चुनाव आयोग ने 22 जनवरी तक चुनावी राज्यों, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनावी रैलियों और रोड शो पर रोक लगा दी है। हालांकि, आयोग ने पार्टियों और उम्मीदवारों को कुछ राहत देते हुए इंडोर मीटिंग की अनुमति दी, लेकिन इसमें शर्त होगी कि इन बैठकों में केवल 300 लोग या फिर हॉल या वेन्यू की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही मीटिंग कर सकते हैं।
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को अधिकतम 300 व्यक्तियों या 50 प्रतिशत हॉल की क्षमता के साथ इनडोर बैठकें आयोजित करने की अनुमति दी है। आयोग ने राजनीतिक दलों को आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और कोविड-19 पर व्यापक दिशानिर्देशों का पालन करने का भी निर्देश दिया।
चुनाव आयोग ने राज्य और जिला प्रशासन को चुनाव आचार संहिता और महामारी नियंत्रण उपायों से जुड़े सभी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
8 जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड मणिपुर, गोवा और पंजाब के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए, चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक सार्वजनिक रैलियों, रोड शो और इसी तरह के फिजिकल प्रचार कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने का एक अभूतपूर्व कदम उठाया था। अब यह प्रतिबंध एक और हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया है।
आयोग ने चुनाव प्रचार के लिए 16-सूत्रीय दिशानिर्देशों को भी लिस्टेड किया था, जिसके तहत सार्वजनिक सड़कों और चौराहे पर श्नुक्कड़ सभाओंश् (कोने की बैठकों) पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इसमें डोर-टू-डोर कैंपेन के लिए लोगों की संख्या को पांच तक सीमित कर दिया गया था। साथ ही मतगणना के बाद प्रत्याशीओं के विजय जुलूसों पर भी रोक लगा दी गई।