कार्मिकों की लग्न से वर्ष 2025 में प्रदेश हर क्षेत्र में प्रथम स्थान हासिल करेगाः राधा रतूड़ी

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय परिसर में आयोजित ‘नववर्ष शुभकामनाएं’ कार्यक्रम में समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नववर्ष 2025 की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने समस्त प्रदेश वासियों की समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की, उन्होंने कहा कि सचिवालय एक सर्वाेच्च प्रशासनिक संस्था है, जिसके सहयोग से प्रदेश ने एसडीजी इंडेक्स में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने अपील की कि नये वर्ष में और अधिक लगन एवं जोश से कार्य करें जिससे राज्य का प्रथम स्थान बरकरार रहे। उन्होंने विश्वास जताया, कि आगामी वर्ष 2025 में उनके सहयोग से प्रदेश हर क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त करेगा।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि सचिवालय एक सर्वाेच्च प्रशासनिक इकाई है, जहां आम जनता के प्रवेश होते ही उन्हें अनुभव होना चाहिए, कि वे शीर्ष संस्थान में आए हैं। उन्होंने इस बात को ध्यान में रखते हुए समस्त कार्मिकों से ऐसी कार्यशैली से कार्य करने को कहा, जिससे आम आदमी को ससमय राहत मिले तथा अंतिम व्यक्ति को योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन सहित सचिवालय के सभी कार्मिक मौजूद रहे।

पेयजल विभाग को गोबर धन योजना के सफल संचालन को प्रभावी कार्ययोजना के अध्ययन के निर्देश

राज्य में ग्रामीण रोजगार एवं किसानों की आय को बढ़ावा देने के साथ ही स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहित करने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भारत सरकार की अम्ब्रेला स्कीम गोबर धन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पेयजल, पशुपालन, उरेडा, डेयरी, कृषि विभाग को जिम्मेदारी तय करते हुए कार्य योजना पर समन्वयित प्रयासों से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

सीएस राधा रतूडी ने पेयजल विभाग को गोबर धन योजना के सफल संचालन के लिए प्रभावी कार्ययोजना के अध्ययन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने डेयरी विकास विभाग के तहत प्रस्तावित बायोगैस योजनाओं के समयबद्धता एवं गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने बायोगैस संयत्रों हेतु गोबर, अन्न आदि स्थानीय किसानों से खरीदने के निर्देश दिए हैं। डेयरी विकास के तहत गढ़वाल दुग्ध संघ (श्रीनगर) द्वारा 400 किलो बायोगैस प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायो गैस संयंत्र संयुक्त उद्यम मॉडल पर स्थापित किया जा रहा है। संयुक्त उद्यम हेतु प्राइवेट उद्यमी का चयन किया जा चुका है। गोबर का उपार्जन तथा प्लांट का संचालन प्राइवेट पार्टनर द्वारा किया जाएगा। यहां पर 400 किग्रा बायोगैस प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायोगैस संयंत्र, 1000 किग्रा प्रतिदिन क्षमता की बायो पेंट इकाई एवं 3000 किग्रा प्रतिदिन उत्पादन क्षमता की जैविक खाद इकाई स्थापित की जा रही है। संयंत्र के संचालन हेतु प्रतिदिन 4 हजार किग्रा० गोबर तथा लगभग 3 हजार किग्रा० बायोमास की आवश्यकता होगी।श्रीनगर से 25 किलोमीटर के दायरे में लगभग 29 दुग्ध समितियां एवं 2 गौशालायें स्थित हैं जिसके अंतर्गत लगभग 150 सदस्य एवं 400 पशु आच्छादित करते हुए बायोगैस संयंत्र हेतु लगभग 4000 किग्रा० गोबर क्रय किया जायेगा। बायोगैस सयंत्र हेतु आवश्यक अतिरिक्त कच्चे माल की उपलब्धता बायोमास के द्वारा सुनिश्चित की जायेगी। प्लांट संचालन के उपरान्त उत्पादित बायोगैस का उपयोग दुग्ध प्रसंस्करण तथा बेकरी उत्पाद हेतु किया जायेगा। बायोगैस के अतिरिक्त लगभग 3 मीट्रिक टन जैविक खाद एवं आवश्यकता अनुसार बायो पेंट का उत्पादन किया जायेगा। बायोगैस संयंत्र पर गोबर पहुंचाने पर किसानों से रू० 02.00 प्रति किग्रा की दर से गोबर क्रय किया जायेगा तथा गांव / समिति स्तर परं एग्रीगेशन पॉइंट में गोबर क्रय की दर रू० 01.00 प्रति किग्रा होगी।

इसके साथ ही आँचल पशु आहार निर्माणशाला रुद्रपुर के तहत 1000 किलों बायो सीएनजी प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायो गैस संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इस प्लांट की स्थापना एवं संचालन का कार्य ठव्ज् मॉडल में प्रस्तावित किया जा रहा है। गोबर गैस संयंत्र की स्थापना प्राइवेट पार्टनर द्वारा की जायेगी तथा निर्धारित अवधि में संचालन के उपरान्त यू०सी०डी०एफ०. को हस्तांतरित किया जायेगा। पशु आहार निर्माणशाला में डेयरी विकास विभाग के नाम से कुल 04.85 हेक्टेयर भूमि आवंटित है जिसमें से वर्तमान में 01.60 हेक्टेयर भूमि अनुपयोगी है। प्लांट की स्थापना हेतु लगभग 1.5 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी जिसके लिये उक्त अनुपयोगी भूमि का उपयोग किया जायेगा। संबंधित भूमि पर 1000 किग्रा० बायो सी०एन०जी० प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायो सी०एन०जी० संयंत्र, 5000 किग्रा० प्रतिदिन क्षमता की पेन्ट इकाई एवं 30000 किग्रा० प्रति दिन क्षमता की एक जैविक खाद (च्त्व्ड) इकाई स्थापित की जायेगी।इस संयंत्र के संचालन हेतु प्रतिदिन 25 हजार किग्रा गोबर तथा लगभग 15 हजार किग्रा बायोमास की आवश्यकता होगी। बायो सी०एन०जी० संयंत्र रुद्रपुर से 30 किलोमीटर के दायरे में लगभग 3225 पशु आच्छादित करते हुए लगभग 32000 किग्रा०/दिन गोबर क्रय किया जायेगा। बायो सी०एन०जी० के अतिरिक्त लगभग 24 मीट्रिक टन च्त्व्ड एवं आवश्यकता अनुसार बायो पेट का उत्पादन किया जायेगा। गोबर की उपलब्धता हेतु दुग्ध मार्गाे पर स्थित दुग्ध समितियों अथवा अन्य दुग्ध उत्पादकों से गीबर क्रय किया जायेगा। बायो सी०एन०जी० सयंत्र पर गोबर पहुंचाने पर किसानों से रू0 2 प्रति किग्रा की दर से गोबर क्रय किया जायेगा तथा गांव/समिति स्तर पर एग्रीगेशन पॉइंट में गोबर क्रय की दर रू० 01.00 प्रति किग्रा होगी। बायो सी०एन०जी० सयंत्र हेतु अतिरिक्त कच्चे माल की आवश्यकता बायोमास के द्वारा पूर्ति की जायेगी।

बैठक मे भविष्य में बायोगैस योजनाओं के विषय में जानकारी दी गई कि व्यक्तिगत बायोगैस संयंत्र योजनान्तर्गत चयनित लाभार्थियों को 02 घन मी क्षमता के व्यक्तिगत बायोगैस संयंत्र स्थापित कराये जायेगे। कच्चे माल के रूप में लगभग 40 से 50 किग्रा० गोबर की प्रतिदिन आवश्यकता होगी जो 4 से 5 पशुओं से प्राप्त हो सकेगा। प्लांट से उत्पन्न होने वाली बायोगैस को लाभार्थी घरेलू एल०पी०जी० के विकल्प के रूप में उपयोग करेंगे। प्रस्तावित प्लांट हेतु लगभग रू0 50 हजार की आवश्यकता आंकलित की गयी जिसमे लगभग रु० 17 हजार एन०डी०डी०बी से अनुदान के रूप में प्राप्त होगा तथा अवशेष धनराशि बौद्ध राज्य सहायता एवं सम्बन्धित लाभार्थियों द्वारा वहन की जायेगी।सार्वजनिक एवं संयुक्त बायोगैस संयंत्र योजना के तहत क्लस्टर आधारित 25 एवं 40-50 घन मी ० श्रमता के सार्वजनिक बायोगैस संयंत्र स्थापित कराये जायेंगे जिसमे क्रमशः 10-15 एवं 20-25 परिवारों का समूह मिलकर कार्य करेगें। कच्चे माल के रूप में क्रमशः लगभग 600 किग्रा० एवं 1200 किग्रा० गोबर की प्रतिदिन आवश्यकता होगी जो 60-120 पशुओं से प्राप्त हो सकेगा।

उत्पन्न बायो गैस का संबंधित लाभार्थियों द्वारा घरेलू एल०पी०जी० के विकल्प के रूप में उपयोग करेंगे। 25 घन मी० क्षमता के प्रस्तावित प्लांट एवं पाइप लाइन इत्यादि की स्थापना हेतु लगभग 3.50 लाख रुपये एवं 40-50 घन मी० क्षमता के प्रस्तावित प्लांट हेतु लगभग रू0 7.00 लाख की आवश्यकता आंकलित की गयी जिसमें क्रमशः रू0 70400 एवं रू0 2.0 लाख एन०डी०डी०बी से अनुदान के रूप में प्राप्त होंगे तथा अवशेष धनराशि ब्ैत्/ राज्य सहायता एवं संबंधित लाभार्थियों द्वारा वहन की जायेगी।

बैठक में सचिव डॉ. बी वी आर सी पुरुषोत्तम सहित पेयजल, पशुपालन, डेयरी, उरेडा एवं कृषि विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव ने राज्य के सभी हेल्थ सेन्टर, हॉस्पिटल तथा मेडिकल कॉलेजों में सोलर रूफटॉप पैनल लगाने के निर्देश दिए

समयबद्धता से कार्य न होने की दशा में योजनाओं की लागत बढ़ने के दृष्टिगत मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को व्यय वित्त समिति में अनुमोदित सभी कार्यों को निर्धारित समयसीमा के भीतर करने की सख्त हिदायत दी हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव स्वास्थ्य को राज्य के सभी हेल्थ सेन्टर, हॉस्पिटल तथा मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्यतः सोलर रूफटॉप पैनल लगाने हेतु तत्काल आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने महानिदेशक शिक्षा को राज्य के सभी स्कूल एवं हॉस्टल में भी सोलर रूफटॉप पैनल लगाने हेतु आज ही आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सचिव स्वास्थ्य को अधिक मातृत्व मृत्यु दर वाले संवेदनशील क्षेत्रों में मेटरनल डेथ ऑडिट करने के बाद इन क्षेत्रों में पर्याप्त डॉक्टर्स तैनात करने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में व्यय वित्त समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिला चिकित्सालय चम्पावत के तहत लोवर ग्राउण्ड फलोर पर पार्किंग निर्माण, प्रथम एवं द्वितीय तल पर डायग्नोस्टिक विंग तथा ओटी के निर्माण हेतु सैद्धान्तिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी है। जनपद चम्पावत में चिकित्सकीय सुविधाओं की बढ़ती मांग के दृष्टिगत पृथक पार्किंग एवं एडमिनिस्टेªटिव विंग के निर्माण से मुख्य भवन में लगभग 6 कक्ष खाली हो जायेगे, जिनकों अन्य चिकित्सकीय सुविधाओं हेतु उपयोग में लाया जायेगा। चिकित्सालय को और अधिक सुविधायुक्त बनाया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त कार पार्किंग से मरीजों/तीमारदारों को कार पार्किंग की बेहतर सुविधा प्राप्त होगी तथा वर्तमान पार्किंग स्पेस का इस्तेमाल विभागीय वाहन एम्बुलेन्स आदि की पार्किंग हेतु किया जा सकेगा।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आज की ईएफसी में जनपद उत्तरकाशी में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पुरोला को उप जिला चिकित्सालय के रूप में उच्चीकृत करने के प्रस्ताव पर अनुमोदन दिया। सीएस ने इस योजना में रिवर प्रोटेक्शन वर्क पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने जनपद हरिद्वार में उप जिला चिकित्सालय रूड़की में 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक के निर्माण कार्य, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, बागेश्वर के भवन/छात्रावास के निर्माण कार्य तथा जनपद हरिद्वार के खानपुर में 50 बेड के उपजिला चिकित्सालय भवन एवं आवासीय भवन के निर्माण कार्याे पर सैद्धान्तिक एवं वित्तीय अनुमोदन प्रदान किया।

बैठक में सचिव डा0 आर राजेश कुमार सहित सभी संबंधित विभागों के सचिव, अपर सचिव एवं विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

नीतियों की नई परिस्थितियों के अनुरूप समीक्षा, विकास की बाधाओं को खत्म किया जाएः सीएस

विजन उत्तराखण्ड /2047 के सम्बन्ध में विभागों को राज्य में बेहतरीन संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान करते हुए उन्हें ग्रोथ इंजन के रूप में चिन्हित करने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी विभागों को समयबद्धता से इस सम्बन्ध में एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय में विकसित भारत /2047 के तर्ज पर विकसित उत्तराखण्ड /2047 के तहत विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के सम्बन्ध में बैठक लेते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विकसित उत्तराखण्ड /2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधा बन रही सरकारी नीतियों की नई परिस्थितियों के अनुरूप समीक्षा पर बल दिया।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्वतीय कृषि में विशेषरूप से जैविक कृषि, एरोमेटिक व जड़ी-बूटियां, आयुष, रिन्युएबल एनर्जी, वन सम्पदा, पर्यटन तथा आईटी व एमएसएमई को पहले ही उत्तराखण्ड विजन 2030 के तहत ग्रोथ ड्राइवर के रूप में चिन्हित किया जा चुका है। इसके साथ ही सशक्त उत्तराखण्ड पहल के तहत राज्य की सकल घरेलू उत्पाद को दुगना करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य की पर्यावरणीय विरासत को संरक्षित करते हुए समावेशी विकास एवं रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कार्य किया जा रहा है।

बैठक में चर्चा के दौरान उत्तराखण्ड में हॉर्टीकल्चर एवं जैविक खेती, आयुष एवं वेलनेस हब, पर्यटन, वन क्षेत्र, ऊर्जा क्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य को मुख्य ग्रोथ ड्राइवर के रूप में विजन 2047 के डॉक्यूमेंट में महत्व देने पर चर्चा हुई।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मुख्य ग्रोथ इंजन के रूप में होर्टीकल्चर और आर्गेनिक फार्मिंग के तहत उच्च मूल्य वाली फसलें सुगंधित और औषधीय पौधों, पॉलीहाउस-खेती, बागवानी फसलों, केसर, सेब और कीवी फल, स्थानीय खट्टे फल और अखरोट की खेती को बढ़ावा देना होगा। कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना, कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा संचालित कोल्ड स्टोरेज और प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करना होगा । कृषि-पर्यटन के बागवानी को पर्यटन के साथ एकीकृत करना होगा । सेब मिशन, कीवी मिशन, 2023-2030 के तहत राज्य भर में फैली 12 परियोजनाओं के माध्यम से सेब उत्पादन को 10 गुना बढ़ाना और किसानों की आय को 10-15 गुना बढ़ाना है। जलवायु-लचीली कृषि रणनीति के हिस्से के रूप में किसानों को 50,00,00 पॉलीहाउस प्रदान करना है । खट्टे फल और अखरोट मिशन के तहत फसल क्षेत्र के अलावा बागवानी किसानों की आय बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। जैविक राज्य के विजन के तहत राज्य को जैविक उच्च मूल्य वाले उत्पादों के रूप में विकसित करना, विशेष रूप से राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में बाजरा मिशन, हर्बल मिशन और फूल मिशन सफल बनाना है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आयुष विभाग के अधिकारियों के हिदायत दी कि प्रमुख विकास चालक के रूप में आयुष और वेलनेस हब की अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखंड आयुष नीति – 2023 के तहत उत्तराखंड को विश्व प्रसिद्ध आयुष गंतव्य में बदलना है। राज्य में दुर्लभ औषधीय पौधों की 1,000 से अधिक प्रजातियाँ मौजूद हैं। औषधीय पौधों की खेती, आयुष विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा, कल्याण, शिक्षा और अनुसंधान प्रमुख क्षेत्र हैं। राज्य में 900 हेक्टेयर क्षेत्र में 2500 मीट्रिक टन उत्पादनऔर 30 करोड़ रुपये का राजस्व के साथ इस क्षेत्र में 232 प्रमाणित आयुर्वेद, 8 होम्योपैथी और 2 यूनानी विनिर्माण इकाइयाँ हैं इस क्षेत्र का जीएसडीपी योगदान 4000-5000 करोड़ रुपये है।
20,000-25,000 लोग रोजगार में संलग्न हैं विजन 2047 के तहत उत्तराखंड को देश का प्रमुख आयुष गंतव्य बनाना है जड़ी-बूटियों और एमएपी उत्पादन राज्य बनाना, लगभग 40,000 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जाएगा। राज्य के 100 गंतव्यों को वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित करना, 1000 आयुष गांव और योग ग्राम बनाना है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में ग्रोथ इंजन के रूप में पर्यटन का अत्यंत महत्व है, यह जीएसडीपी में 10-12 प्रतिशत का योगदान देता है और 4 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है। राज्य में मान्यता प्राप्त इको-टूरिज्म हॉटस्पॉट फूलों की घाटी (यूनेस्को विरासत स्थल), बिनसर वन्यजीव अभयारण्य और नंदा देवी बायोस्फीयर है। राज्य ने 59.6 मिलियन से अधिक घरेलू पर्यटकों और 1.5 लाख विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया है। प्रमुख पर्यटक आकर्षण आध्यात्मिक, कल्याण, साहसिक, प्रकृति, वन्यजीव, खगोल-पर्यटन, इको-टूरिज्म स्थल है ।

इको-टूरिज्म जोन में शुद्ध-शून्य उत्सर्जन वाले मॉडल इको-टूरिज्म गांवों की स्थापना, स्थायी पर्यटन प्रथाओं को बढ़ावा देना (जैसे, अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र, सौर ऊर्जा से चलने वाले आवास) विज़न में है । साहसिक और कल्याण पर्यटन के तहत योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिक पर्यटन को एकीकृत करते हुए उत्तराखंड को साहसिक खेलों और कल्याण रिट्रीट के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में ब्रांड करें।

विजन 2047 के तहत सालाना 200 मिलियन पर्यटकों को आमंत्रित करने और पर्यटन के योगदान को जीएसडीपी के 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि ग्रोथ इंजन के रूप में राज्य में ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राज्य का लक्ष्य आत्मनिर्भरता और निर्यात के लिए 100 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है ।
जलविद्युत शक्ति का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन उत्पादन में उत्तराखंड को भारत का अग्रणी राज्य बनाना है।

2047 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन करना है। मुख्य फोकस क्षेत्र जलविद्युत विस्तार है, सूक्ष्म और लघु जलविद्युत सहित 26215 मेगावाट (वर्तमान 3355.02 मेगावाट) की पूरी क्षमता का दोहन करना है। ग्रिड स्थिरता और ऊर्जा भंडारण के लिए पंप स्टोरेज परियोजनाओं को प्राथमिकता देना है। नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण के तहत सौर और पवन हाइब्रिड प्रणालियों को बढ़ाना, विशेष रूप से जलाशयों (फ्लोटिंग सोलर) पर, पीक डिमांड प्रबंधन के लिए बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) विकसित करना है। हरित नवाचार के तहत औद्योगिक अनुप्रयोग और निर्यात बाजारों के लिए एक हरित हाइड्रोजन हब स्थापित करना, भूतापीय ऊर्जा का दोहन करना है। स्मार्ट-ऊर्जा अवसंरचना के तहत रियल टाइम मॉनिटरिंग और कंट्रोल के साथ राज्य-व्यापी स्मार्ट ग्रिड सिस्टम लागू करना व बढ़ी हुई ऊर्जा दक्षता और चोरी में कमी के लिए स्मार्ट-मीटरिंग परियोजनाओं का विस्तार करना है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु सहित सभी विभागों के सचिव, अपर सचिव आदि मौजूद रहे।
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विकसित उत्तराखंड /2047 के विज़न के तहत राज्य की अर्थव्यवस्था को एक समृद्ध, प्रगतिशील एवं स्वस्थ राज्य में परिवर्तित करना है ताकि राज्य के लोग शिक्षित हो कर एक समतापूर्ण समाज में लाभकारी रोजगार प्राप्त कर सकें, पर्यावरण और निवासियों के बीच तालमेल बढ़ सके तथा विकास प्रक्रिया सतत और समावेशी हो।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी

भू कानून को लेकर आम जनता, सामाजिक कार्यकर्ता, राज्य आंदोलनकारी, राजनीतिक कार्यकर्ता के सुझाव शामिल करेंः सीएस

सशक्त भू-कानून के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों द्वारा तहसील स्तर पर सभी हितधारकों से की गई बैठकों की रिपोर्ट की अपडेट लेते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रत्येक जिले में भू-कानून से सम्बन्धित सुझाव प्राप्त हुए एक सारगर्भित रिपोर्ट तत्काल शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय में विडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त जिलाधिकारियों के साथ भू-कानून से सम्बन्धित बैठक लेते हुए सीएस राधा रतूड़ी जिलाधिकारियों को भू-कानून के सम्बन्ध शासन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट/प्रपत्र में धरातल स्तर पर सभी हितधारकों जिनमें आम जनता, सामाजिक कार्यकर्ता, राज्य आन्दोलकारी, राजनैतिक कार्यकर्ता सहित सभी वर्गाे के सुझावों को सम्मिलित करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि अल्मोड़ा एवं नैनीताल के अतिरिक्त सभी जिलों से रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भू-कानून के सम्बन्ध में प्रत्येक जिले की प्रत्येक तहसील में हितधारकों के साथ अभी तक कितनी बैठके हुई यह स्पष्ट किया जाए। उन्होंने प्रत्येक तहसील की रिपोर्ट का गहन विश्लेषण करते हुए जिलास्तर पर एक सारगर्भित रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने कहा कि इस सम्बन्ध में बैठकों के आयोजन में तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण हैं।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव एस एन पाण्डेय, चन्द्रेश कुमार, जिलाधिकारी सविन बंसल, अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव एवं राजस्व विभाग के अधिकारी सहित विडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलो के जिलाधिकारी मौजूद रहे।

पीएम के नौ आग्रह के अनुपालन में की जा रही कार्यवाही पर मुख्य सचिव स्वंय लेगी नियमित अपडेट

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड राज्य के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये संबोधन में उत्तराखण्ड राज्य के निवासियों एवं उत्तराखण्ड में बाहर से आने वाले पर्यटकों से किये गए आग्रहो के अनुपालन एवं प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अपर मुख्य सचिव,प्रमुख सचिवो, सचिवो, प्रभारी सचिवो सभी जिलाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री के आग्रह के अनुपालन हेतु गढ़वाली, कुमाऊनी, जौनसारी जैसी स्थानीय बोलियों के संरक्षण के संबंध में उच्च शिक्षा एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग को एक कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु किये गए आग्रह के सम्बन्ध में वन एवं पर्यावरण विभाग को एक कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने आग्रह किया था कि देव भूमि के लोग प्रकृति और पर्यावरण के कितने बड़े प्रेमी होते हैं। यह पूरा देश जानता है। उत्तराखण्ड तो गौरा देवी की भूमि है और यहां हर महिला मां नंदा का रूप है। बहुत आवश्यक है कि हम प्रकृति की रक्षा करें। इसलिए मेरा दूसरा आग्रह है-एक पेड़ मां के नाम, हर किसी ने इस आंदोलन को आगे बढ़ाना है। आजकल आप देख रहें हैं देश भर में ये अभियान तेज गति से चल रहा है। उत्तराखण्ड भी इस दिशा में जितनी तेजी से काम करेगा, उतना ही हम क्लाईमेट चेंज की चुनौती से लड़ पाएंगे।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री द्वारा नदियों के संरक्षण हेतु किए गए आग्रह के अनुपालन हेतु जलागम विभाग को एक कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री द्वारा आग्रह किया गया था कि उत्तराखण्ड में तो नौलो धारों की पूजा की परंपरा है। आप सभी नदी-नौलों का संरक्षण करें, पानी की स्वच्छता को बढ़ाने वाले अभियानों को गति दे, यह मेरा आपसे तीसरा आग्रह है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री द्वारा प्रदेशवासियों से अपने गांवो से जुड़ने के आग्रह के अनुपालन हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को एक कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने आग्रह किया था कि मेरा चौथा आग्रह है अपनी जड़ों से जुड़े रहें, अपने गांव लगातार जाएं और रिटायरमेंट के बाद तो जरूर अपने गांवों में जाएं। वहां से संबंध मजबूत रखें।

मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री द्वारा प्रदेशवासियों से अपने गांवो में परंपरागत घरों के संरक्षण हेतु किए गए आग्रह के अनुपालन हेतु पर्यटन विभाग को एक कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने आग्रह किया था कि उत्तराखण्ड के लोगों से मेरा पांचवा आग्रह है अपने गांव के पुराने घरों, जिन्हें आप विवरी वाले घर कहते हैं, उन्हें भी बचाएं। इन घरों को भूले नहीं। इन्हें होमस्टे बनाकर, अपनी आय बढ़ाने का साधन बना सकते हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री द्वारा बाहर से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं से किए गए चार आग्रह के अनुपालन हेतु पर्यटन विभाग को समस्त संबंधित विभागों से यथावश्यक समन्वय करते हुए जन जाग्रति लाने हेतु एक कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने आग्रह किया था कि उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटकों की संख्या हर साल बढ़ रही है और देश के कोने-कोने से आते हैं. विदेशों से आते हैं। पहला आग्रह है जब भी आप हिमालय की गोद में पहाड़ों पर घूमने जाएं। स्वच्छता को सर्वाेपरि रखें। इस प्रण के साथ जाएं कि आप सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करेंगे। दूसरा आग्रह है- वोकल फॉर लोकल के मंत्रों को वहां भी याद रखें। आपकी यात्रा का जो खर्च होता है, उसमें से कम से कम 5ः स्थानीय लोगों के द्वारा उत्पादित किए गए प्रोडक्ट खरीदनें में खर्च करें। तीसरा आग्रह है- पहाड़ पर जाएं तो वहां के ट्रैफिक नियमों का जरूर ध्यान रखें। सावधान रहें. हर किसी का जीवन अमूल्य है।

मेरा चौथा आग्रह है- धार्मिक स्थलों के रीति-रिवाजों वहां के नियम कायदों के बारे में यात्रा से पहले जरूर पता कर लें। वहां की मर्यादा का जरूर ध्यान रखें। इसमें आपको उत्तराखण्ड के लोगों से बहुत मदद मिल सकती है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि प्रधानमंत्री द्वारा राज्य के समग्र विकास हेतु किये गये उक्त सभी आग्रहों के अनुपालन हेतु सभी विभागों द्वारा सम्बन्धित बिन्दुओं पर यथावश्यक कार्यवाही की जानी है। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखण्ड राज्य में बाहर से आने वाले पर्यटकों से किये गये आग्रहों का भी व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु यथोचित कार्यवाही तथा समय-समय पर उक्त के संबंध में की जा रही कार्यवाही से मुख्य सचिव को अवगत कराया जाएगा ।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा किए गए उक्त नौ आग्रह उत्तराखण्ड राज्य के सर्वांगीण विकास सहित देश के विकास में सहायक है।

गुणवत्ताहीन निर्माणधीन आईटीआई भवनों के मामले में यूपी राजकीय निर्माण निगम को नोटिस

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को आधी-अधूरी एवं गुणवत्ताहीन निर्माणधीन आईटीआई भवनों के मामले में तत्काल नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने यूपीआरएनएन को आधी-अधूरी एवं गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों के कारण भुगतान वापसी हेतु नोटिस जारी करने तथा नोटिस का अनुपालन नही होने की दशा में उनके विरूद्ध प्राथिमिकी रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने के सख्त निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही मुख्य सचिव ने उत्तराखण्ड पेयजल निगम को आईटीआई सुरक्षा निर्माण सहित सभी निर्माण कार्याे में दीर्घ अवधि के विजन तथा हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ कार्य करने की कड़ी हिदायत दी है। उन्होंने आईटीआई के सुरक्षा निर्माण कार्याे के साथ ही ड्रेनेज सिस्टम तथा बाउण्ड्री वॉल पर भी कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में आईटीआई नारसन (हरिद्वार) में सुरक्षा निर्माण कार्याे के सम्बन्ध में व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक की अध्यक्षता के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने 187.30 लाख रूपये के प्रोजेक्ट लागत पर अनुमोदन देते हुए उत्तराखण्ड पेयजल निगम को निर्माण कार्यों में गुणवत्ता एवं समयबद्धता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। आईटीआई में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत मुख्य सचिव रतूड़ी ने इस प्रोजेक्ट की 10 दिन के भीतर सिंचाई विभाग से टेक्नीकल परीक्षण करवाने के बाद निर्माण कार्य आरम्भ करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अगले मानसून से पहले निर्माण कार्यों को पूरा करने तथा आईटीआई कैम्पस की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में अपर सचिव सी रविशंकर सहित पेयजल निगम एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

गौ सदनों के संचालन एवं रखरखाव की निरंतर मॉनिटरिंग की जाएगीः मुख्य सचिव

उत्तराखण्ड में निराश्रित गोवंशीय पशुओं को गोद लेने वालों को दिया जाने वाले मानदेय देशभर के अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक है। यह प्रतिदिन 80 रुपये प्रति पशु है। इसके बावजूद आमजन को सड़कों पर निराश्रित गौवंशीय पशुओं की समस्या से पूरी तरह से निजात दिलवाने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव शहरी विकास को नगर पालिकाओं द्वारा प्रत्येक माह शहरी क्षेत्रों में सड़कों में पाए जाने वाले निराश्रित गौवंशीय पशुओं की संख्या की समीक्षा, मॉनिटरिंग एवं उन्हें गौसदनों में भेजने की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में आयोजित उत्तराखण्ड एनिमल वेल्फेयर बोर्ड की गौसदनों के निर्माण से सम्बन्धित बैठक में सीएस राधा रतूड़ी ने शहरी विकास विभाग द्वारा शहरी क्षेत्रों स्थापित किए जाने वाले 36 गौसदनों के निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। शहरी विकास विभाग द्वारा राज्य के 13 जिलों में 36 गौसदनों हेतु भूमि चिन्हित कर ली गई है तथा 13 गौसदनों का निर्माण कार्य जारी है। मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए जाने वाले 26 गौसदनों के निर्माण कार्य को भी शीघ्र आरम्भ करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विभाग को मिसिंग लिंक के माध्यम से 10 करोड़ की धनराशि पहले ही जारी की जा चुकी है। इस सम्बन्ध में पंचायती राज विभाग द्वारा भूमि चिन्हीकरण का कार्य पूरा किया जा चुका है।

बेसहारा गौवंशीय पशुओं की समस्या के दीर्घकालीन समाधान में आधुनिक तकनीकी व आईटी के उपयोग पर बल देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के सभी गौवंशीय पशुओं की अनिवार्य जियोटैगिंग के साथ ही इस सम्बन्ध जल्द लॉन्च होने वाले ऐप एवं डैशबोर्ड में प्रत्येक गौवंशीय पशु की आयु, चिकित्सा व अन्य जानकारी से सम्बन्धित डाटा एनालिसिस के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निराश्रित पशुओं की देखभाल में गौसेवक योजना को महत्वपूर्ण बताया तथा इसके अधिकाधिक विस्तार के निर्देश दिए हैं।

निर्माणधीन एवं पहले से ही संचालित गौसदनों के संचालन एवं रखरखाव की निरन्तर मॉनिटरिंग की सख्त हिदायत देते हुए मुख्य सचिव रतूड़ी ने गौसदनों में गौवंश हेतु चारा, भूसा, प्रकाश, चिकित्सा, सुरक्षा एवं दवाईयों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने निर्देश दिए हैं। उन्होंने गौ सदनों के नियमित निरीक्षण के भी निर्देश दिए हैं।

उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड द्वारा जानकारी दी गई है कि राज्य में वर्तमान में निराश्रित गोवंशीय पशुओं की संख्या 20887 है।

इस अवसर पर सचिव डा0 बीवीआरसी पुरुषोत्तम, नितेश झा, चंद्रेश कुमार, वी षणमुगम सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव के सख्त निर्देशों के बाद सघन अभियान चलाकर ईएसआई के सम्बन्ध में 15000 से अधिक ईकाईयों को नोटिस जारी

राज्य में संविदा व अन्य सामान्य श्रमिकों को ईएसआई कवरेज दिए जाने की कार्यवाही की धीमी प्रक्रिया पर सख्ती करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में सचिव शहरी विकास से नगर निगमों एवं नगर निकायों में दैनिक/संविदा कर्मचारियों को ईएसआई कवरेज दिए जाने के सम्बन्ध में अब तक की गई कार्यवाही की रिपोर्ट तलब की। उन्होंने सम्बन्धित सचिव को कड़े निर्देश दिए हैं कि सभी नगर पालिकाओं एवं निकायों की तत्काल समीक्षा की जाए तथा उनमें कार्यरत दैनिक/संविदा कर्मचारियों, श्रमिकों को कर्मचारी राज्य बीमा योजना से अनिवार्यतः आच्छादित करने के सम्बन्ध में त्वरित कार्यवाही की जाए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के सख्त निर्देशों के बाद अब तक श्रम विभाग द्वारा सघन अभियान चलाकर ईएसआई के सम्बन्ध में औचक जांच की गई तथा 15000 से अधिक ईकाईयों को नोटिस जारी किये गए, जिसमें से 10000 यूनिट द्वारा ईएसआई कवरेज के सम्बन्ध में कार्यवाही पूरी कर ली गई हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आज की बैठक में एक बार ईएसआई कवरेज की जांच के सम्बन्ध में पुनः सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

राज्य में संविदा एवं श्रमिकों को स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा चिकित्सा सहायता, दुर्घटना कवर व अन्य स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने तथा कार्यस्थल पर उत्पन्न जोखिमों से कर्मियों को बचाने के साथ ही कर्मियों को बीमा योजना के लाभों व उनके अधिकारों के लाभों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सम्बन्धित अधिकारियों को इस पर शीर्ष प्राथमिकता एवं गम्भीरता से कार्य करने की हिदायत दी है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ग्रामीण विकास, युवा कल्याण, आपदा प्रबन्धन, वित्त, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के साथ ही विभिन्न एनजीओं में कार्यरत संविदा व सामान्य श्रमिकों को कर्मचारी राज्य बीमा योजना से आच्छादित करने के कार्यवाही हेतु जल्द से जल्द कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

कर्मचारी राज्य बीमा योजना नियोक्ता तथा कर्मचारियों के अंशदान द्वारा वित्त पोषित है। नियोक्ता अंशदान 3.25 प्रतिशत है व कर्मचारियों के अंशदान 0.75 प्रतिशत है। इस प्रकार देय मजदूरी का कुल 4 प्रतिशत है। राज्य सरकार को योजना संचालन के 100 प्रतिशत में से वास्तविक व्यय की 87.5 प्रतिशत धनराशि की प्रतिपूर्ति निगम द्वारा की जाती है।

प्रदेश में बीमाधारकों की संख्या 7,34,343 है व उनके आश्रितों की संख्या लगभग तीस लाख है। योजना राज्य में 13 जनपद, 45 औषधालयों एवं 65 अनुबन्धित चिकित्सा संस्थानों में संचालित है। कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के अधीन कर्मचारी राज्य बीमा योजना एक अनूठी सामाजिक बीमा योजना है जो संगठित क्षेत्र के योजना में व्याप्त कामगारों एवं उनके आश्रितजनों को बीमारी, प्रसूति, रोजगार चोट के कारण हुई मृत्यु व अपंगता तथा व्यवसाय जनित रोग में सुरक्षा प्रदान करती हैं।

कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के अंतर्गत, राज्य में स्थापित संगठित क्षेत्र में स्थापित औद्योगिक अवस्थापनाओं, व्यावसायिक प्रतिष्ठान इत्यादि में 10 या उससे अधिक कार्यरत ₹21,000 एवं दिव्यांगजन हेतु ₹25,000 की सीमा तक वेतन पाने वाले कामगारों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम भारत सरकार द्वारा बीमित किया जाता है।

सचिवालय में आयोजित कर्मचारी राज्य बीमा योजना एवं श्रम चिकित्सा सेवाओं के सम्बन्ध में आयोजित समीक्षा बैठक में सचिव पंकज कुमार पाण्डेय सहित वित्त, श्रम, ईएसआई, उपनल, चिकित्सा सेवा विभाग के विभिन्न अधिकारी मौजूद रहे।

यूटीसी को तत्काल शॉर्ट टर्म एक्शन प्लान पर कार्य करते हुए दिल्ली के लिए रोडवेज बसों के फेरे बढ़ाने के निर्देश

उत्तराखण्ड परिवहन निगम की पुराने मॉडल की डीजल बसों पर दिल्ली पर लगे प्रतिबन्ध से आमजन की असुविधा के तत्काल समाधान को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यूटीसी को तत्काल शॉर्ट टर्म एक्शन प्लान पर कार्य करते हुए दिल्ली के लिए रोडवेज बसों के फेरे बढ़ाने, विशेषकर वीकेंड पर बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए यूपी से भी समन्वय हेतु निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव परिवहन को 175 बसों के खरीद के प्रस्ताव के निर्णय पर उचित स्तर पर आज ही वार्ता हेतु निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने निर्देश दिए हैं कि जिन 100 सीएनजी बसों की खरीद की टेण्डर प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं तथा 30 बसें प्राप्त हो चुकी हैं, उनका संचालन शीघ्र शुरू किया जाए।

आमजन को फौरी राहत देने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने परिवहन विभाग को यूटीसी की बसों का संचालन गाजियाबाद में मोहन नगर के साथ ही कौशाम्बी तक करने के लिए उत्तर प्रदेश से बात करने के निर्देश दिए हैं। प्रदूषण नियंत्रण के मानक पूरा करने वाली बसें सीधा दिल्ली में प्रवेश करेगी। सामान्य बसें दिल्ली सीमा मोहन नगर व कौशाम्बी तक जा सकेगी।

बैठक में उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने जानकारी दी कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण पुराने मॉडल की डीजल बसों पर लगी रोक से पहले रोडवेज की दिल्ली रूट पर 504 सेवाएं प्रतिदिन संचालित होती थी, लेकिन अभी प्रदूषण नियंत्रण के मानक पूरे करने वाली 310 बसें संचालित हो रही हैं। 194 बसें प्रतिबन्धित की गई हैं। प्रतिबन्ध से पूर्व रोडवेज की बसों का लोड फैक्टर लगभग 40 प्रतिशत था जो अभी बस सेवाओं की फ्रीक्वेंसी बढ़ने से लोड फैक्टर 90 से 100 प्रतिशत हो गया है। दिल्ली जाने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की विशेष असुविधा नही हो रही हैं। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में भ्रामक सूचनाओं को स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं।