ग्रामोत्थान परियोजना चमोली में महिलाओं की आजीविका को कर रही मजबूत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चमोली जनपद में ग्रामोत्थान परियोजना ग्रामीणों की आर्थिकी को मजबूत कर रही है। जिले में योजना के तहत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिससे ग्रामीण घर पर बैठकर ही अपनी आय को मजबूत कर रहे हैं।

जिला परियोजना प्रबंधक ममराज सिंह चौहान ने बताया कि ग्रामोत्थान परियोजना के तहत जनपद में 25 क्लस्टर लेवल फेडरेशन बनाई गई है। जिनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी, पालन, डेयरी यूनिट, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन, ब्यूटी पार्लर, सिलाई सेंटर, रिटेल शॉप, फर्नीचर निर्माण, ढाबा, रेस्टोरेंट, फूड प्रोसेसिंग यूनिट जैसे उद्यमों का संचालन किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण अपनी आजीविका को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत जनपद में कृषि आधारित योजनाओं में 53, गैर कृषि आधारित उद्यम में 55 तथा एक्ट्रीम व अल्ट्रा पुअर योजना के तहत 300 ग्रामीणों को लाभान्वित किया गया है। योजना की जानकारी देते हुए बताया कि कृषि आधारित व व्यक्तिगत उद्यम योजना में परियोजना की ओर से 30 प्रतिशत तथा लाभार्थी की ओर से 20 प्रतिशत का अंशदान किया जाता है। जबकि शेष धनराशि बैंक ऋण के माध्यम से प्रदान की जाती है। जिससे ग्रामीण उद्यम की स्थापना कर सकता है।

क्या कहते हैं लाभार्थी-

केस-1

टंगसा गांव निवासी मंजू देवी का कहना है कि ग्रामोत्थान परियोजना की मदद से उन्होंने व्यक्तिगत उद्यम योजना के तहत वर्ष 2024-25 में मिनी डेयरी का उद्यम स्थापित किया। जिससे उनको आर्थिक रूप से मजबूती मिली है। बताया कि प्रतिदिन मिनी डेयरी से वे 22 लीटर दूध का विपणन कर 18 से 20 हजार तक की आय प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से संचालित योजना से उन्हें आर्थिक मजबूती मिली है।

केस-2

कुजौं-मैकोट निवासी अमिता देवी का कहना है कि ग्रामोत्थान परियोजना के सहयोग से उन्होंने गांव में रिटेल शॉप स्थापित की। जिसके माध्यम वर्तमान में घर पर ही रहते हुए 10 हजार रुपये प्रतिमाह शुद्ध आय प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने योजना को गरीब तबकी की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कारगर बताया है।

मुख्यमंत्री ने एसईओसी पहुंचकर रेस्क्यू अभियान की समीक्षा की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माणा में हिमस्खलन की चपेट में आए लापता 04 श्रमिकों की तलाश के लिए युद्धस्तर पर खोज और बचाव अभियान संचालित करने तथा मौसम विभाग द्वारा 03 मार्च से मौसम के दोबारा खराब होने की चेतावनी के दृष्टिगत रविवार को हर हाल में लापता श्रमिकों को ट्रेस करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने सुरक्षित रेस्क्यू किए गए 46 श्रमिकों के उपचार की समुचित व्यवस्था करने तथा उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और रेस्क्यू अभियान की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से खोज एवं बचाव अभियान की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा दिनांक 03 मार्च से दोबारा मौसम के खराब होने का एलर्ट जारी किया है, इसलिए आज ही रविवार को लापता श्रमिकों की तलाश के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिए कि मृतक श्रमिकों का पोस्टमार्टम कर उनके शवों को शीघ्रताशीघ्र उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। साथ ही उन्होंने घायल श्रमिकों तथा मृतक श्रमिकों को आपदा प्रबंधन विभाग के प्रावधानों के अनुसार समुचित मुआवजा राशि मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत और बचाव दलों द्वारा सराहनीय कार्य किया गया, जिसके फलस्वरूप 46 श्रमिकों को सुरक्षित बचाया जा सका। उन्होंने बताया कि लापता श्रमिकों की खोजबीन के लिए लगभग 200 लोग कार्य कर रहे हैं। आपदा प्रबंधन सेना, आईटीबीपी, बी0आर0ओ0, एन0डी0आर0एफ, एस0डी0आर0एफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेना, यूकाडा, अग्निशमन विभाग, खाद्य विभाग द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी और मार्च में हिमस्खलन की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में आपदा प्रबन्धन विभाग के माध्यम से एडवाइजरी जारी कर दी गई है। जो भी श्रमिक उच्च हिमालयी क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जिन क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के कारण विद्युत व्यवस्था तथा संचार व्यवस्था बाधित है, उन्हें दुरुस्त करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। पांच ब्लाकों में विद्युत व्यवस्था बहाल कर दी गई है।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन विनय कुमार रुहेला, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, आई0जी0 एस0डी0आर0एफ0, रिद्धिम अग्रवाल, अपर मुख्य कार्यकारी, अधिकारी क्रियान्वयन, डी.आई0जी0 राज कुमार नेगी, वित्त नियंत्रक अभिषेक आनंद, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यूएसडीएमए मोहम्मद ओबैदुल्लाह अंसारी, डा0 बिमलेश जोशी आदि उपस्थित रहे।

46 सुरक्षित श्रमिक ज्योतिर्मठ लाए गए

बदरीनाथ/माणा से सभी 50 श्रमिकों (46 सुरक्षित तथा 04 मृतक) को ज्योतिर्मठ लाया जा चुका है। मृतक श्रमिकों का पोस्टमार्टम कराये जाने की कार्यवाही गतिमान है, जिसके बाद उनके शवों को उनके घर भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी के साथ समुचित समन्वय किया जा रहा है। लगातार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है तथा सभी विभागों के आपसी समन्वय से युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। बता दें कि पूर्व में श्रमिकों की संख्या 55 बताई गई थी। एक श्रमिक के घर फोन कर संपर्क किया गया तो पता चला कि पहले ही एक श्रमिक बिना बताए अपने घर चला गया था। इस प्रकार प्रभावित/फंसे श्रमिकों की कुल वास्तविक संख्या 54 है।

आधुनिक उपकरणों से की जा रही खोज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि लापता श्रमिकों की तलाश के लिए सर्च एवं रेस्क्यू के लिए आधुनिक उपकरणों की मदद ली जा रही है। आज दिनांक 02.03.2025 को GPR (Ground Penetrating Radar) जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची, जिसे एम0आई0-17 हेलीकॉप्टर द्वारा घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। इसके अतिरिक्त एन0डी0आर0एफ0 द्वारा थर्मल-इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, RRSAW (ROTARY RESCUE SAW), एवलांच रॉड, डॉग स्क्वाड को घटना स्थल पर भेजा जा चुका है तथा इनके माध्यम से व्यापक स्तर पर रेस्क्यू अभियान संचालित किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर एस0डी0आर0एफ0 तथा यू0एस0डी0एम0ए0 द्वारा थर्मल-इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा भी मौके पर भेज दिया गया है तथा इनके द्वारा भी लापता 04 श्रमिकों खोज की जा रही है।

माणा समीप घटना पर पीएम ने फोन पर मुख्यमंत्री से की बात, हर संभव मदद का भरोसा दिया

माणा के पास हिमस्खलन की चपेट में आए 17 अन्य श्रमिकों का शनिवार सुबह रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। अब तक कुल 50 श्रमिकों का रेस्क्यू किया जा चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस रेस्क्यू अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। शनिवार को सुबह माननीय मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया और ज्योतिर्मठ में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि 05 श्रमिकों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान संचालित किया जा रहा है।

घटनास्थल का निरीक्षण कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सीधे यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रेस्क्यू अभियान को लेकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि राहत और बचाव दलों ने सराहनीय कार्य करते हुए अब तक 50 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है। हिमस्खलन में फंसे 05 और श्रमिकों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर रेस्क्यू अभियान को लेकर अपडेट लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए चिंतित हैं और नियमित अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे सहयोग के लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री तथा रक्षा मंत्री का आभार जताया।

उन्होंने बताया कि 05 कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण 03 कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी द्वारा इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कंटेनरों की तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डाग्स की तैनाती की गई है। आर्मी की 03 टीमों द्वारा सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। दिल्ली से सेना की जीपीआर रडार ;ग्राउण्ड पेनीट्रेशन रडारद्ध मंगवाई गई है, जो बर्फ के अंदर कंटेनरों को ट्रेस करने में मदद करेगी।

उन्होंने बताया कि घायल श्रमिकों के इलाज के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। माणा और ज्योतिर्मठ में सेना के अस्पताल में घायल श्रमिकों का उपचार किया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के साथ ही स्थानीय सीएचसी और पीएचसी को एलर्ट पर रखा गया है। इस अवसर पर सलाहकार समिति, आपदा प्रबन्धन विभाग के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला, डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, सचिव पंकज कुमार पाण्डेय, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, जीओसी उत्तराखण्ड सब-एरिया मेजर जनरल प्रेम राज, आईटीबीपी के आईजी संजय गुंज्याल, आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र राजीव स्वरूप, यूएसडीएमए के एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक अभिषेक आनंद, जेसीईओ मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।

सड़क निर्माण के कार्य कर रहे श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजें-सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उन्होंने शनिवार सुबह बदरीनाथ क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि वहां पर अत्यधिक बर्फबारी हो रही है तथा 06 से 07 फीट तक बर्फ जमा है। उन्होंने आने वाले दिनों में हिमस्खलन की संभावना के दृष्टिगत जिन स्थानों में श्रमिक कार्य कर रहे हैं, वहां से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास को एवलांच की संभावनाओं के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी करने को कहा।

जल्द बहाल की जाए संचार व्यवस्था-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि भारी बर्फबारी के कारण जिन गांवों से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है, उनसे तुरंत सम्पर्क किया जाए। प्रशासन की टीम को वहां भेजा जाए और उन्हें जिन चीजों की आवश्यकता हो, तुरंत भेजी जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां राशन, दवाइयों के साथ ही अन्य जरूरी सामग्रियों की उपलब्धता है। उन्होंने बदरीनाथ क्षेत्र में संचार व्यवस्था, फोन तथा इंटरनेट को तुरंत बहाल करने और जिन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बाधित हो गई है, वहां सेटेलाइट फोन भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जिन गांवों में बिजली बाधित है, वहां जल्द विद्युत व्यवस्था को बहाल करने के निर्देश दिए हैं।

औली के रिसोर्ट में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजें
अत्यधिक बर्फबारी के कारण हिमस्खलन की संभावनाओं के मद्देनजर औली, हर्षिल आदि अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों के विभिन्न रिसार्ट में रह रहे सैलानियों को सुरक्षा के दृष्टिगत सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा। माननीय मुख्यमंत्री ने सैलानियों से अगले तीन दिन इन क्षेत्रों में यात्रा न करने की अपील की है। साथ ही स्थानीय प्रशासन को सुरक्षा के दृष्टिगत सभी जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।

अलकनंदा में पानी जम रहा, मा0 मुख्यमंत्री ने रेकी के निर्देश दिए
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्हें यह आभास हुआ कि भारी बर्फबारी के कारण अलकनंदा नदी जम सी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेकी कर इसकी जांच की जाए कि कहीं इससे कोई खतरा तो नहीं हैघ् उन्होंने विशेषज्ञ संस्थानों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने तथा यदि कोई खतरे की स्थिति हो तो तुरंत सुरक्षात्मक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने एरियर सर्वे, मैनुअल सर्वे तथा सेटेलाइट सर्वे कर जल्द रिपोर्ट देने को कहा है।

रेस्क्यू अभियान की स्वयं निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विगत दिवस से लगातार रेस्क्यू अभियान की स्वयं निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। दिनांक 28 फरवरी 2025 को दो बार मुख्यमंत्री द्वारा राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का भ्रमण किया गया। शुक्रवार रात को भी मा0 मुख्यमंत्री ने कंट्रोल रूम पहुंचकर इस पूरे अभियान की समीक्षा की। वहीं शनिवार को घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण करने के उपरांत मुख्यमंत्री सीधे कंट्रोल रूम पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की।

संचार व्यवस्था क्यू.डी.ए से की जा सकती है बहाल-रिद्धिम
बैठक में आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि जिन स्थानों में संचार सेवाएं बाधित हो गई हैं, वहां क्यू.डी.ए ;क्विक डिप्लायमेंट एंटीनाद्ध स्थापित कर संचार व्यवस्था को बहाल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ द्वारा बर्फ के कारण अवरुद्ध मार्गों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है।

युद्धस्तर पर संचालित है रेस्क्यू अभियान, कंट्रोल रूम से हो रही मॉनीटरिंग
आज दिनांक 01 मार्च 2025 को वायु सेवा का एक एम.आई.-17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखण्ड सरकार के 02 हेलीकॉप्टर, एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस राहत एवं बचाव कार्य में लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने आवश्यकता पड़ने पर और अधिक हेलीकॉप्टर लगाए जाने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को दोपहर 03 बजे तक माणा/बद्रीनाथ से रेस्क्यू किये गये लोगों में से 29 लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जोशीमठ लाया गया, जिनका उपचार आर्मी हॉस्पिटल में किया जा रहा है।

राहत एवं बचाव कार्य में बद्रीनाथ में लगभग 200 लोग कार्य कर रहे हैं। इनमें आपदा प्रबंधन सेना, आइ.टी.बी.पी. बी0आर0ओ0, एन0डी0आर0एफ, एस0डी0आर0एफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेवा यूकाड़ा, अग्निशमन विभाग, खाद्य विभाग, द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है।माणा स्थित आर्मी बेस कैम्प के पास आर्मी हैलीपैड़ को तैयार कर लिया गया है। बद्रीनाथ स्थित आर्मी हैलीपैड़ पर 6-7 फीट बर्फ है जिसे हटाये जाने की कार्यवाही की जा रही है। बद्रीनाथ के पास बर्फबारी के कारण अभी भी 5-6 कि0मी0 रास्ता बंद है, जिसे खोलने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी के साथ समुचित समन्वय किया जा रहा है। लगातार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है तथा सभी विभागों के आपसी समन्वय से युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। लामबगड़ से आगे कई स्थानों पर रास्ता बंद होने के कारण रैस्क्यू टीमों को घटना स्थल पर जाने में परेशानी हो रही है।

मुख्यमंत्री के प्रभावी नेतृत्व, कुशल मार्गदर्शन एवं प्रबन्धन में सभी विभाग पूरी निष्ठा, समर्पण तथा प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। राहत टीमें पूरे उत्साह के साथ ग्राउंड जीरो पर राहत और बचाव कार्यों को संचालित कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्य आपात परिचालन केंद्र से माणा गांव की व्यवस्थाओं की जानकारी ली

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन की जानकारी लेते हुए राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को देर रात राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, आईटी पार्क पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की और रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए।

जोशीमठ में भी की जाए आपदा कंट्रोल रूम की स्थापना।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सर्च ऑपरेशन तेजी से चलाए जाए। उन्होंने कहा जोशीमठ में भी आपदा कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए। उन्होंने कहा एनडीआरएफ, एस.डी.आर.एफ ,आईटीबीपी सेना आपसी सहयोग से बर्फ हटाने का कार्य तेजी से करें। जिन श्रमिकों को निकाला गया है उनका विशेष ख्याल रखा जाए। उन्होंने माणा स्थित हेलीपैड को प्राथमिकता से खोले जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ स्थित आर्मी अस्पताल, जिला अस्पताल, एम्स ऋषिकेश तक सभी अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा एम-आई 17 की मदद से घायलों को लिफ्ट करने की भी पूरी तैयारी की जाए।

32 लोगों को निकाला गया सुरक्षित।
अब तक 32 लोगों को निकाला जा चुका है एवं अन्य लोगों को खोजबीन जारी है। जिसमें से 4 लोगों को आईटीबीपी सेना अस्पताल में रखा गया है। बी.आर.ओ स्नो कटर एवं अन्य मशीनों के माध्यम से निरंतर बर्फ हटाने का कार्य कर रही है। कल सुबह एम आई 17 हेलीकॉप्टर भी माणा क्षेत्र को रवाना होंगे।

रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घटनास्थल पर आवागमन सुनिश्चित करने को कहा और समीप के हेलीपैड को शीघ्र सक्रिय करने के निर्देश दिए, जिससे राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सके। उन्होंने ड्रोन एवं हेलीकॉप्टर की मदद से निगरानी और रेस्क्यू अभियान को और प्रभावी बनाने पर ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जरूरत पड़ने पर घायलों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ऋषिकेश लाया जाए। जिला प्रशासन से निरंतर समन्वय बनाए रखने और प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।

हिमस्खलन प्रभावितों की सुरक्षा सर्वाेच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन, वायु सेना और अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के कारण हेलीकॉप्टर का संचालन फिलहाल संभव नहीं है, लेकिन स्नो एक्सपर्ट्स की सेवाएं ली जा रही हैं। आईटीबीपी की विशेष टीमें लगातार कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता हिमस्खलन में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना है। प्रभावित लोगों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जा रहा है।

राज्य और केंद्र सरकार में समन्वय
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार से संपर्क में है और प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री एवं रक्षा मंत्री से भी बातचीत हो रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि रेस्क्यू अभियान में यदि किसी अतिरिक्त एजेंसी की आवश्यकता होगी, तो उनकी मदद तुरंत ली जाएगी। अब तक 32 लोगों को आईटीबीपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लगातार बर्फबारी के कारण मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं, लेकिन मौसम में सुधार के साथ रेस्क्यू कार्य और तेज किया जाएगा। सभी राहत दलों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया गया है, और माणा हेलीपैड को भी सक्रिय किया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और गोपेश्वर जिला अस्पताल को भी तैयार रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी से ली पूरी जानकारी
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी से घटना की विस्तृत जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि हिमस्खलन बद्रीनाथ धाम से 6 किमी आगे हुआ, जहां सीमा सड़क संगठन के अंतर्गत बर्फ हटाने वाले मजदूर मौजूद थे। तुरंत आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुट गईं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि शेष लोगों को बचाने का अभियान जारी है।

मुख्यमंत्री रात 8 बजे फिर पहुंचे आपदा कंट्रोल रूम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रात 8 बजे दोबारा आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर हालात का जायजा लिया। वे लगातार रेस्क्यू कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों के साथ नियमित स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सभी एजेंसियां युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, और जल्द ही सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

आपदा के दृष्टिगत रिस्पॉन्स टाईम को कम से कम रखे जाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने वर्तमान में प्रदेश मे हो रही भारी वर्षा एवं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रहे हिमपात के दृष्टिगत भी निरन्तर सभी जिलाधिकारियों से समन्वय बनाए रखे जाने के भी निर्देश दिए ताकि किसी भी आपदा की स्थिति का त्वरित ढ़ंग से सामना किया जा सके। किसी भी आपदा के दृष्टिगत रिस्पॉन्स टाईम को कम से कम रखे जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने ली सारकोट की माहेश्वरी के उपचार की जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर चमोली के सारकोट गांव निवासी महेश्वरी देवी का उपचार किया जा रहा है। जिसे लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी संदीप तिवारी से उनके उपचार के साथ ही अन्य सुविधाओं के विषय में विस्तृत जानकारी ली।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट निवासी महेश्वरी देवी का उपचार मुख्यमंत्री के निर्देशों पर एम्स ऋषिकेश से करवाया जा रहा है। साथ ही उनकी नियमित जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में जाकर जांच कर रही है। चिकित्सकों ने उनके स्वास्थ्य में सुधार बताया है। कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें दवाइयों के साथ ही पोषाहार भी समय-समय पर आवश्यकतानुसार उपलब्ध करवाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि सारकोट गांव में विकास कार्यों को गति देने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। जिसके तहत गांव में उद्यान, कृषि, पशुपालन सहित सभी विभागों के अधिकारियों द्वारा नियमित मॉनिटरिंग कर कार्य किए जा रहे है। कहा कि मुख्यमंत्री शीघ्र ही सारकोट में किए जा रहे विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे।

सरकोट निवासी माहेश्वरी देवी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर मिल रहे उपचार के लिए मुख्यमंत्री के साथ ही जिला प्रशासन के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।

मुख्यमंत्री डीएम चमोली से गैरसैंण विकास कार्याे की समय पर कर रहे समीक्षा

ग्रीष्मकालीन राजधानी परिक्षेत्र का स्थाई विकास करना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता में शामिल है। विगत नवंबर माह में मुख्यमंत्री ने गैरसैंण का दौरा करते हुए जिलाधिकारी चमोली सहित जनपद के तमाम विभागीय अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक करते हुए राजधानी परिक्षेत्र के ढांचागत विकास पर जोर दिया था और जनभावनाओं के अनुरूप गैरसैंण का स्थाई विकास कर पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने और बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने सारकोट गांव को गोद लेकर एक आदर्श ग्राम बनाने की घोषणा भी की थी। जिसके बाद राजधानी परिक्षेत्र में तेजी से विकास कार्य होने लगे है। ग्रीष्मकालीन राजधानी के विकास को लेकर मुख्यमंत्री गंभीर है और चमोली के जिलाधिकारी के साथ विकास कार्याे की नियमित समीक्षा भी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने सभी विभागों की योजनाओं को एकीकृत करते हुए राजधानी परिक्षेत्र में विकास कार्याे को रफ्तार देने में जुटे है। मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट के विकास के लिए योजनाबद्ध तरीक़े से काम चल रहा है। कृषि और उद्यान विभाग के माध्यम से गांव में पालिहाउस लगाकर यूरोपियन वेजिटेबल उत्पादन को बढावा दिया जा रहा है। गांव में मशरूम हार्वेस्टिंग के लिए मशरूम टनल लगाना की भी योजना है। गांव में मशाला चक्की लगाने के साथ डेयरी पर काम शुरू किया गया है। स्वास्थ्य जांच के लिए गांव में नियमित शिविर लगाए जा रहे है। सारकोट गांव में उरेडा के माध्यम से 10 सोलर लाइट लगाकर गांव को रोशन किया गया है। गांव में ही रोजगार मिलने से ग्रामीणों में उत्साह है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर मशरूम उत्पादन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर गैरसैंण ब्लाक के आदिबद्री, खेती, मालसी और थापली गांव का चयन करते हुए यहां पर किसानों को शतप्रतिशत अनुदान देकर मशरूम टनल बनाई गई और किसानों मशरुम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया। जिससे किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है। मशरूम उत्पादन में अच्छा मुनाफा पाकर राजधानी क्षेत्र के अन्य गांवों से भी किसान लगातार मशरूम हार्वेस्टिंग की डिमांड कर रहे है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर पूरे राजधानी क्षेत्र को मशरूम वैली के रूप में विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने राजधानी देहरादून में संचालित विद्यालयों की तर्ज पर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विद्यालयों को आदर्श विद्यालय बनाने हेतु दिए गए निर्देशों के अनुपालन में पहले चरण में राजकीय इंटर कॉलेज भराडीसैंण को मॉडर्न विद्यालय बनाने का काम तेजी से चल रहा है। राजधानी के राइका भराडीसैंण को मार्डन स्कूल बनाने के लिए सभी संसाधन जुटाए जा रहे है। कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग इस काम को अंजाम देने में जुटा है। आने वाले कुछ समय में आदर्श शिक्षा के लिए यह विद्यालय पूरी तरह से हाइटेक नजर आएगा।

गैरसैंण नगर क्षेत्र में जाम की समस्या को दूर करने के लिए यहां पर मल्टी स्टोरी पार्किंग निर्माण हेतु कार्यदायी संस्था यूपीआरएनएन के माध्यम से आगणन तैयार कर शासन को भेजा जा चुका है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर सिंचाई विभाग के माध्यम से गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में मां भराड़ी देवी का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। सिंचाई विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके लिए स्थानीय जनता एवं हितधारक तीर्थ पुरोहितों के सुझाव भी लिए जा रहे है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर गैरसैंण के स्थाई विकास के लिए रिक्त एसडीएम पद पर भी अधिकारी की तैनाती कर दी गई है। गैरसैंण को जल्द ही उप जिलाधिकारी मिलने से यहां विकास कार्याे और तेजी आएगी।

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के सर्वांगीण विकास को लेकर सीएम धामी संकल्पबद्ध है और जिलाधिकारी चमोली से लगातार फालोअप ले रहे है।

माता-पिता का साया खोने वाले खैनुरी के तीन अनाथ बच्चों की मदद को मुख्यमंत्री धामी ने बढाया हाथ

चमोली जिले के खैनुरी गांव में माता-पिता का साया खोने के बाद परेशानियों में जीवन यापन कर रहे तीन अनाथ बच्चों की मदद को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाथ बढाया है। मामला संज्ञान में आने पर मुख्यमंत्री ने चमोली प्रशासन की टीम के माध्यम से अनाथ बच्चों के भरण पोषण और सर्दी से बचाव के लिए आवश्यक सामग्री पहुंचाई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर रविवार को चमोली प्रशासन की टीम ने खैनूरी गांव पहुंच कर मुख्यमंत्री द्वारा बच्चों के लिए भेजी गई आवश्यक वस्तुएं उन्हें उपलब्ध कराई। वहीं मुख्यमंत्री ने अनाथ बच्चों के लिए सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

गौरतलब है कि खैनुरी गांव निवासी नैन सिंह की अक्तूबर माह में बीमारी से मृत्यु हो गई। जबकि उनकी पत्नी स्वर्गीय कुसम देवी की मृत्यु वर्ष 2020 में हो गई थी। ऐसे में उनकी दो बेटियां संजना और साक्षी के साथ ही बेटा आयुष बेसहारा हो गए। हालांकि गांव के ग्राम प्रधान वीरेंद्र सिंह के साथ ही ग्रामीणों की ओर से बच्चों को सहारा दिया जा रहा है। लेकिन माँ-पिता का साया सर से उठने के चलते बच्चों के सम्मुख आर्थिक संकट खड़ा हो गया। ऐसे में मामले की जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मिलने पर उन्होंने जिला प्रशासन को बच्चों की त्वरित सहायता करते हुए अन्य व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। जिस पर रविवार को उप राजस्व निरीक्षक अनुज बंडवाल के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने बच्चों के घर पहुंच कर सर्दी से बचाव के लिए बच्चों को कम्बल, गर्म कपड़े, फल और पोषण की अन्य सामग्री उपलब्ध कराई। इस दौरान राजस्व निरीक्षक ने बच्चों के आवास और शौचालय का निरीक्षण भी किया। उन्होंने सरकार और प्रशासन की ओर से बच्चों को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है।

बिना प्रोटोकॉल और बिना सुरक्षा के गैरसैण पहुंचे धामी, करेंगे रात्रि प्रवास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव प्रचार के विभिन्न कार्यक्रमों और जनसंवाद के बाद बिना किसी प्रोटोकॉल व सुरक्षा के अचानक गैरसैंण पहुंच गए।

मुख्यमंत्री के इस अप्रत्याशित आगमन की खबर जैसे ही गैरसैंण के अधिकारियों को मिली, वे हैरान रह गए। यह इसलिए भी खास है क्योंकि राज्य गठन के बाद से अब तक किसी मुख्यमंत्री ने इस तरह बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम या सूचना के गैरसैंण का दौरा नहीं किया। लेकिन मुख्यमंत्री धामी का बार-बार गैरसैंण आना उनके इस क्षेत्र के प्रति विशेष संवेदनशीलता और लगाव को दर्शाता है। यह उनके नेतृत्व की समर्पित सोच और जमीनी जुड़ाव को रेखांकित करता है।

भराड़ीसैंण में मॉर्निंग वॉक के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय लोगों से की मुलाकात

भराड़ीसैंण में रात्रि विश्राम करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मॉर्निंग वॉक के जरिए, स्थानीय लोगों से मेल मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों का निरीक्षण भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण (गैरसैंण) के दो दिवसीय दौरे पर रहे। इसी क्रम में आज उन्होंने यहां उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित भू कानून पर उच्चाधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया, वहीं पलायन निवारण आयोग की बैठक में भी पहाड़ में पलायन रोकथाम के प्रयासों पर मंथन किया, इसके बाद मुख्यमंत्री ने रात्रि विश्राम भी यहीं किया। विधानसभा सत्र के अलावा पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने गैरसैंण में रात्रि विश्राम किया है। इसके बाद गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री धामी भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर के आस पास मॉर्निंग वॉक पर निकले। इस दौरान उन्होंने विकास कार्यों का जायजा लिया, साथ ही स्थानीय निवासियों से मिलकर, उनकी समस्याएं पूछी। इस मौके पर सीएम ने अधिकारियों को कार्यों में तेज़ी लाने और गुणवत्तापूर्ण कार्य पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भराड़ीसैंण (गैरसैंण) क्षेत्र में सड़क और हवाई कनेक्टिविटी को सुधारने का प्रयास कर रही है। सरकार गैरसैंण के सर्वागीण विकास के लिए रोड मैप के साथ काम कर रही है।

गंगा सहित सभी नदियों को स्वच्छ रखने का संकल्प लेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा परिसर भराड़ीसैंण में समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेते हुए विभागीय कार्याे की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद चमोली को एक स्वच्छ एवं आदर्श जनपद के रूप में विकसित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद चमोली में बद्रीनाथ, हेमकुंड, गोपीनाथ समेत अनेक देवस्थल मौजूद है। देश का प्रथम गांव माणा भी चमोली में ही है। इस सीमांत जनपद को स्वच्छ बनाना हम सब का नैतिक दायित्व है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद चमोली से बहने वाली सभी नदियों को स्वच्छ रखा जाए। नदियों में जाने वाले कूड़ा, करकट एवं गंदे नालों का ट्रीटमेंट किया जाए। नदी किनारे लोगों को जागरूक किया जाए। उदगम स्थल से लेकर संपूर्ण उत्तराखंड राज्य में हमारी नदियां स्वच्छ और निर्मल होकर बहे, इसके लिए सभी लोग इसको अपनी कार्य संस्कृति लाते हुए मिलकर काम करें। मुख्यमंत्री ने विभागों को अपने कार्यस्थल पर स्वच्छता बनाए रखने के साथ इसकी शुरुआत करने के निर्देश भी दिए। कहा कि सरकारी गेस्टहाउसों में भी विशेष स्वच्छता एवं साफ सफाई रखी जाए। ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक इस देवभूमि से एक अच्छा संदेश लेकर जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा की उत्तराखंड राज्य के विकास में महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है। महिलाओं के कौशल, उनकी शक्ति और ऊर्जा के साथ विकास कार्याे को गति दी जाए। राज्य के जीएसडीपी में पहाड़ी राज्यों का योगदान बढ़ाने का प्रयास किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा की उत्तराखंड राज्य आज कई क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। हम सबको मिलकर इसको आगे बढ़ाना है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभागों द्वारा संचालित कार्यों की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने सड़क निर्माणदायी संस्थाओं को निर्देशित किया की सड़कों को गड्ढा मुक्त एवं सुरक्षित बनाया जाए। पुलिस एवं परिवहन विभाग विभाग को वाहनों की नियमित जांच करने और अनफिट वाहनों को चलन से बाहर करने के निर्देश दिए। ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना ना हो। मुख्यमंत्री ने किसानों की आर्थिक को बढ़ाने के लिए कृषि, उद्यान, पशुपालन समेत समस्त रेखीय विभागों को भी जरूरी निर्देश दिए। बैठक में ज्योतिर्मठ में आपदा राहत कार्यों की समीक्षा भी की गई।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने मुख्यमंत्री को जनपद में संचालित नवाचारी कार्यों से अवगत कराया। जिलाधिकारी ने कहा की मैठाणा गांव को मॉडर्न विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है। आदिबद्री क्षेत्र के गांवों को मशरूम उत्पादन से जोड़ा जा रहा है। राइका भराडीसैंण को आदर्श विद्यालय बनाया जा रहा है। बैठक में आईजी गढ़वाल केएस नगन्याल, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, मुख्य विकास अधिकारी नंदन कुमार सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।