कोर्ट ने चेक बाउंस के आरोपी को किया बरी


चेक बाउंस मामले में न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट,ऋषिकेश श्रेय गुप्ता की अदालत ने आरोपी इंद्रपाल पुत्र राजेंद्र निवासी रूषा फार्म, गुमानीवाला, ऋषिकेश को दोषमुक्त किया है। आरोपी की ओर से अधिवक्ता शुभम राठी ने मजबूत पैरवी की थी।

अधिवक्ता शुभम राठी ने बताया कि गुमानीवाला निवासी विपिन पोखरियाल ने न्यायालय में वाद दर्ज करते हुए कथन किया कि इंद्रपाल द्वारा उनसे 2,50,000 रुपए उधार लिए थे जिन्हे लोटाने के एवज में एक चेक उन्हें दिया जो की बैंक में लगाने पर बैंक से बिना भुगतान अनादृत हो गया जिसके संबंध में न्यायलय में मुकदमा किया गया।

आरोपी इंद्रपाल द्वारा कोर्ट में बताया गया कि वह विपिन को जानता ही नहीं है और विपिन ने किसी और से इंद्रपाल का चेक प्राप्त कर झूठा मुकदमा किया है। इंद्रपाल के अधिवक्ता शुभम राठी ने परिवादी विपिन से जिरह की तथा अधिवक्ता शुभम राठी द्वारा पूछे गए सवालों का कोई भी संतोषजनक जवाब परिवादी नहीं दे पाए। जिसके पश्चात न्यायालय ने यह माना की परिवादी आरोपी के साथ अपनी जान पहचान या लेन देन साबित नही कर पाया और अधिवक्ता की ठोस पैरवी के चलते आरोपी इंदरपाल को दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया।

चेक बाउंस के मामले में कोर्ट ने सजा रखी बरकरार

न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश नसीम अहमद की अदालत ने चेक बाउंस के सात वर्ष पुराने मामले में निचली अदालत से हुई सजा को बरकरार रखते हुए अपना फैसला सुनया है।

अधिवक्ता रूद्राक्ष शर्मा ने बताया कि सोनिया पुत्री शिव मोहन जौहरी निवासी कृष्णानगर कॉलोनी ऋषिकेश और रीता देवी पत्नी कैलाश निवासी कृष्णा नगर कॉलोनी ऋषिकेश एक-दूसरे को पूर्व से ही जानते थे। रीता देवी ने सोनिया से किसी काम के लिए एक लाख 60 हजार रूपये उधार मांगे, जिसे समय रहते वापस देने की बात कही। अधिवक्ता ने बताया कि तय समय पर उधार की धनराशि न लौटाने पर सोनिया ने रूपये वापस मांगे तो रीता देवी ने एक चेक 07 सितंबर 2026 को दिया। जो बाउंस हो गया। इसके बाद से मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश की अदालत में चला। जिस पर तत्कालीन न्यायाधीश उर्वशी रावत की अदालत ने वर्ष 2022 में अपना फैसला सुनाते हुए रीता देवी को तीन माह की सजा और 1 लाख 75 हजार रूपये की जुर्माना लगाया।

न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश की अदालत के इस फैसले के विरूद्ध रीता देवी ने न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में अपील की। जिस पर बुधवार को फैसला सुनाया गया।

अधिवक्ता रूद्राक्ष शर्मा की मजबूत पैरवी की बदौलत प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखा। न्यायाधीश के समक्ष अधिवक्ता रूद्राक्ष शर्मा ने यह साबित कर दिखाया कि रीता देवी ने सोनिया से एक लाख 60 हजार रूपये की धनराशि उधार ली, जो वक्त रहते नहीं लौटाई। जबकि रीता देवी न्यायालय के समक्ष अपनी बात को प्रस्तुत करने में नाकाम रही।

चेक बांउस के मामले पर कोर्ट ने सुनाया फैसला, आरोपी से हटाए आरोप

न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश की अदालत ने चेक बाउंस के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी को दोषमुक्त किया है।

अधिवक्ता रूद्राक्ष शर्मा और अधिवक्ता राजकिशोर शर्मा ने बताया कि न्यायालय में दाखिल एक वाद में बताया गया कि राजंेंद्र त्यागी पुत्र ओमप्रकाश त्यागी निवासी छिद्दरवाला की कैलाश मणी रतूड़ी पुत्र विशालमणी निवासी छिद्दरवाला से अच्छी जान पहचान है, जिसके आधार पर राजेंद्र ने वर्ष 2014 में पांच लाख रूपये उधारी के तौर पर कैलाशगणी को दिए। मगर, तय समय पर वापस न लौटाने पर जब कैलाशमणी से कहा गया तो उस पर दो चेक दिए गए, जो बाउंस हो गए।

अधिवक्ता रूद्राक्ष शर्मा और अधिवक्ता राजकिशोर शर्मा ने न्यायालय के समक्ष कैलाशमणी की ओर से जोरदार पैरवी की। उनकी मजबूत पैरवी की बदौलत आरोप लगाने वाला पक्ष अपनी पांच लाख रूपये देने की क्षमता को न्यायालय के सम्मुख साबित नहीं कर सका। साथ ही परिजनों से जान पहचान भी साबित नहीं कर पाया। जिसके आधार पर न्यायिक मजिस्ट्रेट उर्वशी रावत की अदालत ने फैसला सुनाते हुए कैलाशमणि रतूड़ी को दोषमुक्त किया है।