आरटीआई से नैनताल में सरकारी पैसों को बंदरबाट की खबर सामने आई है। दरअसल राजस्व विभाग के पटवारी व कुछ किसानों की आपसी मिलीभगत के चलते बैंक से भारी मात्रा में कर्ज लिया गया। जबकि बैंक में दिखाये गये जमीन से जुड़े सभी दस्तावेजों में फेरबदल किया गया है।
आरटीआई से यह भी खुलासा हुआ है कि देवीदत्त नाम के एक मृत व्यक्ति के नाम से भी बैंकों से ऋण लिया गया है और दो बैंकों से मृतक देवी दत्त के नाम से किसान मृतक बीमा क्लेम भी ले लिया गया।
आरटीआई कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने इस मामले पर बड़ौदा बैंक, द नैनीताल बैंक और नैनीताल डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक के अधिकारियों को इस बाबत जानकारी दी, लेकिन अभी तक इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
इस पूरे मामले पर कुमाऊं के कमिश्नर ने संज्ञान लेते हुए पूरे घोटाले की जांच करने की बात कही है, उनके मुताबिक जिलाधिकारी से मामले की जानकारी लेकर जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।