सीएम ने किया जनपद देहरादून में ई-अभिलेखागार वेब पोर्टल का शुभारम्भ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सी.एम हेल्पलाइन-1905 की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सचिव एवं विभागाध्यक्ष सी.एम हेल्पलाइन की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी सुनिश्चित करें कि शिकायत जिस अधिकारी के स्तर की है, उनका समाधान उनके स्तर पर ही हो जाय। अनावश्यक रूप से शिकायतें उच्च स्तर पर न आये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सी.एम. हेल्पलाइन की समीक्षा बैठक में इसका भी विवरण दिया जाय कि जनपदों के प्रभारी सचिवों द्वारा जनपदों में विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए कितनी बैठकों का आयोजन किया और किन महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान करवाया। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि बीडीसी और तहसील दिवसों का आयोजन नियमित रूप से हो और इनमें जनपद स्तरीय अधिकारी भी अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करें।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ई-अभिलेखागार जिला देहरादून के वेब पोर्टल का भी शुभारंभ किया। जनपद देहरादून की तहसीलों के रिकॉर्ड को स्कैन कर पोर्टल पर अपलोड किया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अन्य जनपद भी ई-अभिलेखागार के माध्यम से वेब पोर्टल बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों के पेंशन संबंधी प्रकरणों का समयबद्धता के साथ निस्तारण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी को भी पेंशन संबंधी प्रकरणों में कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर न लगाना पड़े। विभागों के पेंशन प्रकरणों की नियमित समीक्षा के निर्देश उन्होंने मुख्य सचिव को दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सी.एम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने वाले 06 शिकायतकर्ताओं से फोन पर वार्ता भी की। तीन शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का समाधान किया जा चुका था। जिन तीन शिकायतकर्ताओं की समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ था उनमें बागेश्वर के मोहन सिंह ने शिकायत की थी कि उनके मकान के पीछे एक बड़ा पेड़ गिरने की स्थिति में हैं, जिसकी जड़े दरक गई हैं, जिससे उनके मकान में पेड़ गिरने का खतरा बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी बागेशवर को निर्देश दिये कि इनकी समस्या का शीघ्र समाधान कर जानकारी सीएम कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए। उधमसिंह नगर के राकेश कुमार अग्रवाल ने शिकायत की थी कि उनका बिजली का बिल आरडीएफ में आ रहा था, बिल जमा न करने पर उन पर 09 हजार रूपये का ब्याज लगा दिया गया। उन्होंने वास्तविक बिल उपलब्ध कराये जाने की मांगी की। मुख्यमंत्री ने यूपीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इनकी समस्या का जल्द समाधान किया जाए। देहरादून के अरुण अहलूवालिया ने शिकायत की कि वे 31 अगस्त 2023 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उन्हें पेंशन का लाभ तो मिल चुका है, लेकिन इंश्योरेंस का पैसा नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इनके इंश्योरेंस की धनराशि यथाशीघ्र उपलब्ध करवाई जाय।

बैठक में निदेशक आईटीडीए नितिका खंडेलवाल ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सी.एम हेल्पलाइन में शिकायतों के निस्तारण के संबंध में शिकायतकर्ताओं का फीडबैक दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों को मण्डल स्तर पर सीएम हेल्पलाइन 1905 और डिजिटल तहसील दिवस के आयोजन के लिए 07 अगस्त से देहरादून और नैनीताल में प्रशिक्षण दिया जायेगा।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव एल.फैनई, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, चन्द्रेश यादव, बृजेश कुमार संत, डॉ. वी.षणमुगम, डॉ. आर. राजेश कुमार, एस.एन पाण्डेय, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड सीएम हेल्पलाइन 1905 पर अब तक हुआ 51 हजार 248 शिकायतों का संतुष्टि के साथ समाधान

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 23 फरवरी 2019 को जनता की सहूलियत के लिए सीएम हेल्पलाइन 1905 का शुभारम्भ किया था। जिसका मकसद यह था कि जनता को अपनी समस्याओं के समाधान के लिये दूर दराज के क्षेत्रों से मुख्यमंत्री कार्यालय या सचिवालय के चक्कर ना काटने पड़ें, जिससे जनता के समय और धन दोनों की बचत होगी तथा जनता घर बैठे ही सरकार तक विभागों की समस्या ऑनलाइन या फोन पर बता सकेगी।

सीएम हेल्पलाइन के सफलतापूर्वक 2 वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड की जनता को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन पर बेहतर कार्य और उत्कृष्ट प्रदर्शन वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

सीएम हेल्पलाइन पर हिन्दी, गढ़वाली, कुमाउनी, पंजाबी, अंग्रजी किसी भी भाषा में समस्या दर्ज करा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन सुशासन का जीता जागता उदाहरण है इससे सरकार और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित हुआ है और सरकार की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिय बनी सीएम हेल्पलाइन 1905 का उत्तराखंड की जनता अधिक से अधिक लाभ उठाये। सीएम हेल्पलाइन पर किसी भी फ़ोन से निशुल्क टोलफ्री नंबर 1905 पर डायल करके किसी भी विभाग से सबंधित समस्या दर्ज करा सकते हैं या वेबसाइट cmhelpline.uk.gov.in पर भी समस्या दर्ज करा सकते हैं।

मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त ने बताया कि अभी तक सीएम हेल्पलाइन पर 51 हजार 248 शिकायतों का संतुष्टि के साथ समाधान हो गया है। कोरोना महामारी और प्राकृतिक आपदा के दौरान सीएम हेल्पलाईन जनता के लिए वरदान बनकर सामने आई है। लॉकडाउन के दौरान सीएम हेल्पलाईन ने आपातकालीन सेवा के रूप में भी कार्य किया है। सीएम हेल्पलाईन के अधिकारी एवं कर्मचारी लॉकडाउन के दौरान प्रदेशवासियों की समस्याओं को सुनकर उनका 24 घंटे के भीतर ही निस्तारण करा रहे थे। लॉकडाउन खुलने के बाद से सीएम हेल्पलाइन में पंजीकृत प्रदेश के सभी अधिकारी उतनी ही तत्परता से जनसमस्याओं का समाधान कर रहे हैं।

सीएम हेल्पलाइन में अधिकारियों द्वारा शिकायत का समाधान होने पर सीएम हेल्पलाइन 1905 के कॉल सेन्टर द्वारा शिकायतकर्ता को कॉल भी किया जाता है और शिकायतकर्ता की संतुष्टि प्राप्त होने पर ही शिकायत को बन्द किया जाता है। सीएम हेल्पलाइन में अधिकारियों को शिकायत प्राप्त होते ही 15 दिन के भीतर शिकायत पर कार्यवाही करना अनिवार्य है।

सीएम हेल्पलाइन में उत्तराखंड के सभी विभागों के अधिकारियों को जोड़ा गया है। प्रत्येक माह आयुक्त गढ़वाल मंडल और आयुक्त कुमाऊं मंडल सभी जिलों के अधिकारियों की समीक्षा बैठकें भी ले रहे हैं और शिकायतों के गुणवत्ता पूर्वक समाधान पर प्रतिदिन मंडल आयुक्तों और जिलाधिकारियों द्वारा नजर रखी जा रही है।

अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री राधा रतूड़ी द्वारा समय-समय पर सचिव स्तर पर सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा बैठकें भी ली जाती हैं।