पांच विषयों पर चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर को मिले नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में 05 विषयों में चयनित 108 असिस्टेंट प्रोफेसर को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। हिन्दी, रसायन विज्ञान, भूगोल, जन्तु विज्ञान एवं राजनीति विज्ञान के अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये।

मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि धनतेरस के पावन अवसर पर मिलने वाला यह उपहार निश्चित ही आपके जीवन में खुशियों का प्रकाश फैलाएगा। आपके जीवन में सफलता का यह दिन मेहनत, समर्पण और लगन की वजह से ही आया है। उन्होंने कहा कि अध्यापन कोई सामान्य कार्य नहीं बल्कि एक बड़ी ज़िम्मेदारी है। विशेषकर उच्च शिक्षा मानवीय संसाधनों को तराशने का एक प्रमुख साधन है क्योंकि उच्च शिक्षा युवा शक्ति को सही दिशा देने का कार्य करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में प्रदेश के करीब 18 हजार 500 युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की जा चुकी है। आगे भी भर्ती प्रक्रिया निरंतर गतिमान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और इन्फ्रास्ट्रक्चर मज़बूत किया जा रहा है। राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं का निरंतर विकास किया जा रहा है। 20 मॉडल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है एवं महिला छात्रावास एवं आई०टी० लैब सहित परीक्षा भवनों आदि का निर्माण भी किया जा रहा है। जहां एक ओर मेधावी छात्रों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति और शोध को बढ़ावा देने के लिए प्राध्यापकों को 18 लाख रूपए तक का शोध अनुदान दिया जा रहा है वहीं गौरव योजना के तहत राज्य के उच्च शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत छात्रों को बैंकिंग एवं वित्तीय त्रिस्तरीय प्रशिक्षण तथा 5000 छात्रों के प्लेसमेन्ट का लक्ष्य रखा गया है। ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त के साथ चिवनिंग उत्तराखण्ड छात्रवृत्ति हेतु हमने समझौता किया है जिसके तहत 5 छात्रों को मास्टर डिग्री के लिए ब्रिटेन भेजा जाएगा। इंफोसिस स्प्रिंगबोर्ड के साथ भी राज्य के उच्च शिक्षण संस्थाओं में कम्प्यूटर आधारित विभिन्न आधुनिक पाठ्यक्रम संचालन के लिए समझौता किया गया। देश के 100 एनआईआरएफ श्रेष्ठ रैंकिंग वाले संस्थाओं में प्रवेश लेने वाले युवाओं को 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा में शत प्रतिशत फैकल्टी दी गई है। जिसमें 82 प्रतिशत नियमित फैकल्टी और शेष गेस्ट फैकल्टी के रूप में कार्य कर रहे हैं। राज्य में पिछले सात वर्षों में 51 कॉलेजों के भवन बनाए गये। 06 कॉलेजों को जल्द अपने भवन मिल जायेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उच्च शिक्षा के उन्नयन के लिए लगातार कार्य किये जा रहे हैं। उनके नेतृत्व में राज्य में 05 नये कैम्पस बने हैं। 26 नये डिग्री कॉलेज बने हैं। राज्य के 118 डिग्री कॉलेज में से 70 कॉलेज का नैक है। मार्च 2025 तक शत प्रतिशत डिग्री कॉलेज में नैक हो जायेगा।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के उपाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र भसीन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव पंकज पाण्डेय, अपर सचिव डॉ. आशीष श्रीवास्तव, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अंजू अग्रवाल, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत उपस्थित थे।

उच्च शिक्षा मंत्री की स्वीकृति के बाद अनुपस्थित चल रहे 04 प्रोफेसर बर्खास्त

उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालयों में लम्बे समय से अवैध रूप से गैरहाजिर चल रहे 04 असिस्टेंट प्रोफेसरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की स्वीकृति के बाद इस संबंध में शासन स्तर से आदेश जारी कर दिये गये हैं। आदेश जारी करने से पहले चारों असिस्टेंट प्रोफेसर को विभाग द्वारा समय-समय पर नोटिस जारी किये गये, लेकिन किसी ने भी विभागीय नोटिस का कोई जबाव नहीं दिया और लगातार बिना किसी सूचना के गैरहाजिर रहे।

राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्तापरक शिक्षा एवं बेहतर शैक्षणिक वातावरण बनाने के लिये राज्य सरकार तमाम कोशिशों में जुटी है। राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ढ़ांचागत सुधार के साथ ही शिक्षकों की कमी को दूर किया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार अब लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को भी बख्शने के मूड में नहीं है। इसी क्रम में प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे 04 असिस्टेंट प्रोफसरों की सेवा समाप्त कर दी गई है। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वर्षां से गायब इन प्राध्यापकों के तत्काल बर्खास्तगी की स्वीकृति दी, जिसके उपरांत शासन स्तर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गये हैं। राजकीय सेवा से बर्खास्त इन असिस्टेंट प्रोफेसर में इन्द्रजीत सिंह, डॉ. नन्दिनी सिंह, ए.के. राय और डॉ. नरेश मोहन चड्ढ़ा शामिल हैं। भौतिक विज्ञान विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर इन्द्रजीत सिंह वर्ष 2004, डॉ0 नरेश मोहन चड्ढ़ा वर्ष 2003, डॉ. नन्दिनी सिंह तथा ए.के. सिंह वर्ष 2004 से लगातार गैरहाजिर चल रहे थे। जिन्हें विभाग द्वारा समय-समय पर चेतावनी पत्र निर्गत किये गये और पंद्रह दिन के भीतर ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कहा गया। इसमें अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा गया। इसके साथ-साथ विभाग ने प्राध्यापकों को जारी नोटिस को समाचार पत्रों में भी प्रकाशित कराया लेकिन किसी भी प्राध्यापक ने विभागीय पत्रों का कोई भी जवाब नहीं दिया। जिसके उपरांत विभाग ने अवैध रूप से अनुपस्थित चल रहे इन असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्रवाई अमल में लाई जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है।

उच्च शिक्षा विभाग में कई वर्षों से अवैध रूप से गैरहाजिर चल रहे 04 असिस्टेंट प्रोफेसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है। उच्च शिक्षण संस्थानों में लापरवाही और अनुशासनहीनता को कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। भविष्य में भी ऐसे कार्मिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाये जायेंगे
– डॉ. धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।