अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के आयोजन की जिम्मेदारी को एक सप्ताह में एक्शन प्लान तय करने के निर्देश

सीएस राधा रतूड़ी ने 12 जनवरी 2025 को देहरादून में प्रस्तावित अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन के आयोजन के दौरान विभिन्न सत्रों की जिम्मेदारी सम्बन्धित सचिवों को देते हुए एक सप्ताह में कार्ययोजना तय करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाले सत्रों में राज्य में विभिन्न क्षेत्रों जैसे मैन्युफेक्चरिंग, पावर जनरेशन, स्टार्ट-अप आदि में निवेश के सम्भावनाओं पर चर्चा करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेषकर पर्यटन, कृषि, बागवानी, ग्राम्य विकास, उच्च शिक्षा, स्किल डेवलपमेण्ट, हेल्थ केयर, आयुष, योगा आदि पर विचार मंथन करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन सत्रों में विषय विशेषज्ञों एवं अधिकारियों के साथ ही अतिथि प्रवासियों को भी वक्ताओं के रूप में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रस्तावित अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन के आयोजन के दौरान राज्य की लोक संस्कृति, खानपान, स्थानीय हस्तशिल्प, उत्पादों के बेहतरीन प्रदर्शन के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सम्मेलन के दौरान आयोजित किए जाने वाले प्रत्येक सत्र हेतु सम्बन्धित विभाग के सचिव को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को सम्मेलन के आयोजन के दौरान शहर एवं आयोजन स्थल की स्वच्छता, पार्किंग व्यवस्था, विदेश से आने वाले प्रवासी अतिथियों के स्वागत-सत्कार हेतु सम्पर्क अधिकारियों, परिवहन, प्रोटोकॉल, रहने, ट्रैफिक की पुख्ता व्यवस्था हेतु निर्देश दिए हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव मीनाक्षी सुन्दरम, सचिन कुर्वे, विनोद कुमार सुमन सहित सभी विभागों के सचिव, अपर सचिव एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एंड आरोग्य एक्सपोः विदेशी अतिथियों की सभी आवश्यकताओं के लिये अधिकारियों को मिले निर्देश

देहरादून में 12 से 15 दिसम्बर तक आयोजित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एण्ड आरोग्य एक्सपो की तैयारियों को अन्तिम रूप देने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विभिन्न कार्यों के लिए तत्काल नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य योगदान देने वाले सभी विभागों आयुष, पर्यटन, हॉर्टीकल्चर, उद्योग, कौशल विकास, स्वास्थ्य व संस्कृति विभाग के साथ ही भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के साथ प्रभावी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने इस आयोजन में दुनियाभर से आने वाले विदेशी अतिथियों हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ ही प्रोटोकॉल व सम्पर्क अधिकारियों की सूची को अन्तिम रूप देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आयोजन स्थलों पर फूड एवं फायर सेफ्टी सहित सभी सुरक्षा सम्बन्धित व्यवस्थाओं को पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने नगर निगम को शहर व आयोजन स्थलों पर स्वच्छता पर विशेष रूप से कार्य करने तथा अन्य सम्बन्धित विभागों को पार्किंग, बिजली व जल की अबाध आपूर्ति आदि हेतु निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने वर्ल्ड आयुर्वेद कॉंग्रेस एण्ड आरोग्य एक्सपो के आयोजन के दौरान स्टेट ब्रांडिंग के साथ ही उत्तराखण्ड की संस्कृति, स्थानीय भोजन आदि को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वर्ल्ड आयुर्वेद कॉंग्रेस के दौरान उत्तराखण्ड आधारित आयुष एमएसएमई तथा उद्यमों के प्रदर्शन व प्रचार-प्रसार पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में जानकारी दी गई कि देहरादून में 12 से 15 दिसम्बर तक आयोजित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रम वर्ल्ड आयुर्वेद कॉग्रेस एण्ड आरोग्य एक्सपो हेतु वर्ल्ड आयुर्वेद कॉग्रेस द्वारा देश और दुनियाभर के आयुर्वेद से जुड़े विशेषज्ञों, चिकित्सकों, विद्वानों, को निमंत्रण भेज दिए गए हैं। आयोजन के दौरान 400 से अधिक सत्रों के फॉर्मेट को अन्तिम रूप दे दिया गया है। 100 वक्ताओं की सूची तैयार की जा रही है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव पंकज कुमार पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

बजट जारी कर अधूरी योजनाओं को पूर्ण करने को सीएस ने सभी विभागों से तत्काल मांगे प्रस्ताव

अनुमोदित प्रस्तावों पर शासनादेश जारी करने में विलम्ब पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सम्बन्धित अधिकारियों को इस सम्बन्ध में तत्परता से कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। सीएस रतूड़ी ने मिसिंग लिंक फण्ड के तहत जिन विभागों में प्रस्ताव डीपीआर, टीएसी या डीएफसी स्तर पर लम्बित हैं, उनकी प्रक्रिया को त्वरित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सचिवालय में मिसिंग लिंक से पोषित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान विभिन्न विभागों के प्रस्तावों को मिसिंग लिंक द्वारा फंडिंग किए जाने पर सहमति बनी। मुख्य सचिव ने सचिव वित्त को सभी विभागों से तत्काल प्रस्ताव लेने के निर्देश दिए, ताकि बजट जारी कर अधूरी योजनाओं को पूरा किया जा सके ।

मिसिंग लिंक फंडिंग पर चर्चा करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मिसिंग लिंक फंडिंग अपूर्ण योजनाओं को पूरा करने का स्वर्णिम अवसर है। इस सम्बन्ध में सभी विभाग अपने स्तर पर ऐसी आधी-अधूरी योजनाओं का गंभीरता से आंकलन करे, फील्ड ऑफिसर्स से भी जानकारी ली जाए। सभी विभागों को योजनाओं की ऑनरशिप लेते हुए कार्य करने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव ने योजनाओं की स्वीकृति व क्रियान्वयन में प्रक्रियाओं की स्पष्टता व सरलीकरण के निर्देश भी दिए है।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पूर्व में स्वीकृत प्रस्तावों की प्रगति भी पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर नियमित अपलोड की जाए। पीएम गतिशक्ति में इन प्रोजेक्ट्स की निरन्तर मॉनिटरिंग की जाती है।

अधिकारियों विशेषरूप से सचिवों की अनुपस्थिति में पत्रावली सम्बन्धित शासकीय कार्यों में विलम्ब न हो इस पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि अधिकारी इस सम्बन्ध में समाधान हेतु किसी भी समय तत्काल मुख्य सचिव से सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को शासकीय कार्यों में तत्परता से कार्य करने की संस्कृति विकसित करने की नसीहत दी।

मिसिंग लिंक के तहत ऐसे प्रस्तावों को स्वीकृति दी जाती है जिन्हें जनपदों में किसी भी योजना के तहत फंडिंग नही हो पाती, ऐसे प्रोजेक्ट्स को मुख्य सचिव कोष से फंडिंग की जाती है।

बैठक में सचिव शैलेश बगौली, दिलीप जावलकर, डा बी वी आर सी पुरुषोत्तम सहित वित्त, पशुपालन, महिला एवं बाल विकास, उद्यान विभाग, ऊर्जा के अपर सचिव तथा वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी चंपावत मौजूद रहे।

बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों के साथ नदियों के नियमित चैनलाइजेशन के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को एसडीआरएफ (राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि) के तहत होने वाले विभिन्न सुरक्षात्मक एवं पुर्ननिर्माण कार्यों में उच्च गुणवत्ता के साथ समयबद्धता को प्राथमिकता देने की सख्त हिदायत दी है। सीएस रतूड़ी ने बाढ़ सुरक्षात्मक कार्याे के साथ ही नदियों के नियमित चौनलाइजेशन करने के निर्देश दिए हैं। जोखिमपूर्ण क्षेत्रों में आबादी की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता पर रखने के निर्देश देते हुए मुख्य सचिव ने तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा कटाव स्थलों पर त्वरित कार्यवाही करने को कहा है। उन्होंने अधिकारियों द्वारा जमीनी स्तर पर नियमित निरीक्षण हेतु भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के तहत क्षतिग्रस्त केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के सुरक्षात्मक कार्यों, रूद्रप्रयाग में ऊखीमठ के बेडुला तिमली तोक व सरूणा गांवों की मधुगंगा नदी से कटाव सुरक्षा योजना, ऊखीमठ के पैज गांव की आवासीय बस्ती के समीप वैज-करोखी मोटर मार्ग पर भू-धंसाव एवं भू-स्खलन की रोकथाम हेतु सुरक्षा योजना, रा0 ई0 कालेज वैडा के समीप हो रहे भूस्खलन एवं आकाश कामिनी नदी से कटाव सुरक्षा योजना, सीतापुर बाजार की पातीगाड एवं मन्दाकिनी नदी के दांये तट से कटाव सुरक्षा योजना, सोनप्रयाग में सोन नदी के बाएं तट पर बिजली घर पर बाढ़ सुरक्षा कार्यों, सोनप्रयाग में सोन व मन्दाकिनी नदी के संगम में डाउन स्ट्रीम में निर्मित योजनाओं के सुरक्षात्मक कार्यों, ऊखीमठ की मंगोली आवासीय बस्ती की कुपडा गदेरे से कटाव सुरक्षा योजना, उत्तरकाशी के बड़कोट के बनास गांव में आबादी के बचाव हेतु सुरक्षात्मक कार्यों, उधमसिंहनगर के सितारगंज में निर्मल नगर को बैगुल नदी की बाढ़ से बचाने हेतु बाढ़ सुरक्षा योजना जैसे विभिन्न प्रस्तावों पर अनुमोदन दिया।

सचिवालय में राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के प्रस्तावों पर अनुमोदन हेतु मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गठित राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में सचिव शैलेश बगौली, डा0 आर राजेश कुमार, विनोद कुमार सुमन सहित लोक निर्माण विभाग व सिंचाई विभाग के अधिकारी तथा जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग एवं उधमसिंहनगर मौजूद रहे।

एफएसएसएआई ने किया सुद्धोवाला जिला कारागार को ईट राईट कैंपस घोषित

सुरक्षित स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय दृष्टि से बेहतर भोजन उपलब्ध कराने एवं स्वच्छता के मानकों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा राज्य सचिवालय परिसर एवं जिला कारागार परिसर को ईट राईट कैम्पस का प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है।

आज राज्य सचिवालय स्थित सभागार में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में इस सम्बन्ध में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर मुख्य सचिव द्वारा भारत सरकार की ओर से निर्गत ईट राईट कैम्पस प्रमाण पत्र को सचिवालय प्रशासन के सचिव श्री दीपेन्द्र चौधरी एवं उपमहानिरीक्षक जेल को विधिवत प्रदान किया गया। इस महत्वपूर्ण एवं कारगर पहल के लिए मुख्य सचिव ने सचिवालय प्रशासन की सराहना की और कार्यक्रम में मौजूद महानिरीक्षक जेल की ओर से ईट राईट कैम्पस प्रमाणीकरण हेतु किये गये प्रयासों की प्रशंसा की।

सीएस ने इस उपलब्धि के लिए सचिवालय परिसर में कार्यशील विभिन्न खान-पान सेवाओं यथा इंदिरा अम्मा भोजनालय, जी.एम.वी.एन कैंटीन के फूड सुपरवाइजर को अपनी ओर से शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि उन्हें सुरक्षित एवं स्वच्छ खाद्य पदार्थ के मानक अनुसार अपनी सेवाएं बनाये रखने की कसौटी पर प्रतिदिन खरा उतरना चाहिए।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखण्ड के तत्वाधान में सचिवालय प्रशासन द्वारा की गई इस पहल को अनिवार्य बताते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सचिवालय एक अनुकरणीय स्थल है और यहां पर राज्य के विभिन्न स्थानों से जनमानस का आवागमन बना रहता है जिसे देखते हुए इस परिसर को ईट राईट कैम्पस के रूप में घोषित किया जाना राज्य सरकार के अन्य संस्थानों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत होगा।

इसी प्रकार राज्य में स्थित जेलों के भोजनालय तथा कैंटीन द्वारा खाद्य सुरक्षा के मानकों अनुसार कैदियों को खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना भी सरकार के लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता का विषय है। इस दिशा में जिला कारागार, सुद्धोवाला को निर्गत ईट राईट कैम्पस का प्रमाण पत्र महत्वपूर्ण कदम है।

ज्ञातव्य है कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा ऐसे सभी कार्य स्थल, जहां पर कार्य करने वाले अधिकांश लोग, कम से कम एक बार का जलपान अथवा भोजन नियमित रूप से ग्रहण करते हैं, को सुरक्षित एवं स्वस्थ खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए ईट राईट कैम्पस पहल आरम्भ की गई है।

इस क्रम में खाद्य एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखण्ड के तत्वाधान में विगत दिनों राज्य सचिवालय तथा जिला कारागार परिसर, सुद्धोवाला, देहरादून में संचालित समस्त कैंटीन, भोजनालय एवं अन्य खान-पान सेवाओं का फूड सेफ्टी ऑडिट किया गया तथा यहां पर काम करने वाले फूड हैंडलर्स को फूड सेफ्टी आधारित फास्टैक प्रदान किया गया।

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा प्रशिक्षण हेतु एकेडमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, ऑडिट कार्यों के लिए यू.आर.एस सर्टिफिकेशन तथा इस पहल के संचालन के लि एद रेड कार्पेट वेंचर जैसी अनुभवी संस्थाओं को अधिकृत किया गया था। इस संपूर्ण प्रक्रिया में राज्य सचिवालय तथा जेल प्रशासन को किसी प्रकार का वित्तीय भार वहन नही करना पड़ा तथा समस्त व्यय सी.एस.आर के तहत अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था हर्बलाइफ इंडिया द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के दौरान सचिव, सचिवालय प्रशासन, दीपेन्द्र चौधरी, आईजी विमला गुंजयाल, अपर सचिव अनुराधा पाल, उप-महानिरीक्षक जेल, श्री दधिराम मौर्य, अपर आयुक्त, एफ.डी.ए, ताजबर सिंह, गणेश कण्डवाल,उपायुक्त/नोडल ऑफिसर ईट राईट इण्डिया, सचिवालय परिसर में स्थित इंदिरा अम्मा भोजनालय, जी.एम.वी.एन कैंटीन, मिलेट बेकरी तथा आंचल डेरी के फूड सुपरवाइजर एवं भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा अधिकृत ट्रेनिंग पार्टनर, फूड ऑडिटर आदि मौजूद रहे।

उत्तराखण्ड स्किल डेवलपमेंट एण्ड एम्पलॉयमेंट कॉन्फ्रेस की तैयारियों के सम्बन्ध में हुई बैठक

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आगामी अक्टूबर में नियोजन विभाग व सेतु आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली उत्तराखण्ड स्किल डेवलपमेंट एण्ड एम्पलॉयमेंट कॉन्फ्रेस की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने राज्य के युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से सशक्त करते हुए उनकी रोजगार की चुनौतियों के समाधान के साथ समावेशी व सतत् विकास की रणनीतियों पर मंथन के उद्देश्य से आयोजित की जाने वाली इस कॉन्फ्रेस से नीति आयोग, अर्न्तराष्ट्रीय श्रम संगठन, इंस्टीटयूट ऑफ हूयमन डेवलपमेंट, इन्टप्रयोन्रशिप डेवलपमेंट इंस्टीटयूट ऑफ इण्डिया, यूएनडीपी व यूनीसेफ को जोड़ने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने उक्त कॉन्फ्रेंस में युवाओं के लिए विदेश में रोजगार के अवसर तथा विदेश की आवश्यकताओं के अनुसार युवाओं हेतु कौशल विकास के कोर्स संचालित करने पर एक विशेष सत्र आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कौशल विकास के साथ विदेशी भाषाओं के कोर्स संचालित करने की रणनीति पर भी कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को प्रभावी समन्वय के साथ एकीकृत होकर कौशल विकास की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने विशेष रूप से वन विभाग को कौशल विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए राज्य में ट्रेकिंग हेतु आने वाले पर्यटकों के लिए स्थानीय युवाओं को नेचर गाइड के रूप में प्रशिक्षित करने की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कौशल विकास व रोजगार के अवसरों को बढ़ाने हेतु सरकारी विभागों व संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों, निजी क्षेत्र व गैर सरकारी संगठनों के मध्य सुदृढ़ सहभागिता को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, सचिन कुर्वे सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

विभिन्न इण्डेक्स में सुधार को लेकर नियोजन विभाग के साथ हुई मुख्य सचिव की बैठक

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एसडीजी इण्डेक्स 2023-24 के तहत उत्तराखण्ड में मातृ मृत्यु दर में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग को 104 के माध्यम से एएनएम द्वारा गर्भवती महिलाओं की एएनसी (प्रसव पूर्व देखभाल) के लिए की जाने विजिट की ट्रैकिंग के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर में मातृ मृत्यु दर में सुधार के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को मिशन मोड में कार्य करते हुए प्रदेशभर में गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग, एएनसी, एनिमिया की स्थिति पर गैर सरकारी स्वास्थ्य संगठनों के साथ कार्य करते हुए जल्द एक एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस राधा रतूड़ी ने स्कूली शिक्षा में दिव्यांग बच्चों की भागीदारी में सुधार के लिए प्रदेश में शिक्षा से वंचित दिव्यांग बच्चों की गणना के निर्देश देते हुए उनके लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था के लिए एनआईवीएच सहित चार प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों की सहायता लेने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एसडीजी इण्डेक्स के तहत निजी क्षेत्र में प्रबन्धकीय पदों में महिलाओं की भागीदारी के बढ़ाने के लक्ष्य के सम्बन्ध में श्रम विभाग को नोडल बनाते हुए इस सम्बन्ध में सर्वेक्षण व डेटा एकत्रित करने के निर्देश दिए हैं। महिलाओं के प्रति घरूलू हिंसा के मामलों पर मुख्य सचिव ने पुलिस विभाग को महिला हेल्प डेस्क पर आने वाली प्रताड़ित महिलाओं को सेफ हाउस में रखने तथा उनके अभिभावकों की काउसिंग की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने राज्य में आत्महत्या के मामलों के सम्बन्ध में पुलिस विभाग को आयु के अनुसार आत्महत्या के आंकड़ों की जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिए हैं ताकि टारगेटेड अप्रोच के साथ इस दिशा में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की जा सके। अनुसूचित जातियों के खिलाफ हिंसा के मामलों में मुख्य सचिव ने प्रभावी जांच एवं ससमय क्षतिपूर्ति वितरण के निर्देश दिए हैं। सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में नियंत्रण के सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को नोडल बनाते हुए ब्लैक स्पॉट, क्रैश बैरियर से सम्बन्धित डेटा एकत्रित करने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में एसडीजी इण्डेक्स 2023-24 के तहत विभिन्न इण्डेक्स में सुधार के सम्बन्ध में नियोजन विभाग के साथ मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, डा0 आर राजेश कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव ने कलेक्शन सेंटर की वास्तविक उपयोगिता को लेकर की बैठक

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रदेशभर के सभी कलेक्शन सेन्टर की वास्तविक उपयोगिता के सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब की है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रदेशभर के सभी कलेक्शन सेन्टर की वास्तविक उपयोगिता के सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने सभी कलेक्शन सेन्टर की लोकेशन मैपिंग, उनके संचालन की स्थिति, वर्तमान में उनका कितना वास्तविक उपयोग हो रहा है, इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट सम्बन्धित विभाग से मांगी है। मुख्य सचिव ने REAP (Rural Enterprise Acceleration Project) के तहत Wayside Amenities एवं क्लेक्शन सेन्टर निर्माण की इकाई दरों के संशोधन के प्रस्ताव पर भी अनुमोदन दिया। उन्होंने कृषि विभाग को पर्वतीय फसलों, दालों व मिलेट के सर्टिफाइड बीजों के उत्पादन में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रोजेक्ट पर अनुमोदन देते हुए REAP के तहत इस क्षेत्र में 400 उद्यमियों को तैयार करने लक्ष्य समयबद्धता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने तेजपत्ता के दोहन व वैल्यू एडिशन की वैश्विक पद्धतियों का भीमताल व ओखलकांडा ब्लॉकों में विस्तार करते हुए 500 उद्यमी तैयार करने, बकरी की नस्ल एवं मूल्य श्रृंखला उत्पाद विकास के तहत 728 उद्यमी तैयार करके, रेशम विभाग की सहायता से दून सिल्क धरोहर संरक्षण के तहत 300 उद्यमी तैयार करने, मुर्गीपालन हेतु मदर यूनिट व रियरिंग यूनिट स्थापना के माध्यम से 503 उद्यमी तैयार करने, मशरूम कम्पोस्ट व उत्पादन इकाई के तहत 402 उद्यमी तैयार करने के कुल 6033.59 लाख रुपये के प्रस्तावों पर अनुमोदन दिया।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने REAP परियोजना के तहत अधिकाधिक स्थानीय महिलाओं को घरेलू पशुओं के स्वास्थ्य कर्मियों रूप में प्रशिक्षित करते हुए 2400 पशुसखी किट वितरित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित करते हुए इस लक्ष्य को समयबद्धता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने महिलाओं के कार्य के बोझ को कम करने के उद्देश्य से 2000 ग्राम संगठनों को राष्ट्रीय निविदा के माध्य से छोटे व उन्नत कृशि/उद्यान यंत्रों के वितरण के प्रस्ताव को अनुमोदित करते हुए इस सम्बन्ध में विभाग को निर्देश दिए हैं कि फार्मिंग यंत्रों के वितरण से महिलाओं के कार्य कितना बोझ कम हुआ है, इस सम्बन्ध में एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार की जाए। मुख्य सचिव ने सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में लैगिंक संवेदनशीलता (Gender Sensitization) को प्राथमिकता पर रखने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएफएल) में में उन्नत आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के साथ ही इनके माध्यम से स्थानीय लोगों विशेषकर महिलाओं फाइनेंशियल लिटरेसी व साइबर सिक्योरिटी का भी प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में REAP (ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना) की चौथी उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में सचिव राधिका झा, धीराज गर्ब्याल, अपर सचिव मनुज गोयल, विनीत कुमार सहित सभी उपायुक्त व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

चम्पावत, हरिद्वार व उधमसिंह नगर में अटल भूजल योजना

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अटल भूजल योजना के तहत राज्य के तीन जल संकटग्रस्त जनपदों चम्पावत, हरिद्वार व उधमसिंह नगर में जल बजटिंग व कार्यक्रम के स्थानीय स्तर पर कार्यान्वयन की देखरेख और विभिन्न राज्य एजेंसियों के बीच भूजल प्रबंधन के लिए समन्वय हेतु स्टेट लेवल स्टीयरिंग कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव द्वारा कमेटी में लघु सिचाई विभाग को नोडल विभाग बनाते हुए पेयजल व स्वच्छता, शहरी विकास, शहरी विकास, पंचायती राज, सिचाई, ग्राम्य विकास विभाग व स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कमेटी को कार्यक्रम की नियमित रूप से मासिक समीक्षा के भी निर्देश दिए हैं।
सीएस रतूड़ी ने नोडल विभाग को स्थानीय निकायों के स्तर पर मास्टर ट्रेनर्स नामित करने तथा उनके प्रशिक्षण हेतु आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। यह मास्टर ट्रेनर वाटर प्लान व बजटिंग बनाने में सहायता करेंगे।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जल संकटग्रस्त जनपदों चम्पावत, हरिद्वार व उधमसिंह नगर में अटल भूजल योजना के तहत कैच द रैन, अमृतसरोवर, स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण की गतिविधियों को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

अटल भूजल योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल देते हुए सीएस राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया है कि इस योजना का उद्देश्य मुख्य रूप से वर्तमान में संचालित विभिन्न केंद्रीय और राज्य योजनाओं के बीच कन्वर्जेंस के माध्यम से सामुदायिक नेतृत्व व भागीदारी से स्थायी भूजल प्रबंधन में सुधार करना है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जागरूकता कार्यक्रमों और स्थायी भूजल प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए क्षमता निर्माण के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर व्यवहार में बदलाव लाने के लिए कार्य किए जाए। मुख्य सचिव ने जिलों में समुदायों और पंचायतों की विभिन्न गतिविधियों जैसे वाटर यूजर एसोसिएशन का गठन/मजबूती, भूजल आंकड़ों की निगरानी और प्रसार, जल बजट और ग्राम पंचायतवार जल सुरक्षा योजनाओं (डब्ल्यूएसपी) की तैयारी और उनके कार्यान्वयन में सक्रिय भागीदारी हेतु निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि अटल भूजल योजना का एक मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर व्यवहार में बदलाव लाना है। इसके लिए जल बजट और वाटर सिक्योरिटी प्लान तैयार करते समय जल उपलब्धता और उपयोग जैसे जल संबंधी डेटा का उपयोग किया जाएगा। ये योजनाएँ सामुदायिक भागीदारी से तैयार की जाएंगी और योजना में इस्तेमाल किए गए डेटा को पूरे समुदाय तक पहुँचाया जाएगा। इसके अलावा, जल संबंधी डेटा को बेहतर बनाने के लिए डिजिटल वाटर लेवल रिकॉर्डर (डीडब्ल्यूएलआर), वाटर लेवल साउंडर, रेन गेज, वाटर फ्लो मीटर जैसे विभिन्न उपकरण लगाए जाएंगे। इसके अलावा, भारत सरकार राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना के तहत सतही और भूजल दोनों के लिए विभिन्न रियल टाइम डेटा अधिग्रहण प्रणाली (आरटीडीएएस) भी स्थापित कर रही है।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की अटल भूजल योजना के तहत पंचायत स्तर के वाटर यूजर एसोसिएशन में जल बजट और वाटर सिक्योरिटी प्लान अभ्यास में महिलाओं की भागीदारी कम से कम 33 प्रतिशत रखी गई है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में मौजूदा ग्राम जल और स्वच्छता समिति का विस्तार किया गया है और उनका सहयोग इस कार्यक्रम में लिया जा रहा है। अटल भूजल योजना (अटल जल) गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे 7 राज्यों के 80 जिलों की 8,562 ग्राम पंचायतों में कार्यान्वित की जा रही है, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से विभिन्न चल रही केंद्रीय और राज्य योजनाओं के बीच अभिसरण के माध्यम से समुदाय के नेतृत्व में स्थायी भूजल प्रबंधन में सुधार करना है। उत्तराखण्ड राज्य के तीन जल संकटग्रस्त जिलों हरिद्वार, उधमसिंह नगर व चंपावत को भी योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है।

सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में अटल भूजल योजना से सम्बन्धित आज की बैठक में सचिव शैलेश बगौली सहित पंचायती राज, पेयजल, शहरी विकास, सिचाई, लघु सिचाई, ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

15 अगस्त तक हरेला के तहत निर्धारित किए गए 50 लाख पौधारोपण के लक्ष्य को पूरा करेंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘‘हर घर तिरंगा’’ अभियान की सभी गतिविधियों के अनिवार्य डॉक्यूमेंटेशन करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने 15 अगस्त तक हरेला के तहत निर्धारित किए गए 50 लाख वृक्षारोपण के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी डीएम को 15 अगस्त से एक सप्ताह पूर्व जनपदों में स्वच्छता अभियान भी चलाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने हर घर तिरंगा अभियान में प्लास्टिक के झण्डों का प्रयोग नही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने झण्डों के निर्माण व आपूर्ति में महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता लेने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर अमृत सरोवर पर झण्डारोहण तथा एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत अनिवार्य रूप से वृक्षारोपण के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस दौरान जल संरक्षण अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

अत्यधिक वर्षा के कारण नालियों व नालों में जलभराव की समस्याओं के निस्तारण हेतु मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस से पूर्व स्वच्छता अभियान के साथ ही नालियों के सफाई सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को जनपदों में तिरंगा यात्रा के तहत भव्य जुलूस के आयोजन तथा इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्कूलों, कॉलेजों, संगठनों व निवासियों को अपने झंडों के साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने तिरंगा श्रद्धाजंलि के तहत स्वतंत्रता सेनानियों व उनके परिवारों को सम्मानित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही तिरंगा कैनवास के तहत हर घर तिरंगा कार्यक्रम स्थलों पर तिरंगा कैनवास लगाया जाएगा ताकि लोग स्थानीय भाषा में हर घर तिरंगा या जय हिंद लिख सके। मुख्य सचिव ने 12 अगस्त को स्कूल, कॉलेजों, शैक्षणिक संस्थानों व अन्य ऐसे स्थलों जहां पर युवाओं की संख्या अधिक है, युवाओं को विकसित भारत के तहत नशे से मुक्ति की शपथ दिलवाने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में सचिव एच सी सेमवाल, निदेशक संस्कृत बीना भटट, अपर सचिव सविन बंसल सहित सभी जिलों के जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।