2023-24 का विमोचन किया गया।

मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक की उत्कृष्टता और ग्राहक सन्तुष्टि के प्रति प्रतिबद्वता सराहनीय है। बैंक द्वारा एनआरएलएम क्रेडिट लिंकेज और पीएमएफएमई में राज्य में शीर्ष बैंकों में स्थान प्राप्त करने के साथ ही सामाजिक सुरक्षा सोर्सिंग और दावों में वास्तव में प्रंशसनीय कार्य किया है। ग्रामीण आजीविका का समर्थन करके पीएमएफएमई के माध्यम से सूक्ष्म उद्यमों को सशक्त बनाने और मजबूत सामाजिक सुरक्षा तंत्र सुनिश्चित करने में बैंक का निरन्तर प्रयास लोगों के जीवन और समुदायों को बदलने में महत्वपूर्ण सहायक रहा है।

इस अवसर पर जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत कुल 290 शाखाओं में से 219 शाखायें ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत हैं, एवं 624़ ग्राहक सम्पर्क केन्द्रों के माध्यम से सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत बैंकिंग सुविधायें दी जा रही हैं। उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक में भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार एवं भारतीय स्टेट बैंक का क्रमशः 50, 15 एवं 35 अंशधारिता है तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान बैंक ने विशुद्व रू0 75 करोड़ का लाभ अर्जित किया गया है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक की विभिन्न शाखाओं के माध्यम से 72 लोगों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत रू0 1.44 करोड़ तथा 169 लोगों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अन्तर्गत रू0 3.38 करोड़ के दावों का भुगतान किया गया है।

इस अवसर पर बैंक अध्यक्ष हरिहर पटनायक एवं महाप्रबन्धक (प्रशासन) अमिता रतूड़ी भी मौजूद रहे।

भूस्खलन की सूचनाओं के डेटाबेस, भूस्खलन के खतरों व जोखिमों के आकंलन को प्रभावी बनाया जाएगा

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में भूस्खलन की सूचनाओं के डेटाबेस, भूस्खलन के खतरों व जोखिमों के आकंलन, भूस्खलनों के स्थलीय परीक्षण को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने प्रदेश में भूस्खलनों के न्यूनीकरण के लिए किए जा रहे कार्यों की निरन्तर मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं। उन्होंने भूस्खलनों की मॉनिटरिंग व अर्ली वार्निग सिस्टम को प्रभावी बनाने के भी निर्देश सचिवालय में यूएलएमएमसी (उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केन्द्र) की दूसरी कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान जारी किए। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में भूस्खलनों के जोखिम से बचाव के लिए जागरूकता एवं पूर्व तैयारियों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने लैण्डस्लाइड इंफोर्मेशन डेटाबेस के तहत चारधाम यात्रा मार्ग का एटलस तैयार करने, जिलावार लैण्डस्लाइड इन्वेंटरी तैयार करने तथा जिलावार भूस्खलनों की संवेदनशीलता की मैपिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अल्मोड़ा, गोपेश्वर, मसूरी, नैनीताल उत्तरकाशी में किए जा रहे भूस्खलन के खतरों व जोखिमों के आंकलन की रिपोर्ट भी तलब की। बैठक में जानकारी दी गई कि यूएलएमएमसी द्वारा गत एक वर्ष में 60 स्थलों का भूस्खलन स्थलीय परीक्षण किया जा चुका है। जोशीमठ, हल्दपानी (गोपेश्वर), इल धारा (धारचूला), बलियानाला (नैनीताल) व ग्लोगी (मसूरी) में भूस्खलन न्यूनीकरण व अनुश्रवण के प्रोजेक्ट संचालित किये जा रहे हैं। नैनीताल के नैना चोटी, हरिद्वार के मनसा देवी व कर्णप्रयाग के बहुगुणानगर में लैण्डस्लाइड मिटिगेशन व मॉनिटरिंग के प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी है। एसडीएमएफ के तहत 226 डीपीआर का मूल्यांकन किया जा चुका है।

बैठक में प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, सचिव विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव डा अहमद इकबाल, विनीत कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव बोलीं, 1500 युवाओं की विदेशों में प्लेसमेंट के लक्ष्य को दिसम्बर माह तक करें पूर्ण

उत्तराखण्ड से 1500 युवाओं की विदेशों में प्लेसमेंट के लक्ष्य को दिसम्बर माह तक अनिवार्यतः पूरा करने का निर्देश देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के छात्र-छात्राओं को सरकार के इस कार्यक्रम के बारे में जागरूक करते हुए कौशल विकास विभाग द्वारा संचालित कोर्सेज में प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक सरकार के ओवरसीज प्लेसमेन्ट प्रोग्राम के तहत 23 छात्रों को केयर गिवर के रूप में जापान में प्लेसमेंट के लिए भेजा जा चुका है। इसके साथ ही 30 नर्सिंग स्टाफ का बैच 10 अगस्त तक जापान हेतु प्रशिक्षण की तैयारी शुरू करेगा। श्रीमती रतूड़ी ने युवाओं के प्रशिक्षण हेतु नए बैच शुरू करने के निर्देश दिए हैं ताकि 1500 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रक्रियाओं में तेजी आ सके।

ओवरसीज प्लेसमेन्ट प्रोग्राम हेतु कौशल विकास विभाग द्वारा Navis, Learnet, Genrise, Envertis चार एजेंसियों को सूचीबद्ध किया गया है। 1500 युवाओं को दिसम्बर तक विदेशों में प्लेसमेंट करवाने के लक्ष्य को समय से पूरा करने तथा राज्य के प्रतिभाशाली व योग्य युवाओं को बेहतर अवसर प्राप्त हो इसके लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने Open Advertisement जारी करने तथा सम्बन्धित शैक्षणिक संस्थानों में एक दिन की वर्कशॉप आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक सूचीबद्ध एजेंसियों तथा एनएसडीसी (नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ) द्वारा 56 छात्रों को प्रशिक्षण हेतु दाखिला दिया गया है।

राज्य के विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों के युवाओं को अंग्रेजी भाषा की बाध्यता के कारण ओवरसीज प्लेसमेन्ट प्रोग्राम से वंचित न होना पड़े, इसके लिए सीएस राधा रतूड़ी ने आईटीआई में स्पोकन इंग्लिश के र्कोर्स संचालित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सचिवालय में सेतु (SETU) व कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान सभी विभागों को कौशल विकास को फोकस में रखते हुए कार्य करने की नसीहत दी है।

बैठक में जानकारी दी गई है कि राज्य के विभिन्न नर्सिंग व हॉस्पिटलिटी संस्थानों में कौशल विकास विभाग एवं सूचीबद्ध एजेंसियों द्वारा ओवरसीज प्लेसमेन्ट प्रोग्राम व छात्रों के Mobilization हेतु वर्कशॉप आयोजित की जा रही है। अक्टूबर में इसके लिए 10 मार्केटिंग इवेंट आयोजित किए जाएंगे। राज्य में वैश्विक स्तर के स्किल पार्क के विकास हेतु अडानी ग्रुप से बातचीत की जा रही है। राज्य में मॉडल आईटीआई के विकास के लिए आईटीई एडुकेशन सर्विसेज सिंगापुर से आरम्भिक चर्चा हो चुकी है, इस सम्बन्ध में सितम्बर तक एमओयू होने की संभावना है। टाटा टेक्नॉलोजिस द्वारा राज्य में 13 आईटीआई के अपग्रेडेशन के प्रस्ताव को वित्त विभाग द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है तथा अब इसे नाबार्ड को भेज दिया गया है। जल्द ही इस सम्बन्ध में टाटा टेक्नॉलोजिस के साथ एमओयू होने की संभावना है। काशीपुर में जीआईटीआई में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के विकास के सम्बन्ध में पहले पांच बैच के लिए 95 प्रतिशत प्लेसमेंट हो चुके हैं। हरिद्वार में जीआईटीआई में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के विकास के सम्बन्ध में पहले चार बैच के 100 प्रतिशत प्लेसमेंट हो चुके हैं। इन दोनों जीआईटीआई में जल्द ही भविष्य के बैच के लिए छात्रों का Mobilization किया जाएगा। अभी तक राज्यभर में 300 से अधिक छात्रों की Mobilization हेतु काउंसलिंग हो चुकी है। 6 से ज्यादा सेमिनार छात्रों के Mobilization के लिए संचालित किए गए। जल्द ही जापान, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम व आयरलैण्ड में प्लेसमेंट के लिए 4 बैच प्रशिक्षित किए जा रहे हैं।

बैठक में वाइस चेयरमैन सेतु आयोग राजशेखर जोशी, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव सचिन कुर्वे सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।