हरक को जिम्मेदारी, एक तीर से दो निशाने साधने की रणनीति

शनिवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। उनके दिल्ली दौरे के बाद उत्तराखंड की सियासत गरमा गई है। इस मुलाकात में राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी भी मौजूद रहे।
आज इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे है। यह चर्चा भी हो रही है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व हरक सिंह को अहम जिम्मेदारी सौंप सकता है और इसीलिए शनिवार को उन्हें विधायक उमेश शर्मा काऊ के साथ दिल्ली बुलाया गया है। वहीं चर्चाएं ये भी हैं कि हरक सिंह रावत ने दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर विधायक काऊ को मंत्री बनाए जाने की पैरवी की है।
कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि नड्डा और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से शिष्टाचार भेंट थी। पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे के कांग्रेस में जाने के बाद बदली राजनीतिक परिस्थितियों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष से बातचीत हुई। रावत के मुताबिक, गढ़वाल और कुमाऊं मंडल की एक-एक सीट पर चर्चा हुई और अगले दो महीनों के दौरान पार्टी की क्या रणनीति हो सकती है, इस पर विचार हुआ। भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष या चुनाव अभियान समिति की जिम्मेदारी देने की संभावना से उन्होंने इंकार किया है।

सूत्र-ये सिर्फ एक मुलाकात नही
जब से हरक सिंह रावत ने राज्य की 40 विधानसभा क्षेत्रों में प्रभाव होने और अगला चुनाव नही लड़ने की बात कही है। तब से भाजपा हाईकमान गंभीर हो गया है। सूत्रों की मानें तो भाजपा शीर्ष नेतृत्व धामी की राह आसान बनाना चाहता है। इस लिए चुनाव में आक्रामक भमिका निभाने वाला नेता की तलाश हो रही है। जब से कांग्रेस से आए नेताओं की घर वापसी शुरु हुई है तो भाजपा हाईकमान सतर्क हो गया है और उसे हरक सिंह रावत के रुप में एक दमदार नेता दिखने लगा है। बरहाल भाजपा और हरक सिंह एक दूसरे की मजबूरी भी है। एक ओर हरीश रावत अपनी वीटो लगाकर बागी नेताओं की घर वापसी रोकना चाहते है वहीं, हरक भी राष्ट्रीय राजनीति में जाना चाहते है।
अब भाजपा हाईकमान को हरक सिंह के रुप में कांग्रेस से आए नेताओं को रोकने में सक्षम चेहरा नजर आ रहा है तो वहीं, हरीश रावत की काठ के रुप में भी दमदार चेहरा नजर आ रहा है। भाजपा हाईकमान फिर से एक बार चौकंाने वाला फैसला लेकर हरक सिंह को नई और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे सकता है।

सीएम धामी ने विकास कार्यो के लिए वित्तीय स्वीकृति दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विकास कार्यों हेतु वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने राज्य योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र टिहरी के अन्तर्गत 5 निर्माण कार्यों हेतु 223.07 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही राज्य योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र डीडीहाट के अन्तर्गत छड़नदेव-गैडाली-चनौली मोटर मार्ग के पुनर्निर्माण एवं सुधारीकरण कार्य हेतु 180.55 लाख, विधानसभा क्षेत्र डीडीहाट के अन्तर्गत विभिन्न 2 निर्माण कार्यों हेतु 140.26 लाख की वित्तीय स्वीकृति, राज्य योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र गदरपुर के अन्तर्गत विभिन्न 2 कार्यों हेतु 1002 लाख, विधानसभा क्षेत्र नैनीताल के अन्तर्गत काण्डा-डौन-परेवा अमगढ़ी मोटर मार्ग का सुधारीकरण कार्य हेतु 139.13 लाख, विधानसभा क्षेत्र बागेश्वर के अन्तर्गत विभिन्न 10 निर्माण कार्यों हेतु 600.82 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने स्पेशन कम्पोनेंट प्लान के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र बागेश्वर में कठपुलियाछिना से भोलनानाघर तक मोटर मार्ग के निर्माण हेतु 19.62 लाख, राज्य योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र मसूरी के अन्तर्गत मालदेवता-सेरकी सिल्ला मोटर मार्ग का सुधारीकरण हेतु 193.70 लाख, विधानसभा क्षेत्र भीमताल के अन्तर्गत ग्राम देवलीधार से सुरंग तक मोटर मार्ग का नव निर्माण हेतु 45 लाख, विधानसभा क्षेत्र यमुनोत्री के अन्तर्गत फूलचट्टी-जानकीचट्टी मोटर मार्ग के अन्तिम छोर से प्रारम्भ कर जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग को क्रॉस करते हुये लो0नि0वि0 निरीक्षण भवन तक मार्ग का निर्माण कार्य हेतु 36.17 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने सीआरआईएफ (केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि) के अन्तर्गत नैनीताल में गदरपुर-दिनेशपुर-मदकोटा-हल्द्वानी मोटर मार्ग के कि०मी० 24 से कि0मी0 41 तक सड़क सुरक्षा कार्य हेतु 71.47 लाख की वित्तीय स्वीकृति, सीआरआईएफ के अन्तर्गत टिहरी-हिण्डोलाखाल-देवप्रयाग-व्यासघाट बिलखेत के सुधारीकरण आदि हेतु 64.02 लाख, जनपद नैनीताल के घुघुतियाधार बेतालघाट-खैरना सुयालबाड़ी-ओड़ाखान-पसियापानी-मुक्तेश्वर मोटर मार्ग में सुरक्षात्मक कार्य हेतु 166.91 लाख, जनपद नैनीताल में रामनगर-कालाढूंगी सितारगंज-बिजटी मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 77.54 लाख, विधानसभा क्षेत्र देवप्रयाग में लक्षमोली हिसरियाखाल-जामणीखाल मोटर मार्ग के सुधारीकरण हेतु 86.68 लाख, जनपद पौड़ी में स्व० जगमोहन सिंह नेगी मोटर मार्ग में दिशा सूचक-साईनेज के कार्य हेतु 114.55 लाख, विधानसभा क्षेत्र यमुनोत्री में कैश बैरियर एवं साइनेज के कार्य हेतु 71.42 लाख, जनपद टिहरी गढ़वाल में उत्तरकाशी लम्बगांव-घनसाली-तिलवाड़ा मोटर मार्ग में सुरक्षात्मक कार्य हेतु 409.89 लाख, जनपद अल्मोड़ा में विभिन्न मोटर मार्गों में साईनेज/सुरक्षात्मक कार्य हेतु 142.29 लाख, विधानसभा क्षेत्र मसूरी में लम्बीधार किमाड़ी देहरादून मोटर मार्ग में सुधारीकरण/साईनेज का कार्य हेतु 268.77 लाख, विधानसभा क्षेत्र लैंसडाउन में धुमाकोट पीपली मोटर मार्ग में डिफैक्ट कटिंग, मरम्मत व स्क्वर निर्माण हेतु 197.89 लाख, उत्तरकाशी-लम्बगांव-घनसाली-तिलवाड़ा (चारधाम यात्रा) मोटर मार्ग में सुरक्षात्मक कार्य हेतु 149.02 लाख, जनपद देहरादून में सहिया-क्वानु मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 650 लाख, पौड़ी-देवप्रयाग-गजा-जाजल मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 650 लाख, वड्डा-चमना (अनु०ग्राम) बुरांसी मोटर मार्ग में डामरीकरण एवं पक्कीकरण हेतु 740 लाख, जनपद टिहरी में बडवाला जुड्डो मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 40.56 लाख, विधानसभा क्षेत्र देवप्रयाग में बागवान-जामणीखाल मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 73.93 लाख, जनपद देहरादून में अन्ना हजारे चौक में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 80.63 लाख, देहरादून में चांदनी चौक में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 135.09 लाख, जनपद देहरादून में माजरा-बुड्डी में शेखोवाला-धर्मावाला मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 197 लाख, जनपद बागेश्वर में राज्य मार्ग-11 में सेफ्टी कार्य हेतु 104.65 लाख, जनपद अल्मोड़ा में अल्मोड़ा-बैजनाथ-ग्वालदम-कर्णप्रयाग मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 591.42 लाख, विधानसभा क्षेत्र द्वाराहाट में जालीखान-उत्तमछानी-नौबाडा मोटर मार्ग में रोड सेफ्टी कार्य हेतु 25.98 लाख, जनपद चमोली में नन्दप्रयाग-घाट मोटर मार्ग में साईनेज/रोड सेफ्टी कार्य हेतु 234.81 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

धामी सरकार ने दी 3154 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश भर में अलग योजनाओं और विकास कार्य के लिए 3154 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। विधानसभा क्षेत्र रूड़की के अन्तर्गत महावीर एन्क्लेव की आंतरिक सड़कों का सीसी इण्टरलॉकिंग टाईल्स द्वारा सड़क व नाली निर्माण कार्य हेतु रूपये 48.22 लाख, विधानसभा क्षेत्र रूद्रप्रयाग के अन्तर्गत धरासू कोटी घरेड़ा मोटर मार्ग का डामरीकरण हेतु 156.21 लाख रुपये, विधानसभा क्षेत्र लोहाघाट के अन्तर्गत विभिन्न 2 निर्माण कार्यों हेतु 473.50 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है. इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र चम्पावत के अन्तर्गत विभिन्न 6 निर्माण कार्यों हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 407.83 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति, विधानसभा क्षेत्र सल्ट के अन्तर्गत विभिन्न 02 निर्माण कार्यों हेतु 90.21 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति की गई है। विधानसभा क्षेत्र रुद्रप्रयाग के विकासखण्ड जखोली में पौंठी के हियूना तोक होते हुये तल्ली पैंठी तक मोटर मार्ग हेतु 49.24 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। विधानसभा क्षेत्र सितारगंज के अन्तर्गत ग्राम गडरियाबाग में रेलवे क्रॉसिंग से नूरपुर पिको तक मार्ग का नव-निर्माण हेतु 71.91 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है। विधानसभा क्षेत्र ज्वालापुर में विभिन्न कार्यों हेतु 152.15 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र भीमताल के अन्तर्गत ग्राम पंचायत झड़गॉव मल्ला के तोक खोलकेड़िया, चौड़ी फैधार से ग्राम पंचायत गरगड़ी मल्ली तक मोटर मार्ग हेतु 7.50 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति, विधानसभा क्षेत्र नैनीताल के अन्तर्गत विभिन्न 10 कार्यों के लिए 702.14 लाख रुपये की स्वीकृति, विधानसभा क्षेत्र बीएचईएल रानीपुर के अन्तर्गत विभिन्न 2 कार्यों के लिए 152.53 लाख की वित्तीय स्वीकृति, विधानसभा क्षेत्र बीएचईएल रानीपुर के अन्तर्गत सुभाष नगर मार्केट वाली मुख्य सड़क का नाली सहित इण्टरलॉकिंग टाईल्स द्वारा निर्माण हेतु मुख्यमंत्री द्वारा 104.17 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है। विधानसभा क्षेत्र चम्पावत के अन्तर्गत 2 निर्माण कार्यों हेतु 172.57 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। विधानसभा क्षेत्र लैंसडाउन के अन्तर्गत घांघली बैण्ड-सन्दणा मोटर मार्ग का डामरीकरण हेतु 203.42 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति, विधानसभा क्षेत्र थराली के अन्तर्गत ग्वालदम से केन्द्रीय विद्यालय तक मोटर मार्ग के निर्माण हेतु 28.90 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। विधानसभा क्षेत्र सोमेश्वर में शीतलाखेत-काकड़ीघाट (मटेला) मोटर मार्ग के डामरीकरण और सुधारीकरण हेतु मुख्यमंत्री द्वारा 334.03 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी साधु सिंह को प्रीतम सिंह ने किया सम्मानित

अगस्त क्रांति दिवस के उपलक्ष में कांग्रेस ने तिरंगा यात्रा निकाली। जिसका आयोजन कांग्रेस भवन से घंटाघर, दर्शनलाल चौक होते हुए वापस कांग्रेस भवन तक किया गया। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने यात्रा की अगुआई की। तिरंगा यात्रा में युवा कांग्रेस, एनएसयूआइ, महिला कांग्रेस, सेवादल, महानगर कांग्रेस, पूर्व सैनिक संगठन ने भाग लिया।

’स्वतंत्रता संग्राम सैनानी साधु सिंह बिष्ट को किया सम्‍मानित’
अगस्त क्राति दिवस पर डोईवाला में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने 102 साल के स्वतंत्रता सेनानी साधु सिंह को सम्मानित किया। साधु सिंह को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने साल 1972 में ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया था। साधु सिंह ने आजाद हिंद फौज के नायक सुभाष चंद्र बोस के साथ भी काम किया है। बता दें, डोईवाला के बडोवाला स्थित 102 साल के स्वतंत्रता सेनानी साधू सिंह बिष्ट को नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस मौके पर प्रीतम सिंह ने कहा कि 9 अगस्त का दिन ऐतिहासिक दिन है। आज के ही दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन की नींव रखी थी। उनकी वजह से हमारे पुरखों ने आजादी की लड़ाई लड़ी, जिस वजह से आज हम चौन की सांस ले रहे हैं।
इस मौके पर प्रीतम सिंह ने कहा कि अब समय बदल रहा है और लोकतंत्र पर प्रहार हो रहा है। ऐसी ताकतों के खिलाफ लड़ने की लड़ने की आवश्यकता है, जो लोकतंत्र को समाप्त करने का काम कर रहे हैं।

धामी के मुख्यमंत्री बनने से गढ़वाल से संगठन में प्रभावी चेहरा लाने की तैयारी

आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अब भाजपा पर सबकी नजरें टिकी हैं कि क्या सत्तारूढ़ पार्टी भी कांग्रेस की तर्ज पर रणनीति बना रही है। राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चाओं के अनुसार, इस बात की खासी संभावना है कि भाजपा भी जल्द कार्यकारी अध्यक्ष के फार्मूले पर कदम आगे बढ़ा सकती है।
उत्तराखंड छोटा सा राज्य है मगर राजनीतिक गतिविधियों के लिहाज से यह हमेशा चर्चा में रहा है। यहां राजनीतिक उठापटक कितनी ज्यादा है, यह इस तथ्य से समझा जा सकता है कि राज्य गठन के बाद के 20 वर्षों में यहां 11 मुख्यमंत्री बन चुके हैं। पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उत्तराखंड की पहली अंतरिम सरकार में दो, पहली निर्वाचित सरकार में एक, दूसरी में तीन, तीसरी में दो और अब चैथी सरकार में तीन मुख्यमंत्री।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने करारी शिकस्त का स्वाद चखा और वह 70 सदस्यीय विधानसभा में 11 सीटों तक सिमट गई। लाजिमी तौर पर कांग्रेस फिर सत्ता में वापसी की कोशिशों में जी जान से जुटी हुई है। पार्टी में गुटबाजी और अंतर्कलह भी थमा नहीं है। ऐसे में कांग्रेस ने संगठन में संतुलन साधने के लिए पांच अध्यक्ष बनाने का फैसला किया। गणेश गोदियाल के रूप में ब्राह्मण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष की कमान दी गई। साथ में चार कार्यकारी अध्यक्ष की टीम भी, ताकि हर तबका संतुष्ट रहे।
साफ है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष का फार्मूला सुविचारित रणनीति के तहत अमल में लाई है। इससे राजनीतिक गलियारों में इस बात के कयास लगने शुरू हो गए हैं कि भाजपा भी इसके जवाब में कोई इसी तरह का कदम उठा सकती है। इस बात को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि गढ़वाल मंडल के पर्वतीय जिलों और ब्राह्मण वर्ग से किसी नेता को संगठन में अहमियत देने की बात उठ रही है। गत मार्च में भाजपा नेतृत्व ने सरकार और संगठन, दोनों के मुखिया बदल दिए थे। त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए कुमाऊं मंडल से बंशीधर भगत प्रदेश अध्यक्ष थे।

गढ़वाल मंडल से कई पार्टी नेताओं के नाम की चर्चा
उस वक्त मुख्यमंत्री गढ़वाल से और राजपूत चेहरा तो प्रदेश अध्यक्ष कुमाऊं से और ब्राह्मण। अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मदन कौशिक प्रदेश अध्यक्ष हैं। ब्राह्मण हैं और हरिद्वार से विधायक। वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले से हैं जबकि तराई में ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट से विधायक हैं। धामी के जरिये भाजपा ने कुमाऊं मंडल के लिहाज से क्षेत्रीय व जातीय संतुलन तो बना लिया, मगर इससे गढ़वाल मंडल से एक कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया। इस कड़ी में भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट, विनोद चमोली के साथ ही संगठन के लिहाज से अत्यंत तजुर्बेकार ज्योति गैरोला के नाम इन दिनों इंटरनेट मीडिया में खासी चर्चा में हैं।

सरकार में समान प्रतिनिधित्व हासिल होने का तर्क
हालांकि भाजपा के कई नेता इससे इत्तेफाक नहीं रखते। वैसे उनका तर्क भी वाजिब है कि सरकार में गढ़वाल मंडल को बराबर प्रतिनिधित्व हासिल है। 12 सदस्यीय धामी मंत्रिमंडल में आधे, यानी छह मंत्री गढ़वाल मंडल से हैं। इनमें से तीन अकेले पौड़ी जिले से हैं, हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज और धन सिंह रावत। टिहरी से सुबोध उनियाल, देहरादून से गणेश जोशी और हरिद्वार से यतीश्वरानंद। कुमाऊं मंडल में ऊधमसिंह नगर जिले से मुख्यमंत्री के अलावा दो मंत्री यशपाल आर्य और अरविंद पांडेय आते हैं। इनके अलावा पिथौरागढ़ से बिशन सिंह चुफाल, अल्मोड़ा से रेखा आर्य व नैनीताल जिले से बंशीधर भगत।

तो क्या एक साल पहले ही हो जाएंगे लोकसभा चुनाव

यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक लंबे समय से राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लोकसभा चुनाव के साथ कराने की वकालत करते रहे हैं। ऐसी अटकलें हैं कि अपनी दलील को अमली जामा पहनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव करीब एक साल पहले ही कराने पर विचार कर रही है। इसके पीछे का गणित कुछ यह है कि बीजेपी की कोशिश है, साढ़े तीन सालों के दौरान किए गए कामों को लेकर जनता के बीच जाएं और उनसे वोट मांगे। बजाय इसके कि वह 20 महीना और इंतजार करें और रोजगारी और किसानों की समस्या हल करने में अपनी असफलता को और उजागर होने दें। केंद्र सरकार को यह भी पता है कि विपक्ष मौजूदा समय में बेहद कमजोर है, लेकिन उसे यह भी साफ दिख रहा है कि विपक्षी दल कांग्रेस अभी भी देश के कुछ हिस्सों में प्रभावी है। दूसरा यह कि हाल ही में मध्य प्रदेश में संपन्न हुए स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस की स्थिति में जिस तरह सुधार हुआ है। साथ ही पश्चिम बंगाल के निकाय चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने जिस तरह भारी जीत दर्ज की है।वह निश्चित तौर पर बीजेपी के लिए चिंता का सबब होगा। कहीं न कहीं बीजेपी यह भी जानती है कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में उसे सत्ता-विरोधी माहौल का सामना करना होगा। ऐसे में अगर पूर्व के चुनावों के मुकाबले पार्टी की सीटों में कमी आती है। तो इसका सीधा असर 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा।
बीजेपी को यह भी याद रखना होगा कि जनता अक्सर सत्तारूढ़ दल के प्रदर्शन से असंतुष्ट होकर उनके खिलाफ मतदान करती रही है। भले विपक्ष कमजोर हो। मगर, इसी साल गोवा और मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव में ऐसा देखने को मिला। जहां कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. यह अलग बात है कि विधायकों को अपने पाले में शामिल करने में सफल रही बीजेपी ने गोवा और मणिपुर में सरकार बनाई, लेकिन इस सच्चाई को नहीं झूठलाया जा सकता कि बीजेपी के प्रति असंतुष्टि की भावना है।