गढ़वाल राइफल्स में तैनात दीपक नैनवाल की यूनिट को दस अप्रैल को सूचना मिली कि कुलगाम के वनपोह इलाके में आतंकवादी छिपे है। आतंकियों और भारतीय सेना के बीच जबरदस्त फायरिंग हुयी। इस दौरान दीपक नैनवाल के सीने में दो गोलियां लगी। हालांकि सेना की टुकड़ी ने दो आतंकियों को मौत के घाट उतारा था। जिंदगी और मौत के बीच जूझते आखिरकार दीपक नैनवाल ने रविवार को दम तोड़ दिया। जवान की मौत की सूचना पाकर क्षेत्र व परिवार में शोक फैल गया।
जनपद चमोली के कर्णप्रयाग ब्लॉक के कांचुला गांव निवासी दीपक नैनवाल का परिवार दून के हर्रावाला में रहता है। पिछले माह 10 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सेना और आतंकवादियों के बीच चली लंबी मुठभेड़ के दौरान दीपक बुरी तरह घायल हो गए थे। दीपक का इलाज पहले दिल्ली के सैन्य अस्पताल में किया गया। जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे दीपक के शरीर से दो गोलियां बमुश्किल ऑपरेशन कर निकाली गईं, लेकिन तीसरी गोली हड्डी में फंसने के कारण ऑपरेशन नहीं हो पाया, जिससे दीपक की हालत बिगड़ती गई।
उनके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। बाद में उन्हें पुणे के सैन्य अस्पताल ले जाया गया। पिछले एक सप्ताह से उन्होंने कुछ खाना-पीना भी बंद कर दिया था। रविवार सुबह हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया। वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नायक दीपक नैनवाल की शहादत को सलाम करते हुए उनके सर्वोच्च बलिदान को प्रदेश व देश का गौरव बताया है। उन्होंने कहा कि शहीद के परिजनों को हर संभव मदद दी जाएगी।