मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय से वर्चुअल माध्यम से विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत अल्मोड़ा जनपद के लाभार्थियों से संवाद किया। इन्हें विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 12 लाभार्थियों से संवाद भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 9 साल के कार्यकाल में समाज के हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई गई और उनका लाभ समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा का मुख्य उद्देश्य यही है कि प्रत्येक पात्र व्यक्ति को योजनाओं का पूरा लाभ मिले। राज्य की सभी ग्राम पंचायतों तक विकसित भारत संकल्प यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के 9 साल के कार्यकाल में देश में कई ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। 2047 तक भारत हर क्षेत्र में दुनिया का विकसित देश बने, इस दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड का तेजी से विकास हो रहा है। इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को आम जन तक पहुचाने के लिए शिविरों के आयोजन और व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। समाज के हर पात्र व्यक्ति को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके, इसके लिए उन्होंने विभिन्न योजनाओं का लाभ ले चुके लोगों को भी अन्य लोगों को इनकी जानकारी देने का आह्वाहन किया। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी अल्मोड़ा को निर्देश दिये कि पी.एम विश्वकर्मा योजना के तहत पात्र लोगों को पूरा लाभ मिल सके, इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं।
मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान अल्मोड़ा के पान सिंह परिहार ने बताया कि उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 3 लाख रूपये का लोन लिया था। वे पोल्ट्री फार्म का कार्य कर रहे हैं। इस व्यवसाय से उनकी सालाना 8 से 10 लाख रूपये की आय हो रही है। प्रीति भंडारी ने बताया कि उन्होंने 2014 से मशरूम का कार्य शुरू किया। सरकार का इसके लिए पूरा सहयोग मिला। 2021 में दीन दयाल किसान कल्याण योजना से उन्होंने 3 लाख का लोन लिया। अभी उनकी संस्था से 26 महिलाएं जुड़ी हैं। सीमा कुमारी ने बताया कि वे 2021 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी। उन्हें सीआईएफ और आर.एफ के तहत धनराशि मिली। उनके द्वारा अन्य महिलाओं के साथ जूट बैग बनाये जा रहे हैं। उनका सालाना लाभांश तीन से साढ़े तीन लाख रूपये का है। अमर सिंह मेहता ने कहा कि उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड और आयुष्मान योजना का लाभ लिया। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान रहते हुए उन्होंने ग्राम सभा के सभी परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनाये। इस योजना का गांव से अनेक लोग फायदा भी ले चुके हैं। सभी लाभार्थियों ने इन विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, सचिव विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, आनंद स्वरूप, वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी अल्मोड़ा विनीत तोमर और मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे उपस्थित रहे।
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पलायन आयोग की रिपोर्ट में खुलासा, अल्मोड़ा की रिपोर्ट से पलायन का सच आया सामने
उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों से मूलभूत सुविधाओं के अभाव से लोग पलायन कर रहे हैं। अल्मोड़ा जनपद में वर्ष 2001 से 2011 तक दस सालों में करीब 70 हजार लोग पैतृक गांव से पलायन कर गए। 646 पंचायतों से 16207 लोगों ने स्थायी रूप से गांव छोड़ दिया है। इसका खुलासा पलायन आयोग की रिपोर्ट में हुआ है।
सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सीएम आवास पर पलायन आयोग की दूसरी बैठक आयोजित की गई। इसमें मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा जनपद की पलायन रिपोर्ट का विमोचन किया। रिपोर्ट के अनुसार पिछले दस सालों में सल्ट, भिकियासैंण, चैखुटिया, स्याल्दे विकासखंड से सबसे ज्यादा लोगों ने पलायन किया है। इन ब्लाकों के कई गांवों में सड़क, पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य और आजीविका के साधन नहीं है, जिससे लोग जनपद मुख्यालय और प्रदेश के अन्य शहरी क्षेत्रों में जाकर बस गए हैं।
वर्ष 2001 से 2011 तक जनपद के 1022 ग्राम पंचायतों में 53611 लोगों ने पूर्ण रूप से पलायन नहीं किया है। ये लोग समय-समय पर अपने पैतृक गांव आते हैं। जबकि 646 पंचायतों में 16207 लोगों ने स्थायी रूप से पलायन किया है। अब इन लोगों के दोबारा वापस गांव लौटने की संभावनाएं नहीं हैं। आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि जनपद की 11 विकासखंडों से 7.13 प्रतिशत लोगों ने गांव के नजदीकी शहरी क्षेत्रों में पलायन किया है।
जबकि 13 प्रतिशत ने जनपद मुख्यालय, 32.37 प्रतिशत ने प्रदेश के अन्य जनपदों में, 47.08 प्रतिशत लोग राज्य से बाहर पलायन कर चुके हैं। देश से बाहर पलायन करने वाले की संख्या 0.43 प्रतिशत है। 2011 के बाद जनपद के 80 गांवों में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में 50 प्रतिशत आबादी कम हुई है। वहीं, 63 गांवों में सड़क, 11 गांवों में बिजली, 34 गांवों में एक किलोमीटर के दायरे में पेयजल और 71 गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा न होने से 50 प्रतिशत आबादी घटी है।
रिपोर्ट पर एक नजर ….
– 2011 की जनगणना के अनुसार अल्मोड़ा की 6 लाख 22 हजार 506 आबादी
– 89 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है।
– 3189 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है अल्मोड़ा जनपद
– जनपद में रहने वाले परिवारों की संख्या एक लाख 40 हजार 577
– दस वर्षों में शहरी क्षेत्रों की आबादी में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी