चमोली।
मुख्यमंत्री ने गैरसैंण में रिखोली-नैल-जागडी-सैरा 7 किमी मोटर मार्ग नव निर्माण कार्य लागत 243.00 लाख, खेती-रंडोली-बेनीताल 2 कि0मी0 मोटर मार्ग लागत 33.60 लाख का शिलान्यास तथा विधान परिसर-भराडीसैंण पहुॅच मार्ग का सुधारीकरण लम्बाई 4.8 कि0मी0 लागत 202.19 लाख व मेहलचैरी-माईथान-नैल देवपुरी 23 कि0मी0 हाॅटमिक्स द्वारा डामरीकरण कार्य लागत 805.68 लाख योजनाओं का लोकापर्ण किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने पहाडी क्षेत्र में उच्च जोखिम, गर्भावस्था की पहचान एवं प्रबन्धन हेतु व पूरे देश में अपने आप में अनोखा प्रोजेक्ट ‘‘प्रोजेक्ट बेदनी‘‘ को भी लाॅन्च किया। जिससे पहाडी क्षेत्रों में शिशु एवं मातृत्व मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जनपद के अधिकांश गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं समय से नही मिलती है इस योजना के लाॅन्च से गर्भवती महिलाओं को समय से स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी। प्रोजेक्ट बेदनी के लाॅन्च पर उन्होंने जिले के प्रशासन की जमकर सराहना करते हुए एएनएम व आशा कार्यकत्रियों को प्रोजेक्ट बेदनी किटों का भी वितरण किया।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विगत 5 वर्षो में किये गये कार्य आज धरातल पर है। 2013 की भीषण आपदा से उभर कर आज उत्तराखण्ड विकास के पथ पर अग्रसर है तथा भारत के नीति आयोग के अनुसार देश के सबसे तेज तरक्की करने वाले 6 राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य से गरीबी को हटाना व पलायन रोकना है। कहा कि विभिन्न विभागों में रिक्त 30 हजार पदों को भरने का कार्य चल रहा है जिसमें से 16 हजार पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है। राज्य में 1 हजार सड़कों का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य की आर्थिक प्रगति के लिए हमें शिक्षा, खेती के साथ-साथ हस्तशिल्प/दस्तकारी को भी विकसित करना होगा। कृषि पर जोर देते हुए कहा कि उन्नत खेती के लिए सरकार ने ठोस योजनाऐं तैयार की है। मडुवा, झंगोरा, गहथ, काला भट्ट आदि फसलों के लिए उचित दामों पर मार्केट उपलब्ध कराया जा रहा है।
महिला सशक्तिकरण के तहत महिलाओं के लिए अनेक योजनाऐं संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो महिला आज अपने खेतों में भी कार्य करेगी सरकार उसे मनरेगा श्रमिक का दर्जा देकर लाभान्वित करेगी। उन्होंने जिलाधिकारी को जिले में अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह गठित करने के निर्देश देते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूहों के खातों में अगले महीने तक 5 हजार की धनराशि सहायता के तौर पर दी जा रही है। स्वयं सहायता समूहों के कार्य शुरू करने पर 20 हजार की धनराशि तथा सामूहिक रूप से खेती करने पर 1 लाख रूपये का अनुदान देने की व्यवस्था की गयी है। कहा कि आज बिटिया के पैदा होने से लेकर पढाई, शादी, बीमारी व बृद्वावस्था तक विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत लाभान्वित किया जा रहा है।
आगनबाडी एवं आशा कार्यकत्रियों के लिए राज्य स्तर पर 55 करोड़ का फण्ड की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा प्रकार की पेंशन उत्तराखण्ड राज्य दे रहा है और इस अभियान को आगे भी जारी रखा जायेगा। राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं की धनराशि को बढाकर 1 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है। उन्होंने क्षेत्र की जनता को शुभकामनाऐं देते हुए विकास कार्यो में राज्य सरकार के साथ मिलकर कार्य करने का आवाहन किया। मुख्यमंत्री ने गैरसैंण में अव्यवस्थित ढंग से हो रहे आवासीय भवन निर्माण कार्यो पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी को क्षेत्र के ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर व्यवस्थित ढंग से गैरसैंण में निर्माण कार्य करवाने के निर्देश दिये ताकि भविष्य में रास्ते, सीवर लाइन, सड़के आदि निर्माण कार्यो में परेशानियों का सामना ना करना पडे। है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में सभी अवस्थापना सुविधाऐं विकसित की जा रही है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह नेगी, पृथ्वीपाल चैहान, मेला अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख गैरसैंण सुमति बिष्ट, क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन, मेला संरक्षक व उपजिलाधिकारी स्मृति परमार सहित अन्य अधिकारी एवं बडी संख्या में क्षेत्रीय जनता मौजूद थी।