सुबह पौने चार बजे प्रशासन की टीम ने जगाया तो मन मे उठे कई सवाल

सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के परिजनों ने जैसे ही कैमरे में अपनों को देखा तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। परिजनों ने कहा कि जिनके इंतजार में वह कई दिनों से सुरंग के बाहर टकटकी लगाए बैठे थे, आज कैमरे के सामने उनसे बात करके बड़ा मन को बड़ा सुकून मिला है। इस दौरान परिजन ने खुलकर बचाव कार्य के लिए केंद्र और राज्य सरकार का आभार जताया और कहा कि अब जल्द परिजनों को बाहर भी सुरक्षित निकाला जाए।
सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के बचाव कार्य पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पल-पल अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी सुबह और शाम को अफसरों के साथ बैठक कर बचाव कार्य पर नज़र रखे हुए हैं। इसके लिए उत्तरकाशी जिला प्रशासन के साथ अलग अलग अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दो दिन से बचाव कार्य के लिए केंद्रीय एजेंसियों के साथ नोडल अफसर बनाये गए सचिव डॉ नीरज खैरवाल, डीएम उत्तरकाशी अभिषेक रुहेला के साथ हर घण्टे सुरंग बचाव कार्य की समीक्षा कर आगे बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि सोमवार को 6 इंच का पाइप श्रमिकों के लिए दूसरी लाइफलाइन के रूप में स्थापित किया जा सका। इससे रात को ही श्रमिकों को डॉक्टरों के मुताबिक पौष्टिक भोजन सुरंग में भेजा गया। इसके बाद अफसरों ने रातभर बचाव कार्य के दूसरे विकल्पों पर काम जारी रखा। नतीजन अल सुबह पौने चार बजे सुरंग में आधुनिक एंडोस्कोपी पलेक्सी कैमरा भेजा गया। सुरंग में कैमरा पहुंचते ही अधिकारियों ने श्रमिकों से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया। खुद सचिव नीरज खैरवाल और डीएम अभिषेक रुहेला ने मजदूरों से बात कर बाहर चल रहे बचाव कार्य की जानकारी दी। अफसरों ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार उनको सुरक्षित निकालने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। इस दौरान अधिकारियों ने सिलक्यारा के पास होटलों में सोए परिजनों को बुलाया और सुरंग में फंसे श्रमिकों से कैमरे के सामने वॉकी टॉक से बात कराई। सुरंग में अपनों को सकुशल देखते हुए परिजनों की आंखें खुशी से नम हो गई। परिजनों ने मौके पर ही सरकार का आभार जताया और कहा कि आज उनको काफी सुकून मिला है। कहा कि सरकार जिस तेजी से रेस्क्यू कार्य करा रही है, उससे सुरंग में फंसे सभी लोग सुरक्षित बाहर आ जाएंगे।

’सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। रात को 6 इंच का पाइप डालने के बाद श्रमिकों के लिए नई लाइफलाइन बन गई है। इस पाइप से सुबह एंडोस्कोपी पलेक्सी कैमरा भेजकर सुरंग में श्रमिकों का हाल जाना गया और उन्हें बाहर चल रहे बचाव कार्य की जानकारी दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी आज फिर बचाव कार्य की अपडेट जानकारी ली है। सुरंग में सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। जल्द श्रमिकों को बचाव टीम सुरक्षित बाहर निकाल लेंगी।’
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

दसवें दिन श्रमिकों की पहली तस्वीर आई सामने

उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने को दिन-रात चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में बचाव और राहत टीमों को आज मंगलवार सुबह बड़ी सफलता मिली है। इंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे की मदद से आज दसवें दिन श्रमिकों की पहली तस्वीर सामने आई है। सभी श्रमिक सकुशल हैं।
रेस्क्यू टीम ने सोमवार देर शाम सुरंग में आर-पार हुए छह इंच व्यास के पाइप के जरिए इंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा सुरंग में डाला था। यह कैमरा सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचा है। कैमरे में अंदर का पूरा परिदृश्य कैद हुआ है। सबसे अच्छी और राहत की खबर यह है कि सभी 41 श्रमिक भाई सकुशल हैं। रेस्क्यू टीम ने श्रमिकों से बात कराने की भी कोशिश की। रेस्क्यू को कमान करने वाले अधिकारियों ने सभी श्रमिकों की एक-एक कर गिनती कराने के लिए भी श्रमिकों तक संदेश भेजा लेकिन वॉकी टॉकी की कनेक्टिविटी इसमें बार बार बाधा बन रही थी।
वीडियो फुटेज साफ नहीं आने पर रेस्क्यू टीम ने अंदर फंसे श्रमिकों से लाउडस्पीकर सन्देश के जरिए कैमरे की स्क्रीन साफ करने को कहा। श्रमिकों ने तुरंत स्क्रीन साफ की तो पूरा परिदृश्य साफ दिखाई दिया। रेस्क्यू अधिकारी सामने चहलकदमी कर रहे श्रमिकों के नाम भी पूछ रहे थे। उसी दौरान तब फोरमैन गब्बर सिंह, हेड ऑपरेटर सुशील एकदम सामने थे।
वहीं, सोमवार को टनल के भीतर छह इंच का दूसरा लाइफलाइन पाइप मजदूरों तक पहुंचा दिया गया था। इस पाइप की मदद से देर शाम मजदूरों के लिए खिचड़ी भेजी गई है।

सुरंग में फंसे श्रमिक महादेव का अपने मामा से बातचीत का ऑडियो आया सामने

सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे 40 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। एक ओर देश के नामी विशेषज्ञों के दल को बुलाकर अत्याधुनिक मशीनों से ड्रिलिंग का काम युद्धस्तर पर चल रहा है, वहीं दूसरी ओर सुरंग में फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने के लिए लगातार उनसे बातचीत की जा रही है, उनका परिजनों से भी संपर्क बना हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत पर श्रमिकों और उनके परिजनों का हौसला नहीं टूटना चाहिए।
पुलिस प्रशासन सुरंग में फंसे मजदूरों से हर घंटे संपर्क स्थापित कर रहा है। आज टनल में फंसे 22 वर्षीय महादेव की उसके मामा से बातचीत करवाई गई। ऑडियो में महादेव साफ साफ कह रहा है कि वह और उसके साथी अभी तक सुरक्षित हैं। परिजन उनकी सकुशलता को लेकर चिंता न करें। उनके पास पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री पहुंच रही है। सभी साथी एक दूसरे का हौसला बढ़ा रहे हैं।
इधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि संकट के वक्त मनोबल ऊंचा रहना चाहिए। ऊंचे आत्मविश्वास से बड़े से बड़ा संकट टल जाता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जितना ज्यादा हो सके सुरंग में फंसे श्रमिकों से संवाद बनाए रहें। सरकार उन्हें सुरक्षित बाहर निकलने के हर संभव प्रयास कर रही है।

धामी ने फिर दिये अधिकारियों को निर्देश, रेस्क्यू ऑपरेशन की जुटाई जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा में चल रहे हैं रेस्क्यू ऑपरेशन पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री धामी कमिश्नर गढ़वाल, आईजी गढ़वाल व राहत और बचाव में लगी एजेंसियों से सिलक्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन तथा टनल में फंसे श्रमिकों की कुशलक्षेम की हर पल की अपडेट ले रहे हैं।
इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री ने सचिवालय में आज बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेस्क्यू कार्य में लगी सभी टेक्निकल एजेंसियों को हर संभव सहयोग दिया जाय। गढ़वाल कमिश्नर को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि रेस्क्यू कार्य में किसी भी प्रकार से विलंब न हो, मौके पर कार्य कर रही एजेंसियों को राज्य की तरफ़ से सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाये। मुख्यमंत्री बचाव कार्यों में लगी एजेंसियों और जिलाधिकारी उत्तरकाशी से भी समय-समय पर अपडेट ले रहे हैं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय एवं सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी मौजूद रहे।

नितिन गडकरी से मिलकर कई प्रस्तावों को मंजूर करवा गये सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी से भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री के साथ राज्य से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं पर चर्चा की। बैठक में केंद्रीय राज्य मंत्री सङक परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय जनरल वी के सिंह, सङक परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय मे अवर सचिव अमित घोष, उत्तराखण्ड शासन में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु सहित केंद्रीय मंत्रालय और राज्य सरकार के अधिकारी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने उत्तराखण्ड की लाईफ लाईन कही जाने वाली ऑल वेदर रोड सड़क परियोजना के कार्यों में तत्काल तेजी लाने के निर्देश दिये। उल्लेखनीय है कि 889 किमी. लम्बी एवं लगभग 12 हजार करोड की लागत से निर्मित की जा रही चार धाम सडक परियोजना में मंत्रालय द्वारा 53 कार्यों में से वर्तमान तक 41 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। वर्तमान तक 19 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 22 कार्यों में कार्य गतिमान है।
केन्द्रीय मंत्री ने मंत्रालय एवं राज्य सरकार के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये गये कि ऑल वेदर सडक परियोजना का कार्य में किसी प्रकार की देरी उचित नहीं होगी तथा आम जनमानस के आवागमन हेतु उक्त मार्ग को शीघ्र पूर्ण किया जाये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने देहरादून शहर को अत्यधिक यातायात एवं भीड़ से मुक्त कराने के लिए देहरादून रिंग रोड़ के निर्माण की फिजिबिल्टी सर्वे किये जाने की स्वीकृति दी। साथ ही हाईवे के साथ लगे लगभग 1100 एकड़ भूमि पर लाजिस्टिक पार्क/फल एवं शब्जी पार्क और आढ़त बाजार के लिए केंद्रीय मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को प्रस्ताव दिया कि राज्य सरकार द्वारा उक्त प्रयोजन हेतु भूमि उपलब्ध कराने पर निर्माण पर आने वाले समस्त धनराशि केन्द्र सरकार द्वारा वहन की जायेगी। इस कार्य से देहरादून शहर में जाम/अव्यवस्थित आवागमन से राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री के अनुरोध पर कुमाऊँ और गढ़वाल के मध्य दूरी एवं समय कम करने के लिए नजीबाबाद-अफजलगढ़ बाई पास (लम्बाई 42.50 किमी०) की स्वीकृति प्रदान की गयी। बाई पास बनने से कुमाऊँ गढवाल के बीच की दूरी 20 किमी0 कम हो जायेगी तथा आवागमन में 45 मिनट की बचत होगी।
मझौला से खटीमा चार लेन सडक मार्ग की भी स्वीकृति प्रदान की गयी। उक्त मार्ग के निर्माण से उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत एवं बरेली हेतु भारी वाहनों एवं आम जनमानस का आवागमन सुलभ एवं आरामदायक होगा। इसके अतिरिक्त सितारगंज से टनकरपुर मोटर मार्ग को भी चार लेन में परिवर्तित करने की स्वीकृति प्राप्त हुई। मार्ग निर्माण से जनपद चम्पावत एवं पिथौरागढ आवागमन करने में काफी समय की बचत के साथ साथ मार्ग सुविधाजनक होगा।
पिथौरागढ से अस्कोट मोटर मार्ग (लगभग 47 किमी) भी ऑल वेदर परियोजना की तरह स्वीकृत किये जाने पर सहमति बनी। यह मार्ग बी०आर०ओ० द्वारा निर्मित किया जायेगा।
राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में अधिग्रहित भूमि से ऊपर व नीचे यदि मार्ग निर्माण से भवनों एवं अन्य संरचनाओं में क्षति होती है तो उक्त क्षति की प्रतिपूर्ति भी भारत सरकार द्वारा किये जाने के लिये मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री द्वारा सहमति दी गई। इससे समस्त हिमालयी राज्यों को लाभ प्राप्त होगा।
बैठक में अप्रैल 2023 में देहरादून में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार का आयोजन किये जाने पर भी सहमति प्रदान की गयी। उक्त सेमिनार में पर्वतीय क्षेत्रों के लिये उच्च गुणवत्तायुक्त टनल मार्गों का निर्माण किये जाने पर विषय विशेषज्ञों द्वारा विचार विमर्श होगा। इस सेमिनार में देश एवं विदेश के लगभग एक हजार लोग प्रतिभाग करेंगे।

मोदी का दौरा तय करेगा उत्तराखंड के चुनाव में मुद्दे क्या होंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में भाजपा के लिए शनिवार को चुनावी रण का शंखनाद करेंगे। भाजपा ने उनकी रैली की तैयारियां पूरी कर दी है। इसमें सवा लाख की भीड़ जुटाने का लक्ष्य जिलों को दिया गया है। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले पूरी तरह से चुनावी माहौल शुरू हो चुका है। भाजपा के स्टार प्रचारकों के राज्य के दौरे भी शुरू हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड पर खास फोकस रहा। पिछले तीन माह के भीतर उनका यह उत्तराखंड का तीसरा दौरा होगा। मोदी शनिवार 4 दिसंबर को उत्तराखंड को कई सौगात भी दे सकते हैं। वह परेड ग्राउंड में होने वाली रैली से पहले 18 हजार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकापर्ण करेंगे। केदारनाथ पुनर्निर्माण और चारधाम को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल हैं।
राजनीतिक पारी की शुरूआत से पहले मोदी का देवभूमि को लेकर अटूट रिश्ता रहा है। अस्सी के दशक में वे गरूड़चट्टी (केदारनाथ) में एक गुफा में तप भी कर चुके हैं। वर्ष 2013 में जब केदारनाथ में आपदा आई थी तो तब वे गुजरात के सीएम थे और रेस्क्यू आपरेशन में हाथ बढ़ाया। प्रधानमंत्री बनने के बाद उनका उत्तराखंड से लगाव और बढ़ा और राज्य के विकास को कई योजनाएं समर्पित कर चुके हैं।
अब मोदी की शनिवार को होने वाली रैली से भी जनता को कई उम्मीदें हैं, वे राज्य के विकास की नींव को और आगे बढ़ाने के लिए कई ऐलान भी कर सकते हैं। इसके साथ ही वे दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे जंक्शन से देहरादून तक), चाइल्ड फ्रेंडली सिटी प्रोजेक्ट देहरादून का शिलान्यास करेंगे। दून में अत्याधुनिक इत्र और सुगंध प्रयोगशाला (सुगंधित पौधों के लिए केंद्र) का भी उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दून में चुनाव रैली को संबोधित करेंगे। मोदी दिल्ली से वायुसेना के विशेष विमान से दोपहर 12ः25 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां राज्यपाल गुरुमीत सिंह, सीएम पुष्कर धामी उनकी आगवानी करेंगे। दोपहर एक बजे उनका एमआई-17 हेलीकाप्टर परेड मैदान स्थित खेल विभाग के मैदान में लैंड करेगा।
1ः10 बजे वे मंच पर पहुंचेंगे और लगभग सात मिनट तक 18 हजार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकापर्ण करेंगे। दोपहर 1ः40 बजे उनका संबोधन शुरू होगा। वे लगभग 35 मिनट तक जनता को संबोधित करेंगे और दोपहर 2ः30 बजे जौलीग्रांट के लिए रवाना होंगे। अपरान्ह पौने तीन बजे पीएम मोदी दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।

विकास कार्यो के लिए सीएम ने स्वीकृत की 19 करोड़ की धनराशि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विकास कार्यों हेतु 19.17 करोड़ रूपये की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र लोहाघाट के अन्तर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत विभिन्न 6 कार्यों हेतु 376.25 लाख रूपये की धनराशि की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। विधानसभा क्षेत्र केदारनाथ के अन्तर्गत विजयनगर तैला मोटर मार्ग के मरघट से बाराकोट से सिरोडगांव मला, सिल्ला तक अतिरिक्त मोटर मार्ग के निर्माण हेतु 46.61 लाख रूपये की धनराशि, विधानसभा क्षेत्र टिहरी के अन्तर्गत विभिन्न 8 निर्माण कार्यों हेतु 372.06 लाख रूपये की धनराशि, विधानसभा क्षेत्र टिहरी के अन्तर्गत चम्बा कॉलेज रोड़ से ग्राम मंज्यूड के चमाणगांव से होते हुये ऑल वेदर रोड तक मोटर मार्ग के नव निर्माण हेतु 3.30 लाख रूपये की धनराशि, विधानसभा क्षेत्र देहरादून कैण्ट के अन्तर्गत प्रेमनगर के केहरी गांव व विंग 1 से 4 में मार्ग एवं नाले के पुनर्निर्माण हेतु 54.85 लाख रूपये की धनराशि की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति मुख्यमंत्री ने प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र घनसाली के अन्तर्गत कर्णगांव से राज राजेश्वर मंदिर तक मोटर मार्ग का नव निर्माण हेतु 170.40 लाख रूपये की धनराशि, विधानसभा क्षेत्र घनसाली के अन्तर्गत विभिन्न 3 निर्माण कार्यों हेतु 72.24 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र श्रीनगर में विभिन्न 2 निर्माण कार्यों हेतु 85.81 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र पिथौरागढ़ के अन्तर्गत विभिन्न 5 निर्माण कार्यों हेतु 255.31 लाख रूपये की धनराशि तथा उत्तरकाशी वन प्रभाग के गंगोत्री रेंज के अन्तर्गत लंका नामक स्थान पर हिम तेंदुआ संरक्षण केन्द्र की स्थापना हेतु 480.22 लाख रूपये की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने राजकीय महाविद्यालय, वेदीखाल, पौड़ी गढ़वाल में रसायन विज्ञान, जन्तु विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान विषयों के संचालन हेतु असिस्टेंट प्रोफेसर के 3 पदों के सृजन हेतु स्वीकृति प्रदान की है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद देहरादून के विधानसभा क्षेत्र विकासनगर के अन्तर्गत विभिन्न 2 निर्माण कार्यों हेतु 97.24 लाख की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति, विधानसभा क्षेत्र पिथौरागढ़ के अन्तर्गत ग्राम झूनी में तुलानी-चण्डीका घाट लिंक रोड के निर्माण हेतु 13.71 लाख की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है।

निवेश के लिए उत्तराखंड सबसे उपयुक्त राज्य, तेजी से बढ़ रही उत्तराखंड की अर्थव्यवस्थाः त्रिवेन्द्र रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बैंगलोर में आयोजित आठवें इनवेस्ट नाॅर्थ कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तराखण्ड में निवेश के लिए उद्यमियों को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सेवा क्षेत्र विशेष तौर पर पर्यटन, बायो टेक्नोलाॅजी, नवीकरणीय ऊर्जा, फिल्म शूटिंग व सूचना प्रौद्योगिकी में निवेश की काफी सम्भावनाएं हैं। उत्तराखण्ड सरकार, निवेशकों को आवश्यक सुविधायें प्रदान करने के लिए तत्पर है। गत दो वर्षों राज्य में निवेश के लिए सुनियोजित प्रयास किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य तेजी से निवेश के लिये मुख्य गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हुआ है। यह देश की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। राज्य सरकार ने डीपीआईआईटी और विश्व बैंक द्वारा प्रस्तावित विभिन्न व्यावसायिक सुधार किए हैं। पर्वतीय राज्यों द्वारा किए गए व्यापार सुधारों के मामले में उत्तराखण्ड अग्रणी है। लाॅजिस्टिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए अनेक बुनियादी अवसंरचनात्मक परियोजनाएं प्रारम्भ की हैं। राज्य में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आईसीडी और एलसीएस की स्थापना की गई हैं। आल वेदर रोड़ व जौलीग्रांट एयरपोर्ट की क्षमता विस्तार का काम प्रगति पर है। केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित अमृतसर-कोलकाता इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर से उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड में स्थित उद्योगों को लाॅजिस्टिक्स के लिए सुगमता होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में अक्टूबर, 2018 में प्रथम इन्वेस्टर्स समिट ‘‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड’’ का आयोजन किया गया था, जिसमें देश व विदेश के 4000 से अधिक प्रतिनिधियों, निवेशकों, उद्योगपतियों ने प्रतिभाग किया था। शिखर सम्मेलन के दौरान 600 से अधिक निवेशकों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश के लिए रू. 1,24,000 करोड़ (एक लाख चैबिस हजार करोड़) से अधिक के प्रस्तावों के एमओयू किये गये। इन एमओयू के क्रियान्वयन के लिए ठोस पहल की गई है। इन्वेस्टर्स समिट के बाद के 10 माह में लगभग रू. 17 हजार करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश के प्रस्तावों की ग्राउण्डिंग की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का ध्यान ऐसी परियोजनाओं पर भी केंद्रित है, जिससे राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिकी को मजबूत किया जा सके। पाइन निडिल से ऊर्जा उत्पादन इनमें से एक है, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को रोजगार के अवसर सुलभ हो सकें। राज्य सरकार ने अब तक 20 परियोजनाआं की स्थापना के लिए विकासकर्ताओं का चयन किया है, जो लगभग 675 किलोवाट की बिजली उत्पादन कर सकेंगे और आने वाले समय में इस परियोजना की क्षमता को 5 मेगावाट तक बढ़ाये जाने की योजना है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की सम्भावनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये नयी पर्यटन नीति-2018 लागू की गयी है, जिसका मुख्य उद्देश्य रिवर्स माइग्रेशन को सुगम बनाने, ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने और पारिस्थितिक पर्यटन, वैलनेस व साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। राज्य के प्रत्येक जनपद में एक नया थीम बेस्ड डेस्टिनेशन विकसित किया जा रहा है। राज्य में पर्यटक रोप-वे निर्माण की व्यापक सम्भावनायें हैं, जिनमें से कुछ चिन्हित परियोजनायें देहरादून-मसूरी, जानकी चट्टी-यमुनोत्री, गोविन्दघाट-हेमकुण्ड साहिब, भैरव गढ़ी, देव का डाण्डा, बिनसर प्रमुख हैं। हाल ही में देहरादून को मसूरी से जोड़ने वाले रोप-वे प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया है, जिससे सड़क मार्ग से यात्रा मंे लगने वाला समय एक घण्टा तीस मिनट से घटकर केवल 15-20 मिनट हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा 66 वें राष्ट्रीय फिल्म फेयर अवाड्र्स में उत्तराखण्ड का चयन मोस्ट फिल्म फेंडली स्टेट के लिए किया गया है। राज्य सरकार की फिल्म नीति के कारण ही पिछले वर्ष 180 से अधिक फिल्मों की शूटिंग राज्य में की गईं, जो एक समर्पित क्षेत्र नीति का ही परिणाम है। उत्तराखण्ड, सूचना प्रौद्योगिकी एवं समर्थित सेवाओं के क्षेत्र के विकास पर भी अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है और इस क्षेत्र के लिए राज्य सरकार ने आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष पहल की है। राज्य ने अपनी सूचना प्रौद्योगिकी नीति को अधिसूचित कर दिया है। इस अवसर पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी सम्बोधित किया।