वायु सेना के मध्य कमान के अधिकारी ने सीएम धामी से की मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में एयर मार्शल, रवि गोपाल कृष्णा कपूर, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, मध्य वायु कमान ने शिष्टाचार भेंट की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से एयर मार्शल रवि गोपाल कृष्णा कपूर ने चर्चा के दौरान कहा कि नए पुलों की भार क्षमता को कम से कम 24 टन तक प्रस्तावित किया जाना जरूरी है। इससे भारतीय वायुसेना तथा थल सेना के भारी वाहनों के आवाजाही आसानी से हो सकेगी। उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य में नए पुलों के निर्माण एवं अपग्रेडेशन में भार क्षमता 24 टन तक रखी जाए।
बैठक के दौरान चर्चा की गई कि भारतीय वायु सेना तथा गढ़वाल मण्डल विकास निगम तथा भारतीय वायु सेना व कुमाऊं मण्डल विकास निगम के मध्य एक एमओयू प्रस्तावित है जिसके तहत भारतीय वायु सेना के अधिकारियों व कार्मिकों को केन्द्र सरकार की दरों में जीएमवीएन तथा केएमवीएन की सुविधाओं के उपयोग की अनुमति मिल सकेगी। इस दौरान पिथौरागढ़ एयरफील्ड एएलजी को भारतीय वायुसेना को सौंपने हेतु राज्य सरकार की तरफ से जल्द ही अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने पर भी चर्चा की गई। इसके साथ ही एयर मार्शल द्वारा पिथौरागढ़ एयरफील्ड हेतु कुल 25 एकड़ जमीन में से 20 एकड़ राज्य सरकार द्वारा आवंटित करवाने हेतु भी अनुरोध किया गया। एयर मार्शल ने पीएम गतिशक्ति योजना हेतु राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने विभिन्न प्रस्तावों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति के तहत राज्य सरकार के साथ समन्वय से कार्य किए जायेंगे।

उत्तराखंडः चीन सीमा को लेकर चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर उतरा वायुसेना का विमान

भारत-चीन की 345 किलोमीटर लंबी सीमा उत्तराखंड में है। इसमें उत्तरकाशी में करीब 122 किलोमीटर लंबी सीमा है। इस सीमा पर चैकसी की जिम्मेदारी आइटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) के पास है। वायुसेना यहां चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर अस्थाई एयरबेस बना सकती है। इसी क्रम में वायुसेना का मल्टीपरपस विमान एएन-32 ने सात बार सुरक्षित लैंडिंग की और टेकआफ किया। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर 29 अक्टूबर को एयर चीफ मार्शल आने वाले है।

भारत-चीन सीमा पर लद्दाख में चीन सेना की घुसपैठ के बाद बढ़े गतिरोध के बीच भारतीय सेना और वायु सेना अलर्ट मोड पर है। सीमा को अभेद्य बनाने के लिए वायु सेना अभ्यास में जुट गई है।

रनवे का परीक्षण करने के लिए पायलट दल ने आसमान में चक्कर भी लगाया। पायलट दल ने रनवे को सुरक्षित लैंडिंग के लिए मुफीद पाया है। यह भी बताया जा रहा है कि वायु सेना चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को अस्थाई रूप से एयर बेस बना सकती है। इसके लिए 20 अक्टूबर को वायु सेना की टीम दो चेतक हेलीकॉप्टर के जरिये चिन्यालीसौड़ पहुंची, जहां वायु सेना की टीम ने हवाई पट्टी पर मौजूद सुविधाओं के अलावा हवाई पट्टी के निकट उत्तराखंड जल विद्युत निगम के गेस्ट हाउस को भी देखा। बताया जा रहा है कि अभी वायु सेना की ओर से अस्थाई एयर बेस को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।