ऋषिकेश।
शनिवार को कार्यशाला के दूसरे दिन दो सत्रों का आयोजन किया गया। पहला सत्र पर्यटन एवं आतिथ्य सत्कार उद्योग के संयोजन और दूसरा सत्र हिमालयी पर्यटन में सामुदायिक सहभागिता पर आधारित था। हिमालयन एडवेंचर इंस्टीट्यूट मसूरी के निदेशक डॉ. एसपी चमोली, ईक्रो ट्रैवेल्स दिल्ली के निदेशक रवि गुसाईं, ग्रीन एजुकेशन गुजरात के निदेशक विरेन्द्र रावत, केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के कुलपति प्रो. जेएल कौल ने कार्यशाला को संबोधित किया। बताया कि हिमालयी राज्यों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उद्यमिता कौशल को विकसित किया जाता है तो पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में सफलताएं निश्चित मिलेंगी।
विशेषज्ञों ने पर्यटन के क्षेत्र में उद्यमिता बढ़ाने के टिप्स भी दिए। जेट फ्लीट के बिजनेस हेड महिपाल रावत, इंडो गंगा होलीडेज के किरन टोडरिया, पंजाब विश्वविद्यालय के प्रो. बीबी गोयल व डॉ. संजय महर ने भी पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए अपने विचार रखे। दूसरे सत्र में सेवानिवृत आईएएस कमल तावरी, डॉ. सेवांग नामगेल, प्रो. सुषमा चुग, जीवन लाल वर्मा ने हिमाचल, लद्दाख, भूटान की तर्ज पर पलायन रोकने और रोजगार सृजन के लिए पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने की वकालत की। विभिन्न एनजीओ और पर्यटन व्यवसायियों ने कार्यशाला में भाग लिया।