अदालत में अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले की पैरवी के लिए सरकार ने अधिवक्ता अवनीश नेगी को सरकारी वकील नियुक्त किया है। अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी की इच्छा से नए वकील की नियुक्ति की है। इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की संस्तुति के बाद शासन ने आदेश जारी कर दिये हैं।
सरकार ने इस मामले में सरकारी वकील (विशेष लोक अभियोजक) अंकिता के पिता की पसंद का नियुक्त किया है। पूर्व में अंकिता हत्याकांड में सरकार की ओर से जितेंद्र रावत को सरकारी वकील नियुक्त किया गया था, लेकिन अंकिता के परिजनों ने सरकारी वकील पर आरोप लगाया था कि वह अदालत में मामले की कमजोर पैरवी कर रहे हैं।
मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री ने अपर निजी सचिव जगदीश चन्द कांडपाल को डीएम पौड़ी से अंकिता के परिजनों से मुलाकात कर उनकी इच्छा के अनुरुप मदद और कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये थे। डीएम ने अंकिता के परजिनों को मुख्यमंत्री के द्वारा दिये गये निर्देश से अवगत कराया और आप्शन दिये। उनका वकील बदलने और उनके अनुसार वकील रखने। डीएम ने वकील का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन करने की बात भी कही।
इसके बाद 19 जुलाई 2022 को अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान को पत्र लिखकर इच्छा जताई कि वह इस मामले में अवनीश नेगी पूर्व डीजीसी क्रिमिनल को विशेष लोक अभियोजन नियुक्त किया जाए। जिलाधिकारी ने इस पत्र को शासन की अनुमति के लिए भेजा था। मुख्यमंत्री की हरी झंडी के बाद शासन ने अंकिता के पिता की इच्छा के अनुसार ही अवनीश नेगी को सरकारी वकील नियुक्त किया है।
अब वे इस मामले की अदालत में पैरवी करेंगे। बता दें कि अंकिता हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुरू से एक्शन मोड में नजर आए। पहले मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री धामी ने इस मुकदमे को राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर कराया। साथ ही परिजनों के साथ अभिभावक की तरह खड़े रहे और परिवार को 25 लाख की आर्थिक सहायता भी प्रदान की। सरकार की ओर से तत्काल एसआईटी गठित की गई। विपक्ष ने एसआईटी के बजाय मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज किया।
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उत्तराखंडः एकसाथ दो चर्चित आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी
राज्य में एकसाथ दो चर्चित अभियुक्तों की सम्पत्ति जब्त किये जाने सम्बन्धी खबर सामने आई है। पहला मामला उत्तराखण्ड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य की पौने तीन करोड़ की संपति जब्त करने के बाबत है और दूसरी खबर इमलाख की सम्पत्ति जब्त करने को लेकर है। हिस्ट्रीशीटर इमलाख बीएएमएस चिकित्सक की फर्जी डिग्री बांटने के आरोप में अजमेर से गिरफ्तार हुआ है।
पौड़ी की एसएसपी श्वेता चैबे ने अभियुक्त पुलकित आर्य की गैंगस्टर एक्ट के तहत कुल पौने तीन करोड़ की सम्पत्ति जब्त करने के लिए जिलाधि कारी को रिपोर्ट भेजी है। पौड़ी पुलिस की यह एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
दरअसल, अंकिता भंडारी हत्याकांड में जेल में बंद पुलकित आर्य का नार्को टेस्ट भी कानूनी दांवपेंच में उलझता जा रहा है। इस मामले में कथित वीआईपी को लेकर जनता में भारी उत्सुकता है। नार्को टेस्ट में हो रही हीलाहवाली से अंकिता को न्याय दिलाने वाली सामाजिक ताकतें भी हैरानी में है।
इस बीच, एसएसपी श्वेता चैबे ने पुलकित आर्य की करोड़ों की सम्पत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बाबत एसएसपी ने ट्वीट भी किया है।
दूसरी ओर, डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि सीएम के निर्देश के बाद फर्जी आयुर्वेद चिकित्सकों की फौज खड़ी करने वाले दसवीं पास अभियुक्त इमलाख के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत अवैध रूप से अर्जित की गयी सम्पत्ति को कुर्क करने की कार्यवाही की जाएगी। हाल ही में मु.नगर निवासी इमलाख को अजमेर से गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड एसटीएफ ने बीते माह में प्रदेश में प्रैक्टिस कर रहे बीएएमएस की फर्जी डिग्री वाले आयुर्वेदिक चिकित्सकों के गिरोह का भण्डाफोड़ किया था। इस मामले में अभी तक 7 फर्जी चिकित्सक गिरफ्तार हो चुके हैं। इस गिरोह का मास्टर माइंड 25 हजार रूपये का इनामी इमलाख को एसटीएफ ने 2 फरवरी, 2023 को किशनगढ़ जिला अजमेर राजस्थान से गिरफ्तार किया।
इमलाख कोतवाली मुजफफरनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है। इसने अपने भाई इमरान के साथ बरला थाना क्षेत्र मुजफ्फरनगर में बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के नाम से मेडिकल डिग्री कॉलेज भी खोला हुआ है। इस कॉलेज में बीफार्मा, बीए, बीएससी, आदि कोर्स संचालित होते हैं। यह भी जानकारी हुई कि इम्लाख बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज, मुजफ्फरनगर का स्वामी है एवं इसके विरुद्ध फर्जी डिग्री दिलवाने के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसे यूपी का सबसे बड़ा शिक्षा माफिया कहा जाता है।
पुलिस नार्कों टेस्ट के लिए देगी कोर्ट में अर्जी, 10 दिन में दाखिल होगी चार्जशीट
वनंतरा प्रकरण में बड़ी अपडेट सामने आई है। युवती की हत्या करने वाले तीनों आरोपितों का नार्काे टेस्ट होगा। इस बात का खुलासा एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने किया है। टेस्ट के लिए पुलिस जल्द कोर्ट में प्रार्थना पत्र जारी करेगी। वहीं रिसॉर्ट में कार्यरत युवती की हत्या के मामले में एसआइटी 10 दिन के अंदर आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर सकती है।
पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एडीजी ने बताया कि 10 दिन के अंदर-अंदर चार्जशीट जारी कर दी जाएगी। हत्या, साक्ष्य मिटाने, आपराधिक षड्यंत्र, अनैतिक कार्य के लिए दबाव डालने के तहत चार्जशीट दाखिल की जाएगी। रिसॉर्ट में वीआईपी के मामले में एडीजी ने दोहराया कि वहां पर वीआइपी रूम है। उसमें ठहरने वालों को ही वीआइपी कहा जाता है। घटना वाले दिन उस कमरे में कोई नहीं ठहरा था। घटना के पहले व बाद कमरे में जो भी ठहरा था उनसे पूछताछ कर ली गई है। वहीं, इस मामले में एसआइटी ने काफी इलेक्ट्रानिक व फोरेंसिक साक्ष्य जुटा लिए हैं। हालांकि, चंडीगढ़ लैब भेजे गए साक्ष्यों में से एक-दो की रिपोर्ट अब तक एसआइटी को नहीं मिल पाई हैं। आरोप पत्र दाखिल करने के लिए एसआइटी इन्हीं रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। सूत्रों की मानें तो सीएम की नाराजगी के बाद पुलिस विभाग हरकत में आ गया है। बताया जा रहा कि सीएम ने टो टूक कहा है कि पुलिस अधिकारी अगर अपना कार्य ठीक से नही कर पा रहे है तो पुलिस विभाग बड़े फेरबदल और कार्रवाई के लिए तैयार रहे।
अंकिता हत्याकांड-गैगेस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही शुरु
चार्ज सभालते ही पुलिस अधीक्षक जनपद पौड़ी गढवाल श्वेता चौबे द्वारा अंकिता हत्याकांड के मामले में तत्परता दिखाते हुये सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी एवं प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मणझूला को अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। जिसके क्रम में अभियुक्तों गैंग लीडर पुलकित आर्या, गैंग सदस्य सौरभ एवं अंकित द्वारा अपने होटल/रिजोर्ट में व उसके आसपास के क्षेत्र में असामाजिक कृत्य कर अनैतिक व्यापार जैसे अपराधों में संलिप्त होकर अवैध रुप से धन अर्जित कर समाज विरोधी क्रिया कलाप में संलिप्त होकर क्षेत्र में जधन्य अपराध कारित करने की घटना को अन्जाम देकर लोक शान्ति व्यवस्था को अस्त-व्यस्त किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद पौड़ी द्वारा उक्त प्रकरण/अभियोग में तत्परता दिखाते हुये अभियुक्तों के विरुद्ध 2/3 उ0प्र0 गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम 1986 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया। वर्तमान में अंकिता मर्डर से सम्बन्धित अभियोग की विवेचना SIT द्वारा सम्पादित की जा रही है, जो वर्तमान में विवेचनाधीन है।
अभियुक्तों का नाम पताः-
1. गैग लीडर पुलकित (उम्र-35 वर्ष) आर्य पुत्र विनोद आर्य, निवासी स्वदेशी भवन आर्यनगर, थाना ज्वालापुर हरिद्वार
2. गैग सदस्य अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता (उम्र-19 वर्ष) पुत्र राजेन्द्र कुमार, निवासी 42 ए, दयानन्द नगरी, थाना ज्वालापुर हरिद्वार
3. गैग सदस्य सौरभ भाष्कर (उम्र-35 वर्ष) पुत्र शक्ति भाष्कर, निवासी 18 ए, सूरजनगर, थाना ज्वालापुर, जनपद हरिद्वार
पंजीकृत अभियोगः-
मु.अ.सं. 33/2022, धारा-2/3 उ0प्र0 गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम 1986।
वनंत्रा जा रहे 32 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने किया अरेस्ट
अंकिता हत्याकांड के मामले में सीबीआइ जांच की मांग को लेकर निकाली गई तिरंगा यात्रा को पुलिस ने बैराज सीमा पर रोक दिया। दोनों पक्षों के बीच तीखी झड़पें हुई। दो आंदोलनकारियों को हल्की चोट आई। पुलिस ने मौके से करीब 32 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया है। जिन्हें थाना लक्ष्मणझूला ले जाने के बाद निजी मुचलके पर रिहा किया गया।
गंगाभोगपुर स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट की महिलाकर्मी के गांव डोभ श्रीकोट श्रीनगर से बीते रोज बेटी को न्याय दिलाने और सीबीआई जांच करने की मांग को लेकर युवाओं द्वारा तिरंगा यात्रा शुरू की थी। मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे तिरंगा यात्रा जैसे ही जनपद देहरादून की सीमा ऋषिकेश को पार किया तो जनपद पौड़ी की सीमा चीला बैराज के पास बैरियर डालकर रोक दिया गया।
मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक पौड़ी शेखर सुयाल, पुलिस उपाधीक्षक श्रीनगर श्याम दत्त नौटियाल, प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण झूला विनोद गुसाईं भारी फोर्स के साथ या मौजूद रहे। आंदोलनकारियों का कहना था कि हम शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे हैं, हमें इस तरह रोक कर पहाड़ की बेटी को न्याय की राह में बाधा खड़ी की जा रही है। पुलिस के अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को काफी समझाने की कोशिश की मगर वह आगे जाने की जिद पर अड़े रहे।
प्रदर्शनकारियों में मौके से पुलिस ने पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत, एआईसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला, स्वराज्य सेवा दल उत्तराखंड के अध्यक्ष रमेश जोशी, कांग्रेस नेता दीपक जाटव और अरविंद हटवाल समेत 32 आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया गया। जिन्हें थाना लक्ष्मणझूला ले जाया गया। शाम को उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर अंकिता के परिजनों को 25 लाख की आर्थिक सहायता जारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दिवंगत अंकिता भण्डारी के परिजनों को 25 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अधिकारियों को इसके लिये निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अंकिता के परिवार के साथ है और उनकी हर प्रकार से सहायता करेगी। मामले की एसआईटी जांच की जा रही है। पूर्ण निष्पक्ष तरीके से जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी। मामले से संबंधित हर तथ्य को जुटाते हुए पुख्ता तरीके से रिपोर्ट तैयार कर अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा। अपराधियों को ऐसी सजा दिलाई जाएगी जो आगे के लिए भी नजीर बने। पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिये फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए न्यायालय से अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री ने अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग से नामित उपाध्यक्ष अंकित आर्य को किया पदमुक्त, पिता को संगठन ने निकाला
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखण्ड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग में नामित उपाध्यक्ष अंकित आर्य पुत्र विनोद आर्य निवासी स्वदेशी भवन, आर्य नगर, हरिद्वार को उत्तराखण्ड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 2003 ( अधिनियम संख्या 7 वर्ष 2003) की धारा 5 की उपधारा 3 (च) के तहत तत्काल प्रभाव से उक्त पद से पदमुक्त किया गया है।
प्रमुख सचिव एल फैनई द्वारा इसका आदेश जारी कर दिया गया है। तदक्रम में अंकित आर्य को अनुमन्य सुविधाएं भी तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है।