मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कनक चौक, देहरादून में देश के पहले सीडीएस जनरल पद्म विभूषण बिपिन रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल विपिन रावत की स्मृति को चिरस्थायी बनाये जाने के लिये प्रदेश की किसी बड़ी परियोजना को नाम उनके नाम पर रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि यह भव्य प्रतिमा तथा स्मारक स्थल जनरल बिपिन रावत के शौर्य, अदम्य साहस और वीरता का स्मरण कराने के साथ ही युवाओं को प्रेरणा देने का कार्य करेगा। सीडीएस जनरल रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का निर्माण एमडीडीए द्वारा लगभग 50 लाख की लागत से किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी आकस्मिक मृत्यु से देश को जो अपूरणीय क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई कभी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है तथा भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के सैनिकों का विशिष्ट योगदान रहा है। उत्तराखण्ड के युवाओं का सेना में शामिल होना प्रमुख प्राथमिकता रही है। सैन्य सेवा हमारे लिये मात्र रोजगार का अवसर नहीं, वरन देश एवं समाज के लिये जीवन समर्पित करने का उत्कृष्ट अवसर भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व.जनरल बिपिन रावत की मातृभूमि के लिए चार दशकों की निस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी। जीवन के अंतिम दिन तक वे केवल और केवल देश के लिए ही जीए। उनका सेनाध्यक्ष तथा प्रथम सीडीएस बनना ,ये स्पष्ट दर्शाता है कि वे कितने योग्य जनरल थे। सेना के तीनों अंगों के आधुनिकीकरण तथा देश को रक्षा आवश्यकताओं के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाये जाने हेतु स्व. जनरल बिपिन रावत द्वारा विशेष प्रयास किये गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान उनका मार्गदर्शन सैनिकों के बहुत काम आया। उनके अनुकरणीय योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने वीरता के नए नए प्रतिमान स्थापित किए। देश के साथ-साथ उत्तराखंड से भी उनका बड़ा लगाव था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते उनका भी सेना के प्रति जुड़ाव रहा है। बचपन में वे भी सेना का हिस्सा बनना चाहते थे। 2021 में जनरल बिपिन रावत को जब ज्ञात हुआ कि मेरे पिता महार रेजिमेंट में रहे हैं तो उन्होंने महार रेजिमेंट सेंटर सागर जाने का कार्यक्रम बनाने तथा स्वयं भी वहां जाने की इच्छा जतायी थी किन्तु इस दुखद घटना के कारण महार रेजिमेंट सागर के कार्यक्रम में उन्हें उनका सानिध्य नहीं मिल पाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सैनिकों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए हम कृत संकल्पित हैं। देहरादून के गुनियाल गांव में प्रदेश के शहीदों की शहादत स्मृतियों को यादगार बनाने के लिये भव्य “शौर्य स्थल” (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है। इस साल के अंत तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड राज्यधीन सेवाओं में शहीद सैनिक के आश्रितों को जिलाधिकारी कार्यालय में समूह ‘ग‘ अथवा ‘घ‘ में सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति प्रदान करने का कार्य भी कर रही है, अभी तक करीब 23 आश्रितों को नियुक्ति दी जा चुकी है। साथ ही विभिन्न युद्धों व सीमान्त झड़पों तथा आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों की विधवाओं व आश्रितों को एकमुश्त दस लाख का अनुग्रह अनुदान भी अनुमन्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युद्ध विधवा या युद्ध में अपंग सैनिकों को दो लाख रुपए तक की आवासीय सहायता भी प्रदान भी की जा रही है। जबकि सैनिक विधवाओं की पुत्री एवं पूर्व सैनिकों की अनाथ पुत्रियों के विवाह हेतु एक लाख रूपये का अनुदान देने की भी व्यवस्था की गई है। सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के हितों के लिए हरसंभव मदद के साथ ही सैनिकों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाना हमारा लक्ष्य है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी एवं विधायक खजान दास ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, मेयर सुनील उनियाल गामा, जे.ओ.सी संजीव खत्री, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. बंशीधर तिवारी, से.नि. मे.ज. जी.एस. रावत, मे.ज. आनन्द सिंह रावत,, जनरल विपिन रावत की दोनों पुत्रियां कृतिका एवं तारिणी, सेना के अधिकारी एवं जवानों के साथ बड़ी संध्या में लोग मौजूद रहे।
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जनरल रावत की सादगी, सहजता हमेशा हमारे दिलों में रहेगी-सीएम
सीडीएस जनरल बिपिन रावत का तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में बुधवार को निधन हो गया था। इस हादसे में उनकी पत्नी समेत 13 और लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली पहुंचकर जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल बिपिन रावत का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उनकी सादगी, सहजता हमेशा हमारे दिलों में रहेगी। देश की सेना एवं सीमाओं की रक्षा के लिए जनरल बिपिन रावत के योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी जनरल बिपिन रावत व उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि दी। गुरुवार को विधानसभा सत्र के दौरान सदन में जनरल रावत व हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए जांबाजों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे।
तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में 13 लोगों की हुई मौत
सीडीएस जनरल बिपिन रावत का तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में बुधवार को निधन हो गया था। इस हादसे में उनकी पत्नी समेत 13 और लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।
मुख्यंत्री के कार्यक्रम के अनुसार, शुक्रवार को वह सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए। गुरुवार को वह नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए। गुरुवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत भी दिल्ली पहुंच गए। वहां सीडीएस जनरल बिपिन रावत के आवास पर उनकी बेटियों से मिले। उन्होंने शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए परिजनों को ढांढस बंधाया। शुक्रवार भी वह नई दिल्ली में रहे जहां वह जनरल रावत और उनकी पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
विधानसभा में सत्ता और विपक्ष के लोगों ने जनरल को दी श्रद्धांजलि
सीडीएस जनरल बिपिन रावत के युद्ध कौशल से चीन और पाकिस्तान घबराते थे। आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी बहादुरी के किस्से सदियों तक लोगों के जेहन में रहेंगे। गुरुवार को बिपिन रावत के गृह राज्य में उत्तराखंड में हर कोई दुखी था। शोक सभाओं को दौर जारी था। उत्तराखंड के कई इलाकों में बाजार बंद रखे गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत सभी मंत्री, विधायकों और राजनीतिक दलों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी। इस दौरान लोग भावुक दिखाई दिए। सीडीएस रावत के निधन को राज्य और देश की बड़ी क्षति करार दिया। देहरादून स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में, श्रीनगर गढ़वाल विवि में, कोटद्वार, उत्तरकाशी और पौड़ी सहित पूरे राज्य में सीडीएस स्व. बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी गई। उनके पैतृक गांव में भी शोक सभा का आयोजन किया गया। जहां आसपास के गांव के लोग भी पहुंचे।
वहीं उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हो गया है। आज पहले दिन सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया। जिसके बाद मुख्यमंत्री दिल्ली रवाना हो गए। वह दिल्ली में जनरल बिपिन रावत की अंत्येष्टि में शामिल होंगे। सत्र का पहला दिन सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर शोक संवेदना और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए समर्पित रहा। इस क्रम में शीतकालीन सत्र के प्रथम दिवस पर आज सदन में प्रवेश करने से पूर्व उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व अन्य मंत्री विधायकों ने जनरल बिपिन रावत के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। इसके अलावा सत्र की अवधि एक दिन बढ़ाई गई है। 11 दिसंबर को भी सदन संचालित किया जाएगा। कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सदन की कार्यवाही का एजेंडा तय किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए पहले दिन श्रद्धांजलि अर्पित करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर समिति के सदस्यों ने सहमति प्रकट की। बुधवार को विधानसभा भवन स्थित सभागार में स्पीकर अग्रवाल की अध्यक्षता में दलीय नेताओं और कार्य मंत्रणा की बैठक में निर्णय लिया गया कि शोक संवेदना के साथ ही सदन पूरे दिन के लिए स्थगित रहेगा। सदन की गैलरी में सभी सदस्यों की ओर से स्व.विपिन रावत के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। पहले दिन शोक संवेदना व्यक्त कर सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और भारतीय सेना के अधिकारियों व सैनिकों की हेलीकॉप्टर हादसे में मृत्यु बेहद दुखद और पीड़ादायी है। जनरल रावत के निधन से देश ने वीर सपूत खो दिया। वह भारत राष्ट्र और उत्तराखंड के गौरव थे। गुरुवार को सदन में जनरल रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत के आकस्मिक निधन पर प्रदेश में तीन दिन (9 से 11 दिसंबर) का राजकीय शोक घोषित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड निवासी सीडीएस जनरल रावत अपनी विलक्षण प्रतिभा, परिश्रम, अदम्य साहस व शौर्य के बल पर सेना के सर्वाेच्च पद पर पहुंचे। जनरल रावत ने देश की सुरक्षा व्यवस्था और भारतीय सेना को नई दिशा दी। सीमाओं की सुरक्षा और देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा कई साहसिक निर्णय लिए गए। साथ ही सैन्य बलों के मनोबल को हमेशा ऊंचा बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल रावत के आकस्मिक निधन से न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि देश की अपूरणीय क्षति हुई है। हम सबको अपने इस महान सपूत पर हमेशा गर्व रहेगा। उन्होंने दुर्घटना में दिवंगतों की आत्मा की शांति और शोक संतप्त स्वजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत जवाबी कार्रवाई के एक्सपर्ट थे। सैम मानेक शॉ के बाद वह दूसरे ऐसे जनरल थे जो युद्ध रणनीति में माहिर थे और स्वयं युद्ध क्षेत्रों में पहुंचते थे। उनके रणनीतिक कौशल के चलते चीन और पाकिस्तान की सेनाएं भी उनसे घबराती थीं। यह कहना है कि सेना के ले. कर्नल (रिटायर्ड) एसपी गुलेरिया का। कर्नल गुलेरिया ने कहा कि चीन ने भूटान और सिक्किम के बॉर्डर पर गतिविधियां बढ़ाईं लेकिन जनरल बिपिन रावत की रणनीति ने चीन को भूटान के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोके रखा।
सीमा पर चल रहीं गतिविधियों को रोकने के लिए उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक भी कराई। मेजर जनरल रहने के दौरान यूएनओ में शांति सेना का भी उन्होंने नेतृत्व किया था। उनका युद्ध करने का जो तरीका था, वह अपने आप में अनूठा था। वे दुर्गम और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में युद्ध का विशेष अनुभव रखते थे। सेनाध्यक्ष रहने के दौरान उन्हीं की रणनीति से पाकिस्तान की सीमा से घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई और सीमा पर जवानों की मौतों में कमी आई। उनके अनुभव और कौशल से ही पाकिस्तान और चीन को डर था कि उनकी सेनाएं जनरल बिपिन की रणनीति के सामने नहीं टिक पाएंगी।
कर्नल गुलेरिया ने कहा कि जनरल रावत ने सुरक्षा के क्षेत्र में देश के लिए बहुत कुछ किया। उनका निधन देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। देश को उनकी कमी हमेशा खलेगी। सीडीएस जनरल बिपिन रावत वर्ष 2017 में थल सेनाध्यक्ष रहने के दौरान सीमांत पिथौरागढ़ जिले में भी आए थे। तब उन्होंने पूर्व सैनिकों की समस्याओं को भी सुना था और उन्हें समस्याओं के समाधान करने का भरोसा भी दिया था। सेना ब्रिगेड में अधिकारी, जवानों और सेवानिवृत्त सैनिकों को संबोधित करने के दौरान उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं का पूरा ध्यान रखने का आश्वासन दिया था। उन्होंने इसके लिए सेना के अधिकारियों को भी पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों से पूरा मेल-मिलाप रखने के निर्देश दिए थे।
सैन्य धाम का नाम जनरल रावत के नाम पर रखने की मांग
सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य सैन्य अधिकारियों के निधन पर कांग्रेस ने श्रद्धांजलि सभा आयोजित की। कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने सैन्यधाम का नाम जनरल रावत के नाम पर रखने की मांग राज्य सरकार से की।
गुरुवार को दून रोड पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कांग्रेसियों ने जनरल रावत के निधन पर शोक जताया। खरोला ने कहा जनरल रावत का निधन देश और विशेष रूप से उत्तराखंड के लिए अपूर्णीय क्षति है। कहा कि उत्तराखंड बोर्ड के पाठ्यक्रम में जनरल रावत के देश के प्रति योगदान को शामिल किया जाए। मौके पर सुधीर राय, मदन मोहन शर्मा, अरविन्द जैन, भगवान सिंह पंवार, मधु जोशी, राजेन्द्र गैरोला, उमा ओबराय, अशोक सडाना, जितेन्द्र पाल पाठी, जतिन जाटव, अभिषेक शर्मा, जयपाल सिंह, जीतेन्द्र यादव, सोनू पाण्डेय, एकांत गोयल, राहुल पाण्डेय आदि मौजूद रहे।
जनरल बिपिन रावत का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति-राजे नेगी
तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बल के अन्य अधिकारियों के निधन पर आम आदमी पार्टी द्वारा नेपालीफार्म कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर पार्टी विधानसभा प्रभारी राजे सिंह नेगी सहित सभी पदाधिकारियों द्वारा 2 मिनट का मौन रखकर सीडीएस जनरल बिपिन रावत एवं सभी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
इस अवसर पर नेगी ने जनरल बिपिन रावत के निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया और कहा कि उत्तराखंड को अपने इस सपूत पर हमेशा गर्व रहेगा। देश की सुरक्षा में उन्होंने महान योगदान दिया है। उन्होंने कहा, देश की सीमाओं की सुरक्षा एवं देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा लिए गए साहसिक निर्णयों एवं सैन्य बलों के मनोबल को सदैव ऊंचा बनाये रखने के लिए उनके द्वारा दिये गये योगदान को देश सदैव याद रखेगा। उन्होंने भारतीय सेना में परिवर्तन के एक ऐतिहासिक दौर का नेतृत्व किया।
इस मौके पर संगठन मंत्री दिनेश असवाल, दिनेश कुलियाल, मनमोहन नेगी, चंद्रमोहन भट्ट, सरदार निर्मल सिंह, प्रभात झा, पंकज गुसाईं, विक्रांत भारद्वाज, अश्वनी सिंह, सुनील सेमवाल, साहिल नेगी, नरेन्द्र सिंह, सरदार गुरुप्रीत सिंह, देवराज नेगी, जगदीश कोहली, हिमांशु नेगी आदि उपस्थित रहे।
देश के पहले सीडीएस जनरल रावत का यूं जाना सभी को अखर रहा
भारत के सीडीएस जनरल बिपिन रावत का बुधवार को एक विमान हादसे में निधन हो गया। उनका सैन्य हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर के पास क्रैश हो गया जिसमें 14 लोग सावर थे। भारतीय वायुसेना ने बताया कि इस दुर्घटना में जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों का निधन हो गया। जनरल बिपिन रावत भारत के पहले सीडीएस थे। एक बहादुर योद्धा के जाने से न सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर भी शोक की लहर दौड़ गई है।
जानकारी मिलीं है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार शुक्रवार (10 दिसंबर) को दिल्ली छावनी में किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर के कल शाम तक एक सैन्य विमान से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की उम्मीद है। शवों को शुक्रवार को उनके घर लाया जाएगा और लोगों को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक श्रद्धांजलि देने की अनुमति दी जाएगी, इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा कामराज मार्ग से दिल्ली छावनी में बरार स्क्वायर श्मशान तक निकाली जायेगी।
सीसीएस की मीटिंग में दिखीं देश की कितनी बड़ी क्षति हुई है
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन से देश का हर शख्स उदास है। एक अजीब सा सन्नाटा है। इस मनहूस खबर के आने के बाद बुधवार शाम को जब पीएम आवास पर पीएम मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की बैठक शुरू हुई तो हर चेहरा खामोश दिखा। चेहरे के हावभाव बता रहे थे कि सीडीएस रावत का जाना देश और सरकार के लिए कितनी बड़ी क्षति है। तमिलनाडु में कुन्नूर के पास बुधवार को सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटना में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और कुछ अन्य रक्षा अधिकारियों की मौत हो गई। प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति को इससे अवगत कराया गया। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल थे।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भी बैठक में शामिल हुए। सीसीएस के सदस्यों को दुखद घटना के बारे में जानकारी दी गई। सूत्रों ने बताया कि मीटिंग में रावत सहित सभी मृत लोगों के सम्मान में 2 मिनट का मौन रखा गया। सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति ने जनरल रावत के निधन पर शोक व्यक्त किया। बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि सम्मान के तौर पर सरकार गुरुवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा करेगी। इस दौरान अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के चयन पर भी चर्चा हुई।
भारतीय वायु सेना ने दिया आधिकारिक बयान
भारतीय वायु सेना ने एक बयान में कहा, गहरे अफसोस के साथ बताना पड़ रहा है कि यह पता चला है कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की मौत हो गई है। जनरल रावत नीलगिरी हिल्स के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में स्टाफ कोर्स के फैकल्टी और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए जा रहे थे।
हेलीकॉप्टर में सवार 14 लोगों में से, एकमात्र जीवित, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में डायरेक्टिंग स्टाफ, का वर्तमान में वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है। मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, नायक विवेक कुमार, नायक बी. साई तेजा और हवलदार सतपाल जनरल रावत के साथ यात्रा कर रहे थे। उनके अलावा, दो पायलट, एक ग्रुप कैप्टन और एक गनर दुर्भाग्यपूर्ण रूप से क्रैश हुए हेलिकॉप्टर में सवार थे। सिंह अपनी पत्नी और सात कर्मचारियों के साथ सुबह 8ः47 बजे कोयंबटूर के पास सुलूर आईएएफ बेस के लिए दिल्ली में एक उड़ान में सवार हुए थे।
सीएम ने सीडीएस के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत जी के आकस्मिक निधन पर प्रदेश में 3 दिन (9-10-11 दिसंबर 2021) का राजकीय शोक घोषित करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकाप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत व अन्य अधिकारियों की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शान्ति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने जरनल रावत के आकस्मिक निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि देश की सुरक्षा के लिए जनरल रावत ने महान योगदान दिया है। देश की सीमाओं की सुरक्षा एवं देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा लिये गये साहसिक निर्णयों एवं सैन्य बलों के मनोबल को सदैव ऊंचा बनाये रखने के लिए उनके द्वारा दिये गये योगदान को देश सदैव याद रखेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत की परवरिश उत्तराखण्ड के छोटे से गांव में हुई। वे अपनी विलक्षण प्रतिभा, परिश्रम तथा अदम्य साहस एवं शौर्य के बल पर सेना के सर्वाेच्च पद पर आसीन हुए तथा देश की सुरक्षा व्यवस्थाओं एवं भारतीय सेना को नई दिशा दी। उनके आकस्मिक निधन से उत्तराखण्ड को भी बड़ी क्षति हुई है। हम सबको अपने इस महान सपूत पर सदैव गर्व रहेगा।
वहीं, मुख्यमंत्री आवास में विधानमण्डल दल की बैठक के अवसर पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकाप्टर दुर्घटना में हुए आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि आर्पित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड से भी जनरल रावत का विशेष लगाव था। राज्य के विकास की उनकी सोच थी। अभी हाल ही में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी पत्नी के साथ वे देहरादून आये थे, उनका आकस्मिक निधन उत्तराखण्ड के लिए बड़ा ही दुःखद है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ हरक सिंह रावत, बंशीधर भगत, सुबोध उनियाल, बिशन सिंह चुफाल, स्वामी यतीश्वरानन्द, विधायक हरवंश कपूर, हरभजन सिंह चीमा सहित अन्य विधायकगणों ने भी जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की।