उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में प्रचार समाप्त होने के लिए अब छह दिन ही बचे हैं। लेकिन निर्वाचन आयोग ने अब भी पार्टियों और प्रत्याशियों को बड़ी रैलियों, रोड शो, वाहन रैली और पदयात्रा की इजाजत नहीं दी है। इस कारण इस बार चुनाव प्रचार बिना धूम धड़ाका के ही समाप्त हो जाएगा। निर्वाचन आयोग ने आठ जनवरी को विधानसभा चुनाव की घोषणा करते हुए, कोविड के खतरे को देखते हुए बड़ी रैलियों पर रोक लगाते हुए, चुनाव प्रचार मुख्य रूप से डिजिटल माध्यम तक सीमित कर दिया था। अब चौथे दौर की समीक्षा के बाद आयोग ने रविवार को जारी आदेश में बड़ी रैलियों, रोड शो, पदयात्रा और वाहन रैलियों पर रोक जारी रखी है।
इसके साथ ही डोर टू डोर प्रचार में अधिकतम बीस लोगों के शामिल होने और इंडोर मीटिंग में हॉल की पचास प्रतिशत और आउटडोर में तीस प्रतिशत क्षमता के साथ मीटिंग की इजाजत दे दी है। आयोग के संयुक्त निदेशक अनुज चंडाक की ओर से जारी आदेश के अनुसार आयोग ने उक्त निर्णय सभी चुनाव वाले राज्यों और आयोग के स्पेशल ऑजरर्वर की रिपोर्ट पर लिया है। आयोग के मुताबिक राज्यों ने कोविड की स्थिति में सुधार का दावा किया है, इसके साथ ही इन राज्यों में स्कूल कॉलेज भी फिर खोले जा रहे है। इस कारण आयोग ने सभी इंनडोर और आउटडोर मीटिंग में उपस्थिति की छूट बढ़ा दी है। हालांकि सभी गतिविधियों में कोविड के अनुरूप व्यवहार करना जरूरी होगा। उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने सभी दलों और प्रत्याशियों से गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है।