मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का इसे कड़ा एक्शन ही कहिए कि राज्य में नकल माफिया गिरोह का भंडाफोड़ ही नही हो रहा बल्कि संपत्ति कुर्क जैसी बड़ी कार्रवाई भी अमल में लाई जा रही है। दशकों से उत्तराखंड को खोखला कर रहे नकल माफिया को अगर किसी ने सिर्फ एक शिकायत पर पकड़ा तो उसका श्रेय वर्तमान मुख्यमंत्री धामी को जाता है।
यही नही लगातार हो रही गिरफ्तारियां इस बात का सबूत है कि धामी सरकार किसी को भी नही छोड़ने वाली है। ऐसे माफियाओं पर सख्त कानूनी कार्रवाई के लिए धामी सरकार नकल विरोधी कानून लेकर आई, जिससे ऐसे कार्यों में संलिप्त लोगों पर कठोरत्तम कार्रवाई अमल में लाई जा सके। धामी सरकार की इच्छा शक्ति का पता लगातार हो रही कार्रवाई को देखकर भी पता चलता है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) परीक्षा घोटाले के मास्टरमाइंड हाकम सिंह की हरिद्वार में चिह्नित की गई संपत्ति को देहरादून जिलाधिकारी के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट में कुर्क किया गया है। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने हरिद्वार तहसीलदार को इस संपत्ति का रिसीवर नियुक्त किया गया। तहसीलदार रेखा आर्य ने सोमवार को मौके पर पहुंचकर नोटिस चस्पा करते हुए संपत्ति को कब्जे में ले लिया।
परीक्षा घोटाले की जांच कर रही उत्तराखंड एसटीएफ की जांच में सामने आया था कि नकल माफिया हाकम सिंह ने विभिन्न परीक्षा घोटालों से प्रदेश भर में करोड़ों की संपत्ति जुटाई। हरिद्वार से लेकर देहरादून व उत्तरकाशी जिलों में बेशकीमती संपत्तियां होने की जानकारी भी मिली। अवैध रूप से जुटाई गई संपत्तियां जब्त करने के लिए हाकम के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में भी मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी जांच उत्तराखंड एसटीएफ के इंस्पेक्टर कुंदन सिंह राणा को सौंपी गई थी।
अवैध कमाई से अर्जित की गई संपत्ति की खोजबीन के दौरान हाकम की हरिद्वार के रानीपुर झाल क्षेत्र में भी एक संपत्ति होने की जानकारी एसटीएफ को मिली थी। छानबीन में सामने आया है कि यह संपत्ति हाकम सिंह ने बिल्केश्वर कालोनी निवासी वासुदेव अग्रवाल से लगभग 84 लाख रुपये में खरीदी थी। प्लाट पर मकान का निर्माण होता पाया गया था।
विवेचक इंस्पेक्टर कुंदन सिंह राणा ने संपत्ति जब्त करने की रिपोर्ट जिलाधिकारी देहरादून को भेजी थी। जिस पर जिलाधिकारी देहरादून सोनिका ने संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी किए। इस कार्रवाई का हवाला देते हुए उत्तराखंड एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने जिलाधिकारी हरिद्वार को पत्र भेजा। जिसके आधार पर जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने हरिद्वार तहसीलदार को इस संपत्ति का रिसीवर नियुक्त कर दिया है।
सोमवार को तहसीलदार रेखा आर्य, नायब तहसीलदार अनिल गुप्ता सहित टीम को लेकर मौके पर पहुंची और संपत्ति पर नोटिस चस्पा करते हुए अपनी कब्जे में ले लिया। हरिद्वार में हाकम का बैंक खाता भीहरिद्वार में हाकम की सिर्फ संपत्ति ही नहीं, बल्कि एक बैंक खाता भी मौजूद है। एसटीएफ की खोजबीन में इस बैंक खाते का पता चला। हालांकि, खाते में कोई खास रकम मौजूद नहीं है।
सूत्र बताते हैं कि रानीपुर मोड स्थित पीएनबी की अहमदपुर ब्रांच में हाकम का बैंक खाता खुला हुआ है। इस खाते में चंद रुपये ही मौजूद हैं। हरिद्वार में खाता खुलवाने के पीछे हाकम का क्या उद्देश्य था, वह इसमें रकम क्यों नहीं जमा कर पाया, यह जांच का विषय है, लेकिन हरिद्वार में खाता खुलवाने पर हाकम की मंशा पर सवाल जरूर उठ रहे हैं।