नैनीताल के सरना गांव में अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन कौड़ियों के दाम एक ही समुदाय के लोगों ने एक साथ खरीदी। इस मुद्दे को संवेदनशील करार देते हुए भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाक़ात कर उच्च स्तरीय जांच का अनुरोध किया।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाक़ात में नैनीताल की धारी तहसील के सरना गांव के मामले को उठाते हुए अंदेशा जताया कि इसके लिए बड़ी संख्या में एक समुदाय विशेष के लोगों ने शायद अनुसूचित जाति के लोगों को डराया-धमकाया और लालच दिया गया होगा। उच्च स्तरीय जांच से इसका खुलासा हो सकता है।
उन्होंने ने कहा कि 21 व 22 सितम्बर को सरना गांव में एक साथ 13 लोगों ने भूमि की रजिस्ट्री की। इस भूमि के सभी खरीददार अलीगढ़ व संभल के हैं। कुछ भूमि बेचने वालों की पत्नियों ने धारी के उप जिलाधिकारी को इस मामले में लिखित शिकायत की है। महिलाओं ने कहा है कि उनके पति ने अपनी भूमि के पंजीकृत बैनामे कर दिए। इससे भविष्य में परिवार पर प्रत्यक्ष व परोक्ष तौर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने यह भी शिकायत की है कि ये वे भूमि हैं जिस पर बैंक ऋण भी लिया गया है।
उन्होंने कहा कि बेची गई भूमि के सह खातेदार भी हैं। एक सह खातेदार ने इस सम्बन्ध में धारी के तहसीलदार के न्यायालय में एक वाद भी दाखिल किया गया है। यह भी जानकारी मिली है कि भूमि को बाजार भाव के विपरीत कौड़ियों के भाव ख़रीदा गया है। भूमि का लेन-देन नगद किया गया है। इससे यह संदेह पैदा हो रहा है कि भूमि की खरीद-फरोख्त में किसी एक खास व्यक्ति अथवा संस्था की भूमिका है। उसकी तरफ से बेनामी संपत्ति खरीदी जा रही है। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।