उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून लागू करने पर सीएम की हुई प्रशंसा

उत्तराखण्ड में नकल विरोधी कानून लागू करने पर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया। भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष शशांक रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भारत का सबसे कठोर नकल विरोधी अध्यादेश जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री के द्वारा उठाया गया यह ऐतिहासिक कदम ईमानदार, मेहनती एवं मेधावी युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि पहली बार नकल माफियाओं पर इतनी कठोर कारवाई की गई है। भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में लागू किये गये नकल विरोधी कानून के ऐतिहासिक निर्णय के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए भाजयुमो द्वारा प्रदेशभर में जागरूकता रैली का आयोजन किया जायेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के बेटे एवं बेटियों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा। गरीब बच्चों को भी नौकरी के पूरे अवसर मिले, इसके लिए राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करने वालों और करवाने वालों के लिए सख्त सजा का इसमें प्राविधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग भर्ती परीक्षाओं की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर युवाओं को बरगलाने का कार्य कर रहे हैं। क्योंकि ये लोग चाहते हैं, कि आने वाले कुछ सालों में राज्य में भर्ती परीक्षाएं न हों, जिससे सरकार की छवि खराब हो। सरकार राज्य में भर्ती प्रक्रियाओं में तेजी लाने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है। हमारे युवा बेटों और बेटियों की सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। राज्य में नकल विरोधी कानून लागू होने से प्रदेश के युवाओं में ऊर्जा का संचार हुआ है।

कांग्रेस अपने कारनामें सामने आने के बाद दुष्प्रचार कर रही-महेन्द्र भट्ट

भाजपा ने कहा कि हर घपले कि जड़ मे कांग्रेस के कारनामे सामने आने के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत भी कंफ्यूज हो गए है और कांग्रेस को भी नही सूझ रहा है कि क्या करना है, इसलिए उसने दुष्प्रचार को अपनी नीति का हिस्सा बना लिया है।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने विगत दिवस कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत की तबीयत खराब होने पर चिंता जताते हुए उनसे राजनैतिक गतिविधियों से आराम लेने की अपील की है। हालांकि उन्होंने हरदा को याद भी दिलाया कि समय रहते सत्ता में हमेशा नियुक्ति तंत्र में भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया। ऐसे में आज उम्र के इस पड़ाव में उनका इस मुद्दे पर जान तक देने की बात सियासी आडंबर हो सकता है। उन्होंने नकल कानून पर सवाल उठाने को कांग्रेस की दोहरी मानसिकता बताया है।
मीडिया से बात करते हुए महेंद्र भट्ट ने नकल कानून पर कांग्रेस की आपत्ति का जबाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पहले नकल के खिलाफ कानून की बात कहती रही और अब उस पर सवाल उठा रही है यह उसकी दोहरी मानसिकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि हरीश रावत समेत काँग्रेस सरकारों का इतिहास पटवारी, दरोगा, बीडीओ सहित अनेकों भर्ती घोटालों से पटा पड़ा है और वर्तमान समय में जांच के घेरे में आयी अधिकांश परीक्षाएं कांग्रेस शासनकाल की हैं। लेकिन तमाम घपले घोटालों को अंजाम देने के बावजूद कांग्रेस नेता ईमानदारी पर प्रवचन दे रहे हैं। जो पुलिस मुख्यालय व अन्य स्थानों पर तमाशा कर रहे हैं उन्हे कैमरे पर दुनिया ने भ्रष्टाचारियों के सामने नतमस्तक होते देखा है। यहाँ तक कि नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ियों पर जानबूझकर कर आंखें मूंदी और आज ऐतिहासिक कार्यवाही के बावजूद घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
पूर्व सीएम आज छात्र हित में जान तक देने की बात कर रहे हैं, लेकिन उनके कार्यकाल में एक नही 3-3 बार प्रशिक्षित बीएड, आंगनबाड़ी भोजन माताओं और शिक्षामित्रों पर पुलिस बर्बतारता हुई वह भूलने का नाटक कर रहे है। भट्ट ने आरोप लगाया कि सीबीआई जांच के पीछे कांग्रेस की एकमात्र मंशा भर्ती प्रक्रियाओं को बाधित कर युवाओं को रोजगार से वंचित करना है। ताकि युवा भड़के और प्रदेश में कानून व्यवस्था खराब हो। पेपर लीक के आरोपियों को जमानत मिलने पर आरोप लगाने वाले विपक्ष को पहले अपने गिरेबां में झांकने की जरूरत है। क्योंकि यदि आज की तरह अपने कार्यकाल में वह सख्त नकल विरोधी कानून की पहल करते तो आज बेरोजगारों के सामने स्थिति यह नही होती। लेकिन धामी सरकार अब कठोरतम नकल विरोधी कानून लेकर आयी है जिससे पारदर्शिता से सभी परीक्षाएं होगी और युवाओं के साथ न्याय हो सकेगा।

बहकावे में न आए युवा धैर्य बनायें रखें, भाजपा की अपील

भाजपा ने युवाओं के आंदोलन को कांग्रेस का राजनैतिक षडयंत्र बताते हुए युवाओं से धैर्य बरतने और सरकार के कदमों पर विश्वास जताने की अपील की है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने प्रदेश के युवाओं पर भरोसा जताते हुए कहा कि वह कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते है लिहाजा उन्होंने मुख्यमंत्री से इस पूरे षडयंत्र को लेकर जांच की मांग की है।
महेंद्र भट्ट ने युवाओं से धैर्य बनाये रखने और किसी के बहकावे में नही आने की अपील की और आरोप लगाया कि काँग्रेस पार्टी शुरुआत से ही युवाओं को भड़काने में लगी हुई थी क्योंकि वह सरकार की नियुक्ति प्रकरणों में की जा रही कठोरतम कार्यवाही और उसपर जनता की संतुष्टि को हजम नही कर पा रही थी। जिस तरह की जानकारियां सामने आ रही हैं उससे संदेह है कि कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों के लोग युवाओं के बीच उन्हें भड़काने का काम कर रहे थे, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व चिंताजनक है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस पूरे प्रकरण के पीछे की गई साजिश की जांच होनी चाहिए। क्योंकि हमे अपने युवाओं पर पूरा भरोसा है वह कानून अपने हाथ में नही के सकते हैं।
इससे पूर्व दोपहर, पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा, धामी सरकार दोषियों पर नियुक्ति में भ्रष्टाचार के दोषी सभी लोगों पर ऐतिहासिक व कठोरतम कार्यवाही कर रही है। इसी क्रम में सरकार नकल कानून को और सख्त करने जा रही है ताकि भविष्य में कोई ऐसा करने की जुर्रत भी नहीं करे। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में जांच एजेंसियां बेहतर काम कर रही है और जो भी दोषी पाया जा रहा है उसे सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है। माननीय उच्च न्यायालय ने भी एजेंसियों की कार्यवाही पर विश्वास जताया है । लिहाजा प्रदेश के युवाओं को धैर्य व जांच एजेंसियों पर भरोसा बनाये रखना चाहिए। उन्होंने युवाओं से ऐसी राजनैतिक पार्टी के नेताओं के बहकावे में नही आने की अपील की है जो राज्य में भ्रष्टाचार की दीमक पनपाने के सबसे अधिक जिम्मेदार हैं। जिनके सत्ता काल के अधिकांश नियुक्तियों में हुई धांधलियों पर आज कार्यवाही हो रही हों । महेन्द्र भट्ट ने कहा, शीघ्र ही मार्च माह में पार्टी सभी विधायकों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगी, जिसमे जनता की उम्मीदों व कार्यकर्ताओं के कार्यों को पूरा करने एवं सरकार संगठन की योजनाओं को समन्वय करते हुए धरातल पर उतारने पर विचार किया जाएगा। जिसके बाद पार्टी में शामिल होने वाले नए कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के लिए भी पार्टी की रीति नीति से संबंधी जानकारी का प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जाएगा।

गणतंत्र दिवस पर राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने का संकल्प दोहराया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, संविधान निर्माताओं और राज्य आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे संविधान निर्माण का एक पर्व है। आज के दिन हमारे देश में बाबा साहेब अम्बेडकर के दिशा निर्देशन में बनाए गए संविधान को लागू किया गया था। हमारा यह विशिष्ट संविधान हमारे राष्ट्र का निरंतर मार्गदर्शन करता आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे स्वाधीनता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण भी कराता है। यह अवसर हमें देशभक्तों के सपनों को साकार करने और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने का संकल्प लेने की भी प्रेरणा देता है। संविधान के अंतर्गत ही हम सभी की जिम्मेदारी यह भी है कि हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के मूलभूत लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संकल्पना को साकार करते हुए वर्ष 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, केंद्र सरकार के सहयोग एवं प्रदेश की 1.25 करोड़ जनता के आशीर्वाद से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में प्राण प्रण से जुटे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरलीकरण, समाधान निस्तारण और जन संतुष्टि के मूलमंत्र पर चलते हुए अंत्योदय की भावना के साथ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के विकास, कल्याण और उन्नति हेतु संकल्पबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति का अनुसरण कर प्रदेश में नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कर रहे है। राज्य कैबिनेट द्वारा प्रदेश में भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के लिये सख्त नकल विरोधी कानून बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। इस कानून को इतना सख्त बनाया जायेगा कि भविष्य में कोई इस बारे में सोच भी न सके। सख्त नकल विरोधी कानून में दोषी का उम्र कैद की सजा का प्राविधान तो होगा ही उसके द्वारा अर्जित संपत्ति को जब्त किये जाने का भी व्यवस्था रहेगी।
भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ की इस विपदा में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं। हम प्रभावितों के हित में उनकी जो भी अपेक्षाएं हैं उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं, प्रधानमंत्री जी भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है। प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जायेगी यह पूरे देश के लिए नजीर बने। उत्तराखण्ड एक आपदा संवेदनशील राज्य है। इसलिए हमारी जिम्मेदारियां भी अलग हैं। हम अपने सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का सर्वेक्षण करवा रहे हैं। हम हमेशा इकॉलॉजी और इकोनॉमी के संतुलन की बात करते हैं। उत्तराखण्ड पर्यावरणीय सेवा प्रदाता राज्य है। हिमालय, वन एवं वन्य जीव सम्पदा हमारी अमूल्य धरोहर है। इनका संरक्षण एवं संवर्धन हमारा ध्येय है। स्थानीय लोगों का विकास व रिवर्स पलायन भी हमारी एक बड़ी जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बिना किसी तुष्टिकरण के सबका साथ सबका विश्वास और सबके प्रयास की भावना को साकार करने तथा धर्म, संस्कृति, आध्यात्म, शौय एवं सामरिक महत्व वाले गंगा के प्रदेश, देवभूमि उत्तराखण्ड के सभी संप्रदायों के हित में समान नागरिक संहिता कानून बनाये जाने के लिये कृत संकल्पित है। इसका हमने चुनाव से पूर्व जनता से भी वादा किया था। इसके साथ ही राज्य के कई क्षेत्रों में घटित हो रही धर्मांतरण की घटनाओं को प्रभावी ढंग से रोकने के लिये प्रदेश में सख्त धर्मांतरण कानून बनाया है। हमारे शांत प्रदेश में इस प्रकार की जबरन धर्मांतरण की घटनायें घटित न हों इसके लिये यह कानून लाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति का सम्मान भी हमारे लिये सर्वोपरि है। महिलाओं के कल्याण के लिये राज्य सरकार द्वारा प्रभावी योजनायें क्रियान्वित की जा रही हैं। राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्राविधान किया है। राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 2025 तक राज्य की 1.25 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश अमृत महोत्सव मना रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों का नव भारत एक भारत श्रेष्ठ भारत तथा आत्मनिर्भर भारत के महा अभियान में सहयोग का आह्वान किया।

उत्तराखंड के कांग्रेस नेताओं पर बिफरे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट

भाजपा ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में जोशीमठ आपदा को राजनैतिक रूप देने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे कांग्रेस का दोहरा चरित्र करार दिया है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस नेता एक ओर मुख्यमंत्री धामी से मिलकर आपदा पर सुझाव देते है और अगले दिन यात्रा में शामिल होकर इस मुद्दे को राजनैतिक रंग देते हैं। अपने कार्यकाल में जारी परियोजनाओं को राजनैतिक मुनाफे के लिए अब अनियंत्रित व अनियोजित विकास बता रहे हैं।
महेन्द्र भट्ट ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह आपदा के पहले दिन से ही प्रभावितों की मदद के बजाय उनकी भावनाओं के खेलने और भड़काने के मिशन में जुटी है। सरकार को बदनाम करने के इस प्रयास के चलते, सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों में जोशीमठ व पहाड़ की यात्रा को लेकर भय का माहौल बनाया जा रहा है। राहुल की भारत जोड़ो यात्रा का एक दिन जोशीमठ आपदा को समर्पित करना भी उनकी इसी नकारात्मक रणनीति का हिस्सा है। एक दिन पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी से मिलकर अपने सुझावों की लंबी सूची के साथ सरकार पर विश्वास जताते हुए प्रशंसा करने वाले कांग्रेस के यही तमाम छोटे बड़े नेता दूसरे ही दिन कश्मीर में इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाने का प्रयास करते नही नजर आते।
भट्ट ने आरोप लगाया कि जोशीमठ आपदा ही नही, राष्ट्र की सुरक्षा व विकास से संबंधित परियोजनाओं को अपनी राजनैतिक यात्रा का हिस्सा बनाना उसका दोहरा चरित्र है। देश और ऊर्जा जरूरतों की दृष्टि से उत्तराखंड में निर्मित या निर्माणाधीन लगभग सभी परियोजनाओं में उनकी सरकारों के कार्यकाल से ही काम जारी है। वहीं इनके अतिरिक्त सैनिकों, देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय निवासियों की जरूरतों को जोड़ते चारधाम प्रोजेक्ट व रेलमार्ग के राष्ट्रीय व क्षेत्रीय महत्व से भी वे अनजान नही हैं। लेकिन बिना किसी तकनीकी व वैज्ञानिक रिपोर्ट के इन तमाम परियोजनाओं को आज अपनी राजनैतिक यात्रा के माध्यम से पहाड़ में अनियंत्रित व अनियोजित विकास बताकर देश भर में प्रचारित किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व पहाड़ विरोधी है। उन्होंने कांग्रेस की इस कोशिश को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए, राष्ट्र व पहाड़ विरोधी ठहराया। उन्होंने कहा, हमारी सरकार शुरुआत से ही आपदा प्रभावितों को राहत एवं मदद पहुंचाने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है और जिससे सभी संतुष्ट भी हैं। जहां तक जोशीमठ में सुधार व पुनर्वास का विषय है तो केंद्र व राज्य की शीर्ष विशेषज्ञ एजेंसियों की फाइनल रिपोर्ट का सभी को इंतजार है।

कांग्रेस के लिए जोशीमठ बन रहा डिजास्टर टूरिज्मः भाजपा

भाजपा ने भू धँसाव ग्रस्त जोशीमठ को कांग्रेस के लिए आपदा पर्यटन बताते हुए कहा कि बेहतर होता कि वह आरोप लगाने से पहले जवाबदेही स्वीकार कर लेती।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि इस समय प्रभावित क्षेत्र मे पहली प्राथमिकता लोगो को सुरक्षित स्थल मुहैया कराना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रभावितों को बाजार दर पर मुआवजा तथा किसी भी भवन को न तोड़ने का अश्वासन लोगों को दे चुके है। महज जो दो होटल जो कि अन्य भवनों के लिए खतरा बने हुए है उनको भी डिसमेंटल करने की कार्यवाही की जा रही है। सरकार डेढ़ लाख की अंतरिम सहायता दे रही है जिसमे 50 हजार घर शिफ्ट करने तथा एक लाख आपदा राहत मद से एडवांस मे उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं जो लोग किराये पर जा रहे है उन्हे 4 हजार रुपये प्रति माह 6 माह तक दिये जायेंगे।

भट्ट ने कहा कि प्रभावित मकानों का सर्वे किया जा रहा है। सरकार प्रभावितों को को हर संभव मदद मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस जोशीमठ को सैर सपाटे की जगह मान रही है और उसे पीड़ितों के दुख से कोई लेना देना नही है। कांग्रेस पीड़ितों के हितो को लेकर संघर्ष का दिखावा भी कर रही है, लेकिन उसके मूल मे राजनीति ही है। एक और कांग्रेसी पीड़ितों की समस्या को लेकर सीएम से भेंट कर रहे है तो सुबह उपवास पर बैठ रहे है। मुआवजे की समस्या के समाधान के बाद अब वह नये जोशीमठ का राग अलाप रहे है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक अवसर के रूप मे देख रही कांग्रेस अति उत्साह मे अनाप शनाप बयांबाजी कर रही है।

भट्ट ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति यह है कि पूर्व की आध्यन रिपोर्ट को लेकर उदासीन रहने और जब जवाबदेही की स्थिति बनी तो वह दूसरे मामलों को लेकर राजनीति पर उतर आये। उन्होंने कहा कि जोर की आवाज मे कोई असत्य सत्य नही बन सकता। कांग्रेस को अपनी नीति और नीयत पर मंथन की जरूरत है।

भर्ती घोटाले पर हरीश रावत के बयान पर भटट ने किया पलटवार

भर्ती घोटाले मे पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा ने उन्हे आधा सच बोलने मे माहिर बताया। उन्होंने सीएम पर की गयी टिप्पणी को आपत्तिजनक करार देते हुए कहा कि धामी आज विकास के पर्याय हो गए है और पार्टी तथा जनता को उन पर फक्र है, लेकिन आरोप लगाने वालों को आत्म अवलोकन करने की जरूरत है कि वह दोनो स्थानों मे कहां खड़े है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि प्रदेश मे सुचिता भ्रष्टाचार की बात करने वाले पूर्व सीएम हरीश रावत के कार्यकाल मे भी या तो पूर्व मे हुए भृष्टाचार को परंपरा मान कर आगे बढ़ाया गया और कुछ नई शुरुआत की गयी। उनके कार्यकाल मे विधान सभा मे निकटस्थ रहे तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष के द्वारा की गयी नाते रिश्तेदारों की नियुक्ति पर भी वह आधा सच बोल पाए। उन्होंने यह कहकर पल्ला छुड़ा लिया कि उन्होंने तब तत्कालीन विस अध्यक्ष को इसके नतीजो को लेकर चेताया था, लेकिन फिर भृष्टाचार को समर्थन देते नजर आये। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल मे दर्जनों घपले सामने आये और वह भूल गए कि उन्होंने अपनी सरकार की गलतियों को स्वीकार करते हुए माफी भी मांगी थी।
भट्ट ने कहा कि रावत भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा पर टिप्पणी कर रहे है, लेकिन धामी सरकार उन घपले घोटालों पर कार्यवाही कर रही है जो कि दबा दिये गए थे। कांग्रेस के कार्यकाल मे हुए ऐसे घपलों की लंबी फेरहिस्त है। उन्होंने पूछा कि पटवारी घोटाले में उन्होंने क्या कार्यवाही की। दरोगा भर्ती घोटाला, उद्यान, छात्रवृति, एन एच, 2016 की बीडीओ भर्ती और अन्य घोटालों में भी वह मौन क्यों रहे। अगर, कुछ मामलों मे दिखावे के लिए कुछ किया भी गया तो वह भी भाजपा के द्वारा विरोध प्रदर्शन और जन दबाव मे की गयी। जबकि धामी सरकार ने बिना काल खंड को देखते हैं नैतिक साहस दिखाया। हैरानी की बात है कि तब न नैतिक साहस था और न ही विपक्ष के विरोध प्रदर्शन का असर और सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार मे लिप्त रही।
भ्रष्टाचार के दलदल मे डूबी कांग्रेस अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर ही आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे है। जबकि पूर्व मे हरीश रावत खुद धामी की शान मे कशीदे भी गढ़ते रहे। हरीश रावत अपने कार्यकाल मे हुए तमाम स्टिंग के बाद कंफ्यूज हो गए है और कभी भी पूरा सच नही बोल पाए। कभी राजनीति से विरक्ति, कभी विकास न कर पाने का मलाल और कभी अपने सहयोगियों से उपेक्षा की पीड़ा सुनाकर समय व्यतीत कर रहे है। राज्य यशस्वी मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व मे पार्टी के विकास के एजेंडे पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं और वह धाकड़ धामी की उपमा के साथ पूरी तरह न्याय कर रहे है। जनता और पार्टी को उन पर फक्र है, लेकिन उनके मामले मे यह बात कहीं से भी फिट नही बैठती है जो उन पर लगातार दुर्भावनावश टिप्पणी कर रहे है।

हिमाचल चुनाव के बाद योगी और धामी जैसे चेहरों की तलाश में जुटी भाजपा

हिमाचल के नतीजों ने हाईकमान को सोचने में मजबूर कर दिया है कि देश में मोदी के बाद अब राज्यों में भी भाजपा को दमदार चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ना होगा। जैसे यूपी में योगी और उत्तराखंड में धामी को रखकर भाजपा ने सत्ता प्राप्त की। ऐसा हम नही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से जुड़े सूत्र कह रहे है।
अगर उत्तराखंड में सत्ता परिवर्तन ना हुआ तो 15 सीटों पर सिमट जायेगी भाजपा। कुछ ऐसा ही भाजपा के सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे के बाद हाईकमान में उत्तराखंड में एक नही दो बार परिवर्तन किया। स्वयं पीएम को देवभूमि में हस्तक्षेप करना पड़ा और भाजपा के हाथ में पुष्कर की रिपोर्ट सबसे बेहतर और संगठनात्मक पकड़ वाली साबित हुई। कहा जाये कि अगर पीएम मोदी चुनाव से पहले पुष्कर को सीएम बनाने का दूरदर्शी फैसला न करते तो उत्तराखंड में भी होते हिमाचल जैसे हालात होते। पीएम मोदी के मंत्र को आमजन तक पहुंचाने में कामयाब रहे सीएम पुष्कर धामी भले ही चुनाव हारे लेकिन सत्ता दिलाने में कायाब रहे। हालांकि आज भी उन्हें वह लॉबी नही चपा पा रही है जो उत्तराखंड में भय, भ्रष्टाचार और अनैतिक कार्यों में लिप्त रही। हर राह में रोड़े अटका कर उनके लिए आसान राह को भी कठिन और चुनौती पूर्ण किया जा रहा। लेकिन अपनी मुस्कान की तरह ही अकेले योद्धा की तरह लड़ कर विजय हासिल कर रहे धामी। कहा जाये तो पीएम मोदी के बाद राज्य में सबसे अधिक लोकप्रिय नेता बन चुके है आज धामी।
फिर लौटते है हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजों में जिसने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत का भी राज खोल दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले दूरदर्शी फैसला लेते हुए सीएम के रूप में युवा तुर्क पुष्कर धामी को कमान सौंपी। इस युवा सीएम ने भी रात दिन की अथक मेहनत कर पीएम मोदी के चेहरे, उत्तराखंड को लेकर पीएम मोदी के किए गए काम को घर घर तक पहुंचाया। कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ ही जनता में भी विश्वास कायम किया। उत्तराखंड में भाजपा की प्रचंड जीत इसी मेहनत का नतीजा है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का कैडर बेदम हो चुका था। ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन, जल जीवन मिशन समेत केंद्र की तमाम योजनाओं के बावजूद जनता में जोश गायब था। जनता के इसी मूड को केंद्रीय नेतृत्व ने समय रहते भांप लिया। सीएम के रूप में मौका पहले तीरथ सिंह रावत को दिया, लेकिन उन्हें तत्काल बदल केंद्र ने युवा नेतृत्व के रूप में पुष्कर सिंह धामी को जुलाई 2021 में मौका दिया। सीएम के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने भी सबसे पहले उत्तराखंड को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी के विजन को उत्तराखंड के जन जन तक पहुंचाया। कार्यकर्ताओं, पार्टी कैडर में जोश भरा।
महज छह महीने के भीतर पूरे उत्तराखंड के गांव गांव को एक सिरे से नाप दिया। पार्टी के ही तमाम बड़े नेता जहां भाजपा की सीटों का आंकड़ा बामुश्किल दहाई के अंक तक पहुंचने के दावे कर रहे थे, उन्हीं दावों को खारिज करते हुए पीएम मोदी और सीएम पुष्कर धामी की जोड़ी ने प्रचंड जीत दिलाई। अब हिमाचल के नतीजों को देख कर केंद्रीय नेतृत्व को समझ आ गया है कि यदि जुलाई 2021 में पीएम नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में सीएम के रूप में पुष्कर का चुनाव न करते, तो उत्तराखंड में भी हिमाचल जैसे हालात तय थे। क्योंकि उत्तराखंड में हालात हिमाचल से अधिक विकट थे। लगातार एक के बाद एक सीएम बदलने से जनता के मन में उपजे अविश्वास को विश्वास में बदलने की एक बड़ी चुनौती थी। इस चुनौती से सीएम पुष्कर धामी ने मोदी मंत्र के जरिए पार पाने में सफलता हासिल की।
जुलाई 2021 से लेकर मतदान होने तक सीएम पुष्कर धामी ने 70 विधानसभाओं को कई कई बार नापा। पूरे राज्य में भाजपा का माहौल बनाने और कमजोर सीटों को जीत में बदलने के लिए वे अपनी खटीमा विधानसभा सीट को भी अधिक समय नहीं दे पाए। दूसरी ओर खटीमा सीट पर पार्टी के ही कई दिग्गज एक के बाद एक नया षड़यंत्र रचते रहे। नेताओं का फोकस खटीमा में भाजपा को जिताने से अधिक हराने पर रहा। पार्टी संगठन के तमाम बड़े दिग्गज, कैबिनेट मंत्री अपनी सीटों से बाहर ही निकल पाए। बड़े नेताओं ने प्रदेश में भ्रमण करना तो दूर अपनी बगल की सीटों तक पर झांकने की जहमत नहीं उठाई।
उत्तराखंड की इस अंदरुनी हकीकत से पीएम नरेंद्र मोदी भली भांति वाकिफ रहे। यही वजह है, जो चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद सीएम के रूप में पीएम मोदी की पहली पसंद सीएम पुष्कर सिंह धामी ही रहे। पीएमओ के इंटेलीजेंस को पूरी खबर थी कि जिस चुनाव को उत्तराखंड के भाजपा नेता हारा हुआ मान कर चल रहे थे, उसकी जीत के असल नायक पुष्कर ही हैं। पुष्कर ही रहे, जिन्होंने पीएम मोदी के विकास मंत्र को उत्तराखंड के जन जन तक पहुंचाया। अब हिमाचल के नतीजों ने भी साफ कर दिया है कि उत्तराखंड में भाजपा की प्रचंड जीत ऐसे ही नहीं मिली। ऐसे में अब उत्तराखंड में सीएम पुष्कर धामी की राह में कांटे बिछाने वालों के लिए समय आसान नहीं रहने वाला है।
मोदी द्वारा दिए गए दो मंत्र मेहनत और ईमानदारी को धरातल पर उतारने में धामी कामयाब रहे। इसी वजह से प्रधानमंत्री ने अपने केदारनाथ और बद्रीनाथ के दौरे पर धामी के काम काज की तारीफ भी की।

एक हजार गांवों में सोलर ऊर्जा से होगी विद्युत सप्लाई

उत्तराखंड के एक हजार गांवों को सोलर ऊर्जा से रोशन किए जाने के लक्ष्य पर काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बारे में प्रस्ताव कैबिनेट में पास कराने के लिए विभाग को तुरंत ड्राफ्ट बना कर देने को कहा है।
उत्तराखंड में सौर ऊर्जा उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं। सरकार ने एक हजार गांवों में बंजर पड़ी पूरब मुखी जमीनों को चिन्हित भी कर लिया है। सरकार चाहती है कि इन गांवों में सौर ऊर्जा से ही विद्युत सप्लाई की जाए। धामी सरकार का मानना है कि इससे स्थानीय रोजगार के साथ-साथ सस्ती बिजली भी लोगों को मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने ऊर्चा सचिव को ये निर्देशित किया है कि एक हजार गांवों में सोलर ऊर्जा के प्रोजेक्ट को कैबिनेट में लाने के लिए उसका फाइनल ड्रॉफ्ट तैयार करे, ताकि इस पर सरकार इसे पास करके योजना को निर्धारित समय के साथ पूरा कराया जा सके। सौर ऊर्जा पॉलिसी को ड्राफ्ट करने का काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट उन स्थानीय लोगों को निवेश करने का मौका मिलेगा जो गांवों को छोड़कर अन्य स्थानों पर रह रहे हैं उनकी बंजर भूमि से आय भी होगी।

धामी ने उत्तराखंड में सामाजिक बदलाव के नए अध्याय की शुरुआत की-महेन्द्र भटट

भाजपा ने विधानसभा में पास महिला आरक्षण व धार्मिक स्वतंत्रता संसोधन विधेयक के पास होने पर खुशी जताते हुए इसे प्रदेश में सामाजिक बदलाव के नए अध्याय की शुरुआत बताया है।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने प्रदेशवासियों एवं पार्टी कार्यकर्ताओं की तरफ से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत समूचे सदन को इस ऐतिहासिक कदम के लिए धन्यवाद दिया है।
प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य आंदोलन एवं विकास में मातृ शक्ति के अमिट योगदान के मद्देनजर, भाजपा सरकार का महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी क्षेतिज आरक्षण देने का यह कदम, समाज मे बड़ा बदलाव लाने वाला साबित होगा। यह कदम भाजपा सरकार की मातृ शक्ति के सम्मान, स्वभिमान और सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, इसी तरह जबरन या प्रलोभन से धर्मान्तरण करने वालों पर लगाम कसने के उद्देश्य से धार्मिक स्वतंत्रता कानून को अधिक सख्त बनाने वाला संसोधन विधेयक भी पार्टी के जनता से किये संकल्पों को पूरा करने वाला है। उन्होंने सदन में पास सभी विधेयकों को जनसरोकारों से जुड़ा हुआ बताते हुए स्वागत किया है।