केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) ने उत्तराखंड में संगठित तरीके हो रहे करोड़ों के जीएसटी फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। दिल्ली और उत्तराखंड की 11 फर्मों में छापेमारी कर 23.4 करोड़ का जीएसटी फर्जीवाड़ा पकड़ा। इसमें फर्जी तरीके से 4.2 करोड़ रुपये के आईटीसी क्रेडिट लेने की कोशिश को नाकाम किया है।
सीजीएसटी उत्तराखंड आयुक्त दीपांकर ऐरन ने बताया कि, धोखाधड़ी से जीएसटी रिफंड प्राप्त करने की जानकारी की जांच के बाद सामने आया कि देहरादून स्थित सॉफ्टवेयर और आईटी सोल्युशन फर्म मैसर्स टेक ग्रोथ एंटरप्राइजेज फर्जीवाड़े में शामिल हैं। जांच में 11 फर्मों के एक बड़े सिंडिकेट का पता चला।
इसमें दिल्ली की चार और उत्तराखंड की सात फर्में शामिल हैं। इसमें ज्यादातर फर्में देहरादून में पंजीकृत हैं। तीन फर्मों का जीएसटी पंजीकरण निलंबित कर दिया गया है। साथ ही दिल्ली की फर्मों पर कार्रवाई के लिए दक्षिण दिल्ली सीजीएसटी कार्यालय को पत्र भेज दिया गया है।
उत्तराखंड में इन फर्मों पर हुई कार्रवाई
इसमें उत्तराखंड की मैसर्स टेक ग्रोथ एंटरप्राइजेस, मैसर्स जेनटिया सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन, मैसर्स ब्रूकफील्ड वर्ल्ड वाइड सॉल्यूशन, मैसर्स प्रोटेक्ट्स वर्ल्ड वाइड सॉल्यूशन, मैसर्स खिंडा टेक सॉफ्टवेयर सिस्टम और मैसर्स बैकबोन सॉफ्टवेयर सिस्टम शामिल हैं।