देहरादून।
केंद्र सरकार ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर काम शुरू करा दिया है। अब केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के चारों धामों को रेल लाइन से जोड़ने के प्रयास तेज कर दिए हैं। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को आपस में जोड़ने के लिए शुरुआती सर्वे किया जा चुका है। अब फाइनल लोकेशन सर्वे पर काम शुरू हो रहा है। इसके शिलान्यास के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु 13 मई को श्री बदरीनाथ धाम आ रहे हैं।
वर्ष 2011 में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का शिलान्यास पूर्व की केंद्र सरकार कर चुकी है। करीब 125 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन पर ऋषिकेश से काम शुरू हो चुका है। केंद्र में भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार ने चारों धामों को रेल लाइन से जोड़ने की घोषणा की है। इसी सिलसिले में 13 मई को रेल मंत्री सुरेश प्रभु श्री बदरीनाथ धाम आ रहे हैं। बदरीनाथ से केदारनाथ धाम को जोड़ने के लिए सोन प्रयाग तक रेल लाइन बिछाने की योजना है। इसका शुरुआती सर्वे हो चुका है और फाइनल सर्वे शुरू किया जाना है।
रेलवे विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल लाइन को गौचर होते हुए बदरीनाथ धाम से जोड़ने की योजना है और इसी के साथ केदारनाथ धाम को भी जोड़ा जाएगा। सुरंगों के माध्यम से गंगोत्री और यमुनोत्री को भी आपस में रेल लाइन से जोड़ने का प्रस्ताव है। अब फाइनल लोकेशन सर्वे मे यह तय करना है कि रेल लाइन कहां-कहां से होकर जाएगी और कहां पर इसके स्टेशन बनाए जाएंगे। इस रूट पर टनल और पुल कहां बनाए जाएंगे, इसका भी सर्वे किया जाएगा। फाइनल लोकेशन सर्वे का शिलान्यास 13 मई को श्री बदरीनाथ धाम मे रेल मंत्री सुरेश प्रभु करेंगे।
वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के चार धामों को आपस में जोड़ने के लिए रेल सर्किट विकसित किया जाएगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु 13 मई को इसका शिलान्यास करेंगे। इससे जोशीमठ, सोनप्रयाग भी रेल से जुड़ जाएंगे।