भारत-चीन की 345 किलोमीटर लंबी सीमा उत्तराखंड में है। इसमें उत्तरकाशी में करीब 122 किलोमीटर लंबी सीमा है। इस सीमा पर चैकसी की जिम्मेदारी आइटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) के पास है। वायुसेना यहां चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर अस्थाई एयरबेस बना सकती है। इसी क्रम में वायुसेना का मल्टीपरपस विमान एएन-32 ने सात बार सुरक्षित लैंडिंग की और टेकआफ किया। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर 29 अक्टूबर को एयर चीफ मार्शल आने वाले है।
भारत-चीन सीमा पर लद्दाख में चीन सेना की घुसपैठ के बाद बढ़े गतिरोध के बीच भारतीय सेना और वायु सेना अलर्ट मोड पर है। सीमा को अभेद्य बनाने के लिए वायु सेना अभ्यास में जुट गई है।
रनवे का परीक्षण करने के लिए पायलट दल ने आसमान में चक्कर भी लगाया। पायलट दल ने रनवे को सुरक्षित लैंडिंग के लिए मुफीद पाया है। यह भी बताया जा रहा है कि वायु सेना चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को अस्थाई रूप से एयर बेस बना सकती है। इसके लिए 20 अक्टूबर को वायु सेना की टीम दो चेतक हेलीकॉप्टर के जरिये चिन्यालीसौड़ पहुंची, जहां वायु सेना की टीम ने हवाई पट्टी पर मौजूद सुविधाओं के अलावा हवाई पट्टी के निकट उत्तराखंड जल विद्युत निगम के गेस्ट हाउस को भी देखा। बताया जा रहा है कि अभी वायु सेना की ओर से अस्थाई एयर बेस को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।