मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला पर गणतंत्र दिवस-2023 परेड के लिये उत्तराखण्ड राज्य की चयनित “मानसखण्ड” की झांकी का निरीक्षण किया तथा झांकी में सम्मिलित उत्तराखण्ड के कलाकारों को कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित की जाने वाली उत्तराखण्ड की कला एवं संस्कृति के लिए अग्रिम शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने झांकी के संबंध में निर्देश दिये कि झांकी का निर्माण उच्च कोटि का किया जाय, जिसमें उत्तराखण्ड राज्य की कला एवं संस्कृति की झलक गणतंत्र दिवस परेड में देखने का मिले। गणतंत्र दिवस परेड में इस वर्ष उत्तराखण्ड की झांकी में मानसखण्ड के अंतर्गत जागेश्वर धाम, कार्बेट नेशनल पार्क तथा उत्तराखण्ड की प्रसिद्व ऐपण आर्ट को दिखाया जा रहा है।
मानसखण्ड का उल्लेख स्कन्द पुराण में वर्तमान कुमाँऊ क्षेत्र से है। राज्य सरकार गढ़वाल मण्डल में होने वाली चारधाम यात्रा की भांति मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के रूप में कुमाऊँ क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों का चिन्हीकरण करते हुए इनमें आवश्यकतानुसार अवस्थापना सुविधाएं विकसित कर रही है। इससे देशी विदेशी पर्यटकों को क्षेत्र की समृद्ध पौराणिक एवं सांस्कृतिक विरासत से परिचित भी कराया जा सकेगा, जिससे राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
इस अवसर पर स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा, उत्तराखण्ड झांकी के टीम लीडर/संयुक्त निदेशक के0 एस0 चौहान, विशेष कार्याधिकारी राष्ट्रीय रंगशाला शिविर, रवि पाण्डे, गुजरात झांकी की टीम लीडर पंकज मोदी उपस्थित रहे।
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बंसत पंचमी पर होती है मां सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना
हिंदू कैलेंडर के अनुसार 5 फरवरी 2022, शनिवार का दिन विशेष है। इस दिन माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। इस तिथि को बसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। बंसत पंचमी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। बसंत पंचमी का पर्व इस वर्ष शनिवार के दिन पड़ रहा है। शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है।
मकर राशि में शनि का गोचर
मकर राशि में ग्रहों की विशेष स्थिति देखने को मिल रही है। वर्तमान समय में मकर राशि में तीन ग्रहों की युति बनी हुई है। मकर राशि के स्वामी शनि देव है. जो वर्तमान समय में मकर राशि में ही विराजमान हैं। जहां पर वे बुध और सूर्य के साथ युति बना रहे है। 2022 में बसंत पंचमी पर तीन ग्रहों की युति मकर राशि में बनी हुई है।
इन 5 राशियों पर शनि की विशेष दृष्टि है
वर्तमान समय में मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। जबकि धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है। 5 राशियों पर शनि की विशेष दृष्टि है। जिन लोगों को शनि देव अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं। उनके लिए 5 फरवरी का दिन विशेष है। इस दिन शनि देव और माता सरस्वती की पूजा करने से विद्यार्थियों को शिक्षा में आने वाली परेशानियों से राहत मिलेगी। ज्योतिष शास्त्र में सरस्वती जी को ज्ञान देवी और शनि देव को परिश्रम का कारक माना गया है।
बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त
पंचमी तिथि का आरंभ- 05 फरवरी 2022, शनिवार को प्रातः काल 3 बजकर 47 मिनट से।
पंचमी तिथि का समापन- 6 फरवरी 2022, रविवार को प्रातः काल 3 बजकर 46 मिनट पर।
बसंत पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार माता सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट है। इस दौरान पूजा करना शुभ माना जाएगा. यह पूजा के लिए अच्छा समय है। वहीं, इस दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल सुबह 09 बजकर 51 मिनट से दिन में 11 बजकर 13 मिनट तक है।
पौराणिक मान्यताओं को आज भी निभा रहा श्री भरत मंदिर
वसंतोत्सव-2020 के तहत बसंत पंचमी के शुभमुहुर्त पर भगवान श्री भरत की शोभायात्रा धूमधाम से नगर क्षेत्र में निकाली गई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान भरत के जयकारों से डोली का स्वागत कर पुष्पवर्षा की। पावन पर्व पर श्रद्घालुओं ने भगवान भरत के दर्शन कर पुण्य अर्जित किए।
बुधवार को झंडा चैक स्थित श्री भरत मंदिर परिसर से शोभा यात्रा का आयोजन हुआ। इससे पूर्व मंदिर में श्री भरत भगवान की पूजा अर्चना विधिवत रूप से की गई। शोभा यात्रा झंडा चैक स्थित मंदिर से शुरू होकर मायाकुंड होते हुए विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठानों से गुजरकर मां गंगा के तट पहुंची। यहां पर श्री भरत भगवान की मूर्ति को गंगा स्नान करवाने के बाद पूजा अर्चना की गई। यहां से शोभा यात्रा सुभाष चैक, श्री भरत मंदिर रोड और झंडा चैक से होते हुए मंदिर परिसर में संपन्न हुई। शोभा यात्रा का नगर क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर व्यापारिक, राजनैतिक, धार्मिक संगठनों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत अशोक प्रपन्न शर्मा, कार्यक्रम संयोजक हर्षवर्धन शर्मा, मेयर अनिता ममगाईं, पंडित वत्सल शर्मा, पंडित वरुण शर्मा आदि मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने किए दर्शन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत बसंत पंचमी के अवसर पर भरत मन्दिर ऋषिकेश में आयोजित बसन्तोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को बसन्त पंचमी की शुभकामनायें दी तथा भरत मन्दिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बसन्तोत्सव प्रकृति के श्रृगांर एवं नई ऊर्जा का संचार करने वाला पर्व है। यह पर्व हमें प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन की भी प्रेरणा देता है। उन्होंने आयोजकों की इस आयोजन के लिए भी सराहना की।