केदारनाथ में अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने में जुटी धामी सरकार

विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम में यात्रा और पूजा का सफल आयोजन कराने के लिए रावल और पुजारियों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिलेगी। इसके लिए केदारनाथ धाम में रावल व पुजारियों के लिए तीन मंजिला इमारत का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए शासन की ओर से 10 करोड़ रुपये का बजट जारी किए गए हैं। केदारनाथ के रावल ही धाम में छह माह की पूजा-अर्चना के लिए पुजारी को अधिकृत करते हैं।

श्री केदारनाथ धाम से करीब 300 मीटर सरस्वती नदी समीप बनने वाले तीन मंजिला इमारत में 18 कक्षों का निर्माण किया जाएगा। 6.39 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस इमारत में रावल निवास, पुजारी आवास, भोग मंडी, पंथेर आवास, समालिया आवास, वेदपाठी आवास, पूजा कार्यालय आदि की व्यवस्था की जाएगी। जिसके लिए उत्तराखंड शासन की ओर से 10 करोड़ रुपये की धनराशि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को प्राप्त हो चुकी है। जिसकी पहली किस्त 27 मार्च और दूसरी किस्त 12 जुलाई को जारी की गई।

दिलीप जावलकर, पर्यटन सचिव ने बताया कि तीन मंजिला इमारत का निर्माण होने के बाद यात्रा के साथ पूजा का सफल और आसानी से आयोजन हो सकेगा। शासन की ओर से इसके लिए 10 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया गया है। इसका सीधा लाभ रावल व पुजारियों को मिलेगा।

रविनाथ रमन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने बताया कि 265 वर्ग मीटर में होने वाले भवन निर्माण के लिए स्थानीय जिलाधिकारी की ओर से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को मंदिर परिसर के समीप भूमि उपलब्ध करा दी गई है। निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।

केदारनाथ स्थित ईशानेश्वर मंदिर के नव निर्माण में मुंबई के दानी मनोज सोलंकी ने जताई इच्छा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की बैठक हुई। बैठक में बोर्ड के संचालन से सम्बन्धित विषयों के साथ ही बोर्ड द्वारा तैयार किये विभिन्न ड्राफ्ट रूल को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसे शासन को उपलब्ध कराया जायेगा। इसमें पुजारियों, न्यासी, तीर्थ पुरोहितो, पण्डो व हक हकूक धारियों के अधिकारों का विनिश्चय एवं संरक्षण से सम्बन्धित नियमावली भी शामिल है। इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के लोगो (प्रतीक चिन्ह्) की डिजाइनों पर भी चर्चा हुई। जिनमें कतिपय संशोधन के पश्चात अन्तिम निर्णय लिया जायेगा।
बैठक में श्री बद्रीनाथ धाम में मन्दिर एवं समीपवर्ती स्थलों के विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया कि बद्रीनाथ धाम में यात्रियों की संख्या में प्रतिवर्ष हो रही वृद्धि के कारण इस क्षेत्र का विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण आवश्यक है ताकि भविष्य में यात्रियों को दर्शन, यातायात एवं ठहरने की समुचित व्यवस्था हो सके इसके लिए देवस्थानम बोर्ड को इसकी व्यवस्था सौंपे जाने पर विचार किया गया। बोर्ड के स्तर पर इससे सम्बन्धित कार्यवाही सुनिश्चित कर शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित करने पर सहमति बनी। बोर्ड अपने स्तर पर इसके लिये तकनीकि एवं विषय विशेषज्ञों की व्यवस्था भी कर सकेगा। इसके साथ ही बैठक में तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मन्दिर एवं सभा मण्डप आदि के जीर्णोद्धार पर भी सहमति बनी इसके लिये यू.एस.ए. के दानी पंकज कुमार द्वारा धनराशि व्यय करने की इच्छा जतायी है।
केदारनाथ स्थित ईशानेश्वर मन्दिर के नव निर्माण के लिये भी स्वीकृति प्रदान की गई इस मन्दिर के निर्माण के लिये मुम्बई के दानी मनोज सोलंकी ने इच्छा व्यक्त की है। श्री केदारनाथ मन्दिर के पूरब द्वार की मरम्मत पर भी सहमति बनी जिसके लिये धनराशि दानी हरियाणा के श्री यतिन घई ने दान की सहमति दी है।

बैठक में केदारनाथ मे रावल पुजारी आदि के कक्षों की मरम्मत भविष्य में ऊखीमठ मन्दिर के जीर्णोद्वार, बहुमूल्य पाण्डुलिपियों को डिजिटाइल किये जाने, कार्तिक स्वामी मन्दिर को देवस्थानम बोर्ड के अधीन लाये जाने तथा थैलीसैण्ड स्थित विन्देश्वर मन्दिर के जीर्णोद्वार किये जाने पर सहमति प्रदान की गई।
बैठक में मुख्यमंत्री एवं अध्यक्ष, उत्तराखण्ड देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड त्रिवेन्द्र ने यात्रा मार्गो सहित मन्दिर परिसरो में देवस्थानम बोर्ड के साइनेज होर्डिंग आदि लगाये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ मन्दिरों के पुजारियों, पण्डों, पुरोहितों, वाद्य यंत्र वादको आदि का विवरण तैयार किया जाय ताकि जरूरत पड़ने पर इन लोगों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा सके। उन्होंने कहा कि ये लोग हमारी संस्कृति के संवाहक हैं।
उत्तराखण्ड देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि 25 अक्टूबर तक चारधाम में 1.72 लाख यात्री दर्शनार्थ आये हैं तथा 2 लाख द्वारा रजिस्ट्रेशन किया गया है, जबकि बद्रीनाथ मन्दिर को 7.55 करोड़ तथा केदारनाथ मन्दिर को 75 लाख की आय हुई है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री एवं उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड सतपाल महाराज, विधायक महेन्द्र भट्ट, गोपाल रावत, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, सचिव वित्त श्रीमती सौजन्या, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, देवस्थानम बोर्ड के अनिल ध्यानी, प्रमोद नोटियाल, डॉ0 हरीश गौड आदि उपस्थित थे।

तेज आंधी के साथ हुई बारिश से तापमान में दर्ज हुई गिरावट

उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया। गुरुवार दोपहर बाद तेज हवाओं के साथ बारिश हुई तो कहीं ओले भी गिरे। इससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग की मानें तो अभी राहत मिलने के आसार नही है। एक तरफ ओलावृष्टि और बारिश से फसलें बर्बाद हो रही हैं जिससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। गुरुवार को मौसम विभाग की बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी सही साबित हुई है। वहीं, चारधाम में भी बर्फबारी के आसार बन रहे है।
उत्तराखंड में दिनभर बादलों और धूप की आंख-मिचैनी चलती रही। कुछ पर्वतीय क्षेत्रों में शाम के समय हल्की बूंदाबांदी भी हुई। जबकि, मौसम विज्ञान केंद्र ने गुरुवार को प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की थी, जो कि सही साबित भी हुई। मैदानी क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने के साथ बारिश हुई। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह के मुताबिक अभी अगले तीन से चार दिन मौसम का मिजाज में ऐसा ही रहेगा। बताया कि पहाड़ी जिलों में ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली गिरने के आसार बन रहे हैं।
पिछले तीन दिनों से मौसम के बदले मिजाज के चलते पर्वतीय जिलों के लोगों को अभी भी सर्दी का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन तक बारिश होने के बाद बुधवार को भी सुबह से असमान में बादल छाए रहे और दिनभर तेज हवाएं चलती रही जिस कारण लोग परेशान रहे।

उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड राज्य में धार्मिक पर्यटन की तस्वीर को बदल कर रख देगा

उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने राज्य में स्थापित मंदिरों की व्यवस्था को एकरूपता देने और राज्य में चार धाम यात्रा को और बेहतर बनाने के लिए उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड बनाकर एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार को उम्मीद है कि इस व्यवस्था के बाद राज्य में चार धाम यात्रा पहले के कहीं अधिक सुचारू रूप से चलेगी। राज्य में मंदिरों की देखभाल ठीक तरीके से हो सकेगी और देवसंस्कृति के वाहक पुरोहित समाज को भी पहले से अधिक सुविधाएं मिल दी जा सकेंगी। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत इस बोर्ड के गठन के बाद न सिर्फ उत्साहित हैं बल्कि उम्मीद जता रहें हैं कि ये बोर्ड राज्य में धार्मिक पर्यटन की तस्वीर को बदल कर रख देगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर होगा बेहतर
देवस्थानम बोर्ड बनाने के पीछे उत्तराखंड सरकार का प्रमुख उद्देश्य राज्य के  मंदिरों में आधारभूत ढांचागत विकास करना है। इस बोर्ड के अधीन राज्य के चारों धाम और 51 मंदिर आएंगे। इन मंदिरों में देश ही नहीं विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में इन मंदिरों में विश्व स्तरीय सुविधाओं का विकास भी किया जाएगा। सरकार अब राज्य में धार्मिक पर्यटन पर आने वालों के लिए सिंगल प्वाइंट अरेंजमेंट की ओर कदम बढ़ा रही है।

पुरोहितों के हित सुरक्षित
देवस्थानम बोर्ड के गठन के ऐलान के साथ ही इसका विरोध भी पटल पर आ गया। बड़ी संख्या में पुरोहित समाज के लोगों ने इस बोर्ड के गठन के विरोध में मोर्चा खोल दिया। हालांकि इस बोर्ड गठन के बाद अब पुरोहित समाज का बड़ा तबका इसके समर्थन में आ गया है। वहीं सरकार शुरुआत से इस बात का दावा करती रही है कि इस बोर्ड के गठन से पुरोहित समाज के हितों की अनदेखी किसी स्तर पर नहीं होगी। रावत और पुरोहितों की सदियों पुरानी व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आएगा। प्रबंधन के स्तर पर बोर्ड व्यवस्थाओं को बेहतर करेगा। इसी लिहाज से सरकार ने बोर्ड में चारों धामों के प्रतिनिधियों को भी स्थान दिया है। सरकार की माने तो इस बोर्ड के गठन के बाद चारों धामों की व्यवस्था में समन्वय बनेगा।

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भविष्य के लिए जरूरी
त्रिवेंद्र सरकार राज्य में धार्मिक तीर्थाटन को भविष्य के लिहाज से व्यवस्थित करना चाहती है। वैष्णो देवी और तिरुपति बालाजी जैसे मंदिरों में की गई व्यवस्थाओं के मुताबिक ही त्रिवेंद्र सरकार उत्तराखंड के मंदिरों में भी व्यवस्थाएं करना चाहती है। सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य के मंदिरों में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा। हालांकि सरकार के प्रयासों से चार धामों में आने वाले यात्रियों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। फिलहाल तकरीबन चालीस लाख पर्यटक पहुंच रहें हैं। राज्य में जारी ऑल वेदर रोड और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण के बाद पर्यटकों की संख्या करोड़ों में पहुंच सकती है। ऐसे में राज्य के मंदिरों की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार को इस तरह के बोर्ड के गठन की जरूरत महसूस हो रही थी।

उत्तराखंड में पर्यटन और धार्मिक तीर्थाटन का बड़ा महत्व: मुख्यमंत्री

भारत में माॅरीशस के उच्चायुक्त जे. गोवर्द्धन ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में शिष्टाचार भेंट की। श्री केदरानाथ एवं श्री बदरीनाथ की यात्रा पर आये गोवर्द्धन ने उनकी सुखद यात्रा के प्रति मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र का आभार व्यक्त किया। माॅरीशस के उच्चायुक्त गोवर्द्धन ने मुख्यमंत्री को माॅरीशस आने का भी निमन्त्रण दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। केदारनाथ पुनर्निमाण का कार्य अन्तिम चरण में है। चारधाम आॅलवेदर रोड का कार्य तेजी से किया जा रहा है। हेली सेवायें उपलब्ध करायी गई है। इससे राज्य में आने वाले पर्यटकों के साथ ही चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होने का ही प्रतिफल है कि आज लाखों की संख्या में लोग उत्तराखण्ड आ रहे है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रवासी हमारे अच्छे अम्बेसडर बन सकते है। इस दिशा में भी राज्य सरकार द्वारा पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री ने माॅरीशस के लोगों का अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की उन्होंने कहा की माॅरीशस के लोगों ने भोजपुरी के साथ ही भारत की अन्य भाषाओं को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया है। उनका कहना था कि भाषा ही संस्कृति की वाहक होती है।
माॅरीशस के उच्चायुक्त जे. गोवर्द्धन ने माॅरीशस से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को रियायत देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्द्रर्य पर्यटन की दृष्टि से अनुकूल तो है ही यहां के चार धाम करोड़ो लोगों की आस्था के केन्द्र भी है। उन्होंने बताया कि माॅरीशस की आबादी 13 लाख है जबकि प्रतिवर्ष 13 लाख पर्यटक वहां आते है उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग की भी बात कही। उन्होंने कहा कि माॅरीशस के लोगों की गंगा के प्रति की बड़ी आस्था है। जे. गोवर्द्धन ने माॅरीशस सरकार द्वारा भोजपुरी सहित अन्य भाषाओं के विकास के प्रति किये जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी तथा इस सम्बन्ध में प्रकाशित विभिन्न पुस्तकें भी मुख्यमंत्री को भेंट की। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी अन्य अधिकारी उपस्थित थे।