नौ अक्टूबर के राज्य के बाद चार जिलों में छा सकते हैं आंशिक बादल

उत्तराखंड में मौसम फिलहाल साफ रहेगा। मौसम केंद्र देहरादून के अनुसार, नौ अक्टूबर के बाद चमोली, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ में आसमान में आंशिक बादल छाए रहेंगे। मगर, बारिश का अभी अनुमान नहीं है। मौसम केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार, दस दिनों के बाद राज्य के कुछ जिलों में मौसम में परिवर्तन हो सकते है।

राज्य का वर्तमान में अधिकतम तापमान 33-35 के बीच स्थिर चल रहा है, जबकि न्यूनतम तापमान भी 14 के आसपास है। अनलाॅक-5 के बाद पर्यटक काफी संख्या में उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। पर्यटकों के आगमन पर मौसम रुकावट नहीं बनेगा। वहीं, पहाड़ी जिलों में बारिश न होने से चारधाम यात्रा भी बाधित नहीं होगी।

सुरकंडा रोपवे में चाइनीस उपकरणों के स्थान पर स्वदेशी उपकरणों को प्रयोग में लाएंः पर्यटन मंत्री

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक हुई। पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड के पर्यटन व्यवसाइयों को कोरोना संकट की परिस्थितियों से उबारने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके मद्देनजर पूर्व में 75 करोड़ की आर्थिक सहायता पर कैबिनेट अपनी मुहर लगा चुकी है। नेगेटिव कोरोना टेस्ट रिपोर्ट वाले पयर्टक अब आराम से चारधाम यात्रा तथा अन्य पर्यटक स्थलों की यात्रा कर सकते हैं। मेरा अनुरोध है कि सभी लोग सामाजिक दूरी तथा आत्म अनुशासन का परिचय दें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि यथाशीघ्र विकास कार्यों को पूरा कर राज्य की जनता को समर्पित किय जाये।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कैरवान पार्क बनाने के साथ-साथ यात्रियों के लिए सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं विकसित करने के लिए भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि कोविड- 19 को देखते हुए तय किया गया है कि 72 घण्टे पूर्व कोविड टेस्ट करवाने वाले यात्री की रिपोर्ट यदि नेगेटिव पाई जाती है तो वह कहीं भी घूम सकता है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि सुरकंडा रोपवे निर्माण कंपनी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह चाइनीस उपकरणों के स्थान पर स्वदेश निर्मित उपकरणों को रोपवे निर्माण में प्रयोग करे। इसीलिए उसे एक वर्ष का अतिरिक्त समय दिया गया है।

सतपाल महाराज ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रह आवास (होम स्टे) योजना जो कि कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से काफी प्रभावित हुई है उससे जुड़े व्यक्तियों एवं कार्मिकों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत 24. 30 करोड़ रुपए की धनराशि के सापेक्ष 11. 85 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करवाई गई है। पर्यटन मंत्री ने बताया कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना को और अधिक आकर्षक बनाए जाने के उद्देश्य से प्रदेश के मार्गों पर संचालन हेतु एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 50 बसों-इलेक्ट्रॉनिक बसों के क्रय हेतु ऊंची संक्रम की लागत के 50 प्रतिशत किंतु अधिकतम 15 लाख रुपए की राजकीय सहायता देने का निर्णय लिया गया है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि प्रसाद योजना के तहत केदारनाथ विकास कार्यों का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। बद्रीनाथ में भी विकास कार्य किए जा रहे हैं गंगोत्री एवं यमुनोत्री के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। बाह्य सहायतित योजनाओं में झील के समग्र पर्यटन विकास हेतु 1210 करोड रुपए के ऋण प्रदान किए जाने पर नेशनल डेवलपमेंट बैंक द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।

पर्यटन मंत्री जी कहा कि शीतकालीन डेस्टिनेशन के रूप में टिबरसैंण महादेव के मंदिर को विकसित करने के लिए कंेन्द्र सरकार से अनुमति मांगी है। टिबरसैंण महादेव में अमरनाथ की तरह बहुत बड़े शिवलिंग की रचना होती है। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी से मोरी हरकीदून एवं जखोल सर्किट को पर्यटन एवं ट्रैकिंग के रूप में विकसित करने के लिए कनैक्टिविटी को ध्यान रखते हुए दिशा निर्देश बोर्ड लगाने चाहिए। रोप वे परियोजनाओं के अंतर्गत हम शीतकालीन में भगवान केदारनाथ के दूर से दर्शन करते हुए केदारनाथ घाटी के सुन्दर व रमणीक पर्वतीय पहाड़ों के दर्शन कर सकते हैं।

प्रदेश के पर्यटन धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि वह सभी कार्यों को समय पर पूरा करें। संस्कृति विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों जानकारी देते हुए संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थ यात्रियों को दी जाने वाली धनराशि को 25000 से बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया है। इसके अलावा लोक कलाकारों का मानदेय भी दुगना कर दिया गया है। बताया कि प्रदेश में विरासत की अंगीकार योजना लागू की गई है। उन्होंने बताया कि तीलू रौतेली के नाम पर संग्रहालय बनाने की स्वीकृति मिल गई है। बागेश्वर, चंपावत, जोशीमठ, नरेंद्र नगर एवं उधम सिंह नगर में प्रेक्षाग्रह का निर्माण जारी है। सुमित्रानंदन पंत वीथिका कौसानी, जनपद बागेश्वर में उनके घर का जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है। जबकि अनाशक्ति आश्रम, कौसानी के जीर्णोद्धार का कार्य प्रगति पर है। ऋषिकेश में हिमालय संग्रहालय का निर्माण कार्य और गड़ीकैट में हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र का कार्य भी प्रगति पर है।

चारधामः उत्तराखंड के लोग अब एक जुलाई से कर सकेंगे दर्शन

(एनएन सर्विस)
प्रदेश सरकार ने केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में एक जुलाई से प्रदेश में रह रहे लोगों को दर्शन करने की अनुमति दे दी है। इसके लिए ऑनलाइन पास की व्यवस्था रहेगी। यदि कोई व्यक्ति दूसरे राज्य से आया है तो उसे क्वारंटीन के सभी दिशानिर्देशों का पालन करने के बाद ही चारधाम में दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी। चारों धामों में दर्शन के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही सैनिटाइजर रखने के साथ ही मास्क पहनना अनिवार्य होगा। 

एक रात ठहरने की मिली अनुमति
बोर्ड की ओर से जारी एसओपी के अनुसार दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालु को धाम के विश्राम गृह में एक रात ही ठहरने की अनुमति होगी। आपातकालीन स्थिति, सड़क बाधित होने और स्वास्थ्य संबंधी परेशानी में ही जिला प्रशासन की अनुमति से इसे बढ़ाया जा सकेगा। जिस लोगों के धाम क्षेत्र में होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशाला, ढांबे और अन्य परिसंपत्तियां हैं, वे मरम्मत कार्य के लिए प्रशासन की अनुमति से जा सकेंगे और एक दिन से ज्यादा ठहर सकेंगे। 

बुुजुर्ग और बच्चों के लिए नियम
कोरोना संक्रमण को देखते हुए चारधाम में 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग और 10 साल से कम आयु के बच्चों को जाने की अनुमति नहीं होगी। 

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इसका रखना होगा ध्यान 
कोरोना संक्रमण को देखते हुए धामों के मंदिरों में बाहर से लाए गए प्रसाद और चढ़ावे पर रोक रहेगी। मूर्तियों को छूने पर भी प्रतिबंधित रहेगा। मंदिर में प्रवेश से पहले हाथ और पैर धोना अनिवार्य होगा। 

सचिवालय में विजिटर्स को मिली अनुमति
एक जुलाई से सचिवालय में आगंतुकों (विजिटर्स) को प्रवेश मिल सकेगा। पहले चरण में एक दिन में अधिकतम 50 लोगों को ही प्रवेश मिल पाएगा। निजी सचिवों की ऑनलाइन मंजूरी के बाद प्रवेश पत्र आगंतुकों को जारी किए जाएंगे। अपर मुुख्य सचिव (सचिवालय प्रशासन) राधा रतूड़ी ने इस संबंध में आदेश जारी किए। कोविड-19 महामारी की रोकथाम के चलते मई और जून में सचिवालय प्रशासन ने सचिवालय में आगंतुकों के प्रवेश को पहले सीमित किया था, उसके बाद उनके प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। यह रोक अनलॉक 1.0 में भी जारी रही, लेकिन अब अनलॉक 2.0 में प्रदेश सरकार के स्तर पर दी जा रही ढील के क्रम में सचिवालय प्रशासन ने भी सचिवालय में प्रवेश की व्यवस्था लचीली कर दी है।

चारधाम यात्रा की बुकिंग रद्द करवा रहे यात्रियों को जीएमवीएन दे रहा सुविधा

वैश्विक महामारी के कारण जहां देशव्यापी लाॅकडाउन हो रहा है, इसी बीच विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की बुकिंग भी रद्द हो रही है। गढ़वाल मंडल विकास निगम को मिली बुकिंग में एक करोड़ 25 लाख की बुकिंग अभी तक रद्द हो चुकी है। जीएमवीएन के यात्रा कार्यालय को बुकिंग रद्द करने के लिए अभी तक दो हजार ईमेल मिल चुकी हैं। इसके अलावा रोजना काॅल आ रही हैं।
जीएमवीएन की ओर से यात्रियों को बुकिंग रद्द नहीं करने की अपील की जा रही है। जीएमवीएन ने यात्रियों को सुविधा दी है कि वे अपनी बुकिंग का अगले दो वर्षों में समयानुसार उपयोग कर सकते हैं। 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुल रहे हैं। जबकि 29 अप्रैल को केदारनाथ व 30 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी।

बदरीनाथ से लौट रहे श्रद्धालुओं की बस दुर्घटनाग्रस्त, दो की मौत

उत्तराखंड में दर्दनाक हादसा हुआ है। बदरीनाथ से लौट रहे चारधाम यात्रियों की बस कर्णप्रयाग में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बस एक मकान के ऊपर गिरी। हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। जबकि 33 घायल बताए जा रहे हैं। इनमें से सात यात्री गंभीर रूप से घायल हैं।
घायलों को सीएचसी कर्णप्रयाग में भर्ती कराया जा रहा है। हादसा करीब आज शाम 4.30 बजे हुआ। यह बस श्रद्धालुओं से भरी हुई थी। इसमें महाराष्ट्र के यात्री सवार थे। यह बदरीनाथ धाम के दर्शन कर वापस ऋषिकेश लौट रहे थे। सभी महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले हैं। पुलिस-प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।