श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले गये बाबा केदार के कपाट

ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि विधान के साथ मंगलवार को सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिये गये हैं। श्री केदारनाथ में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई। रावल भीमाशंकर लिंग तथा पुजारी शिवलिंग एवं धर्माचार्यों द्वारा पूजा अर्चना की गई। कपाट खुलते समय सेना के बैंड तथा भजन कीर्तन एवं जय श्री केदार के उद्घोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गयी।

श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ में पूजा-अर्चना कर देश एवं प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। सभी देश एवं प्रदेशवासियों के सुखमय जीवन की उन्होंने बाबा केदार से प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं का स्वागत भी किया। मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में मुख्य सेवक द्वारा आयोजित भंडारा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। समाजिक संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं का भी यात्रा के लिए पूरा सहयोग मिल रहा है। पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर यात्रा व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है। उन्होंने बाबा केदार के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि मौसम की जानकारी लेकर बाबा केदार के दर्शन लिए आयें, ताकि किसी को भी मौसम की वजह से कोई असुविधा न हो। गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। 27 अप्रैल को भगवान बद्री विशाल के कपाट भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुल जायेंगे।

इस अवसर पर श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, विधायक केदारनाथ शैला रानी रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, जिला अध्यक्ष भाजपा सिंह महावीर पंवार, पूर्व अध्यक्ष भाजपा दिनेश उनियाल, जिलाधिकारी मयूर दिक्षित, पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य कार्याधिकारी केदारनाथ योगेंद्र सिंह एवं श्रद्धालु मौजूद थे।

केदारनाथ यात्राः महिला समूहों ने करीब 48 लाख रुपए का किया कारोबार

कोरोनाकाल के बाद पटरी पर लौटी श्री केदारनाथ धाम यात्रा इस बार जिले के लिए कई सौगात दे गई। यात्रा से सीधे तौर पर जुड़े लोग दो सालों से सुचारु यात्रा का इंतजार कर रहे थे, इस वर्ष रिकॉर्ड 15 लाख, 63 हजार से ज्यादा यात्रियों ने केदारनाथ धाम पहुंचकर इस इंतजार को समाप्त किया। जिले में संचालित महिला समूहों के लिए भी यह यात्रा सुखद साबित हुई, कोरोनाकाल के बाद इस वर्ष महिला समूहों के व्यवसाय को नई ऊंचाइयां मिली। केदारनाथ यात्रा से जुडे़ विभिन्न महिला समूहों ने इस वर्ष करीब 48 लाख रुपए का व्यापार किया।

’यात्रा से मिला आत्मनिर्भरता को आधार’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भरता एवं स्वरोजगार का मंत्र अपना कर दूसरों को रोजगार देने की अपील से प्रभावित जिले की महिलाएं सीधे तौर पर केदारनाथ यात्रा में अपना योगदान दे रही हैं। जिले में महिलाएं बाबा केदारनाथ धाम के लिए स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद तैयार करने के साथ ही यात्रा मार्ग पर रेस्तरां, कैफे संचालित करने के साथ ही अन्य उत्पाद बेचकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि बाबा केदारनाथ में दुनियाभर से आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद एवं बाबा केदारनाथ के सोविनियर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय शहद, हर्बल धूप समेत कई उत्पाद महिलाएं तैयार कर यात्रियों को उपलब्ध करवा रही हैं। इसके अलावा स्थानीय खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए सरस रेस्तरां एवं हिलांस कैफे भी यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे हैं। करीब 20 महिला समूहों से जुड़ी महिलाएं यात्रा में योगदान देकर आत्मनिर्भरता की ओर सशक्त कदम उठा रही हैं। प्रशासन विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत है।

’केदारनाथ में प्रसाद बेच कर महिलाओं ने किया 43.50 लाख रुपए का व्यवसाय’

श्री केदारनाथ धाम में जिले की महिलाओं द्वारा तैयार प्रसाद का विपणन करने वाले व्यापारी अर्जुन कुर्मांचली ने बताया कि कोरोनाकाल के बाद शुरू हुई यह यात्रा बेहद लाभदायक सिद्ध हुई है। उन्होंने विभिन्न हैलीपैड़ एवं मंदिर परिसर में तीर्थ यात्रियों को करीब 43 लाख रुपए का प्रसाद बेचा। बताया कि उनके पास जिले भर के करीब 20 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार चौलाई के लड्डू, हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग आदि पहुंचता है। इसके अलावा गंगा जल के लिए पात्र एवं मंदिर की भस्म भी प्रसाद पैकेज का हिस्सा हैं। पूरे पैकेज की कीमत 250 रुपए निर्धारित की गई है, जिसके अतिरिक्त 50 रुपए मंदिर समिति एवं हैली कंपनियों को रॉयल्टी दी जाती है। उधर एनआरएलएम के ब्लॉक समन्वयक सतीश सकलानी ने बताया कि देवीधार उन्नत्ति क्लस्टर ने पूरी यात्रा के दौरान ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से प्रसाद बेचकर करीब 42 रुपए का कारोबार किया है।

’रोजगार के साथ स्थानीय उत्पादों को भी मिला बढ़ावा’

केदारनाथ प्रसाद उत्पादक फेडरेशन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सजवाण ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने करीब 50 कुंतल चौलाई के लड्डू एवं चूरमा तैयार कर केदारनाथ में बेचा है। पिछले छह महीनों मेें उन्होंने 60 महिलाओं को रोजगार दिया, जिसमें 30 महिलाएं एनआरएलएम के तहत गठित समूहों के माध्यम से उनसे नियमित तौर पर जुड़ी हैं। पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 22 लाख रुपए के लड्डू एवं चूरमा बेचा। समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रतिदिन 300 रुपए मेहनताना देने के साथ ही समय-समय पर प्रशिक्षण भी देते हैं। सजवाण ने बताया कि वर्ष 2017 में प्रसाद योजना शुरू होने से पहले चौलाई का उत्पादन बेहद सीमित हो गया था जबकि अब इसके उत्पादन में बढोतरी हुई है। बताया कि वे 55 रुपए प्रति किलो के हिसाब से किसानों से चौलाई की खरीद करते हैं। अगले वर्ष के लिए 100 कुंतल चौलाई की खरीद के लिए किसानों को उत्पादन करने को कहा गया है। इसके अलावा बेलपत्री का उत्पादन करने वाले किसानों को भी योजना का सीधा लाभ मिल रहा है।

’सरस रेस्तरां एवं विपणन केंद्र को मिली नई पहचान’

श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग के अगस्त्यमुनि में जिला प्रशासन ने एनआरएलएम के माध्यम से गठित महिला समूहों की मदद से सरस रेस्तरां एवं विपणन केंद्र की शुरुआत इसी यात्रा के दौरान की। सरस रेस्तरां संचालित कर रही महादेव स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष पूनम देवी ने खुशी जताते हुए बताया कि पहली ही यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 4 लाख रुपए का व्यवसाय किया। सरस रेस्तरां के माध्यम से 8 लोगों को नियमित रोजगार मिला है। उन्होंने बताया कि अगली यात्रा के लिए समूह द्वारा अभी से और बेहतर तैयारियों हेतु रणनीति तैयार की जाएंगी। उधर सरस विपणन केंद्र संचालित कर रही शिवानी ने बताया कि श्री केदारनाथ यात्रा के दौरान जिले भर के किसानों से एकत्रित स्थानीय उत्पाद बेचकर करीब 80 हजार रुपए का कारोबार किया।

भैया दूज पर शीतकाल के लिए बंद हुए बाबा केदारनाथ के कपाट

भैया दूज के पावन अवसर पर प्रात: 8.30 बजे 11वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा के कपाट बंद हुए और सेना के बैंड की मधुर धुन के बीच बाबा केदार की चल विग्रह डोली को मंदिर से बाहर लाकर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कराया गया। इस अवसर पर 2500 से ज्यादा श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने। (portal of shri kedarnath dham closed for winter season)

प्रांत 3.30 बजे ही केदारनाथ मंदिर खुल गया था। चार बजे से कपाट बंद करने की समाधि पूजन प्रक्रिया शुरू हो गयी। पुजारी टी गंगाधर लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्यंभू ज्योर्तिलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि रूप दिया गया ज्योर्तिलिंग को बाघंबर, भृंगराज फूल,भस्म, स्थानीय शुष्क फूलों- पत्तों, आदि से ढ़क दिया गया।इसके साथ ही भकुंट भैरव नाथ के आव्हान के साथ ही गर्भगृह तथा मुख्य द्वार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में बंद किया गया। इसके साथ ही पूरब द्वार को भी सीलबंद किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों का आभार जताया। कहा कि इस बार चारधाम यात्रा रिकार्ड पैंतालीस लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में नयी केदार पुरी अस्तित्व में आ चुकी है जहां तीर्थयात्रियों को हर संभव सुविधाएं मुहैया हो रही है। गौरीकुंड- केदारनाथ रोप वे के बनने से केदारनाथ यात्रा अधिक सुगम हो जायेगी।

इस अवसर पर सेना की 11 मराठा लाईट इ़फ्रंट्री रूद्रप्रयाग के बैंड की भक्तिमय धुनों तथा बाबा केदार की जय उदघोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि सामूहिक सहयोग समन्वय से यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हुआ है।

कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान हुई। आज पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाल राम पुर पहुंचेगी। कल 28 अक्टूबर शुक्रवार को देवडोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास करेगी तथा 29 अक्टूबर शनिवारको श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ इस वर्ष श्री केदारनाथ यात्रा का समापन हो जायेगा तथा पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेगी।

इस यात्रा वर्ष चार धाम यात्रा में 43 लाख से अधिक तीर्थ यात्री दर्शन को पहुंचे। हेमकुंट साहिब को मिला कर यह संख्या पौने छयालीस लाख पहुंच गयी। 26 अक्टूबर गौवर्धन पूजा के अवसर पर श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये है। आज दोपहर में श्री यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।

प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर विधि-विधान से खुले श्री केदारनाथ धाम के कपाट

श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज बाबा केदारनाथ की जय उदघोष के साथ आज वृष लग्न में प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर खुल गये है। इस अवसर पर मंदिर को भब्य रूप से नौ क्विंटल फूलों से सजाया गया था। सेना की मराठा रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ देश-विदेश से आये 10 हजार से अधिक श्रद्धालुजन कपाट खुलने के गवाह बने। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के साक्षी बने।
आज प्रात साढ़े चार बजे से श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने कपाटोद्घाटन की तैयारी शुरू कर दी थी। श्री केदारनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय सहित धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ धाम के पुजारी टी गंगाधर लिंग, आयुक्त गढवाल सुशील कुमार, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित सहित मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी बी.डी. सिंह, वेदपाठी आचार्यगणों ने मंदिर के पूरब द्वार से मंदिर के सभामंडप में प्रवेश किया। पांच बजे से मंदिर के गर्भगृह के द्वार का पूजन शुरू हुआ।
श्री केदारनाथ धाम के रक्षक क्षेत्रपाल श्री भकुंट भैरव के आव्हान के साथ ठीक प्रातः6 बजकर 25 मिनट पर श्री केदारनाथ धाम के मुख्य द्वार के कपाट खोल दिये गये।
कपाट खुलते ही श्री केदारनाथ भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से जागृत किया। कुछ ही पल बाद बाबा के निर्वाण दर्शन हुए। कुछ अंतराल में बाबा का श्रृंगार दर्शन शुरू हुए तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम से पहला रूद्राभिषेक किया गया।

इस अवसर पर मंदिर को विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया तथा समस्त केदारनाथ धाम में मराठा रेजीमेन्ट के बैंड की भक्तिमय धुनों से वातावरण गुंजायमान हो रहा था। दानीदाताओं ने भंडारे आयोजित किये हेली सेवा एवं पैदल मार्ग से श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला जारी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पर्यटन धर्मस्व संस्कति मंत्री सतपाल महाराज ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दी है कहा कि श्री केदारनाथ भगवान की कृपा जनमानस पर बनी रहे। प्रदेश के मुख्यमंत्री पष्कर सिंह धामी इस अवसर पर विशेष रूप से केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे है।

उल्लेखनीय है कि कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली 2 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से पैदल मार्ग से चलकर गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड होते हुए 5 मई शाम को श्री केदारनाथ धाम पहुंची थी आज 6 मई को प्रातः श्री केदारनाथ धाम के कपाट यात्राकाल ग्रीष्मकाल 6 माह के लिए खुल गये। शनिवार को भैरवनाथ जी की पूजा के पश्चात भगवान केदारनाथ जी की आरती शुरू हो जायेगी। श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर श्री केदारनाथ मंदिर परिसर भक्तिमय भजनों से गुंजायमान हो रहा था।
इस अवसर पर प़कज मोदी, पूर्व विधायक मनोज रावत, मंदिर समिति सदस्य क्रमश निवास पोस्ती, आशुतोष डिमरी, सज्जन जिंदल वीरेंद्र असवाल अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव धर्मस्व हरिचंद सेमवाल, केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, एसडीएम जितेंद्र वर्मा, कृष्णनाथ गोस्वामी सहित मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी आर. सी. तिवारी, गिरीश देवली, आरके नौटियाल, आचार्य ओंकार शुक्ला, यदुवीर पुष्पवान, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला डा. हरीश गौड़, अमित शुक्ला, विपिन तिवारी राजकुमार तिवारी आदि मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों का किया निरीक्षण


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ धाम पहुंच कर बाबा केदारनाथ जी के दर्शन किये। उन्होंने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। 5 नवंबर को प्रधानमंत्री जी के केदारनाथ आगमन के लिए की जा रही तैयारियों का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों से भी वार्ता की। सौहार्दपूर्ण बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जन भावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है। तीर्थों के पंडा, पुरोहित और पुजारियों के मान सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचाई जायेगी। हम सकारात्मक, धनात्मक और विकासात्मक दृष्टिकोण से चारधाम, पंडा, पुरोहित और पुजारी समाज के सम्मान तथा धार्मिक आस्था की गरिमा के सम्मान के लिए तत्पर हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बाबा केदार के प्रति विशेष आस्था और श्रद्धा है। उनका उत्तराखण्ड को दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित करने का विजन है। पूरी दुनिया के लोग यहां आध्यात्मिक शांति के लिए आएंगे। आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बङे पैमाने पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण के काम हो चुके हैं। दूसरे चरण के काम शुरू हो रहे हैं। आदि गुरु शंकराचार्य जी की समाधि का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी प्रतिमा का भी अनावरण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल भी मौजूद रहे।

सीएम त्रिवेंद्र ने केदारखंड झांकी के कलाकारों को सम्मानित किया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ, दिल्ली में उत्तराखण्ड की झांकी में प्रतिभाग करने वाले कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। राजपथ पर उत्तराखण्ड राज्य की ओर से ‘‘केदारखण्ड’’ की झांकी प्रस्तुत की गई। उत्तराखण्ड की झांकी को देश में तीसरे स्थान के लिए पुरस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि झांकी के सभी 12 कलाकारों को 25-25 हजार रूपये पारितोषिक दिये जायेंगे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड की झांकी को देश में तीसरा स्थान प्राप्त होने पर सभी कलाकारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखण्ड की झांकी को तीसरा स्थान मिला यह राज्य के लिए गर्व की बात है। राज्य बनने के बाद उत्तराखण्ड की झांकी को पहली बार शीर्ष तीन झांकियों में स्थान मिला। उत्तराखण्ड की थीम झांकी में स्पष्ट दिख रही थी। उन्होंने झांकी बनाने वाले कलाकारों को भी इसके लिए बधाई दी।

सचिव सूचना दिलीप जावलकर ने कहा कि उत्तराखण्ड की झांकी ‘‘केदारखण्ड’’ में टीम लीड-उप निदेशक सूचना केएस चैहान के नेतृत्व में 12 कलाकारों ने प्रतिभाग किया। झांकी का थीम सांग ‘‘जय जय केदारा’’ था। कलाकारों ने राज्य का गौरव बढ़ाया है।

टीम लीडर-उप निदेशक सूचना केएस चैहान ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद 12 बार उत्तराखण्ड की झांकी गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ में प्रदर्शित की गई। पिछले चार सालों से प्रतिवर्ष उत्तराखण्ड की झांकी प्रदर्शित की गई।

मुख्यमंत्री ने जिन कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया उनमें उप निदेशक सूचना केएस चैहान, मोहन चन्द्र पाण्डेय, विशाल कुमार, दीपक सिंह, देवेश पंत, वरूण कुमार, रेनु, नीरू बोरा, दिव्या, नीलम, अंकिता नेगी शामिल हैं।

अगले माह यात्रियों की संख्या में होगा इजाफा

केदारनाथ यात्रा के लिये आपदा के बाद अच्छी खबर है। बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन कर दिये हैं। बाबा के दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का आकंडा चार लाख पार पहुंच चुका है।
16-17 जून 2013 को केदारनाथ में आई भीषण आपदा के बाद इस बार केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। बरसात के मौसम में भी यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं, जिससे देश-विदेश में यात्रा को लेकर अच्छा संदेश गया है। मई माह में कपाट खुलने के बाद चार माह के समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंचे हैं। आगामी दो महीने में भी केदारघाटी के सभी होटल-लॉलों में एडवांस बुकिंग आ चुकी है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार पांच लाख से अधिक यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचेंगे।
इधर, पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि यह यात्रा सीजन यात्रा के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा गुजर रहा है। आपदा के बाद यात्रा पटरी पर लौट चुकी हैं बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी दो माह की यात्रा के लिये भी एडवांस बुकिंग आ चुकी हैं। मौसम भी खुल रहा है। बरसात का सीजन समाप्त होने वाला है। ऐसे में अधिक यात्रियों के आने की उम्मीदे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कतें नहीं होने दी जाएंगी। यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।