आज नवनिर्वाचित सासंद राज्यसभा नरेश बंसल परिवारजनों के साथ संसद पहुंचे। वहां उन्होंने राज्यसभा के मुख्यहाॅल मे आयोजित नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसदो के शपथग्रहण समारोह मे भाग लिया। कार्यक्रम में कर्नाटक, उत्तरप्रदेश के नवनिर्वाचित संसद सदस्यों के साथ उन्होंने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
उत्तराखंड से अभी एक सीट खाली होने के चलते केवल नरेश बंसल ने शपथ ली। सभी को शपथ महामहिम उपराष्ट्रपति व सभापति राज्यसभा एम वैकंेया नायडू ने दिलाई। बंसल ने लगभग 12ः10 बजे मातृभाषा हिन्दी मे शपथ ली। उत्तरप्रदेश से नवनिर्वाचित सांसद व केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी नरेश बंसल के साथ शपथ ली। सभापति महोदय ने कहा कि सदन का सत्र कोरोना संकट काल मे कब होगा, यह अभी निश्चित नही है। राज्य सभा की समिति के महत्वपूर्ण कार्य चल रहे है, जिसकी समय से प्रगती हेतु नय सदस्यों की आवश्यकता है, जो उसमे प्रतिभाग कर समिति के कार्यो को आगे बढ़ाएगे। इसी हेतु सत्र से पहले यह शपथ कार्यक्रम आयोजित किया गया ताकि नए सदस्य समिति की बैठको मे भाग ले सके ।
महामहिम उपराष्ट्रपति व सभापति राज्यसभा एम वैकंया नायडू जी ने सभी को मास्क लगाने व दो गज की दुरी बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सभी को नवीन दायित्व के लिये बधाई और शुभकामनाएं दी व सभी अच्छा कार्य करे यह कमाना की। उन्होंने सभी सदस्यों को राज्य सभा के प्रोटोकोल से समबन्धित विभिन्न पुस्तकों को पढ़ने के लिए कहा जिससे नए सदस्य को राज्य सभा की कार्यवाही मे भाग लेने मे सुगमता हो सभी नियमों का ज्ञान हो। उन्होंने कहा कि सभी लोगों की राज्य सभा सदस्यो से बहुत अपेक्षा होती है, उनके आचरण, व्यवहार को युवा पीढ़ी फोलो करता है। उन्होंने सभी को सदन की मर्यादा कायम रखने के लिए कहा। उन्होंने कहा की किसी भी विषय पर वाद-विवाद, चर्चा व उसके बाद निर्णय होना चाहिए ।
इस अवसर पर नरेश बंसल ने कहा कि वह नव दायित्व को पूरी निष्ठा व ईमानदारी से निर्वाहन करेंगे व राज्य व देश हित मे कार्य करेंगे। उनका मंत्र सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास होगा। वह राज्य और केंद्र सरकार के बीच सेतु के रूप में कार्य करेंगे व उत्तराखंड राज्य मे विकास कैसे हो, केन्द्रीय योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ प्रदेश को मिले यही उनका प्रयास होगा। उन्होंने कहा की केन्द्रीय नेतृत्व ने जो विश्वास उन पर दिखाया है वह उस पर खरा उतरेगे।
कार्यक्रम मे मुख्य रूप से नेता सदन डाॅ. थावरचंद गहलोत, केन्द्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल, वी मुरली धरन, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद अजय भट्ट आदि उपस्थित रहे।