विधानसभा में बैकडोर भर्ती को लेकर मचे बवाल के बीच विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खण्डुड़ी ने अपना फैसला सुनाया। विधानसभा स्थित अपने कक्ष में उन्होंने मीडिया के सामने अपना लिखित बयान पढ़ा। जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा प्रदेश का सर्वाेच्च सदन है, इसकी गरिमा को बनाए और बचाए रखना उनका दायित्व और कर्तव्य भी है। साथ ही जोर देकर कहा कि कि वो प्रदेशवासियों खासकर युवा वर्ग को यह आश्वस्त करना चाहती हैं कि सबके साथ न्याय होगा।
सदन की गरिमा को सर्वाेच्च स्थान पर रखते हुए, ऋतु ने कहा कि इसे बनाए रखने के लिए वो किसी भी कठोर निर्णय लेने से नहीं हटेंगी। विधान सभा परिसर लोकतंत्र का मंदिर है। अध्यक्ष होने के नाते उन्हें किसी भी प्रकार की अनियमितता एवं अनुशासनहीनता स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, वित्त मंत्री और पूर्व स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच के आदेश पर कहा कि यह स्वागतयोग्य कदम है। इससे सच्चाई सामने आएगी। अग्रवाल ने कहा कि, सबसे बड़ी बात यह है कि, स्पीकर ने विधानसभा में हुई सभी भर्तियों की जांच का फैसला लिया है। इसके लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं।
वहीं, पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि विस अध्यक्ष ने विस में समय समय पर हुई भर्तियों की जांच के लिए आज कमेटी का गठन किया है। मुझे यह स्वीकार्य है। कमेटी की रिपोर्ट पर विस अध्यक्ष जो भी निर्णय लेंगी, मुझे मान्य होगा। मेरे कार्यकाल में हुई सभी भर्तियों को हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने वैध ठहराया है।
गौरतलब है कि विधानसभा की चर्चित बैकडोर भर्तियों पर सीएम पुष्कर धामी की पहल पर जांच शुरू होने जा रही है। यूकेएसएसएससी की विभिन्न भर्तियों की जांच के आदेश दे चुके सीएम ने ही विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी से विस की भर्तियों की जांच का अनुरोध किया था। एक सितंबर को सीएम ने स्पीकर से मीडिया, सोशल मीडिया में आ रही खबरों को देखते हुए विस की समय-समय पर हुई भर्तियों की जांच कराने का अनुरोध करते हुए पत्र भेजा था। शनिवार को दिल्ली से लौटकर देहरादून आई विधानसभा अध्यक्ष ने सारे मामले का अध्ययन करने के बाद कुछ ही घंटों बाद प्रेस कांफ्रेस कर जांच के आदेश जारी कर दिए।