मुख्य सचिव रतूड़ी ने एचपीसी में विभिन्न प्रस्तावों पर अनुमोदन दिया

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एडीबी द्वारा सहायता प्राप्त टिहरी झील प्रोजेक्ट पर सत्त, समावेशी एवं जलवायु अनुकूल विकास पर्यटन विकास से सम्बन्धित एचपीसी (उच्चाधिकार प्राप्त समिति) की अध्यक्षता करते हुए नई टिहरी में 54.05 करोड़ रू0 की डीपीआर लागत वाले सीवर नेटवर्क के साथ 5 नए एमएलडी एसटीपी तथा 37.11 करोड़ रूपए के सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट तथा वेस्ट मेनेजमेंट सेन्टर, 1.46 करोड़ की डीपीआर लागत वाले महादेव मंदिर व 2.33 करोड़ की डीपीआर लागत वाले प्रवेश द्वारों के निर्माण प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एचपीसी की बैठक में मदन नेगी रोपवे सब-प्रोजेक्ट के लिए ब्रिडकुल को नोडल एजेंसी नियुक्त करने के प्रस्ताव पर भी अनुमति प्रदान की। इसके साथ ही सीएस ने प्रोजक्ट कार्मिकों के लिए टीए/डीए भत्तों सहित महिला कार्मिकों के लिए चाइल्ड केयर लीव पर भी अनुमोदन प्रदान किया। मुख्य सचिव ने उत्तराखण्ड जल संस्थान द्वारा ग्रामीण जलापूर्ति हेतु सेंटेज चार्ज के आग्रह को वित्त विभाग में भेजने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में सचिव सचिन कुर्वे, अपर सचिव विनीत कुमार, अभिषेक रूहेला, ललित मोहन रयाल सहित वित्त, पर्यटन तथा जिलाधिकारी टिहरी उपस्थित थे।

सभी डीएम को सम्पर्क योजना की माह में एक बार अनिवार्यतः समीक्षा के निर्देश

जनपदों में स्कूली शिक्षा के कायाकल्प के लिए प्रेरित करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को शिक्षा से सम्बन्धित योजनाओं की ऑनरशिप लेने के निर्देश दिए हैं। सीएस रतूड़ी सचिवालय में माध्यमिक शिक्षा में जनपदों में समग्र शिक्षा तथा सम्पर्क फाउण्डेशन के तहत टीचिंग लर्निंग मेटिरियलस (टीएलएम) व डिजिटल रिसोर्स की उपयोगिता से सम्बन्धित सम्पर्क योजना की समीक्षा कर रही थी।

समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड एवं सम्पर्क फाउण्डेशन के बीच एमओयू के तहत वर्ष 2014 से सम्पर्क योजना के अर्न्तगत राज्य के 13 जिलों के 95 ब्लॉक के 11479 स्कूलों में डिजिटल रिसोर्स, टीवी डिवाइसेज स्मार्ट एलईडी टीवी, सम्पर्क स्मार्टशाला एफएलएन एण्ड साइंस टीवी डिवाइसेज (1000 से अधिक ऑफलाइन कंटेट के साथ), विडियो आदि के माध्यम से स्कूलों को स्मार्ट क्लासेज में अपग्रेड करने का प्रयास किया जा रहा है।

सभी डीएम को सम्पर्क योजना की माह में एक बार अनिवार्यतः समीक्षा की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने डीएम डैशबोर्ड के माध्यम से इस योजना के निरन्तर मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को डीईओ तथा बीईओ के साथ सम्पर्क योजना की स्कूलों में अधिकतम उपयोगिता की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। सीएस ने विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्मय से भी इस योजना का अनुश्रवण सुनिश्चित करने की हिदायत दी है। राधा रतूड़ी ने शिक्षा विभाग को जिला शिक्षा अधिकारियों तथा प्रिंसिपल डाइट को सम्पर्क योजना की उपयोगिता की समीक्षा तथा क्रियान्वयन में सक्रिय भागीदारी हेतु सर्कुलर जारी करने के निर्देश दिए हैं।

चम्पावत, सितारगंज, पौड़ी, खिर्सू, डीडीहाट तथा ऊखीमठ ब्लॉक में सम्पर्क योजना के संचालन पर विशेष फोकस करने के निर्देश देते हुए मुख्य सचिव रतूड़ी ने सम्बन्धित अधिकारियों को हिदायत दी है कि शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए तकनीक संचालित लर्निंग टूल्स को एकीकृत करना होगा ताकि राज्य की विद्यार्थियों को एक उन्नत तथा परस्पर संवादात्मक शैक्षणिक अनुभव प्राप्त हो सके। मुख्य सचिव ने इस योजना को शिक्षा के क्षेत्र में महाअभियान बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसमें खण्ड शिक्षा अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, ग्राम पंचायतों, अभिभावकों के साथ ही सभी लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

राज्यभर में 3237 प्राथमिक विद्यालय तथा 1100 उच्च प्राथमिक विद्यालयों के साथ कुल 4337 विद्यालयों में सम्पर्क योजना का कवरेज दिया जा चुका है। इस प्रकार राज्य के 25 प्रतिशत स्कूलों को योजना के तहत स्मार्टक्लासेज में अपग्रेड किया जा चुका है।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शिक्षा विभाग एवं सम्पर्क फाउण्डेशन द्वारा तैयार किए गए टीचर्स रिपोर्ट कार्ड का भी विमोचन किया। बैठक में सचिव रविनाथ रमन के साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारी तथा सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।

स्कूल कॉलेजों के भवन निर्माण में उत्तराखंड की स्थानीय वास्तु शैली का उपयोग होः सीएस

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में आयोजित ईएफसी (व्यय वित्त समिति) में पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर में 1044.94 लाख रूपये लागत के कौड़िया किमसार वन मोटर मार्ग के सृदृढ़ीकरण कार्यों, जी बी पंत इंस्टिटयूट आफ इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नोलॉजी, घुड़दौड़ी, पौड़ी के निकट 1516.13 लाख रूपये की बिल्केदार पम्पिंग पेयजल योजना के पुनर्गठन, 1617.03 लाख रू0 के लागत वाले राजकीय पालीटेक्निक, सल्ट के भवन निर्माण कार्य, नाबार्ड की आरआईडीएफ योजना के तहत 1061.17 लाख रू0 के राजकीय पॉलिटैक्निक, लोहाघाट तथा 1234.59 लाख रू0 की लागत के राजकीय पॉलिटैक्निक, दन्या के निर्माण, देहरादून में 1171.56 लाख रू0 की लागत के न्यू कैंट मोटर मार्ग के 1 किमी0 0.375 चौनेज से 1.625 चौनेज (सालावाला पुल से विजय कॉलोनी पुल) तक मार्ग को दो लेन से 10.50 मी0 चौड़ाई में अपग्रेड करने की योजनाओं को अनुमोदन दिया। इसके साथ ही आज की ईएफसी में भराड़ीसैंण में पशुपालन विभाग के तहत भराणीसैंण फार्म विकसित करने तथा निकटस्थ गांवों में डेयरी आधारित अर्थव्यवस्था तथा गाय आधारित पर्यटन विकास की 3003.05 लाख रू0 की महत्वपूर्ण योजना पर भी चर्चा की गई। योजना पर विस्तृत चर्चा के लिए उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी भवन निर्माण कार्यों में ग्रीन बिल्डिंग, सोलर पावर तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने स्कूल, कालेज एवं अन्य भवनों के निर्माण में उत्तराखण्ड की स्थानीय वास्तु शैली के उपयोग के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि पौड़ी गढ़वाल में यमकेश्वर में कौड़िया-किमसार मोटर मार्ग के सुदृढ़ीकरण के निर्माण कार्य से स्थानीय जनता एवं वन विभाग को आवागमन में सुविधा मिलेगी। राजकीय पालीटेक्निक, सल्ट एवं राजकीय पॉलिटैक्निक, दन्या में भवन निर्माण कार्य से प्रदेश के क्षेत्रीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों का प्रवेश एवं अध्ययन किया जाना संभव होगा। राजकीय पॉलिटैक्निक, लोहाघाट के भवन के निर्माण कार्य से भावी विद्यार्थियों के प्रवेश प्रतिशत में वृद्धि एवं नवीन मानकों के साथ मैकेनिकल शाखा में शिक्षा/तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराये जाने हेतु अतिरिक्त भवन एवं वर्कशाप का सृजन/निर्माण आदि कराने की सुविधा प्राप्त होगी।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव डा0 बी वी आर सी पुरूषोतम, डा0 रंजीत कुमार सिन्हा, पंकज कुमार पाण्डेय सहित वित्त, सिंचाई, नियोजन विभागों के अपर सचिव एवं अधिकारी मौजूद रहे।

सीएस ने दी ड्रॉप आउट महिलाओं को पुनः शिक्षण संस्थानों में प्रवेश हेतु नियमों में उदारतापूर्ण संशोधन की नसीहत

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यूएन विमेन इण्डिया के प्रतिनिधियों के साथ सचिवालय में आयोजित बैठक में सचिव उच्च शिक्षा को अधूरी शिक्षा को पूरी करने की इच्छुक महिलाओं को उच्च शिक्षण संस्थानों में आसानी से प्रवेश दिलाने लिए एक उदार कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग को गांवों में आंगनबाड़ी भवनों के पूर्णतः उपयोग को सुनिश्चित करते हुए बहुउद्देशीय कार्यों जैसे महिलाओं हेतु कौशल विकास प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव रतूड़ी ने परिवहन एवं शिक्षा विभाग को छात्राओं हेतु शिक्षण संस्थानों तक आसानी से एवं कम लागत में परिवहन की सुविधा सुलभ करवाने हेतु एक प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यूएन विमेन के राज्य में महिला सशक्तिकरण के विजन को धरातल पर उतारने हेतु नियोजन, श्रम, शिक्षा, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण एवं परिवहन विभाग को प्रभावी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में कौशल विकास विभाग को नोडल बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने यूएन विमेन इण्डिया से कल्याणकारी योजनाओं का महिलाओं के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने का आग्रह किया है।

यूएन विमेन इण्डिया के प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि राज्य में यूएन विमेन का फोकस महिलाओं की आय की सुरक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण तथा स्वतंत्रता, लैगिंक हिंसा की समाप्ति, राज्य के बजट एवं नियोजन में लैगिंक समानता पर कार्य करना है।

बैठक में यूएन इण्डिया के प्रतिनिधि पदमाकक्षी, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, पंकज कुमार पाण्डेय, डा0 रंजीत कुमार सिन्हा सहित वित्त, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, यूकॉस्ट, ग्राम्य विकास के अधिकारी मौजूद रहे।

उत्तराखंडः यौन उत्पीड़न शिकायतों को लेकर 1549 सरकारी एवं 13 गैर सरकारी आईसीसी का गठन

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सम्बन्धित शिकायतों के सम्बन्ध में आन्तरिक परिवाद समितियों गठन के मामले में सभी विभागों की स्थिति स्पष्ट करते हुए रिपोर्ट तलब की है। अभी तक की जानकारी के अनुसार 1549 सरकारी एवं 13 गैर सरकारी आईसीसी का गठन किया गया है। उन्होंने शेष विभागों को तत्काल इस मामले के कार्यवाही के कड़े निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस रतूड़ी ने महिला सशक्तीकरण विभाग को गर्भवती महिलाओं को कॉल सेन्टर के माध्यम से प्रसव से पूर्व तीन अनिवार्य एएनसी की जांच की पुष्टि के लिए अनिवार्यत दूरभाष से सम्पर्क कर फीडबैक लेने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में बालिकाओं एवं महिलाओं के लिए संचालित की जा रही गौरा नन्दा देवी सहित सभी योजनाओं की पुष्टि के लिए लाभार्थियों से दूरभाष के माध्यम से सम्पर्क कर फीडबैक लेने के निर्देश दिए हैं कि क्या वास्तव में महिलाओं एवं बालिकाओं को उनके लिए संचालित की जा रही योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है। मुख्य सचिव ने शासकीय बाल देखरेख गृहों, सम्प्रेक्षण गृहों, गैर शासकीय बाल देखरेख संस्थाओं, खुला आश्रय गृह में रहने वाले बच्चों के स्थायी डिजिटल प्रोफाइल बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि इन संस्थाओं से जाने के बाद शिक्षा और रोजगार में आत्मनिर्भर होने तक उनकी स्थिति पर निरन्तर निगरानी रखी जा सके। मुख्य सचिव ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग को स्टेट रिसोर्स सेन्टर स्थापित करने के लिए एक सप्ताह की डेडलाइन दी है। मुख्य सचिव ने राज्य में ड्रॉप आउट किशोरियों की जानकारी तथा उन्हें पुनः शिक्षा से जोड़ने के डेटा को ब्लॉक एवं ग्राम स्तर पर उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने राज्यभर में स्थापित 14 वन स्टॉप सेन्टर में अभी तक कितनी गर्भवती महिलाओं को प्रतीक्षालाय की सुविधा दी गई है, इसकी रिपोर्ट भी जल्द से जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की राज्य स्तरीय मूल्यांकन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में 13 किशोर न्याय बोर्ड एवं 13 बाल देखरेख संस्थाओं के स्थान पर ऑनलाइन सुनवाई हेतु वीडियों कान्फ्रेसिंग सुविधा स्थापना के लिए महिला विकास एवं बाल विकास विभाग की प्रंशसा की। बैठक में मुख्य सचिव ने मिशन, वात्सल्य, मिशन शक्ति तथा मिशन आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजनाओं की समीक्षा करते हुए इनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समयबद्धता एवं गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में सचिव चन्द्रेश यादव सहित महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास व शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद रहे।

आपदा जोखिम न्यूनीकरण में इन्श्योरेन्स योजना जरूरीः मुख्य सचिव

आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में अन्य देशों एवं राज्यों के मॉडल को अपनाने के बजाय उत्तराखण्ड की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड केन्द्रित आपदा प्रबन्धन मॉडल तैयार करने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आपदा प्रबन्धन विभाग को आपदाओं से निपटने एवं बचाव हेतु उत्तराखण्ड फ्रेमवर्क तैयार करने के दौरान एनजीओं, सिविल सोसाइटी, सामाजिक संस्थाओं एवं निजी विशेषज्ञों के सुझाव भी इसमें शामिल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सरकारी अधिकारियों को अपनी सीमित सीमाओं में सीमित ना रहते हुए, व्यापक दृष्टिकोण से कार्य करने की नसीहत दी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सचिवालय में आज आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर सेन्डई (जापान) फ्रेमवर्क का राज्य में क्रियान्वयन की समीक्षा कर रही थी।

आपदा जोखिम न्यूनीकरण में इन्श्योरेन्स योजना की कार्ययोजना बनाने में ढिलाई पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया कि आपदा सवेंदनशील राज्य उत्तराखण्ड में लोगों को विशेषकर जरूरतमंदों को बीमा योजना से बड़ी मदद मिल सकती हैं। उन्होंने विभाग को इस विषय पर गम्भीरता से विचार करते हुए प्रभावी पहल करने के निर्देश दिए हैं।

आपदा के जोखिम आंकलन हेतु प्रशिक्षित अधिकारियों के अभाव के मुद्दे का गम्भीरता से संज्ञान लेते हुए सीएस राधा रतूड़ी ने आपदा से प्रभावित क्षेत्रों एवं गांवों में जोखिम आंकलन के लिए तत्काल मास्टर ट्रेनर हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश आपदा प्रबन्धन विभाग को दिए हैं। उन्होंने राज्य में 65000 से अधिक महिला स्वंय सहायता समूहों जिनसे 10 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं, को भी आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन प्रशिक्षित महिलाओं को आपदा सखी को नाम देते हुए आपदाओं के दौरान ग्राम एवं तहसील स्तर पर इनकी सहायता राहत एवं बचाव कार्यों में लेने के निर्देश दिए हैं।

आपदा संवेदी राज्य में विद्यालयी स्तर से ही हर बच्चे को आपदा प्रबन्धन की सामान्य जानकारी को अति आवश्यक बताते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्राथमिक विद्यालय के स्तर से विद्यार्थियों के पाठयक्रम में आपदा प्रबन्धन को शामिल करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को सैनिक कल्याण विभाग से सभी जिलों में रह रहे पूर्व सैनिकों की जानकारी एवं आंकड़े लेते हुए उन्हें आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण देते हुए उनकी सहायता आपदाओं के दौरान स्थानीय स्तर पर लेने के निर्देश दिए हैं।

राज्य में भवनों एवं अन्य निर्माण कार्यों में भारी निर्माण सामग्री एवं भारी निर्माण कार्यों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि आपदा संवेदनशील क्षेत्रों में अपेक्षाकृत हल्के निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी जाती है, ताकि आपदा के दौरान जान-माल की कम से कम हानि हो। उन्होंने सिंचाई विभाग सहित अन्य सम्बन्धित विभागों में इस सम्बन्ध में उत्तराखण्ड केन्द्रित कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं जो कि राज्य की विशेष भौगोलिक स्थितियों एवं आपदा परिस्थितियों के अनुकूल हो।

प्रदेशभर में उच्च आपदा जोखिम के दृष्टिगत चिन्हित गांवों की रिपोर्ट तलब करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों से ऐसे चिन्हित ग्रामों की पुनर्वास की कार्ययोजना की स्थिति स्पष्ट करने को कहा। सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि इस सम्बन्ध में अभी तक इस वर्ष 20 करोड़ रूपये की धनराशि अनुमोदित कर जारी की जा चुकी है तथा व्यय की जा चुकी है। सीएस ने जिलाधिकारियों को सभी गांवो का आपदा जोखिम आंकलन करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को जीपीडीपी प्लान में गांवो का आपदा जोखिम आंकलन शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य में आपदा जोखिम आंकलन की स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विभाग से राज्य में प्रत्येक वर्ष आपदा से मरने वाले लोगों के आंकड़ों की जानकारी मांगी। मुख्य सचिव ने आपदा के सम्बन्ध में डायनिमिक डेटा जुटाने के निर्देश दिए ताकि बेहतरीन नीति नियोजन में सहायता मिल सके। उन्होंने आपदा के आंकड़ों तक सभी विभागों की आसानी से पहुंच तथा वेबसाइट एवं कंट्रोल रूम में डेटा शेयरिंग के निर्देश दिए हैं।

राज्य में आपदाओं के तहत सड़क हादसों में होने वाली सर्वाधिक मौतों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने क्रैश बैरियर विशेषकर बांस के क्रैश बैरियर लगाने जैसे इनोवेटिव प्रयासों को अपनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में वन, लोक निर्माण विभाग सहित सभी सम्बन्धित विभागों को मिलजुल कर कार्य करने की हिदायत दी है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तराखण्ड ऐसा पहला राज्य है जहां पर राज्य, जिला, तहसील एवं पंयायत स्तर पर आईआरएस प्रणाली सक्रिय होने जा रही है। उन्होंने इसके लिए आपदा प्रबन्धन विभाग को बधाई दी है।

बैठक में सचिव विनोद कुमार सुमन सहित आपदा, गृह, सिंचाई, वन, पेयजल, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव ने एम्स ऋषिकेश से आरम्भ होने वाली ऐरो मेडिकल सर्विस के सम्बन्ध में बैठक ली

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जल्द ही एम्स ऋषिकेश से आरम्भ होने वाली ऐरो मेडिकल सर्विस के सम्बन्ध में शीघ्र ही एसओपी को अन्तिम रूप देने के निर्देश दिए हैं। सीएस रतूड़ी ने एम्स ऋशिकेश से सभी जिलाधिकारियों, सीएमओ, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारियों व अन्य हितधारकों के साथ समन्वय कर अन्तिम रूप से एसओपी तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को प्रेशित करने को कहा है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि एसओपी में राज्य के दुर्गम क्षेत्रों की गंभीर स्थिति वाली गर्भवती महिलाओं जिन्हें तत्काल आपात चिकित्सा सेवा की आवश्यकता हो, को एम्स की हेली इमरजेन्सी मेडिकल सेवाओं का शीर्श प्राथमिकता पर लाभ मिलना चाहिए।

एम्स ऋषिकेश द्वारा जानकारी दी गई कि ऐरो मेडिकल सर्विस की एसओपी तैयार हो गई है। हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस कॉल सेन्टर स्थापित कर दिया गया है। हेल्पलाइन ऑडिट प्रोसेजर्स की गुणवत्ता सुधार पर कार्य प्रगति पर है। एम्स के मेडिकल स्टाफ व टीम की कैपिसिटी बिल्डिंग पर कार्य किया जा रहा है।

बैठक में अपर सचिव सोनिका, नमामि बंसल तथा निदेशक एम्स ऋषिकेश वर्चुअल माध्यम से मौजूद रही।

सीएस की अध्यक्षता में संपन्न हुई वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति की बैठक सम्पन्न हुयी। मुख्य सचिव ने वाईब्रेंट विलेज योजना के माध्यम से इन सीमा क्षेत्र के गांवों को जीवन्त करने के लिए इन गांवों से पलायन कर चुके लोगों को वापस लाने के लिए जिलाधिकारियों को चिन्हित वाइब्रेंट विलेज को वाईब्रेंट बनाने के लिए ऐसी योजनाओं को संचालित करने के निर्देश दिए जो व्यवहारिक और सतत् हों।
मुख्य सचिव ने कहा कि सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल योजनाओं से वाइब्रेंट विलेज को संतृप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि वाईब्रेंट विलेज का हर गांव विशिष्ट है, उसकी अपनी क्षमताएं एवं सम्भावनाएं हैं। क्षेत्र की क्षमताओं और सम्भावनाओं को तलाशते हुए योजनाएं तैयार की जाएं और इन्हें सतत बनाने के लिए प्रयास किए जाएं। उन्होंने इन वाईब्रेंट विलेज के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को भी सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वाईब्रेंट विलेज में नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों को रहने के लिए अच्छी आवासीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जाए। साथ ही कर्मचारियों को एक-दो महीने के लिए रोटेशन के आधार पर नियुक्त किया जाए। सिर्फ वाईब्रेंट विलेज ही नहीं बल्कि उनके आसपास के क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं।
मुख्य सचिव ने इन वाईब्रेंट विलेज के लिए यूपीसीएल को विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कहा कि जहां ग्रिड से विद्युत आपूर्ति करना सम्भव न हो वहां सौर ऊर्जा एवं अन्य विकल्पों से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इन सभी क्षेत्रों में भेड़-बकरी पालन से रोजगार की अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। इसके लिए विशेष योजनाएं संचालित की जाएं। मुख्य सचिव ने इन क्षेत्रों के लिए मोबाईल वैन वैटेनरी यूनिट की व्यवस्था भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी ने स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। सभी वाईब्रेंट विलेज बॉर्डर एरिया में होने के कारण यह निर्णय स्थानीय उत्पादों के लिए एक अच्छा बाजार उपलब्ध कराएगा। उन्होंने उत्पादों की सतत आपूर्ति एवं गुणवत्ता बनाए रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने वाईब्रेंट विलेज के स्थानीय उत्पादों के परम्परागत बीजों के लिए भी सब्सिडी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को प्रत्येक वाईब्रेंट विलेज में पंचायत भवन एवं खेल विभाग को भूमि की उपलब्धता के अनुसार खेल का मैदान अनिवार्य रूप से बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खेल, व्यायाम के उपकरणों की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्थानीय युवाओं को गाईड की ट्रेनिंग भी उपलब्ध कराए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्थानीय कलाकारों को जोड़ते हुए सांस्कृतिक ग्रुप तैयार किए जाएं। साथ ही, स्थानीय वाद्य यंत्रों का वितरण भी किया जाए। मुख्य सचिव ने इन कलाकारों एवं गाईड के लिए शुरूआती एक-दो वर्षों के लिए मानदेय दिए जाने की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किए जाएं। कहा कि स्थानीय धार्मिक-आध्यात्मिक घटनाओं से सम्बन्धित वाईब्रेंट विलेज की जानकारी के साईनेज आदि लगाए जाएं ताकि पर्यटक इनकी ओर आकर्षित हों। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की प्राकृतिक सुन्दरता को संजोए रखते हुए निर्माण कार्यों में स्थानीय भवन निर्माण कलाओं का प्रयोग किया जाए। कंक्रीट और स्टील का कम से कम प्रयोग किया जाए।
इस अवसर पर सचिव राधिका झा, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. रंजीत सिन्हा, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, अपर सचिव सी. रविशंकर, रंजना राजगुरू, युगल किशोर पंत, निदेशक आईटीडीए नितिका खंडेलवाल सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।

खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर मुख्य सचिव ने उच्चाधिकारियों के साथ की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में खाद्य पदार्थों में मिलावट के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए ठोस योजना तैयार कर मिलावटखोरों पर कठोर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रदेश में टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने और इनके निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए है। कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए नियमित रूप से अभियान चलाए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाने के साथ ही मिलावट के प्रति आमजन को जागरूक किया जाये। उन्होंने प्रयोग हो चुके खाद्य तेल से होने वाले नुक़सान से दुकानदारों और आमजन दोनों को छोटी छोटी वीडियोज़ के माध्यम से जागरूक किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों की जानकारी देने वालों को रिवार्ड भी दिया जाना चाहिए ताकि लोग जानकारी देने को प्रोत्साहित हों। उन्होंने मिलावट से संबंधित सभी मामलों को फास्ट ट्रैक पर निपटाने के निर्देश दिए। कहा कि मिलावट के गंभीर मामलों पर प्राथमिकता के साथ शीघ्र से शीघ्र फैसला किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि नियमित जांच और कठोर कार्रवाई से ही खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी को रोका जा सकता है। उन्होंने इसके लिए ठोस एक्शन प्लान के साथ ही इसके कार्यान्वयन की टाइम लाइन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने स्वच्छता रेटिंग प्रमाणीकरण कार्यक्रम को अभियान के तौर पर पूरे प्रदेश में शुरू किए जाने के भी निर्देश दिये।
बैठक के दौरान बताया गया कि एफडीए उत्तराखण्ड द्वारा रूको के तहत् प्रयोग किये जा चुके खाद्य तेल को पिछले वर्ष की मात्रा 3046 लीटर से इस वर्ष बढ़ाकर लगभग 8000 लीटर जब्त किया गया है। खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने को लगातार अभियान चलाये जा रहे हैं। बताया गया कि इस बार खाद्य एवं औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश के साथ संयुक्त रूप से आपूर्ति स्रोत पर भी कार्रवाई की गई है।
इस अवसर पर सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन उत्तराखण्ड डॉ. आर. राजेश कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।