कैबिनेट की बैठक में हुआ फैसला ‘‘मुख्यमंत्री मेधावी छात्र पुरस्कार योजना‘‘ होगी संचालित


आज मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक आयोजित हुई। इसमें महिलाओं, युवाओं, रोजगार के अलावा मेधावियों के लिए पुरस्कार योजना, आवास नीति (संशोधन) नियमावली, स्टाफ नर्स की भर्ती, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को लेकर अहम निर्णय लिए गए।
जानिए दस प्रमुख निर्णय, जो बैठक में हुए-
1. राज्य की आर्थिकी महिलाओं पर आधारित है। इसके बावजूद जिन महिलाओं के नाम जमीन नहीं है, उन्हें ऋण मिलने में समस्याएं आती हैं। इसके लिए मंत्रीमण्डल द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है, समिति में अपर मुख्य सचिव, सचिव राजस्व एवं सचिव न्याय भी सम्मिलित हैं। यह समिति महिलाओं को स्वामित्व देने हेतु सुझाव देगी।
2. उत्तराखण्ड प्रान्तीय सशस्त्र पुलिस, पीएसी, एपी और आई आरबी में आरक्षी, मुख्य आरक्षी, गुल्मनायक, उपनिरीक्षक(सशस्त्र), दलनायक एवं प्रतिसार निरीक्षक अधीनस्थ सेवा (संसोधन) नियमावली 2020 का प्रख्यापन। इसमें मूल नियमावली में गुल्मनायकों की ज्येष्ठता निर्धारण के पूर्व प्राविधानों को संशोधित कर पूर्व की ज्येष्ठता, पूर्व प्रचलित व्यवस्था अनुसार एवं नियमावली प्रख्यापन के अनुसार ज्येष्ठता का निर्धारण 2019 में विद्यमान व्यवस्थानुसार किए जाने का प्राविधान किया जा रहा है। नियमावली में भर्ती की कार्यवाही हेतु अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्राविधान के दृष्टिगत सीधी भर्ती की प्रक्रिया, विभागीय योग्यता परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने हेतु लिखित परीक्षाध्परिणाम घोषित किए जाने की कार्यवाही आयोग के माध्यम से कराए जाने के सम्बन्धित प्राविधानों को और स्पष्ट किया जा रहा है। प्रख्यापित नियमावली में महिला का ढांचा-पद सृजन पृथक पृथक होने के दृष्टिगत रिक्ती की सीमा तक पुरूष एवं महिला कार्मिकों की पदोन्नति पृथक पृथक करने का प्राविधान किया जा रहा है।
3. देघाट जिला अल्मोड़ा में केन्द्रीय विद्यालय स्थापित किए जाने हेतु 0.113 हे0 भूमि केन्द्रीय विद्यालय संगठन के पक्ष में आबंटित किए जाने का निर्णय लिया गया।
4. रिवरफ्रंट डेवेलपमेंट योजना हेतु मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण के प्रबन्धन में देहरादून के अन्तर्गत ब्राह्मणवाला देहरादून में स्थित खसरा सं0 142(ग), रकबा 0.4250 है0 में से रकबा 0.2561 हे0 भूमि नगर निगम, देहरादून को वापस हस्तान्तरित किए जाने का निर्णय लिया गया।
5. उत्तराखण्ड आवास नीति (संशोधन) नियमावली, 2020 प्रख्यापित की गयी।
6. उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए जाने हेतु ‘‘मुख्यमंत्री मेधावी छात्र पुरस्कार योजना‘‘ संचालित की जाएगी। इस योजना के तहत स्नातक कक्षाओं के अंतिम परीक्षाफल में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आने वाले विद्यार्थियों को क्रमशः रू0 50 हजार, रू0 30 हजार एवं रू0 15 हजार एवं परास्नातक कक्षाओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आने वाले विद्यार्थियों के लिए रू0 75 हजार, रू0 60 हजार एवं रू0 30 हजार का पुरस्कार दिया जाएगा।
7. स्टाफ नर्स की भर्ती प्राविधिक शिक्षा परिषद के माध्यम से शीघ्र शुरू की जाएगी।
8. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग एवं जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की सेवा शर्तें, वेतन भत्ते) नियमावली, 2020 प्रख्यापित
9. लोक सेवा आयोग का 1 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 का 19वाँ प्रतिवेदन विधानसभा में रखा जाएगा।
10. श्रम विभाग के अन्तर्गत कर्मकारों के लाईसेंस के नवीनीकरण को ऑनलाइन पोर्टल पर व्यवस्था की गयी।

कोविड के बचाव को राज्य में पर्याप्त मात्रा में डेडीकेटेड अस्पतालः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन द्वारा कोविड-19 के सम्बन्ध में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ली गयी बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को बताया कि त्योहार के सीजन को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए प्रचार व प्रसार पर विशेष ध्यान दिये जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड के बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में डेडीकेटेड अस्पताल हैं। इसके साथ ही अस्पताल में वेंटीलेटर, आईसीयू बेड एवं ऑक्सीजन सप्लाई भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सैंपल टेस्टिंग की 10 लैब कार्यरत है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बताया कि बिना मास्क के लिए एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने के लिए लगातार चालान भी काटे जा रहे हैं। इसके साथ ही, जिनका मास्क न पहनने पर चालान काटा जा रहा है, उन्हें मास्क भी उपलब्ध कराये जा रहे ताकि लोग मास्क के प्रति जागरूक हो सकें। इस संबंध में जन जागरूकता के लिये भी प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि त्योहारी सीजन के चलते राज्य में काफी लोग दिल्ली व अन्य प्रदेशों से वापस आ रहे हैं, इससे कोविड के संक्रमण का खतरा भी बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि लोग जागरूक हो सकें इसके लिए ग्राम स्तर तक कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं जागरूकता पर कार्य किया जा रहा है। सर्दी बढ़ने एवं त्योहारी सीजन के कारण कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को देखते ही प्रदेश सरकार द्वारा संक्रमण की रोकथाम के लिये लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि उत्तराखण्ड ने कोविड-19 के संक्रमण पर काफी हद तक कंट्रोल किया है। परन्तु सर्दी बढ़ने एवं त्योहारी सीजन को देखते हुए अभी लापरवाही की गुंजाईश नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग एवं टेस्टिंग के साथ ही जागरूकता बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर सचिव श्री अमित नेगी एवं डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय भी उपस्थित थे।

13 करोड़ 34 लाख की लागत से ऋषिकेश की सड़कें होंगी चकाचक

ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र की 66.11 किलोमीटर तक की सड़कें अब चकाचक होने वाली है। इसके लिए विशेष केन्द्रीय सहायतित योजना से 13 करोड़ 34 लाख रुपए का बजट मिला है। यह जानकारी विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने दी है। विस अध्यक्ष ने इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व केंद्रीय नेतृत्व का आभार भी व्यक्त किया है।

इन सड़कों का होगा जीर्णोद्धार
– देहरादून तिराहे से भानियावाला तक 3 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से 10 किलोमीटर
– श्यामपुर चैकी से नटराज चैक तक 94 लाख रुपए की लागत से 6.16 किलोमीटर
– त्रिवेणी चैक से तहसील चैक तक 71 लाख रुपए की लागत से 2.4 किलोमीटर
– श्यामपुर गढ़ी रोड 38 लाख रुपए की लागत से 2.05 किलोमीटर
– आईडीपीएल सिटी गेट से बैराज कॉलोनी तक एक करोड़ 46 लाख रुपए की लागत से 3 किलोमीटर
– इंदिरा नगर विस्थापित क्षेत्र में 15 लाख रुपए की लागत से 1 किलोमीटर
– रायवाला विस्थापित क्षेत्र में 42लाख रुपए की लागत से 2.8 किलोमीटर
– पशुलोक विस्थापित क्षेत्र में 3 करोड़ 89 लाख रुपए की लागत से 25.6 किलोमीटर,
– गौहरीमाफी ग्राम सभा रायवाला एवं टिहरी फार्म तक 58 लाख रुपए की लागत से 3.8 किलोमीटर, – ग्राम सभा श्यामपुर के अंतर्गत लक्कड़ घाट के आंतरिक मार्ग 30 लाख रूपए की लागत से 2 किलोमीटर,
– श्यामपुर खदरी सड़क मार्ग 27 लाख रुपए की लागत से 1.8 किलोमीटर,
– बापू ग्राम शिवाजी नगर चैक से एम्स चैक तक सड़क मार्ग 20 लाख रुपए की लागत से 1.3 किलोमीटर,
– बीस बीघा मीरा नगर मुख्य मार्ग 30 लाख रुपए की लागत से 2 किलोमीटर,
– रूषा फार्म से भट्टोवाला मार्ग तक 34 लाख रूपए की लागत से 2.2 किलोमीटर सड़कों के जीर्णोद्धार का शीघ्र कार्य प्रारंभ किया जाना है।

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि सभी सड़क मार्गों के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर दी गई है शीघ्र ही सड़क मार्गों का जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ होगा। कहा कि गुणवत्ता एवं मानकों के आधार पर क्षेत्र में सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। कहा कि क्षेत्र का चैमुखी विकास करना उनकी प्राथमिकता है जिसके लिए वह लगातार प्रयासरत रहे हैं।

हाईकोर्ट के फैसले पर हैरानी जताई, कहा-समीक्षा करेंगे, फिलहाल अन्य कोई नही की कोई टिप्पणी

-विपक्षी खेमे में फैसला आने के बाद बची खलबली

आखिरकार देश की सर्वोच्च अदालत में सत्य की जीत हुई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ हाईकोर्ट के सीबीआई जांच कराने वाले आदेश ने हैरान जरूर किया था। मगर, सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को रद्द करते हुए आश्चर्य जताया कि हाईकोर्ट ने ऐसा आदेश कैसे पारित किया? जबकि मुख्यमंत्री इस मामले में पक्षकार ही नहीं थे। उनके खिलाफ जांच की कोई मांग भी नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है, साथ ही सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किए हैं। इनका जवाब दाखिल करने का चार सप्ताह का समय भी दिया है।

एससी में सीएम के वकील ने कहा, बेवजह नाम घसीटा गया
सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के वकील ने कहा कि राज्य की जनता ने उन्हें चुना है, राजनीतिक लाभ के लिए विवाद में उनका नाम बेवजह डाला गया है। उन्होंने कोर्ट में यह भी तर्क दिया कि हाईकोर्ट में उमेश शर्मा ने सीबीआई जांच जैसा कोई मांग नहीं की थी। उमेश शर्मा की याचिका में सिर्फ उसके खिलाफ देहरादून में दर्ज एफआइआर को रद्द करने की मांग की गई थी। इसके विपरीत हाईकोर्ट ने न सिर्फ उमेश के खिलाफ दर्ज एफआइआर रद्द करने का आदेश सुनाया बल्कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच करने का आदेश दे दिया। सीएम ने अपनी याचिका में लगाए गए आरोप को फर्जी और आधारहीन कहा।

मूल मुद्दा तो भटक गया…
दरअसल देहरादून के राजपुर थाने में पत्रकार उमेश शर्मा सहित अन्य के खिलाफ सेवानिवृत प्रोफेसर हरेंद्र सिंह रावत ने ब्लैकमेलिंग, दस्तावेजों की कूट रचना और गलत तरीके से बैंक खातों की जानकारी हासिल करने का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उमेश शर्मा ने सोशल मीडिया का दुरूपयोग किया और एक वीडियो डाली। इसमें प्रोफेसर रावत और उनकी पत्नी सविता रावत के खाते में नोटबंदी के दौरान झारखंड के अमृतेश चैहान की ओर से 25 लाख रुपये जमा करने की बात कही गई थी और यह रकम को त्रिवेंद्र सिंह रावत को देने को कहा गया था। इसके अलावा सविता रावत को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सगी बहन बताया गया था। प्रोफेसर हरेंद्र सिंह ने सभी तथ्यों को झूठा बताया था।
बड़ा सवाल तो यह है कि कैसे हम दूसरे अनजान व्यक्ति की बैंक संबंधी डिटेल प्राप्त कर सकते है? आयकर विभाग के अलावा यह जानकारी बैंक भी अन्य किसी को नही देता है। मसलन यदि कोई आपराधिक मामला है तो बैंक जांच के दौरान पुलिस अथवा जांच एजेंसी को जानकारी मुहैया कराता है। इस मामले में देखे तो तथाकथित पत्रकार ना तो जांच एजेंसी है ना ही अधिकृत व्यक्ति। ऐसे में बैंकों की भूमिका भी संदिग्ध हो जाती है। सेवानिवृत प्रोफेसर हरेंद्र सिंह रावत की शिकायत पर तो अभी तक कोर्ट के द्वारा कार्रवाई भी नही की गई है?

व्यक्ति एक दलीलें दो….
देश के जाने माने वकील कपिल सिब्बल भी गजब के आदमी निकले। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले में इन्ही वकील साहब ने कोर्ट को उमेश कुमार को ब्लेकमेलर बताया है। जबकि इस मामले में वकील साहब तथाकथित पत्रकार को ईमानदार बता रहे है। अन्य राज्यों में लंबित मुकदमें को लेकर उन्हें झूठा फंसाने की बात कह रहे है। वकील साहब पहले तय कर ले कि आप किस केस में सच बोल रहे है और किस केस में झूठ?

केस को हाईप्रोफाइल बनाने और सुर्खियां बटोरने की कोशिश…
तथाकिथत पत्रकार उमेश जे कुमार की और से इस मामले को हाईप्रोफाइल बनाने और सुर्खियां बटोरने के लिए इस्तेमाल करना प्रतीत हो रहा है। जानकार बताते है कि अपनी गर्दन बचाने के लिए हाईकोर्ट में केस का रुख मोड़ा गया है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकील जानेमाने वकील कपिल सिब्बल और चालाक पत्रकार की चालो में उलझ गये। जिससे केस ने दूसरा ही रुख मोड़ लिया।

कथित पत्रकार की सीबीआई जांच मांग जोर पकड़ने लगी
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सोशल मीडिया में कथित पत्रकार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग जोर पकड़ने लगी है। बेशुमार दौलत के मालिक और कथित तौर पर अन्य राज्यों में कई मुकदमों का सामना कर रहे पत्रकार को लेकर लोगों में नाराजगी दिखाई दे रही है। लोग ईमानदार मुख्यमंत्री पर लांछन लगाने को लेकर इसकी ही सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे है।

मुख्यमंत्री ने किया कोरोना विनर्स के लिए वाकाथन और बैडमिंटन मैच का शुभारंभ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने को कोरोना विनर्स के लिये आयोजित वाकाथन और बैडमिंटन स्पर्धा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वाकाथन को फ्लैग ऑफ किया। उन्होंने कोरोना विनर्स के साथ बैडमिंटन का मैच भी खेला। डबल्स में एक तरफ मुख्यमंत्री व एक कोरोना विनर थे जबकि दूसरी तरफ सचिव खेल बीके संत व एक अन्य कोरोना विनर थे। इसमें मुख्यमंत्री की टीम ने 10-5 से गेम जीता।

समाज में कोविड-19 से लङाई के जज्बे को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर ’कोरोना वारियर से विनर’ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इसमें खेल विभाग के तत्वावधान में कोरोना से ठीक हुए लोगों के लिए अनेक खेल स्पर्धाएं आयोजित की गई हैं। इसी के तहत रविवार को मुख्यमंत्री ने सीएम आवास से वाकाथन का फ्लैग ऑफ किया और बैडमिंटन का मैच खेला।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे विश्व के देश कोरोना से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य पर कोरोना के अनेक दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। हम सभी एकजुट होकर ही इससे लङाई में जीत सकते हैं। कोरोना संक्रमण की दर में कमी आई है परंतु हम सभी अब और अधिक सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है। विशेष तौर पर आने वाले त्यौहारों को देखते हुए मास्क का प्रयोग, दो गज की दूरी का ध्यान रखना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले कोरोना से ठीक हुए लोगों के मनोबल को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की जाती थी लेकिन अब यही कोरोना विनर्स कोरोना से लड़ाई में हम सभी का हौंसला बढ़ा रहे हैं। कोरोना विनर्स के लिए आयोजित इन कार्यक्रमों से निश्चित रूप से समाज में कोविड-19 को लेकर और अधिक जागरूकता आएगी। हम सभी को समझना होगा कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।

स्मार्ट सिटी के कार्यों को स्वीकृत हुई 03 करोड़ की धनराशि

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन द्वारा पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु 91 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने डोईवाला की प्रतीतनगर पेयजल योजना के लिये 25.65 करोड़ की धनराशि स्वीकृत किये जाने की सहमति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने धोरण पेयजल योजना के सुदृढीकरण के लिये 145.91 लाख तथा देहरादून की कृष्णानगर पेयजल योजना हेतु 109.47 लाख की भी स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री नदियों एवं झीलों के पुनर्जीवीकरण कार्य योजना के तहत जनपद पिथौरागढ़ के सोनगांव स्थित रणज्योति ताल के पुनर्जीवीकरण हेतु 75.50 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा जनपद पिथौड़ागढ़ के ही कनालीछीना में टीटरी नहर के पुनरोद्धार हेतु 150 लाख की धनराशि मंजूर की है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में महिला उद्यमियों के लिये विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत 03 करोड़ 50 लाख की स्वीकृति प्रदान की है। इस धनराशि से सूक्ष्म लघु एवं मध्यम विभाग के स्तर पर महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत उत्पादन स्वीकृत किये जाने में सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री द्वारा देहरादून स्मार्ट सिटी के कार्यों के संचालन हेतु केन्द्रांश की प्रत्याशा में राज्यांश के रूप में 03 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की र्है इससे स्मार्ट सिटी के कार्यों को गति मिल सकेगी।

गुणवत्तायुक्त सस्ती दवाएं हर नागरिक का अधिकारः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से आम आदमी तक जन औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि गरीबों को गुणवत्तायुक्त सस्ती दवा उपलब्ध हो यह हमारा उद्देश्य होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अधिक से अधिक जन औषधि केन्द्रों की स्थापना के साथ ही रेलवे स्टेशनों पर भी जन औषधि की विपणन व्यवस्था बनाये जाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों से भी लोगों को जन औषधि दवा क्रय करने हेतु पहल करने में सहयोग करने को कहा।
मुख्यमंत्री आवास में जन औषधि वितरण केन्द्रों एवं इसके लिये प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये कारगर तंत्र विकसित करने से सम्बन्धित प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत गरीबों तक गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना समय की जरूरत है। यह व्यवस्था प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक प्रभावी हो इसके लिये प्रयास किये जाने चाहिए। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने एथिक्स ग्रुप के सीएमडी विपिन केवडिया द्वारा दिये गये प्रस्तुतिकरण का अध्ययन कर इस सम्बन्ध में कार्यवाही के निर्देश भी सचिव स्वास्थ्य को दिये।
इस अवसर पर सचिव अमित सिंह नेगी, प्रभारी सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. अमिता उप्रेती आदि उपस्थित थे।

गैरसैंण के भूमिधर बन गये मुख्यमंत्री, बोले जनप्रतिनिधियों से ही होनी चाहिए रिवर्स पलायन की शुरुआत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत गैरसैंण के भूमिधर बन गये हैं। यह जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने ट्वीटर और फेसबुक के माध्यम से दी है। मुख्यमंत्री ने रिवर्स पलायन का बङा संदेश देते हुए कहा कि “गैरसैंण जनभावनाओं का प्रतीक है। गैरसैंण हर उत्तराखंडी के दिल में बसता है। लोकतंत्र में जनभावनाएं सर्वोपरि होती हैं। गैरसैंण के रास्ते ही समूचे उत्तराखण्ड का विकास किया जा सकता है। सबसे पहले जनप्रतिनिधियों को ही रिवर्स पलायन करना होगा। रिवर्स पलायन से ही सुधरेगी पहाड़ों की तस्वीर और तकदीर। स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैंण का विधिवत भूमिधर बन गया हूँ।“
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड में स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है। हम अपने युवा को स्वरोजगार की राह पर ले जाने को कृतसंकल्प हैं और ऐसा करने से पहाड़ बसेगा। राज्य सरकार ने पूरी ईमानदारी से उत्तराखंड को उसके प्राकृतिक स्वरूप की तरफ ले जाने और प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए कार्य किया है और यह प्रक्रिया आगे और गति पकड़ेगी। हमारी सरकार पुरानी धारणाएँ तोड़ने की कोशिश कर रही है-हम स्वरोजगार को विकास का माध्यम बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने घी संक्रांति के पावन अवसर पर उत्तराखंडवासियों से अनुरोध कि सभी अपने अपने गाँवों की तरफ रूख करेंगे और वहां के अपने घरों का बेहतर रख-रखाव करेंगे।

मुख्यमंत्री ने 300 बेड के कोविड अस्पताल में 320 लाख रुपये की योजनाओं को लोकार्पण किया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रूद्रपुर में पंडित राम सुमेर शुक्ल राजकीय मेडिकल कालेज में 1012.33 लाख लागत के 300 बेड के कोविड-19 हॅास्पिटल भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही राजकीय मेडिकल कालेज रूद्रपुर के अन्तर्गत 299.76 लाख की लागत से रेस्पिरेटरी एण्ड स्किन डिजीज ब्लाक, 537.23 लाख की लागत से रेडियोलॉजी ब्लॉक तथा विश्व बैंक पोषित 90.35 लाख की लागत से ऑक्सीजन सप्लाई पाइप लाइन कार्य का भी लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सीएसआर के तहत टाटा प्रोजेक्टस लि0 के वित्तीय सहयोग से 320 लाख की लागत से 300 बेड कोविड हॉस्पिटल रूद्रपुर मे मेडिकल उपकरण की आपूर्ति एवं अधिष्ठान कार्यो का लोकार्पण के साथ ही प्लान इंडिया व रैकिट बैंकाइजर (इंडिया) प्रा0लि0 के सौजन्य से 50 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र किच्छा के आधुनिकीकरण कार्य, पालीप्लेक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड बाजपुर वित्तीय सहयोग से 60 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बाजपुर के आधुनिकीकरण कार्य, पालीप्लेक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड खटीमा के वित्तीय सहयोग से 125 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खटीमा के आधुनिकीकरण कार्य, बालाजी एक्शन बिल्डवेल सितारगंज के वित्तीय सहयोग से 200 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के आधुनिकीकरण कार्य, बजाज ऑटो लिमिटेड पंतनगर एवं जानकी देवी बजाज ग्राम विकास संस्था के वित्तीय सहयोग से 300 लाख की लागत से पं0ज0ला0ने0 जिला चिकित्सालय, रूद्रपुर के आधुनिकीकरण कार्य, नैनी पेपर्स मिल काशीपुर मे वित्तीय सहयोग से 200 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र काशीपुर के आधुनिकीकरण कार्यों का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र रूद्रपुर मे लोनिवि की 684.44 लाख लागत की विभिन्न सीसी मार्गां का लोकार्पण तथा 385.47 लाख की लागत से विभिन्न सडको के पुनर्निर्माण कार्यों के शिलान्यास के साथ ही नगर निगम रूद्रपुर के वार्ड नम्बर 25 फाजलपुर महरौला में स्थित 08 एकड भूमि मे जैविक ठोस अपशिष्ट से 50 मिट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के कम्पोस्ट बायोगैस प्लान्ट का शिलान्यास के साथ ही ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित 28 लाख लागत के सरस मार्केट सेंटर रूद्रपुर एवं 194.39 लाख की लागत से क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिये प्रदेश में स्थापित किये जा रहे ग्रोथ सेन्टरों के अंतर्गत 65.84 लाख लागत के विकास खण्ड रूद्रपुर मे बेकरी ग्रोथ सेंटर, 48 लाख लागत के मत्स्य ग्रोथ सेंटर काशीपुर, 18 लाख लागत के गोविन्दपुर मसाला ग्रोथ सेंटर गदरपुर, 24.10 लाख लागत के मेघावाला दुग्ध ग्रोथ सेंटर जसपुर एवं 20 लाख लागत के पहेनिया हस्तशिल्प ग्रोथ सेंटर खटीमा का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत रेनू गंगवार, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, विधायक राजकुमार ठुकराल, हरभजन सिंह चीमा, पुष्कर सिंह धामी, राजेश शुक्ला, मेयर रामपाल सिंह, अरविन्द सिंह हयांकी, आईजी कुमायूं अजय रौतेला, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य, पंकज कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी डाॅ. नीरज खैरवाल आदि उपस्थित थे।

कोर्ट का फैसला आने के बाद बोले मुख्यमंत्री, राज्य गठन के बाद सबसे बड़ा सुधारात्मक कदम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से बोर्ड का गठन किया गया है। पिछले वर्ष 36 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आए। आने वाले समय में इसमें बहुत वृद्धि होने की सम्भावना है। इसलिए इतनी बड़ी संख्या मे आने वाले यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। माननीय उच्च न्यायालय ने एक तरह से राज्य सरकार के निर्णय पर अपनी मुहर लगाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि तीर्थ पुरोहित और पण्डा समाज के लोगों के हक हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है। जहां भी धर्म और संस्कृति का विषय होता है, वहां परम्पराओं का बहुत महत्व है। हमने चारधाम के संबंध में सभी परम्पराओं का बनाए रखा है। सैंकड़ों सालों से स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और पण्डा समाज ने चारधाम की पवित्र परम्पराओं का संरक्षण किया है। विपरीत परिस्थितियों के होने पर भी दूर दूर से आने वाले श्रद्धालुओं का ध्यान रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं देखा है कि बरसात में रास्ते बंद हो जाने पर किस प्रकार तीर्थ पुराहितों ने श्रद्धालुओं के रूकने, खाने आदि की व्यवस्था की है। इसी भावना के कारण उत्तराखण्ड को देवभूमि का मान मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थ पुराहितों ने यहां की परम्पराओं का संरक्षण किया है और देवभूमि का मान बढ़ाया है, उनके हितों की रक्षा, सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर किसी प्रकार का संशय नहीं होना चाहिए। राज्य गठन के बाद चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन सबसे बड़ा सुधारात्मक कदम है। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय को किसी की जीत हार से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। यह राजनीतिक विषय नहीं है। आने वाले समय में चारधाम देवस्थानम बोर्ड, चारधाम यात्रा के प्रबंधन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहा है।