ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए स्थान चिन्हित करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में ईको टूरिज्म एवं सरकारी भूमि की डिजिटल सूची तैयार किए जाने के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों एवं डीएफओ को ईको टूरिज्म की दिशा में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर दिए जाने पर फोकस करते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सभी जनपदों में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने हेतु स्थान चिन्हित किए जाने के साथ ही डीपीआर तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि प्रस्ताव में डीपीआर के साथ फंडिंग और योजना पूर्ण होने की समय सीमा पहले से ही निर्धारित की जाएं। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म को सफल बनाए जाने हेतु ईको पार्क से प्राप्त राजस्व का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा इसकी मरम्मत आदि के लिए प्रयोग किया जा सकेगा, इसका शासनादेश जारी किया जा चुका है।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश भर में एस्ट्रो विलेज, कैंपिंग आदि की अत्यधिक संभावनाएं हैं। इस दिशा में भी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग एवं गैर चारधाम यात्रा मार्ग दोनों में ही ईको टूरिज्म में रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को शामिल करना आवश्यक है। इसके लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण की आवश्यकता है तो प्रशिक्षण करवाइए। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में ऐसे विभिन्न स्थान हैं जहां कैंपिंग साइट्स विकसित की जा सकती हैं। पर्यटन विभाग द्वारा गाईड का प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्य सचिव ने ऐसे स्थलों में जहां अभी फुटफॉल कम है, गाईड को कंडीशनल टर्म पर मानदेय भी दिया जा सकता है, ताकि गाईड काम करने को प्रोत्साहित हो सके। फुटफॉल बढ़ने के बाद गाईड अच्छा कमा लेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारियों एवं अन्य सीनियर अधिकारियों द्वारा क्षेत्रों में दौरा करते समय स्थानीय लोग अक्सर अपनी बहुत छोटी छोटी मांगें और समस्याएं अधिकारियों के सम्मुख रखते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सी समस्याएं या मांगें इतनी छोटी होती हैं कि आसानी से पूर्ण की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इन छोटी छोटी मांगों को गंभीरता से लेते हुए मांगों को पूरा करने पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि आमजन का सिस्टम पर विश्वास बना रहे।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन बोर्ड अस्तित्व में आने वाला है। इससे जल संरक्षण की दिशा में भी काफी कार्य होगा। इसमें जल संरक्षण के लिए चेक डैम और छोटे ताल और झीलें भी निर्मित होंगी। जो आगे ईको टूरिज्म की दिशा में काफी कारगर साबित होंगी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से इसको भी ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने हेतु डिजिटल डाटा शीघ्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इसके लिए पोर्टल तैयार हो जाएगा जिसमें डिजिटल डाटा अपलोड किया जाएगा, जिसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सूची को तैयार किए जाने का उद्देश्य हर प्रकार की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाना है। इसके लिए विभागों द्वारा जिला स्तरीय अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। अतिक्रमण होने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई भी की जाएगी।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, मुख्य वन संरक्षक वन पंचायत डॉ. पराग मधुकर धकाते एवं सचिव चंद्रेश कुमार सहित जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

रोजगार की संभावना को देखते हुए मुख्य सचिव ने जड़ी बूटी उत्पादन पर दिया जोर

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने प्रदेश में जड़ी-बूटी के क्षेत्र में उत्पादन और रोजगार की असीम सम्भावनाओं को देखते हुए इसके विकास के लिए कार्ययोजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सोमवार को सचिवालय में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में जड़ी-बूटी का उत्पादन और मांग को देखते हुए कार्ययोजना तैयार की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि, उद्यान एवं वन विभाग अपने अपने क्षेत्रों में ऐसी जड़ी-बूटियों को चिन्हित करें जिनकी बाजार में अत्यधिक मांग हैं और उनके उत्पादन और संग्रहण में किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि विभागों को इस के लिए अपनी अपनी भूमिका भी तय करनी होगी। उत्पादन, संग्रहण और बाजार उपलब्ध कराए जाने हेतु प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा। राज्य स्तर पर भी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन होगा। जो जनपद इस दिशा में अच्छा कार्य करेंगे, रैंकिंग कर सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

38वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन को लेकर मुख्य सचिव ने समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में वर्ष 2024 में प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने 38वें राष्ट्रीय खेलों से सम्बन्धित सभी निर्माण कार्यों में गति लाते हुए निर्धारित समय से पूर्व करने के निर्देश दिए। साथ ही निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों के लिए गुणवत्ता के साथ ही भव्यता के साथ आयोजित किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पर्यटन प्रदेश होने के नाते इसे एक अवसर के तौर पर देखना चाहिए। देशभर से जो प्रतिभागी इसमें भाग लेने आएंगे, उनमें प्रदेश की अच्छी छवि जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि टॉर्च रिले कार्यक्रम को पूरे प्रदेश में प्रत्येक पर्यटन शहर में आयोजित किया जाए ताकि प्रदेश के पर्यटन का प्रचार प्रसार भी हो सके। उन्होंने कहा कि सभी इवेंट के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाए। इस पर आने वाले व्यय को राज्य सरकार वहन करेगी। इससे कलाकारों को रोजगार भी प्राप्त होगा साथ ही प्रदेश की संस्कृति का प्रचार प्रसार भी होगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण किया जा सके इसके लिए सभी कार्यों को पूर्ण करने को तिथियां निर्धारित कर ली जाएं और समय से कार्य शुरू एवं पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि बजट की किसी भी प्रकार से कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने उपकरणों की खरीद, विशेष कर जो विदेशों से आयात होने हैं, का कार्य तत्काल शुरु किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले उपकरण में कई बार अत्यधिक समय लग जाने से निर्धारित समय तक नहीं पहुंच पाते हैं।
मुख्य सचिव ने पौड़ी के हाई एल्टीट्यूड रांशी स्टेडियम को भी राष्ट्रीय खेलों से जोड़े जाने की बात कही। कहा कि राष्ट्रीय खेलों से पहले प्रदेश में प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताएं भी कराई जाएं ताकि प्रदेश में खिलाड़ी इसके लिए तैयार और जागरूक हो सकें। उन्होंने कहा कि खेलों के लिए स्वयंसेवकों की टीम भी तैयार की जाए। उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जा सकता है।
इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव सचिन कुर्वे, हरिचंद्र सेमवाल, अपर सचिव खेल जितेन्द्र कुमार सोनकर सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य को विशेष सहायता योजना के तहत दिए जाने वाले फंड की समीक्षा

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में भारत सरकार द्वारा पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना के तहत दिए जाने वाले फंड की समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने पीएम गतिशक्ति उत्तराखण्ड पोर्टल के माध्यम से योजनाओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2022-23 के कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) शीघ्र जमा किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा जो भी कार्य किए जा रहे हैं, उनकी प्रगति को लगातार पोर्टल पर अपलोड किया जाए।
मुख्य सचिव ने वर्ष 2023-24 के लिए भी शीघ्र प्रस्ताव, डीपीआर आदि समय पर जमा कराए जाने हेतु निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किए जाने के लिए लगातार योजनाओं का अनुश्रवण किया जाए। कार्यों के विभिन्न चरणों के लिए समय सीमा निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा कि जो कार्य हो चुके हैं, उनके उपयोगिता प्रमाण पत्र अवश्य अपलोड किए जाएं।
इस अवसर पर सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी एवं अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

सचिवालय के कार्मिकों को सौगात, नवीनीकृत पालना केन्द्र और स्मार्ट क्लास का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय परिसर स्थित नवीनीकृत पालना केन्द्र (क्रेच) व स्मार्ट क्लास का शुभारंभ किया। यह क्रेच सचिवालय के कार्मिकों की ड्यूटी के दौरान उनके बच्चों की देखभाल के उद्देश्य से बनाया गया है। क्रेच में ए.सी, रेफ्रिजरेटर, पेयजल हेतु वाटर प्यूरीफायर, बच्चों के आराम करने के लिए बिस्तर, बाल सुलभ वॉश बेसिन, अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था की गई है। इसमें स्मार्ट क्लास की व्यवस्था भी की गई है। क्रेच में आउटडोर खेल उपकरण लगाये गये हैं। फेन्सिंग, चित्रकारी एवं वाल पेंटिंग से इसे सजाया गया है। क्रेच में ऊर्जा की बचत हेतु दो किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट (सोलर पैनल पावर कंडीशनिंग यूनिट व बैटरी) की व्यवस्था की गई है जिसमें केन्द्र के स्मार्ट क्लास सिस्टम, एल.ई.डी. लाइटिंग एवं समस्त पंखे संचालित हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सचिवालय में कार्मिकों के बच्चों के लिए क्रेच की यह अच्छी सुविधा दी गई है। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुविधा के लिए यहां पर अच्छी व्यवस्था की गई है। इससे जहां सचिवालय में कार्य करने वाले कार्मिकों को बच्चों की देखभाल के लिए अच्छी सुविधा मिलेगी, वहीं बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ सीखने के लिए भी अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं। क्रेच के नवीनीकरण का कार्य मात्र 18 दिनों में कराने के लिए उन्होंने नोडल विभाग महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के प्रयासों की सराहना भी की।
सचिवालय के कार्मिकों ने सचिवालय परिसर में क्रेच की बेहतर सुविधा और बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए इसमें की गई व्यवस्थाओं के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास एच.सी. सेमवाल एवं सचिवालय के कार्मिक उपस्थित रहे।

राजस्व प्राप्ति में वन क्षेत्र की योजनायें बनाई जाये-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में राजस्व वृद्धि के सम्बन्ध में संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने विभागों को राजस्व प्राप्ति के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप कार्ययोजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने खनन विभाग एवं खनन कार्य में लगी एजेन्सीज जीएमवीएन, केएमवीएन एवं वन विकास निगम को सभी स्लॉट संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पारदर्शिता लाने हेतु ई-निविदा के माध्यम से आबंटन कर लगातार अनुश्रवण किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में 72 प्रतिशत वन क्षेत्र होने के कारण इसमें राजस्व प्राप्ति के लिए अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। वनों से होने वाली आय को बढ़ाए जाने हेतु इमारती लकड़ी के व्यावसायिक उत्पादन की दिशा में भी कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में ईको टूरिज्म और जड़ी-बूटी के क्षेत्र में भी रोजगार सृजन की अत्यधिक सम्भावनाएं है। इस दिशा में लगातार कार्य किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को मोटर साईकिल दस्तों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि वाहनों की नीलामी ई-नीलामी के तहत की जाए। उन्होंने एएनपीआर कैमरों के लिए परिवहन विभाग, यातायात पुलिस, वन एवं खनन को एक एकीकृत तंत्र विकसित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, राज्य कर विभाग को खूफिया प्रणाली को और मजबूत किए जाने के निर्देश दिए। बिल लाओ ईनाम पाओ योजना को लगातार जारी रखा जाए, इससे आमजन में बिल जीएसटी के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने आबकारी विभाग को भी निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किए जाने हेतु तेजी से कार्य किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, दिलीप जावलकर, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

कैंपा के तहत शोध कार्यों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ.एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड कैंपा की संचालन समिति की 7वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को उत्तराखण्ड कैंपा के अन्तर्गत शोध कार्यों पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा प्रदेश से सम्बन्धित विषयों और मुद्दों पर शोध किए जाने की आवश्यकता है जिससे प्रदेश और प्रदेशवासियों को लाभ मिल सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के लिए वनाग्नि एक बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि को किस प्रकार से काबू किया जा सकता है, इस पर शोध किया जाए। इसी प्रकार फसलों को जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए शोध किए जा सकते हैं। जंगली सूअर, हाथी और बंदरों से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए किस प्रकार से बायो फेंसिंग कारगर साबित हो सकती है, इन विषयों पर शोध हमारी उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को बायो फेंसिंग सेल गठित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिकारी को इसका दायित्व दिया जाए।
मुख्य सचिव ने कार्यक्रम संचालन की वार्षिक योजना (एपीओ) को दिसंबर माह तक केंद्र सरकार को भिजवा दिए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि योजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए वार्षिक कैलेंडर तैयार किया जाए। समस्त कार्यों को निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण कर लिया जाए।
बैठक के दौरान बताया गया कि कार्यक्रम संचालन की वार्षिक योजना (एपीओ) के लिए 411.88 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। बैठक में उत्तराखण्ड कैंपा की संचालन समिति द्वारा संस्तुति प्रदान की गयी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पीसीसीएफ (हॉफ) अनूप मलिक, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

निराश्रित गौवंश के लिए गौशालाओं का निर्माण हो-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में राज्य स्तर पर निराश्रित गोवंश के रहने के लिए गौशालाओं की उचित व्यवस्था के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने शहरों में निराश्रित गौवंश के लिए गौशालाओं के निर्माण किए जाने हेतु जिलाधिकारियों को भूमि चिन्हित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस योजना से पूरे प्रदेश को आच्छादित करना है। उन्होंने विशेषकर चारधाम यात्रा मार्ग में आने वाले शहरों में घूम रहे गौवंशों को गौशालाओं में रखे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरी विकास विभाग, नगर निगम और पशुपालन विभाग इस सम्बन्ध में अपने अपने निर्धारित कार्य करें, ताकि किसी प्रकार का संशय न हो।
मुख्य सचिव ने कहा कि गौशालाओं का संचालन एनजीओ के माध्यम से कराया जाए। उन्होंने कहा कि सभी नगर निगमों और नगर पालिकाओं में जानवरों को उठाने के लिए हाइड्रोलिक वाहनों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कहा कि इससे जानवरों को लिफ्ट करने में घायल होने से बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी, नगर निगम, नगर पालिकाएं और नगर पंचायतें इस कार्य के लिए एनजीओ सहित भूमि की तलाश शुरू करें।
मुख्य सचिव ने कहा कि गौशालाओं के लिए भूमि लीज पर दिए जाने का अधिकार जिलाधिकारियों को दिया जाएगा। पुरानी गौशालाओं के विस्तारीकरण और नई गौशालाओं के निर्माण के लिए जिलाधिकारी निर्णय ले सकेंगे। जिलाधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि नगर निगम, नगर पालिकाएं एवं नगर पंचायतें पूरी तरह से आच्छादित हो गई हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थान जहां बायोगैस बनाई जा सकती है, उन स्थानों में बायो गैस योजनाएं शुरू की जाएं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव नितेश झा, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम एवं अपर सचिव शहरी विकास नवनीत पाण्डेय सहित अन्य उच्चाधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

सरकार के सकंल्पों की मुख्य सचिव ने की समीक्षा

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में सरकार के ‘‘दृष्टिपत्र-25, संकल्प 2022’’ की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण न हो इसके लिए सभी विभाग अपनी भूमि चिन्हित कर इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने कहा कि पर्वतमाला योजना के तहत प्रदेशभर में विभिन्न रोप वे परियोजनाएं संचालित हो रही हैं जो शीघ्र पूर्ण हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि अन्य स्थानों पर भी रोप वे की संभावनाएं तलाशी जाएं।
मुख्य सचिव ने जनरल बिपिन सिंह रावत पूर्व सैनिक क्रेडिट गारंटी योजना के तहत प्रदेश के पूर्व सैनिक इस योजना का लाभ अधिक से अधिक उठा पाएं, इसके लिए इस सम्बन्ध में प्रदेश का डाटा एकत्रित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस परियोजना का प्रतिदिन मॉनिटरिंग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने मानसखंड सर्किट तक पहुंच आसान बनाने के लिए टनकपुर, रामनगर और हल्द्वानी से मानसखंड सर्किट के लिए सड़कों के विकास पर फोकस किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को मजबूती प्रदान करने के लिए उनके द्वारा बनाए उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि मार्केटिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने प्रदेश में जन औषधि केंद्रों की संख्या अधिक से अधिक बढ़ाए जाने के निर्देश दिए, कहा कि आमजन को सस्ती जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र बहुत कारगर साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बहुत से खूबसूरत पर्वतीय शहर हैं जिनमें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकने की अत्यधिक संभावनाएं हैं ऐसे शहरों को मसूरी एवं नैनीताल की तर्ज पर विकसित करने के लिए चिन्हित कर फीजिबिलिटी टेस्ट करवा लिया जाए। साथ ही उन्होंने प्रदेश में साहसिक पर्यटन की दृष्टि से उपयुक्त अधिक से अधिक पर्यटन स्थलों को चिन्हित कर विकसित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेशभर में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक ईको टूरिज्म स्थल चिन्हित कर विकसित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स विकसित किए जाने की दिशा में अधिक से अधिक प्रस्ताव लाए जाएं। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल एरिया के आसपास अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स की अत्यधिक आवश्यकता है। इससे इंडस्ट्रियल एरिया के आसपास रह रहे मजदूर वर्ग को सस्ती दरों पर किराए पर साफ सुथरे आवास मिल सकेंगे।
मुख्य सचिव ने उत्कृष्ट विद्यालय बनाए जाने में तेजी लाते हुए योजना को शीघ्र धरातल पर उतारे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत कॉलेजों के सुदृढ़ीकरण के साथ ही हॉस्टल उपलब्ध कराए जाने पर फोकस किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक पुरुष एवं महिला हॉस्टल तैयार किए जाएं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, बृजेश कुमार संत, एस. एन. पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी एवं विजय कुमार यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

ऋषिकेश एम्स में यूथ-20 की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव ने दिये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में युवा कार्यक्रम और खेल, मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत 5 मई, 2023 को एम्स, ऋषिकेश में आयोजित होने वाले यूथ-20, जो कि भारत की अध्यक्षता में हो रहे जी-20 सम्मेलन का हिस्सा है, की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की गयी। बैठक के दौरान बताया गया कि यूथ-20 इण्डिया शिखर सम्मेलन में देश के सभी राज्यों सहित विश्वभर के युवा प्रतिभाग करेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह सम्मेलन उत्तराखण्ड में आयोजित हो रहा है। इसे देश और प्रदेश की छवि को दुनियाभर में प्रस्तुत करने का अवसर के तौर पर देखा जाना चाहिए। उत्तराखण्ड एक पर्यटन प्रदेश होने के नाते हमें प्रदेश की प्राकृतिक और सांस्कृतिक सुन्दरता को देश और विदेश तक पहुंचाने का अवसर है। उन्होंने कहा कि सभी प्रतिभागियों का स्वागत और रहने आदि की व्यवस्था उचित प्रकार से की जानी चाहिए। देश और विदेश से आने वाले सभी प्रतिभागियों को एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन एवं बस अड्डों में हेल्प डेस्क उपलब्ध करायी जाए, ताकि उन्हें कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो।
मुख्य सचिव ने पर्यटन, कृषि और उद्योग विभाग को कार्यक्रम के दौरान स्थानीय उत्पादों के स्टॉल लगाए जाने के निर्देश दिए। कार्यक्रम के समापन के बाद जब वे यहां से जाएं तो उनके मन में प्रदेश और यहां की कला एवं संस्कृति की एक अच्छी छवि जाए। चारधाम यात्रा के दौरान ऋषिकेश में कार्यक्रम आयोजित होने से प्रतिभागियों को जाम जैसी स्थिति का सामना न करना पड़े इसके लिए विशेष प्रबन्ध किए जाएं। उन्होंने प्रतिभागियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के इंतजाम भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण अभिनव कुमार, सचिव दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, अपर सचिव सी. रविशंकर, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर, उपाध्यक्ष एमडीडीए एवं महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित एम्स, ऋषिकेश के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।